पुस्तक समीक्षा ■पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत करती कृति :पेड़ लगाओ■ ● समीक्षक: राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" -------...
पुस्तक समीक्षा
■पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत करती कृति :पेड़ लगाओ■
● समीक्षक: राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित"
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कृति :- पेड़ लगाओ (बाल कविता संग्रह(
लेखक:- राजकुमार जैन राजन
प्रकाशक:- अयन प्रकाशन, 1/20- महरौली,नई दिल्ली- 30
संस्करण:- प्रथम 2018, पृष्ठ-108, सजिल्द
मूल्य:-250/-
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देश के ख्यातिनाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त राजकुमार जैन राजन की वर्ष 2018 में प्रकाशित बाल साहित्य की 36 वी कृति है ,"पेड़ लगाओ"( बाल कविता संग्रह) यह यथा नाम तथा गुण को चरितार्थ करती है। प्रस्तुत कृति बच्चों को प्रकृति से जोड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण के बारे में सचेत करती है। प्रस्तुत संकलन का नाम "पेड़ लगाओ" रखा है जिसका कारण है वर्तमान में व्याप्त पर्यावरण प्रदूषण । जिससे बचने का एक ही उपाय है अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण करना। प्रकृति की सुन्दरता को बनाए रखना हम सब का कर्तव्य है। कवि की सोच व प्रकृति प्रेम इस कृति की खास विशेषता है। प्रस्तुत कृति में जीव जंतुओं, पशु पक्षियों , मेलों त्योहारों के माध्यम से कविताएँ सीख देती है।
राजकुमार जैन राजन का विपुल बाल साहित्य अनवरत रूप से प्रकाशित हो रहा है। आप श्रेष्ठ रचनाकार, संपादक ही नही अपितु श्रेष्ठ चित्रकार भी हैं। आपका बाल साहित्य देश की विभिन्न भाषाओं मेंअनुदित होकर उपलब्ध है।
प्रस्तुत कृति की कविताएं बच्चों को दूर संचार क्रांति से रूबरू कराती है। आधुनिक तकनीकी, उपकरणों के बारे में जानकारी देती है।
आशावादी व सकारात्मक सोच के कवि राजन की कविताएं भाव प्रधान है। भाषा सीधी, सरल ,बोधगम्य है। कविताएँ बालकों की जिज्ञासाओं को शान्त करने में सक्षम लगी। बाल कविताओं को लिखने के लिए कवि को बालक बनना पड़ता है। राजन जी ने यह कर दिखाया। हर विषय को अच्छे ढंग से कविताओं में शामिल किया है।
राजस्थान के छोटे से गाँव अकोला से साहित्यिक सफर की शुरुआत कर आज अंतराष्ट्रीय स्तर पर साहित्य जगत में सितारे की तरह देदीप्यमान राजन ने लाखों रुपये का बाल साहित्य बालको को निःशुल्क वितरित किया है ।
प्रस्तुत संकलन में कुल 85 बाल कविताएँ हैं। "रोबोट एक दिला दो राम" इस कृति की प्रथम बाल कविता है। वर्तमान में बच्चों के बस्ते कितने वजनदार है । साथ ही बच्चों को इतना ज्यादा होमवर्क दे दिया जाता है कि वह पूरा भी नही कर पाते। आज की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती रचना है। रोबोट से होते सभी काम सरल बताती रचना ज्ञानवर्धक लगी। गिलहरी कविता बच्चों को मेहनत करने की सीख देती है।"श्रम करती पेड़ों पर चढ़ती ,करती नहीं आराम गिलहरी। हरदम मेहनत करती रहती,करती काम तमाम गिलहरी।।" अच्छी लगती है बरसात कविता में बताया कि इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं। बरसात कब आती है। बरसात के बाद का मौसम कैसा होता है आदि को समझ सकते हैं। शेर की शादी कविता में जंगली जानवरों के नाम सिखाये गए हैं। हाथी,भालू,ऊंट,जिराफ, बाघ। शादी में क्या क्या कार्यक्रम होते हैं। इन कविताओ के माध्यम से बच्चों की मौखिक अभिव्यक्ति का विकास होता है। घर मे दादाजी कहानी सुनाते हैं, ग्रीष्मावकाश में सैर कराने ले जाते है। "प्यारे दादाजी" कविता बच्चों को पसन्द आएगी।
रेल के बारे में पूरी जानकारी देती कविता "नदियां सी लहराती रेल" बहुत अच्छी लगी। "जंगल मे चुनाव" कविता में नेताओं की सोच बताई है। "पेड़ की छांव" कविता में हरे पेड़ की छाया का महत्व बताया गया है।
इस कृति की महत्वपूर्ण कविताओं में ,मीठी वाणी का जादू', 'बोली बहना', 'मेढक का बुखार', 'सूरज मामा', 'रूप लंच का नया करो', 'अच्छी बात नहीं', 'मानवता के दीप जले', 'फिर आओ बापू', 'चूहे पढ़ने आये', 'आगे बढ़ते जाना', 'प्यारे गांव', 'पेड़ बचाएँ', 'शहर से अच्छा गाँव', 'कंप्यूटर भैया', 'इंटरनेट', 'गणतंत्र के गीत गाएँ', 'परिणाम भुगतने होंगे' आदि है।
'परिणाम भुगतने होंगे' कविता में बताया है किें प्रकृति की सुंदरता बढ़ाते पर्वत,नदियाँ, झरने,जंगल जिसके कारण मनुष्य का जीवन खुशियों से भर जाता है,आज वही मनुष्य अंधा-धुंध पेड़ों को काटकर पर्यावरण बिगाड़ने का कार्य कर रहा है। खनिज संपदा का दोहन हो रहा है,जिसके कारण सूखा,बाढ़, भयंकर भूकम्पों आ रहे है। प्रकृति से छेड़ छाड़ का नतीजा भुगतना पड़ रहा है। 'पेड़ लगाओ' कविता में पेड़ के फायदे गिनाये है। पेड़ हमें शुद्ध हवा देता है। धूल, धुआं, जहरीली गैसे खुद अवशोषित करता है और हमें ऑक्सीजन देता है। कविता में पेड़ो के गुण बताए है। पेड़ कितने परोपकारी होते है जो फल फूल छाया सभी देते है। प्रस्तुत कृति में भाईचारे का पर्व होली, रोशनी का त्योहार दीवाली, मकर सक्रांति पर उड़ती पतंगें, प्यारा क्रिसमस जैसी कविताओं के माध्यम से विभिन्न धर्मों में मनाए जाने वाले त्योहारों की जानकारी दी गयी है।
कवि ने इंसानियत को सबसे बड़ा धर्म बताया है, वे अपनी कविता 'मानवता के दीप जले' में लिखते है -"द्वंद्व द्वेष की करो विदाई, हर मन-मन्दिर प्रेम पले, चले निरन्तर सद-पथ पर सब, मानवता के दीप जले।" मानवीय जीवन मूल्यों की सीख देती कवितायें इस कृति की प्रमुख विशेषता है। 'भोले कबूतर' एकता में रहना सिखाते है। स्वयं अपना घर बनाते है, स्वयं भोजन जुटाते है। लिखकर बच्चों में स्वावलम्बनकी भावना जगाई है। वहीं 'नन्ही चींटी' कविता कठिन परिश्रम कर सफलता प्राप्त करने की बच्चों को सीख देती है। साथ ही कभी एक दूसरे को धोखा नहीं देना चाहिए यह संदेश भी देती है।
प्रस्तुत बाल कविता संग्रह "पेड़ लगाओ" की कविताएं तुकांत होने के साथ ही उनमें गेयता का गुण है। शिक्षाप्रद, ज्ञानवर्द्धक व बालमन की जिज्ञासाओं को शांत करने में सक्षम है। वैज्ञानिक सोच रखने वाले कवि राजन ने कंप्यूटर, रोबोट आदि कविताओं के माध्यम से वर्तमान में जीवन व शिक्षा के क्षेत्र में इनकी उपयोगिता को बताया है।
बाल साहित्य के पुरोधा डॉ. श्री प्रसाद, डॉ.राष्ट्र बन्धु को समर्पित प्रस्तुत कृति "पेड़ लगाओ"की भूमिका लिखते हुए, डॉ.दिविक रमेश लिखते है कि, "आज के बालक की समझ और उसके मनोविज्ञान को अच्छी तरह से समझते हुए, इन कविताओं को रचा गया है। सुरेंद्र गुप्त सीकर अपने शुभकामना सन्देश में लिखते है कि, "यह बाल कविता संग्रह बालमन की स्वभावजनित चेष्टाओं, कोमल भावनाओं और भोलेपन की प्रकृतिजन्य वैचारिकता का उदात्त उन्मुक्त गूंजन है।"
वास्तव में इस कृति में पारम्परिक कविताओं के साथ साथ अत्य आधुनिक विषयों को भी समाहित किया गया है। सभी कविताएँ रोचक व ज्ञानवर्धक है। साहित्य जगत में बाल साहित्य की ये कृति "पेड़ लगाओ" बच्चों को बहुत पसंद आएगी। राजन जी को बाल साहित्य की इस कृति हेतु हार्दिक बधाई व मंगलमय शुभकामनाएं।◆
◆समीक्षक-
राजेश कुमार शर्मा पुरोहित
98,पुरोहित कुटी
श्री राम कॉलोनी,भवानीमंडी
जिला-झालावाड़
राजस्थान
ईमेल:- 123rkpurohit@gmail.com
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