विज्ञान कथा एलियन से दोस्ती - डॉ. उमेश चमोला सोनू सुबह-सुबह अपने बगीचे में टहल रहा था। उसकी नजर आसमान से उसके बगीचे में उतरती हुई एक तश्तरी ...
विज्ञान कथा
एलियन से दोस्ती
- डॉ. उमेश चमोला
सोनू सुबह-सुबह अपने बगीचे में टहल रहा था। उसकी नजर आसमान से उसके बगीचे में उतरती हुई एक तश्तरी पर पड़ी। वह सोचने लगा-‘‘शायद यही उड़नतश्तरी है। इसके बारे में तो मैंने किताबों में पढ़ा है।‘‘ वह उड़नतश्तरी के पास गया। वहॉ पर अब उसे एक बड़ा विमान दिखाई दिया। उस विमान की सीढ़ी से सोनू ने अपने दोस्त विनय को देखा। वह विनय को देख रहा था किन्तु उसे लग रहा था कि विनय उसे नहीं देख पा रहा है। वह समझ गया जिसे सब उड़नतश्तरी समझते हैं वह वास्तव में एक विमान है। इस विमान का केवल तश्तरी वाला भाग ही सबको दिखाई देता है।
सेानू उस विमान में बैठ गया। उसे वहाँ एलियन दिखाई दिए। हूबहू वैसी शक्ल सूरत के जैसे वह किताबों में पढ़ता आया है। धीरे-धीरे वह विमान एलियन के लोक की ओर जाने लगा। विमान में बैठे एलियन के पास एक छोटा सा यंत्र था। उसे उसने अपने गले पर लगाया। एलियन ने अपनी विचित्र भाषा में सोनू से कुछ पूछा। सोनू उसकी भाषा को समझने का प्रयास कर ही रहा था कि तभी उसके कहे शब्द हिन्दी भाषा में बदल गए- ‘‘हमने सुना है तुम मनुष्य बहुत बुद्धिमान हो। तुम चन्द्रलोक की यात्रा कर चुके हो। मंगल ग्रह पर भी जीवन की तलाश कर रहे हो। हमें डर है कि तुम कभी हमारे लोक भी पहुंच सकते हो। किसी लोक में जानकारी प्राप्त करने के लिए जाना अच्छी बात है किन्तु तुम मनुष्यों की एक बुरी आदत है। तुम जहाँ भी जाते हो वहाँ कूड़ा कचरा फैला देते हो। हमें यही डर है कि तुम हमारे लोक में आकर कूड़े कचरे का ढेर पैदा कर सकते हो।‘‘
‘‘एलियन! मैं तुमसे और भी बहुत बातें करूंगा किन्तु पहले तुम मेरे कुछ प्रश्नो का उत्तर दोगे ?‘‘
‘‘हाँ ,हॉ,क्यों नहीं ?- सोनू की बात को सुनकर एलियन बोला।
‘‘तुम अपनी भाषा में जो मुझसे कह रहे हो या मैं अपनी भाषा में तुमसे जो कह रहा हूँ तुम्हारे गले में लगे यंत्र के कारण हम दोनो एक दूसरे की भाषा समझ पा रहे हैं। यह तो मैं समझ गया हूँ किन्तु मेरे मन में कुछ प्रश्न उठ रहे हैं। क्या मैं तुमसे पूछ सकता हूँ ?‘‘
‘‘हॉ,पूछो‘‘-एलियन ने कहा।
‘‘जब तुम्हारा विमान आसमान से मेरे बगीचे में उतर रहा था तो मुझे केवल तश्तरी दिखाई
दी। जब मैं तुम्हारे विमान में बैठा तो मुझे पता चला कि तश्तरी तो विमान का एक हिस्सा मात्र है। ऐसा क्यों ?‘‘
‘‘तश्तरी को छोड़कर हमारा पूरा विमान धरती वालों को दिखाई नहीं देता है। इसलिए वे हमारे विमान को उड़ने वाली तश्तरी समझ बैठते हैं। इसका कारण यह है कि हमने अपने विमान के चारों ओर अदृश्य प्रकाश का आवरण तैयार कर रखा है। प्रकाश का यह क्षेत्र मनुष्य की आँखें नहीं देख सकती हैं। हम समय-समय पर आपकी दुनियां से सूचनाएं प्राप्त करते रहते हैं। आप लोगों को भनक तक नहीं लगती।‘‘-सोनू की बात को सुनकर एलियन बोला।
सोनू सोचने लगा-‘‘मैं एलियन के साथ उसके लोक में जा रहा हूँ। मैंरे माता-पिता मेरे बारे में सोचकर परेशान हो रहे होंगे। पता नहीं एलियन मेंरे साथ कैसा व्यवहार करेंगे ?‘‘
‘‘हा,हा,हा.......इस समय तुम अपने घर वालों को याद कर रहे हो। यह भी सोच रहे हो कि पता नहीं हम तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार करेंगे ?‘‘-
एलियन की यह बात सुनकर सोनू को आश्चर्य हुआ।
‘‘यह तुम्हें कैसे पता चला ?‘‘-
सोनू के इस प्रश्न को सुनकर एलियन बोला- ‘‘इस विमान में तुम्हारे बैठने की जगह के ऊपर एक यंत्र लगा हुआ है। तुम जो भी सोच रहे हो,यह यन्त्र उसे तरंग रूप में प्राप्त कर मेरे कान में लगे संयन्त्र को ध्वनि तरंग के रूप में बदल रहा है। तुम चिन्ता मत करो। मैं तुम्हारे माता-पिता को तुम्हारी कुशलता की मेल भेज दूंगा। एक दिन की ही बात है। कल मैं तुम्हें तुम्हारी धरती वापस छोड़ दूंगा।‘‘
एलियन से बातें करते-करते कई घण्टे बीत गए। अब वह विमान एलियन के लोक में पहुंच गया। एलियन के लोक में सोनू को कहीं कूड़ा करकट दिखाई नहीं दिया। उसे अपना शहर याद आया जहाँ पौलीथीन के बढ़े-बढे़ ढेर दिखाई देते हैं।
उसने एलियन से पूछा-‘‘आपके लोक में इतनी साफ-सफाई कैसे है ?‘‘
‘‘हमारे यहाँ साफ-सफाई की जिम्मेदारी सभी लोग अपनी-अपनी मानते हैं। ऐसा कोई पदार्थ हमारे यहाँ नहीं बनाया जाता जो सड़-गल कर नष्ट न होता हो। इसलिए कूड़ा करकट पैदा होने का प्रश्न ही नहीं उठता।‘‘
‘‘तो आप सड़-गल कर नष्ट होने वाले पदार्थों का क्या करते हैं?-सोनू ने एलियन से पूछा।
‘‘वह सामने हरे पेड़-पौधों को देख रहे हो ? ये सब सड़े गले पदार्थों से बनी खाद से ही पोषक तत्वों को ग्रहण करते हैं। यह हमने तुम धरती वालों सें ही सीखा है किन्तु तुम लोगों ने तो अधिक उपज के लिए रसायनिक खादों का प्रयोग करना शुरू कर दिया। इनके प्रयोग से पहले तो बहुत उपज बड़ी परन्तु बाद में मिट्टी ने फसल को उपजाना बन्द कर दिया। रासायनिक खादों के प्रयोग से प्रदूषण भी फैल गया।‘‘-एलियन बोला।
दूसरे दिन एलियन सोनू को विमान में बिठाकर धरती की ओर चल पड़ा।
एलियन का विमान सोनू के बगीचे में उतर गया। उस समय विनय वहाँ टहल रहा था। विनय ने उड़नतश्तरी को वहाँ उतरते हुए देखा। जैसे ही सोनू विमान से उतरा। विनय को लगा सोनू अचानक यहाँ कैसे प्रकट हुआ ? सोनू ने एलियन के लोक के बारे में उसे बताया। उन दोनों ने धरती को स्वच्छ रखने के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया।
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डॉ उमेश चमोला,
शिक्षक -प्रशिक्षक
एस0सी0ई0आर0टी उत्तराखण्ड,
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय भवन नालापानी देहरादून
उत्तराखण्ड।
ई मेल. U.chamola23@gmail.com
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