दीपावली पर लक्ष्मीजी कैसे प्रसन्न होती हैं? - डॉ. शारदा मेहता

SHARE:

हमारे सनातन धर्म में ऐसे अनेक त्योहार हैं, जिनको परिवार के सभी सदस्यगण बड़े उत्साह एवं आनंद के साथ मनाते हैं। दीपावली भी उन्हीं प्रमुख त्योहा...

हमारे सनातन धर्म में ऐसे अनेक त्योहार हैं, जिनको परिवार के सभी सदस्यगण बड़े उत्साह एवं आनंद के साथ मनाते हैं। दीपावली भी उन्हीं प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मीजी का पूजन-अर्चन किया जाता है। वैसे तो हमारे दिन का प्रारंभ भी हम लक्ष्मीजी की वन्दना से ही करते हैं। प्रात:काल उठकर अपने हाथ की दोनों हथेलियाँ मिलाकर हम प्रार्थना करते हैं : -

'कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।

करमूले तु गोविन्दं प्रभाते कर दर्शनम्’

(आचार प्रदीप)

कतिपय भक्तगण 'करमूले स्थितो ब्रह्म प्रभाते करदर्शन’ का पाठ भी करते हैं। अर्थात् लक्ष्मीजी का निवास हाथ के अग्रभाग में है तथा सरस्वती हाथ के मध्य भाग में स्थित है। हाथ के पंजे के नीचे (मूल भाग में) गोविन्द (ब्रह्मा) का निवास है। श्रम कर के जो व्यक्ति धनार्जन करता है उसे सर्वप्रथम अपने हाथों का ही आश्रय लेना होता है। बिना अक्षर ज्ञान (सरस्वती) के वह अपनी आजीविका चला सकता है। बिना पैसे (लक्ष्मीजी) के तो उसका जीवन दूभर हो जाएगा। इसलिए लक्ष्मीजी का स्थान कर के अग्र भाग में बतलाया गया है।

वर्षा ऋतु लगभग समाप्त हो जाती है। घर आँगन की सफाई और रंग रोगन का कार्य दीपावली के आगमन के पूर्व पूर्ण कर लिए जाते हैं। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी से ही घर के बाहर दीप जलाए जाते हैं। पकवानों की मधुर सुगन्ध आबाल वृद्ध सभी के मन को हर्षित करने लगती है। घर के सभी सदस्य नए परिधानों को क्रय करने में व्यस्त हो जाते हैं। दीपावली का त्योहार धनतेरस से भाई-दूज तक पाँच दिनों तक बड़े उत्साह से मनाया जाता है। धनतेरस को आयुर्वेद चिकित्साचार्य भगवान धन्वंतरि का पूजन भी किया जाता है। पूजन में भगवान को आरवा (खड़ा) धनिया अर्पित किया जाता है। व्यापारीगण इस दिन से नवीन बही खाते खरीदने की प्रक्रिया प्रारंभ करते हैं। नर्क चतुर्दशी के दिन प्रात: जल्दी उठकर उबटन आदि करके स्नान किया जाता है। कथन है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य एवं सौंदर्य की वृद्धि होती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए इसे नर्क चतुर्दशी कहा जाता है।

भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात् अयोध्या वापस आए थे। उस दिन अयोध्यावासियों ने अपने घरों में आनंदोत्सव मनाकर दीप प्रज्वलित किए थे। उसी की स्मृति में दीपावली का पर्व मनाया जाता है। जैन समाज के अनुसार महावीर स्वामी को निर्वाण प्राप्त हुआ था।

दीपावली के दिन खड़ी (सफेद खड़िया) तथा गेरू से माँडने (चौक) बनाए जाते हैं। यह एक लोक-कला है। अधिकांश घरों की महिलाएँ इस कला में पारंगत होती हैं। बाजार में आजकल स्टीकर्स भी मिलते हैं जिन्हें यथास्थान फर्श पर चिपका दिए जाते हैं। बालिकाएँ बड़े उत्साह से रंग बिरंगी रांगोली का निर्माण करती है। सायंकाल के समय घरों की जगमगाहट सभी के मन को आकर्षित करती है। शुभ मुहूर्त में सायंकाल के समय माँ लक्ष्मी जी के पूजन की तैयारी की जाती है। माँ लक्ष्मी के साथ श्री गणेशजी तथा सरस्वती माता का पूजन भी किया जाता है ऐसी मान्यता है कि माँ लक्ष्मीजी को चंचला भी कहते हैं। वह एक स्थान पर स्थिर नहीं रह सकती है। इसलिए माँ लक्ष्मीजी, श्री गणेश जी तथा सरस्वती जी के बैठे हुए स्वरूप का ही पूजन किया जाता है। लाल रंग के बाजोट (पटिए) पर आम्रपत्तों से सज्जित कलश रखा जाता है। उस पर नारियल रख कर पूजा में रखते हैं। मिट्टी के दीपक को मीठे तेल से पूर कर (भर कर) उसमें नए कपास से बत्तियाँ बना कर रखी जाती है। दो बत्ती से एक बत्ती बनाई जाती है। दीपक में आँवला, गन्ना, बैंगन, पोखड़ा (नई जुआर के दाने), बेर, मूली, चने की पत्तियाँ, बिनौले (कपास के बीज), साल की धानी (कील), सिघाड़े, काचरी, मूँग की फली, फूल, हल्दी, कंकू आदि डाला जाता है। लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु का भी पूजन किया जाता है। चाँदी के सिक्के, गहने, बर्तन आदि की भी पूजा की जाती है। श्रीसूक्त तथा श्रीविष्णुसहस्त्रनाम का पाठ भी किया जाता है। विष्णुजी के बिना माँ लक्ष्मी का पूजन अपूर्ण है और माँ लक्ष्मीजी के बिना श्री विष्णु की आराधना अधूरी है। पूजन में कमल का फूल, सीताफल, सिंघाड़े, गन्ना, डंडीवाले पान, मिठाई, गृह निर्मित पकवान आदि का विशेष महत्व है। एक नई झाडू चाहे वह छोटी हो को भी पूजन में रखी जाती है। पूजन के पश्चात् पंचामृत ग्रहण कर घर के सभी सदस्यों को प्रसाद दिया जाता है। सभी सदस्य माँ लक्ष्मी को धोक देकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पटाके जलाए जाते हैं और एक दूसरे को बधाई दी जाती है। ब्राह्मण समाज के कई घटक में पूजन के समय अठारह दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ये अठारह दीपक लक्ष्मीजी के अठारह पुत्रों के लिए हैं। पूजित दीपकों को मंदिर, कुआँ, घर, सभी कमरे तथा छत आदि पर रखा जाता है। यह कथन है कि जिस घर के सदस्य आपस में प्रेम, दया, सेवा, सहानुभूति तथा सहिष्णुता की भावना से रहते हैं वहाँ माँ लक्ष्मी सहर्ष निवास करने के लिए पधारती है। माता लक्ष्मीजी के एक सौ आठ नाम प्रचलित हैं तथा उनके पुत्रों के अठारह नाम हैं। जब इन अठारह नामों को श्रद्धापूर्वक जपा जाता है तो ममतामयी माता लक्ष्मीजी अपने भक्तों के पास दौड़ी चली आती है और भक्तों के घर धनाभाव नहीं रहता है।

अठारह पुत्रों के नाम इस प्रकार हैं- १. देव सरवा, २ चिक्लीत, ३. आनन्द, ४. कर्दम, ४. श्रीप्रद, ६. जातवेद, ७. अनुराग, ८. सम्वाद, ९. विजय, १०. वल्लभ, ११. मद, १२. हर्ष, १३. बल, १४. तेजस, १५. दमक, १६. सलिल, १७. गुग्गल, १८. करुण्टक।

दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट, गोवर्धन पूजा तथा सुहाग पड़वा का पर्व मनाया जाता है। गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है। छप्पन प्रकार के पकवान बनाकर अन्नकूट का नैवेद्य लगाया जाता है। सुहागिन स्त्रियाँ नवीन वस्त्र धारण कर सौभाग्यवती महिलाओं के चरण वन्दन कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। इसके बाद भाई दूज या यम द्वितीया का पर्व होता है। बहिन अपने भाई को भोजन के लिए आमंत्रित करती है। भाई को तिलक लगाकर नारियल देकर, आरती कर भाई के स्वस्थ व दीर्घायु जीवन की कामना करती है।

पौराणिक ग्रंथ के अनुसार लक्ष्मीजी का प्रादुर्भाव समुद्र से हुआ है। देवासुर संग्राम में जब समुद्र मंथन हुआ तो उसमें से चौदह रत्न निकले। उन चौदह रत्नों में से एक रत्न लक्ष्मीजी थी, उनके हाथ में स्वर्णमुद्राओं से परिपूर्ण एक स्वर्ण कलश था। असुरगण उन रत्नों में से लाभ वाले रत्न स्वयं लेना चाहते थे। तब तत्काल देवताओं ने लक्ष्मीजी को भगवान विष्णु को सौंप दिया, जिससे वे स्थायी रूप से उनके पास ही रहे। सामान्य रूप से लक्ष्मीजी का वाहन उल्लू है। कहीं-कहीं हाथी को भी लक्ष्मीजी का वाहन दर्शाया गया है। एक कथा के अनुसार लक्ष्मीजी की बहिन अलक्ष्मी का वाहन उल्लू है। वह हमेशा लक्ष्मीजी के साथ ही रहती हैं।

हमारी सनातन परम्परा में द्रुतगति से परिवर्तन हो रहे हैं। पारम्परिक त्योहार धीरे-धीरे अपना मूलस्वरूप खोते जा रहे हैं। त्योहारों के प्रति उदासीनता का भाव जाग्रत होता जा रहा है। पारिवारिक सौहार्द्र का अभाव दिखलाई देता है। प्राचीन समय में धन कमाना मुख्य उद्देश्य नहीं था। सत्य निष्ठा के आधार पर धनोपार्जन किया जाता था। मुंशी प्रेमचन्द की कहानी 'नमक का दरोगा’ तथा महात्मा गाँधी का सादगीपूर्ण जीवन इसके स्पष्ट उदाहरण हैं। आधुनिक समय में हत्या, मारकाट, भ्रष्टाचार, दुराचार, अनाचार यहाँ तक कि व्यभिचार के द्वारा भी विपुल धनराशि प्राप्ति के प्रयत्न किए जाते हैं। रातोंरात करोड़पति से अरबपति और अरबपति से खरबपति बनने का प्रयत्न किया जाता है और जनता के हितों को ताक में रख दिया जाता है।

वर्तमान समय में युवा पीढ़ी के युवक स्वदेश को छोड़कर विदेशों में आजीविका के लिए चले जाते हैं और उनमें से अधिकांश युवक वहीं अपने परिवार के साथ बस जाते हैं। देश में निवासरत वृद्ध माता-पिता यहाँ रहते हैं और फोन या व्हाट्सएप पर अपनी संतान से चर्चा कर ही संतुष्ट हो जाते हैं। दीपावली के आगमन तथा लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए हम अपने घर, आभूषण, फर्नीचर, परदे आदि सभी के स्वरूप में परिवर्तन करते हैं या नवीन क्रय कर लेते हैं। लक्ष्मीजी के आगमन के लिए आतुर रहते हैं। परन्तु बाहरी सफाई के साथ हमें अपने अन्दर की सफाई अर्थात् आत्मा को प्रकाशवान बनाकर करनी चाहिए। मन को निर्मल करना सबसे बड़ी स्वच्छता है। दीपक से, विद्युत सज्जा से तथा रंगीन मोमबत्तियों से बाहर तो प्रकाश हो जाएगा परन्तु हृदय के मैलेपन, छल, कपट, असत्यवाचन, दुर्व्यवहार, विश्वासघात आदि आदि को भी हमें दीप के प्रकाश से हटाकर निर्मल मन को दैवीय प्रकाश से प्रकाशित करना है। तभी हम वास्तविक श्री (लक्ष्मीजी) को प्राप्त कर सकेंगे। महाकवि तुलसीदासजी ने कहा है—

'जहाँ सुमति तहँ सम्पति नाना। जहाँ कुमति तहँ विपति निदाना।।

(श्रीराम.चरि.मा. सुन्दरकाण्ड दोहा-३९)

----

डॉ. शारदा मेहता

सीनि. एमआईजी-१०३, व्यास नगर,

ऋषिनगर विस्तार, उज्जैन (म.प्र.)

Email : drnarendrakmehta@gmail.com

पिनकोड- ४५६ ०१०

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: दीपावली पर लक्ष्मीजी कैसे प्रसन्न होती हैं? - डॉ. शारदा मेहता
दीपावली पर लक्ष्मीजी कैसे प्रसन्न होती हैं? - डॉ. शारदा मेहता
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTUTuHE43CqfICf7e_0Cw6xsHR4Zxh0i58D9xMCKJ_wcvvztUtq8eLHdPfS62jIjKOubzLYc_g83FBYR3xBXOg5ubyCxBsNiHv-lUaK-gpSLAvUejZW_d3J2_lhLT1dG96tqgh/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTUTuHE43CqfICf7e_0Cw6xsHR4Zxh0i58D9xMCKJ_wcvvztUtq8eLHdPfS62jIjKOubzLYc_g83FBYR3xBXOg5ubyCxBsNiHv-lUaK-gpSLAvUejZW_d3J2_lhLT1dG96tqgh/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2019/10/blog-post_95.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2019/10/blog-post_95.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content