" कोरोना वायरस और वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट" - डॉ दीपक कोहली - हाल ही में कई वैश्विक संगठनों के प्रमुखों ने चेतावनी दी है कि यद...
"कोरोना वायरस और वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट"
- डॉ दीपक कोहली -
हाल ही में कई वैश्विक संगठनों के प्रमुखों ने चेतावनी दी है कि यदि विश्व के देश कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने में असफल रहते हैं तो आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 3 मार्च, 2020 को संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO), विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) और विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization- WTO) के सर्वोच्च अधिकारियों द्वारा साझा बयान में आने वाले दिनों में वैश्विक बाज़ार में खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के संदर्भ में चिंता व्यक्त की गई है।
कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिये विश्व के विभिन्न देशों ने लॉकडाउन के तहत लगभग सभी गतिविधियों (यातायात, व्यापार आदि) पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।वैश्विक स्तर पर अधिकांश देशों में लॉकडाउन के होने से वैश्विक व्यापार और खाद्य आपूर्ति श्रंखला प्रभावित हुई है। लॉकडाउन से पहले लोगों द्वारा भयवश अत्यधिक खरीद या पैनिक बाईंग के परिणामस्वरूप बाज़ारों में खाद्य पदार्थों की कमी, खाद्य आपूर्ति श्रंखला की संवेदनशीलता को दर्शाता है। साझा बयान के अनुसार, खाद्य उपलब्धता के संदर्भ में अनिश्चितता से एक साथ कई देश खाद्य निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकते हैं, जिससे वैश्विक बाजार में इनकी भारी कमी उत्पन्न हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये विश्व के कई देशों ने अपने देश के अंदर तथा अन्य देशों के बीच आवाजाही पर रोक लगा दी है। इसी के तहत भारत में 24 मार्च, 2020 को देश में अगले 21 दिनों के लिये संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई थी।
वर्तमान में विश्व के अनेक विकासशील देश अपनी खाद्य ज़रूरतों के लिये अन्य देशों से होने वाले आयात पर निर्भर रहते हैं। एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2013 में विश्व के लगभग 13 देश अपनी खाद्य ज़रूरतों के लिये पूर्ण रूप से अन्य देशों से होने वाले आयात पर निर्भर थे। वर्ल्डवाच इंस्टीट्यूट (Worldwatch Institute) के एक शोधकर्त्ता के अनुसार, वर्ष 1961-2015 के बीच विश्व भर में खाद्य आयात में 57% की वृद्धि हुई है।
वर्तमान में चीन से शुरू हुई कोरोना वायरस की महामारी विकासशील देशों के साथ-साथ यूरोप के देशों और अमेरिका के लिये भी एक बड़ी समस्या बन गई है। मार्च, 2020 के आँकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में एक दिन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 563 बताई गई थी।आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में अब तक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगभग 2,352 तक पहुँच गई है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और स्वस्थाकर्मियों का नियमित परीक्षण करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
अमेरिका में कोरोना वायरस बढ़ते मामलों को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति ने देश की जनता को आने वाले कठिन दिनों के लिये तैयार रहने को कहा है। व्हाइट हाउस के ‘COVID-19 रिस्पाँस कोऑर्डिनेटर’ के अनुसार, वर्तमान कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिये किये जा रहे प्रयासों के बाद भी आने वाले दिनों में अमेरिका में इस बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या 1 लाख से भी अधिक हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, कृषि गतिविधियों में बाधा और सीमाओं पर खाद्य सामग्रियों को लंबे समय तक रोकने पर बड़ी मात्रा में फसलों और अनाज का नुकसान होगा। ऐसे में खाद्य आपूर्ति जैसी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये विशेष प्रयास किये जाने चाहिये।
WTO, WHO और FAO द्वारा जारी साझा बयान के अनुसार, खाद्य आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिये खाद्य उत्पादन तथा प्रसंस्करण में लगे कर्मचारियों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये।इस बयान में कहा गया कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि कोरोना वायरस के कारण आवश्यक वस्तुओं की अनपेक्षित कमी न हो, वर्तमान परिस्थिति में वैश्विक सहयोग में वृद्धि अतिआवश्यक है।
लेखक परिचय
*नाम - डॉ दीपक कोहली
*जन्मतिथि - 17 जून, 1969
*जन्म स्थान- पिथौरागढ़ ( उत्तरांचल )
*प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा - हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की शिक्षा जी.आई.सी. ,पिथौरागढ़ में हुई।
*स्नातक - राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़, कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल ।
*स्नातकोत्तर ( एम.एससी. वनस्पति विज्ञान)- गोल्ड मेडलिस्ट, बरेली कॉलेज, बरेली, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ( उत्तर प्रदेश )
*पीएच.डी. - वनस्पति विज्ञान ( बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
*संप्रति - उत्तर प्रदेश सचिवालय, लखनऊ में उप सचिव के पद पर कार्यरत।
*लेखन - विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 1000 से अधिक वैज्ञानिक लेख /शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
*विज्ञान वार्ताएं- आकाशवाणी, लखनऊ से प्रसारित विभिन्न कार्यक्रमों में 50 से अधिक विज्ञान वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
*पुरस्कार-
1.केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित 15वें अखिल भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार, 1994
2. विज्ञान परिषद प्रयाग, इलाहाबाद द्वारा उत्कृष्ट विज्ञान लेख का "डॉ .गोरखनाथ विज्ञान पुरस्कार" क्रमशः वर्ष 1997 एवं 2005
3. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा आयोजित "हिंदी निबंध लेख प्रतियोगिता पुरस्कार", क्रमशः वर्ष 2013, 2014 एवं 2015
4. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा एनवायरमेंटल जर्नलिज्म अवॉर्ड्, 2014
5. सचिवालय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति, उत्तर प्रदेश ,लखनऊ द्वारा "सचिवालय दर्पण निष्ठा सम्मान", 2015
6. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "साहित्य गौरव पुरस्कार", 2016
7.राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ,उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा "तुलसी साहित्य सम्मान", 2016
8. पर्यावरण भारती, मुरादाबाद द्वारा "सोशल एनवायरमेंट अवॉर्ड", 2017
9. पर्यावरण भारती ,मुरादाबाद द्वारा "पर्यावरण रत्न सम्मान", 2018
10. अखिल भारती काव्य कथा एवं कला परिषद, इंदौर ,मध्य प्रदेश द्वारा "विज्ञान साहित्य रत्न पुरस्कार",2018
11. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा वृक्षारोपण महाकुंभ में सराहनीय योगदान हेतु प्रशस्ति पत्र / पुरस्कार, 2019
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डॉ दीपक कोहली, पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उत्तर प्रदेश शासन,5/104, विपुल खंड, गोमती नगर लखनऊ - 226010 (उत्तर प्रदेश )
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