अपराध की सजा एक बार की बात है एक गांव में मोलू नाम का आदमी था। गांव के सभी लोग उसकी बहुत इज्ज्त करते थे। क्योंकि वह गांव में सबसे बड़ा था। उस...
अपराध की सजा
एक बार की बात है एक गांव में मोलू नाम का आदमी था। गांव के सभी लोग उसकी बहुत इज्ज्त करते थे। क्योंकि वह गांव में सबसे बड़ा था। उसे कोई कुछ नहीं कह पाता था। उसके खिलाफ कोई नहीं जाता था। लेकिन मोलू इस बात का फायदा उठाता था। वह अपनी गलती कभी मानता ही नहीं था। उसकी वह बात कुछ लोगों को पसंद नहीं थी। वे हमेशा उनके खिलाफ रहते थे लेकिन गांव में मोलू के पक्ष में ज्यादा लोग होने के कारण उनकी बात दब जाती थी। और तो और उनको गांव वालों से भला बुरा भी सुनना पड़ता था।
एक दिन की बात है मोलू ने एक गोलू नाम के आदमी के घर की बिजली की तार कटवा कर , अपने घर लगवा ली। ताकि बिल गोलू के नाम आये और बिजली मोलू को मिले। जब बिजली विभाग का कर्मचारी महीने समाप्त होने के बाद बिल देने गोलू के घर आया तब गोलू ने कर्मचारी को बताया कि उसके घर में एक महीने बिजली नहीं आ रही है। फिर यह बिल किसलिये ? विभाग के कर्मचारी ने बताया कि आपका बिजली मीटर तो चल रहा है। और तभी गोलू कि नजर उसके घर के मुख्य बिजली लाइन की तार कि ओर पड़ी तब उसने देखा कि तार तो कटा हुआ है। तो बिजली का मीटर चल कैसे रहा है। तब उसने कर्मचारी को बोला - क्या आप उसे देखने का कष्ट करेंगे ?
तब उसने देखा की गोलू के घर की तार काट कर मोलू अपने घर पर लगवाकर चला रहा है और इसी कारण से गोलू के घर पर बिजली ना होने से भी बिजली मीटर चालू है। तभी तुरंत गोलू ने सभी गांववासियों को इकट्ठा किया और सभी को बताया की मोलू ने कैसे उसके घर से बिजली की चोरी की। और अब अपनी बात मानने को तैयार नहीं है। और इस बार उसने सबूत के लिए बिजली वाले को भी अपने साथ लाया था। और उसने जब यह बात गांव वालों को बताई तब भी गांव वाले यह बात मानने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन जब बिजली वाले ने यह बात सभी को बताई तब कुछ गांव वालों ने उनकी बातों पर विश्वास किया। लेकिन इस बार भी मोलू के समर्थक अधिक लोग थे और मोलू को बेगुनाह साबित करना चाहते थे। और इस बार भी वही हुआ जैसा कि हमेशा होता था। मोलू के समर्थन में ज्यादा लोग रहने से मोलू फिर से बच गया।
इस बार गोलू ने ठान ली की वह मोलू का पर्दाफाश करेगा चाहे उसके लिए उसे कुछ भी करना पडे। थोडे दिनों के बाद ............ एक दिन गोलू अपने घर के बाहर खड़ा था तभी अचानक उसकी नजर बैंक पर पड़ी जो कि ठीक गोलू और मोलू के घर के सामने है। तब वह तुरंत अपने कुछ मित्रों को बताया और बुलाया और कहा कि बैंक पर सी सी टीवी कैमरा लगी हुई है जिससे हमें पता चल जाएगा कि मोलू ने उस दिन क्या किया और हम उसकी इस कारस्तानी का फूटेज गांववासियो को दिखाएंगे। गाव वाले भी जान जायेंगे कि मोलू बिजली चोर है। वह अपने साथियों के साथ बैंक प्रबंधक से मिलकर फूटेज मांग लाया।
मोलू की चोरी पकडी गई परंतु गोलू और उसके साथियों ने किसी को बताया नहीं। गांव के लोगों को आज रात आठ बजे पिक्चर देखने के लिए इकट्ठा होने का निमंत्रण दे दिया।
ठीक रात आठ बजे पिक्चर शुरू हो गई। भीड़ इकट्ठी होते ही पिक्चर के बीच मोलू की बिजली चोरी वाले हरकत की वीडियो पूरे गांव वालों ने देख लिया। गांव के लोग हैरान हो गये। सामने कुर्सी लगाकर बैठा मोलू पसीना पसीना हो गया। गांववासी क्रोधित हो उठे। मोलू भाग भी नहीं सकता था। वह माफी मांगने लगा।
गांव के सरपंच ने सजा सुना दी। तीन महीने तक उसके घर के बिजली से गोलू के घर को रोशन करने को कह दिया। गलती छिप सकती है अपराध नहीं। गांव के सभी लोगों की नजर में मोलू की इज्जत धूल धूसरित हो गई। थोड़े से लालच ने जिंदगी भर की बनी बनाई इज्जत पर पलीता लगा दिया।
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आलस ही सबसे बडा दुश्मन है
छोटू का दोस्त संजू बहुत आलसी है। वह काम या तो करता नहीं या फिर धीरे - धीरे करता है जिसकी वजह से अक्सर मम्मी , पापा और भैया से डांट खानी पडती है। और तो और उसकी इस आदत की वजह से अक्सर स्कूल बस भी छूट जाती है। छोटू चाहता है कि उसका दोस्त आलस छोडकर स्मार्ट बने। अपने सब काम समय पर करे और स्कूल के लिए समय पर तैयार हो। अपने दोस्त को सुधारने के लिए छोटू ने क्या सोचा और क्या किया जिससे उसका दोस्त सुधर गया।
संजू का आलस उसे हमेशा हरा देता था। वह बहुत ही अच्छा बैडमिंटन का खिलाड़ी था। कुछ दिन बाद , छोटू संजू को एक दिन एक प्रतियोगिता मे लेकर गया था जिसका नाम था बैडमिंटन प्रतियोगिता। छोटू चाहता था कि उसमें संजू भी भाग ले और उसने संजू का नाम दर्ज करवा दिया। प्रतियोगिता शुरू हो गई। उसमें बडे से बडे लोग आये थे पर किसी का खेल संजू से बेहतर नहीं था। देखते ही देखते संजू प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंच गया। फाइनल शाम को होना था। परंतु संजू वक्त पर नहीं पहुंच पाया , उसका आलस वहां भी उसे ले डूबा। वह बिना खेले ही हार गया। नाम और इनाम तथा आगे जाने की सीढ़ी सभी से वंचित संजू को पहली बार समझ आया कि आलस बुरी बला है इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है बल्कि केवल नुकसान ही नुकसान है। उस दिन के बाद से संजू ने आलस से तौबा कर लिया और अपने मन और शरीर में फुर्ती जगा लिया।
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छोटू की करामात
छोटू की बहन परी ७ साल की है। वह पढाई में तो होशियार है ही , डांस भी बहुत अच्छा करती है और गाना भी बहुत अच्छा गाती है। लेकिन दिक्क्त यह है कि वह बहुत शर्मीली है। यही वजह है कि वह किसी के भी आगे न तो डांस करती है और न ही गाना गाती है। छोटू चाहता है की यह खूबी दूसरे लोग भी जाने। छोटू इसी सोच में रहता है कि मुझे परी के लिए क्या करना चाहिए। तभी उसके दिमाग़ में एक आइडिया आया।
एक दिन छोटू ने छुपकर परी का गाना रिकार्ड कर लिया और परी को अपने कमरे में नाचते देखकर चुपके से उसका वीडियो बना लिया। एक सिंगिंग काम्पीटीशन में परी का रिकार्डेड गाना भेज दिया और डांस प्रतियोगिता में वीडियो। परी की आवाज को सलेक्ट कर लिया गया। एक बड़े स्टूडियो से गाने का आफर आया। परी को पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ। वह गाना तो चाहती थी परंतु शर्माती बहुत थी। एक बार स्टूडियो पहुंचने पर उसका शर्म दूर हो गया। उसका नाम चलने लगा। अब वह डांस में अपनी किस्मत आजमाना चाहती थी तभी संयोग से उसे एक डांस प्रतियोगिता का आफर मिल गया। उसके डांस को देख कर बड़े बड़े लोगों से खूब वाहवाही मिली। नाम भी मिला और इनाम भी। उसका शर्म पूरी तरह से दूर हो गया। सब छोटू के करामात का फल था।
सार्थक देवांगन , उम्र 15 वर्ष , के.वि. रायपुर
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