"डिप्रेशन: कारण एवं समाधान" -डॉ दीपक कोहली- डिप्रेशन, जिन्हें मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर और क्लिनिकल डिप्रेशन...
"डिप्रेशन: कारण एवं समाधान"
-डॉ दीपक कोहली-
डिप्रेशन, जिन्हें मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर और क्लिनिकल डिप्रेशन के तौर पर भी जाना जाता है, वह मूड डिसॉर्डर है, जिसमें व्यक्ति लगातार उदास रहता है और उसका बाकी चीजों से दिल हटने लगता है। इसे अवसाद भी कहा जाता है। डिप्रेशन के कारण व्यक्ति के मन में सुसाइड करने तक के भी ख्याल आने लगते हैं। डिप्रेशन एक कॉमन कंडिशन है। अनुसंधानों के अनुसार , लगभग 80 प्रतिशत लोगों किसी भी उम्र में डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा सामान्य होता है।
डिप्रेशन के लक्षण हर किसी में अलग तरह के हो सकते हैं। जैसे, बहुत ज्यादा सोना या फिर किसी को भूख न लगने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, डिप्रेशन के अन्य कई लक्षण हो सकते हैं :
1.किसी भी काम में ध्यान नहीं लगा पाना।
2.उदास रहना अकेलापन महसूस।
3.ऐसा महसूस होना कि भविष्य अच्छा नहीं है।
4.बैचेनी महसूस होना।
5.सेक्स में इंट्रेस खोना।
6.गंभीर डिप्रेशन में सुसाइड के विचार आते हैं।
अगर आपको डिप्रेशन के कोई लक्षण नजर आता है, तो जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर को संपर्क करें। अगर आपको इलाज करवाने की इच्छा भी नहीं होती, तो अपने दोस्त या घर में किसी से बात करें। अगर आपको लगता है कि आप खुद को चोट पहुंचा सकते हैं या सुसाइड का प्रयास कर सकते हैं, तो तुरंत लोकल एमरजेंसी नंबर पर कॉल करें।
सुसाइड के ख्याल आने पर इन बातों पर भी ध्यान दें, जैसे, अपने प्राइमरी डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर से मदद लें,
अपने करीबी दोस्त के पास रहें,अगर आपके किसी दोस्त को सुसाइड करने का खतरा है या उसने सुसाइड का प्रयास किया है,सुनिश्चित करें कि वो दोस्त किसी न किसी के साथ रहता हो,तुरंत अपने लोकल इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें।
उस व्यक्ति को नजदीकी इमरजेंसी हॉस्पिटल में सुरक्षित ले जा सकते हैं।
डिप्रेशन के नीचे बताए गए कारण हो सकते हैं :
जीन : जिन लोगों के फैमिली में डिप्रेशन की हिस्ट्री है, उन लोगों को इसकी आशंका ज्यादा हो सकती है।
ब्रेन केमिस्ट्री : डिप्रेशन से ग्रसित लोगों में बिना बीमारी के ब्रेन केमिस्ट्री अलग होती है।
स्ट्रेस : प्यार में धोखा, रिलेशनशिप में समस्या आदि डिप्रेशन का कारण बन सकते हैं।
20 से 30 की उम्र के दौरान डिप्रेशन की समस्या शुरू हो सकती है। लेकिन, यह किसी भी उम्र में हो सकता है। पुरुष से ज्यादा महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
नीचे दिए गए कारण डिप्रेशन को बढ़ाने या डिप्रेशन होने का कारण बन सकते हैं :
1.मेंटली हेल्थ डिसऑर्डर जैसे इटिंग डिसऑर्डरऔर पोस्ट-ट्रॉमेटिक ट्रेस डिसऑर्डर।
2.एल्कोहॉल या गलत दवाओं उपयोग करना।
3.कुछ पर्सनली लक्षण जैसे लो सेल्फ-एस्टीम,खुद पर डिपेंडेंट,सेल्फ-क्रिटिकल,पेसिमिस्टिक।
4.गंभीर या पुरानी बीमारी, कैंसर सहित, स्ट्रोक, पुराने दर्द या हृदय रोग।
5.कुछ दवाएं, जैसे कुछ हाई ब्लडप्रेशर वाली दवाएं या नींद की गोलियां (किसी भी दवा को रोकने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें)।
6.दर्दनाक या तनावपूर्ण घटनाओं जैसे कि शारीरिक या यौन शोषण, किसी अपने की डेथ या खोना, डिफिकल्ट रिलेशनशिप,फाइनेंशियल प्रॉब्लम।
7.डिप्रेशन हिस्ट्री वाले के साथ ब्लड रिलेशन,बाइपोलर डिसऑर्डर आदि।
आमतौर पर, डिप्रेशन के इलाज में दवाओं और इलेक्ट्रोकंवल्सिव थैरिपी (electroconvulsive therapy) का उपयोग किया जाता है। इस्तेमाल की जाने वालीं दवाएं एंटीडिप्रेसेंट हैं। कुछ और सामान्य दवाएं हैं जैसे एसिटालोप्राम (escitalopram), पैरोक्सेटीन (paroxetine), सेराट्रलीन (sertraline), फ्लुओक्सेटिन (fluoxetine) और सीटालोप्राम (citaloppram)। ये सेलेक्टिव सेरोटोन रीपटेक इनहिबिटर (SSRI) हैं। वहीं, वेनलाफैक्सीन (venlafaxine), डुलोक्सेटीन (duloxetine) और बुप्रोपियन (bupropion) हैं। इन दवाओं से कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे:वजन बढ़ना,
सेक्शुअल प्रॉब्लम, जी-मिचलाना,साइकोथैरिपी भी डिप्रेशन के इलाज में मदद करती हैं। साइकोथैरिपी नए तरीकों को सोचने, बर्ताव करने और आदतों को बदलने में मदद करती है। यह थैरिपी आपको मुश्किल रिलेशनशिप या हालत को समझने में मदद कर करती है।
इलेक्ट्रोकंसल्सिव थैरिपी गंभीर डिप्रेशन के लिए होती है, जिसका इलाज करना बहुत मुश्किल है। ऐसे डिप्रेशन में दवा भी असर नहीं कर पातीं। इलेक्ट्रोकंसल्सिव थैरेपी (ECT) का उपयोग कभी-कभी किया जाता है। हालांकि, पहले ईसीटी को खराब माना जाता था। लेकिन, इसमें काफी सुधार हुआ है और यह उन लोगों के लिए अच्छा है, जिनके लिए और कोई ट्रीटमेंट काम नहीं करता। हालांकि, ईसीटी साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, जैसे कन्फ्यूजन होना, याद्दाश्त कमजोर पड़ना आदि। हालांकि, ये इफेक्ट आमतौर पर कम समय के लिए होते हैं, लेकिन वे कभी-कभी तकलीफ देते हैं।
नीचे दिए गए लाइफस्टाइल और घरेलू उपचार आपको अवसाद से निपटने में मदद कर सकते हैं:
1.किसी से अलग न रहना।
2.अपनी ज़िंदगी को आसान बनाएं।
3.रेग्युलर व्यायाम करें।
4.हेल्दी खाना खाएं।
5.अपने तनाव को शांत और मैनेज करने के तरीके जानें।
6.जब आप डाउन हों तब जरूरी डिसीजन न लें।
अगर आपको किसी और व्यक्ति को मारने या चोट पहुंचाने के बारे में आत्मघाती विचार आते हैं या आपके मन में स्पाइकोटिक लक्षण हों, जैसे आवाजें सुनना, कोई ऐसी चीज न देखना, जो आपको अजीब लग रही हो, या पागल महसूस कर रहे हों,तो तुरंत अपने डॉक्टर को बुलाएँ।
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लेखक परिचय
*नाम - डॉ दीपक कोहली
*जन्मतिथि - 17 जून, 1969
*जन्म स्थान- पिथौरागढ़ ( उत्तरांचल )
*प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा - हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की शिक्षा जी.आई.सी. ,पिथौरागढ़ में हुई।
*स्नातक - राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़, कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल ।
*स्नातकोत्तर ( एम.एससी. वनस्पति विज्ञान)- गोल्ड मेडलिस्ट, बरेली कॉलेज, बरेली, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ( उत्तर प्रदेश )
*पीएच.डी. - वनस्पति विज्ञान ( बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
*संप्रति - उत्तर प्रदेश सचिवालय, लखनऊ में उप सचिव के पद पर कार्यरत।
*लेखन - विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 1000 से अधिक वैज्ञानिक लेख /शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
*विज्ञान वार्ताएं- आकाशवाणी, लखनऊ से प्रसारित विभिन्न कार्यक्रमों में 50 से अधिक विज्ञान वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
*पुरस्कार-
1.केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित 15वें अखिल भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार, 1994
2. विज्ञान परिषद प्रयाग, इलाहाबाद द्वारा उत्कृष्ट विज्ञान लेख का "डॉ .गोरखनाथ विज्ञान पुरस्कार" क्रमशः वर्ष 1997 एवं 2005
3. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा आयोजित "हिंदी निबंध लेख प्रतियोगिता पुरस्कार", क्रमशः वर्ष 2013, 2014 एवं 2015
4. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा एनवायरमेंटल जर्नलिज्म अवॉर्ड्, 2014
5. सचिवालय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति, उत्तर प्रदेश ,लखनऊ द्वारा "सचिवालय दर्पण निष्ठा सम्मान", 2015
6. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "साहित्य गौरव पुरस्कार", 2016
7.राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "तुलसी साहित्य सम्मान", 2016
8. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा "सोशल एनवायरमेंट अवॉर्ड", 2017
9. पर्यावरण भारती ,मुरादाबाद द्वारा "पर्यावरण रत्न सम्मान", 2018
10. अखिल भारती काव्य कथा एवं कला परिषद, इंदौर ,मध्य प्रदेश द्वारा "विज्ञान साहित्य रत्न पुरस्कार",2018
11. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा वृक्षारोपण महाकुंभ में सराहनीय योगदान हेतु प्रशस्ति पत्र / पुरस्कार, 2019
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डॉ दीपक कोहली, पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उत्तर प्रदेश शासन,5/104, विपुल खंड, गोमती नगर लखनऊ - 226010 (उत्तर प्रदेश )
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