1. कोई बात नहीं जब मैं गया किसी कार्यवश स्वर्णों की बस्ती में औपचारिकतावश वो लेकर आए पानी मैंने की जाहिर पानी की अनिच्छा तो उन्...
1.
कोई बात नहीं
जब मैं गया
किसी कार्यवश
स्वर्णों की बस्ती में
औपचारिकतावश
वो लेकर आए पानी
मैंने की जाहिर
पानी की अनिच्छा
तो उन्होंने
दिखाई दरियादिली
कहने लगे
"कोई बात नहीं''
पी लो पानी
उनके शब्द "कोई बात नहीं"
गूंजते रहे
मेरे कानों में
वर्षों तक
और आज भी
रहे हैं गूंज
-विनोद सिल्ला©
2.
प्राथमिकी
जब किया मना
हमारे बुजुर्गों ने
मृत पशु उठाने से
पीटा गया उनको
नहीं की दर्ज
प्राथमिकी
पुलिस के भी
अगली पीढ़ी
मजबूरन व भयवश
उठाने लगी मृत-पशु
ढोने लगी मैला
अब उन्हें
फिर पीटा गया
गोकशी के आरोप में
अब फिर
नहीं हुई दर्ज
प्राथमिकी
-विनोद सिल्ला©
3.
जब नहीं थीं जातियाँ
एक था समय
जब नहीं थीं जातियाँ
नहीं थे समुदाय
नहीं थे गोत्र
कितना सुखी होगा
उस समय का इंसान
लगते होंगे उसे
सभी अपने
सबसे होगा
उसका सदभाव
सबके होंगे
एक समान हित
सबमें होगा
अनूठा सामजस्य
निसंदेह वे सब
रहते होंगे
मिल-जुलकर
क्या गजब
रहा होगा
वो समय
-विनोद सिल्ला
4.
वर्ण-व्यवस्था
वर्ण-व्यवस्था ने रखा
सेना को वंचित
शूद्रों के बाहु-बल से
उनके रण-कौशल से
इसलिए ही
आते रहे
विदेशी आक्रमणकारी
ले जाते रहे
लूट-लूट कर
भारत का वैभव
भारत के पिछड़ेपन का
मुख्य कारण है
भेदभावकारी
वर्ण-व्यवस्था
जाति-व्यवस्था
-विनोद सिल्ला©
5.
प्रश्न चिह्न
द्रौणाचार्य
अगर थी तेरे पास
अस्त्र-शस्त्र की
की अनूठी विधा
तो क्यों काटा
एकलव्य का अंगूठा
सिखा देता
अपने अर्जुन को
धनुर्विद्या के
वो हुनर जो
नहीं जानता था एकलव्य
प्रश्न-चिह्न है मेरा
तेरे ज्ञान पर
तेरे हुनर पर
-विनोद सिल्ला©
6.
इतिहास के आईने में
तुम अभी तक
नहीं थके
कर-कर अत्याचार
कर-कर उत्पीड़न
बीत गए
हजारों वर्ष
बहुत हो चुका दमन
बहुत हो चुका अत्याचार
अब और नहीं
क्यों डरते हो
समता आने से
समय रहते
मान जाओ
नहीं तो
इतिहास के आईने में
देख-देख कर
करोगे अपमानित
महसूस
-विनोद सिल्ला®
7.
व्यवस्था परिवर्तन
इतिहास है गवाह
आज तक
असंख्य हुईं क्रांतियाँ
विश्व भर में
सबमें हुआ रक्तपात
सबमें हुआ नरसंहार
लेकिन हमें गर्व है
बाबा साहब
डॉ. भीमराव अंबेडकर पर
जो बिना हथियार उठाए
बिना रक्तपात किए
कर गए व्यवस्था परिवर्तन
कर गए छह सौ से अधिक
रानियों की नशबंदी
मात्र अपनी कलम से
उसके बाद
नहीं हुआ पैदा
कोई राजा
किसी रानी की
कोख से
-विनोद सिल्ला©
8.
झोंफड़पट्टी
ढह गईं झुग्गियाँ
उनके स्थान पर
बन गए शॉपिंग मॉल
साथ में ढह गई
बस्ती के
छोटे दुकानदारों की हाट
वहीं उसारे गए
गगनचुंबी भवन
एक बार फिर
बन गई झुग्गियाँ
शहर से बाहर
शायद निकट भविष्य में
फिर से
उसारे जाएंगे भवन
फिर से
खदेडे़ जाएंगे झुग्गीवासी
जान कब तक चलेगा
ये क्रम
-विनोद सिल्ला©
9.
धर्म के नाम पर
देवदासी बनी
शोषण हुआ
धर्म के नाम पर
सती हुई
शोषण हुआ
धर्म के नाम पर
अग्नि-परिक्षा हुई
शोषण हुआ
धर्म के नाम पर
जूए में हारी
शोषण हुआ
धर्म के नाम पर
गैरबराबरी झेली
शोषण हुआ
धर्म के नाम पर
अॉनर कीलिंग हुआ
शोषण हुआ
धर्म के नाम पर
ऐ! नारी
तू आज भी है धार्मिक
पुरुषों से अधिक
जाने क्यों?
-विनोद सिल्ला©
10.
जाने क्यों
एक क्यारी में
अनेक हैं पेड़-पौधे
अलग-अलग हैं
जिनकी नस्ल
अलग-अलग हैं गुण
अलग-अलग हैं रंग-रूप
फिर भी
नहीं करते नफरत
एक-दूसरे से
नहीं है इनमें
भेदभाव की भावना
नहीं मानते किसी को
छोटा या बड़ा
नहीं है इनमें रंग-भेद
हवा की धुन पर
थिरकते हैं सब
एक लय में
एक ताल में
खिल जाते हैं
सबके चेहरे
बरसात में
कितना है सदभाव
नहीं लेता सीख
इंसान इनसे
जाने क्यों?
-विनोद सिल्ला©
--
परिचय
नाम - विनोद सिल्ला
शिक्षा - एम. ए. (इतिहास) , बी. एड.
जन्मतिथि - 24/05/1977
संप्रति - अध्यापन
प्रकाशित पुस्तकें-
1. जाने कब होएगी भोर (काव्यसंग्रह)
2. खो गया है आदमी (काव्यसंग्रह)
3. मैं पीड़ा हूँ (काव्यसंग्रह)
4. यह कैसा सूर्योदय (काव्यसंग्रह)
5. जिंदा होने का प्रमाण(लघुकथा संग्रह)
संपादित पुस्तकें
1. प्रकृति के शब्द शिल्पी : रूप देवगुण (काव्यसंग्रह)
2. मीलों जाना है (काव्यसंग्रह)
3. दुखिया का दुख (काव्यसंग्रह)
सम्मान
1. डॉ. भीम राव अम्बेडकर राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड 2011
(भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा)
2. लॉर्ड बुद्धा राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड 2012
(भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा)
3. उपमंडल अधिकारी (ना) द्वारा
26 जनवरी 2012 को
4. दैनिक सांध्य समाचार-पत्र "टोहाना मेल" द्वारा
17 जून 2012 को 'टोहाना सम्मान" से नवाजा
5. ज्योति बा फुले राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड 2013
(भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा)
6. ऑल इंडिया समता सैनिक दल द्वारा
14-15 जून 2014 को ऊना (हिमाचल प्रदेश में)
7. अम्बेडकरवादी लेखक संघ द्वारा
कैथल में (14 जुलाई 2014)
8. लाला कली राम स्मृति साहित्य सम्मान 2015
(साहित्य सभा, कैथल द्वारा)
9. दिव्यतूलिका साहित्य सम्मान-2017
10. प्रजातंत्र का स्तंभ गौरव सम्मान 2018
(प्रजातंत्र का स्तंभ पत्रिका द्वारा) 15 जुलाई 2018 को राजस्थान दौसा में
11. अमर उजाला समाचार-पत्र द्वारा
'रक्तदान के क्षेत्र में' जून 2018 को
12. डॉ. अम्बेडकर स्टुडैंट फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा
साहब कांसीराम राष्ट्रीय सम्मान-2018
13. एच. डी. एफ. सी. बैंक ने रक्तदान के क्षेत्र में प्रशस्ति पत्र दिया, 28, नवंबर 2018
पता :-
विनोद सिल्ला
गीता कॉलोनी, नजदीक धर्मशाला
डांगरा रोड़, टोहाना
जिला फतेहाबाद (हरियाणा)
पिन कोड-125120
ई-मेल vkshilla@gmail.com
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