नाथ गोरखपुरी की काव्य रचनाएँ

SHARE:

1 वजन बातों में रखो ,किरदार संभल जायेगा सच दबा तो झूठ का, बाजार संभल जायेगा जरा सी चूक जो होगी, वतन के हिफाज़त में बड़ा शातिर है वो गद्दा...

1

वजन बातों में रखो ,किरदार संभल जायेगा
सच दबा तो झूठ का, बाजार संभल जायेगा

जरा सी चूक जो होगी, वतन के हिफाज़त में
बड़ा शातिर है वो गद्दार संभल जायेगा

किस हक से कहते हो , दिल तोड़ के सनम
बहुत काबिल है वो ,मेरा यार संभल जायेगा

जिसे सलीके से संभाला था तूने मोहब्बत में
तुम्ही बताओ कैसे वो प्यार संभल जायेगा

ग़र मुल्क की आवाम लड़ती रही बेखौफ
यकींनन नाथ शत्रु सिपहसलार संभल जायेगा

02 गज़ल

तुमको सनम है जाना,उस यार की गली में
सच है वहाँ बताना , उस यार की गली में

बच ले यहाँ भले ही, छुप छुप पाप करके
मुश्किल है मुँह छुपाना ,उस यार की गली में

जो भी किया है तूने , खुद ही बयां होगा
ना है कोई बहाना, उस यार की गली में

जी भरके तूने लूटा , माया के खजाने
ना है ये काम आता, उस यार की गली में

माँ बाप खुश जो तेरे , होगा ना बाल बांका
तुमको दुआ बचाता , उस यार की गली में

03 गज़ल
इस कदर आप सताया ना कीजिए
गैर हैं हम तो याद आया ना कीजिए

क्या कहें हम तो इश्क में मारे गये जनाब़
आप भी इश्क में ,वक्त ज़ाया ना कीजिए

वो महफिल लूट लेते हैं , लफ्ज़ों से हुजुर
मस्त होके आप ताली, बजाया ना कीजिए

जो वादे तोड़ चुके हैं , उसे याद तो करिये
बेशर्मी की चादर तले , शरमाया ना कीजिए

'नाथ' निगाहों से ही ,निगाहें पढ़ भी लेते हैं
शर्त है ये कि निगाहें, झुकाया ना कीजिए

04 गीत

वो गुरु है वो गुरु है वो गुरु
वो गुरु है वो गुरु है वो गुरु

कर्म करने के लिये प्रेरित करे
धर्म करने के लिये प्रेरित करे
सबको सपने सच्चे साकार दे
ना असंभव है कुछ एतबार दे
काम तो कोई तू प्यारे कर शुरू
वो गुरु है वो गुरु है वो गुरु

जो कहे मर मर के जीना छोड़ दे
मौत से डर डर के जीना छोड़ दे
जिंदगी जैसी है तूं स्वीकार ले
यम से लड़ जा हाथ में तलवार ले
मौत के आगे ना घुटने टेक तूं
वो गुरु है वो गुरु है वो गुरु

ज्ञान की गंगा हृदय से निकाल के
सत्य पथ पर ले चले संभाल के
मोह के सारे भरम जो तोड़ दे
'नाथ' से नाता जो मन का जोड़ दे
मैं भी तनमन से उसे नमन करुं
वो गुरु है वो गुरु है वो गुरु

05 नायिका

ये अनसुलझे लट, मदमत्त निगाहें
लरस़ते लब ,बहकती अदायें

दरिया सी उफनती जवानी
बयां कर रही हैं तेरी कहानी

तुहिं इस घड़ी घनी खूबसूरत
सूरज की लाली को तेरी जरूरत

शशि भी शरम से उझपें नाहि ताके
उदधि तरंगें ना गर्वित होके झांके

कली कोमल ना लागै अब तो तेरे सम
नयन ज्यों ही चमकै है भाग दिखै तम

कोयल ना कुकै सुनै तेरी बोली
माथै कि कुमकुम से फिकी रंगोली

हो नभ में राका सम तेरी बिंदिया
जाये उचट अब तो जग की निंदिया

लबो की वो लाली श्रौन की वो बाली
तु ज्यों ना दिखै तो लगे सब है खाली

तिरछे निगाहें तके तुझको चंदा
केशपास करें कत्ल लगायौ है फंदा

कनक सी कलाई है ज्युं छुई मुई
धवल उरोज हैं लागै कपासी सी रूई

कटि बांस पल्लव लचकता है जैसे
जिन्हें ताड़ कामी बच सकता है कैसे

सैंबल फुल सा अधर सुर्ख मानो
या प्रात:रवि बाल खिलता हो जानो

तुझे जो निरेखे अब मरे तब मरे है
ना उसका ठिकाना वो पल पल मरे है

रुप माया है दल-दल कोई तो बचाले
इस रईसी बला से "नाथ" तू ही बचाले

06 किसान
रहते हैं सुल्तान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में
फिर मारे गए किसान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में

किसानों के बलबूते ही
शासन पाई, शासन पाई
उन्हीं किसानों की फिर तुमने
करी पिटाई, करी पिटाई

कुछ नेता हैं बेईमान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में
मारे गए किसान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में

शोषण हुआ किसानों का
हाँ भाई हाँ, भाई हाँ
शास्त्री जी के अरमानों का
हाँ भाई हाँ, हाँ भाई हाँ
मिट्टी के भगवानों का
हाँ भाई हाँ, हाँ भाई हाँ

लूट रही पहचान हमारी
दिल्ली में दिल्ली में
मारे गए किसान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में


देख लो अब तो"नाथ" तमाशा
दिल्ली में दिल्ली में
कितने तोड़ रहें हैं सांसा
दिल्ली में दिल्ली में

जब तेरा ही शासन है
शासन है शासन है
जब तेरा ही प्रशासन है
प्रशासन है प्रशासन है
बात करो तुम किसानों से
बात करो बात करो
मुलाकात करो किसानों से
मुलाकात करो मुलाकात करो

टूटे क्यों हैं किसान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में
मारे गए किसान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में

सत्ता में तुम बैठे हो
बैठे हो बैठे हो
क्या उस मद में ऐंठै हो
ऐंठै हो ऐंठै हो
तुम को सबक सिखायेंगे
सिखायेंगे सिखायेंगे
सत्ता को तरसायेंगें
तरसायेंगें तरसायेंगें

जो तरसेगें किसान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में
मारे गए किसान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में

जी हां रहते हैं सुल्तान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में
मारे गए किसान हमारे
दिल्ली में दिल्ली में

07
गांधी जयंती

हमें गर्व है गांधी तुम पर,
तुम मानवता के रक्षक थे
तुमने उनको पाठ पढ़ाया,
जो मानवता के भक्षक थे

तेरी बुद्धि ने भारत का,
विश्व में डंका बजवाया
फूल से पत्थर भी कटते हैं,
ये साबित करके दिखलाया

हम बंधन में जकड़े थे ,
गैरों की हम पर हुकूमत थी
तब एक राष्ट्र समर्पित,
योग्य व्यक्ति की हमें जरूरत थी

हाहाकार मचा था हम पर ,
था जुल्म हो रहा जोरों से
कुछ अपने भी दुश्मन थे
अब कौन बचाए चोरों से

जाति पांति और भेदभाव का ,
परचम लहराया जाता था
ऊंच-नीच के चक्कर में ,
मानवता का घर भहराया जाता था

मानवता के नाश की खातिर ,
जब कदम बढ़ाया आंधी ने
"नाथ" कृपा जब हुई तुम्हारी ,
तब जन्म लिया उस गांधी ने

पाठ पढ़ाया अहिंसा का ,
मानवता का उपदेश दिया
सत्य अहिंसा त्याग तपोबल,
विश्व को यह संदेश दिया

हिंसा को भी अहिंसा से ,
डसने वाले काले तक्षक थे
हमें गर्व है गांधी तुम पर
तुम मानवता के रक्षक थे

08 गज़ल

जमीं का इक परिंदा बड़े गुरुर में रहने लगा
उड़ता अच्छा है जब जमाना उसे कहने लगा

अभी तो पंख निकले थे, उसके चार दिन से
पर वह परबाजों की धारा में बहने लगा

मदमस्त होकर ढूंढा वो परबाजों की शोहबत
मैं उड़ता हूं तुम्हारे जितना ही, ये कहने लगा

रौब में परबाजों के संग, वो उड़ा कुछ दूर
पर अनुभव हीन था बेसुध होकर ढहने लगा

गिरा अपनी नजरों में गलतियों के कारण
हताश निराश वह घुट घुट के दहने लगा

"नाथ" को एहसास है अपनी हदों का
तभी वो जमाने की हरकतों को सहने लगा

09
थको मत ! थको मत !! थको मत !!!
बढ़ चलो ! बढ़ चलो !! बढ़ चलो !!!

लहरों से अभी लड़ना है
तूफानों से टकराना है
सांसो के उखड़ने से पहले
तुम्हें दरिया पार कर जाना है

दरिया में जब उतरोगे
तो पहले डर जागेगा
डुबेंगे कि बच जायेंगे
मन शंकित हो कांपेगा

उस शंकित कंपित मन से
तुमको दृढ़ता से टकराना है
सांसो के उखड़ने से पहले
तुम्हें दरिया पार कर जाना है

लहरें मगन करेंगी मन को
मय सा जल तुम्हें लागेगा
थोड़ा सा आराम करें
पांव शिथिल हो थाकेगा

मयजल का तो काम है ये बस
मंजिल से तुमको भटकाना है
सांसो के उखड़ने से पहले
तुम्हें दरिया पार कर जाना है

10-

कब जाना है कब आना है
ये कब किसने जाना है
इस दुनिया में कब गम है
कब किसने पहचाना है

खड़े खड़े ही गुजरेंगे पल
या बैठे रह जायेंगे
मस्ती में फिर होगी सुबह कि
सोये ही रह जायेंगे

सूर्य सुर्ख सा दिखता है कभी
कभी चाँदी सा है चाँद दिखे
केहरी कभी माँद में दिखता
कभी केहरी को माँद दिखे

बुध्दि तुझमें बहुत है बन्दे
पर वक्त बड़ा बलवाना है
इस दुनिया में कब गम है
ये किसने पहचाना है

11-

हिन्दी तुम आबाद रहो
हम अंग्रेजी वाले हैं
हिन्दी दिवस के दिन भी
मुँह पे लटके, अंग्रेजी ताले हैं

हिन्द ! हिन्दी की हालत देखो
हिन्द में ही हकलाती है,
हिन्दवासीयों जुबां पे तेरे
अंग्रेजी इठलाती है

हम लोगों के मन में ही
हिन्दी का सम्मान नहीं
भाग रहें अंग्रेजी के पीछे
हिन्दी का है ध्यान नहीं

हिन्दू हिन्दी हिन्द हैं रटते
पर अंग्रेजी दिल वाले हैं
हिन्दी तुम आबाद रहो
हम अंग्रेजी वाले हैं

अंग्रेजी को कर्म मानते
हैं आधुनिक हिन्दूस्तानी
बचपन बीता अंग्रेजी में
अब बीत रही है जवानी

है हिन्दी का कद्र नहीं
हिन्दूस्तानी कार्यालय में
अंग्रेजी में पूजा होती
है हिन्दी देवालय में

घर घर में अंग्रेजी छायी
हिन्दी पे छाये बादल काले हैं
हिन्दी तुम आबाद रहो
हम अंग्रेजी वाले हैं

हिन्दी को रोजगार नहीं
व्यस्त हुई अंग्रेजी है
इसी लिये तो हिन्द की जनता
अंग्रेजी की क्रेजी है

दाने खाने का खैर नहीं
अंग्रेजी में खांसी आती है
हिन्दी की बाते होती जहां
वहां उबासी आती है

वाह!रे हिन्द की जनता
तेरे खेल निराले है
अंग्रेजी तुम आबाद रहो
"नाथ" तो हिन्दी वाले हैं

12- खबर

आज की ताजा खबर
क्या जानता है शहर?
मार डाला ! मार डाला !!
मार डाला !!!

काम को बेकारी ने
समझ को समझदारी ने
दुकान को उधारी ने
मार डाला !!

जनता को नेता ने
दर्शक को अभिनेता ने
तथ्य को प्रणेता ने
मार डाला !!

महबूब को महबूबा ने
सादगी को अजूबा ने
ताज को तनुजा ने
मार डाला !!

सच्चाई को खबर ने
पर्यावरण को शहर ने
सुबह को दोपहर ने
मार डाला !!

इच्छा को कमजोरी ने
साहूकार को सुदखोरी ने
सही को सीनाजोरी ने
मार डाला !!

शिक्षा को शिक्षक ने
शील को शिष्या ने
गुरूकुल को ईर्ष्या ने
मार डाला !!

राजनीति को राजा ने
राज को प्रजा ने
जुर्म को सजा ने
मार डाला !!

दोस्त को दगाबाजी ने
आचरण को रंगबाजी ने
पड़ोसी को खुशमिजाजी ने
मार डाला !!

स्वाद को परहेज ने
बिटिया को दहेज ने
नवेली को सूनी सेज ने
मार डाला !!

भूख को खबिश़ों ने
समय को गर्द़िशों ने
"नाथ" को बंदिशो ने
मार डाला !!

13- गज़ल

हमें कुछ लोगों की औकात अच्छी लगती है
तभी तो उनकी हर बात अच्छी लगती है

जिस शाम साथी के साथ हों सैर पे
हमें उस शाम की बरसात अच्छी लगती है

आग मिलन की हो ग़र दोनों तरफ तो
यकीन मानो वो मुलाकात अच्छी लगती है

वक्त के साथ जो बदल जाते हो तुम
हमें वो हर वारदात अच्छी लगती है

नसीहत देता है, ना पीने का जो मयकश
हमें उसकी भी शुरूआत अच्छी लगती है

नाथ' खुद के गिरेवां में जो झांक लेते हैं
हमें उनकी हर जज्बात अच्छी लगती है

14-
कोई समझदार ये काम कर गया
मुझे मैखाने की तरफ देखा, बदनाम कर गया

मै मैखाने तक जाता था, मयकश को देखने
आज खुद के अन्दर भी, कई जाम कर गया

मैं पीता नहीं तो लोग, पीने को पुछते
आज पीया तो पैमाना, भी एतराम कर गया

जिस मय ने राज रखे, रोजे मे मेरा दर्द
आज वो भी मेरा दर्द ,सरेआम कर गया

नाथ' अक्सर मुझसे रूठे, रहते राम व रहीम
रम में रमा तो रावन भी ,सलाम कर गया

15-
कौन कहता है कि मैं थक गया हूँ
मुझ परिन्दे को तो आसमान चाहिये

मंजिले दर्द दें जख्म दें कोई गम नहीं
मुझको तो मेरे लबों पे मुस्कान चाहिये

वो और होंगें जिन्हें भीड़ से शिकायत थी
मुझको तो बस इक निशान चाहिये

फ़रेबों से मकान बनाते बहुतों को देखा है
मुझे तो मेरे मेहनत का मकान चाहिये

गलियां जो चीखती हैं दरिंदों के वजह से
मुझको बस वो गलियां सुनसान चाहिये

वर्षों से धर्म व राजनीति लड़ाते मुल्क को
'नाथ' अब तो मुझे प्यारा हिन्दुस्तान चाहिये


  नाथ गोरखपुरी
एम एड्-प्रथमवर्ष
दी द उ गो वि वि गोरखपुर

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: नाथ गोरखपुरी की काव्य रचनाएँ
नाथ गोरखपुरी की काव्य रचनाएँ
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgn5dZddv2ydhprFiB2vMaQJJSveDW1wfng2bN9qBhVF1-d-OJA2uDezTLhCqOCnhvs2hEi5ZPvRE5sXhc1-0zbiZL6KsaxqhAkI26r-CN45pTyg2Bl3KhHD3VKH32UHiChB75P/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgn5dZddv2ydhprFiB2vMaQJJSveDW1wfng2bN9qBhVF1-d-OJA2uDezTLhCqOCnhvs2hEi5ZPvRE5sXhc1-0zbiZL6KsaxqhAkI26r-CN45pTyg2Bl3KhHD3VKH32UHiChB75P/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2019/03/blog-post_46.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2019/03/blog-post_46.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content