1. आग की लपटें मैं आज सुबह उठा और देखा रात की बूंदाबांदी से जम गई थी धूल वायुमंडल में व्याप्त रहने वाले धूलकण भी थे नदारद मन हुआ ख...
1.
आग की लपटें
मैं आज सुबह
उठा और देखा
रात की बूंदाबांदी से
जम गई थी धूल
वायुमंडल में
व्याप्त रहने वाले
धूलकण भी
थे नदारद
मन हुआ खुश
देखकर यह सब
कुछ देर बाद
उठाकर देखा अख़बार
तो जल रहा था वतन
साम्प्रदायिकता व
जातिवाद की आग में
यह बरसात
नहीं कर पाई कम
इस आग को
-विनोद सिल्ला©
2.
फनाह होने के बाद
फनाह हो गए राजघराने
जीवित हैं मात्र
कुछ एक कहानी
वो भी समय के साथ
होती जा रही हैं धूमिल
कभी उन्होंने
नहीं सोचा होगा कि
उनके चाक-चौबंद
किलों में
महलों में
जनाने हर्मों में
आमजन करेंगे विचरण
बनकर सैलानी
उनके दीवान-ए-आम
व दीवान-ए-खास में
आएंगे सभी आम-औ-खास
करने मौज-मस्ती
आज भी हर आम-औ-खास
नहीं सोचता
फनाह होने के बाद की
बना लेते हैं
हर बात को
नाक का सवाल
-विनोद सिल्ला©
3.
ऑनलाइन
हो गया सब कुछ
ऑनलाइन
राजकीय व
गैर राजकीय
सभी अभिलेख हैं
ऑनलाइन
पैसे का लेन-देन भी
हो चुका
ऑनलाइन
क्रय-विक्रय भी
हो गया
ऑनलाइन
सभी अनुष्ठान
भी हैं संभव
ऑनलाइन
मात्र अपनापन-निजता
ममता स्नेह है
ऑफलाइन
-विनोद सिल्ला©
4.
भीड़ में भी अकेला
आदिकाल में
रहा जंगलों में
आदमी
करता रहा
झुंड बनाकर
पशुओं का शिकार
आज का आदमी
कहलाता है सभ्य
करता है शिकार
आदमी का
होता है शिकार
आदमी का
खो गए झुंड
आधुनिकता की
चकाचौंध में
हो गया आदमी
भीड़ में भी अकेला
-विनोद सिल्ला©
5.
झोंक दिया वतन
नेता जी ने
कुछ नहीं कहा
अपने मुख से
मात्र भाव-भंगिमा बदली
और हो गए
सांप्रदायिक दंगे
हो गया वोटों का ध्रुवीकरण
इधर ये
हो गए लामबंद
उधर वो
हो गए लामबंद
हो गया माहौल
गृहयुद्ध-सा
मात्र कुर्सी के लिए
मात्र वोटों के लिए
झोंक दिया वतन
दंगों में
-विनोद सिल्ला©
6.
शपथ
आज था
मंत्रीमंडल का
शपथग्रहण समारोह
सबने ली शपथ
पद व गोपनीयता की
कहा सबने
नहीं करूंगा
पद का दुरुपयोग
नहीं करूंगा
राष्ट्र विरोधी कार्य
सदा करूंगा
संविधान का सम्मान
और चंद रोज बाद
प्रैस-कॉन्फ़्रेंस में
मंत्री महोदय
ली हुई शपथ को
कर रहे थे तार-तार
-विनोद सिल्ला©
7.
मेरी जेब के रुपए
उन्हें
मैं स्वीकार्य नहीं
लेकिन मेरी जेब के
रुपए स्वीकार हैं
उन्हें
मुझसे परहेज है
मेरी जेब के
रुपयों से नहीं
उन्हें
मुझसे नफरत है
मेरी जेब के
रुपयों से नहीं
वो नहीं चाहते
मेरी देहली लांघना
लेकिन चाहते हैं
मेरी जेब के
रुपए पाना
अजब है उनकी चाहत
अजब हैं उनके धंधे
अजीब है उनकी सोच
-विनोद सिल्ला©
8.
जीवनदान
आज भी सजा था मंच
सामने थे बैठे
असंख्य श्रद्धालु
गूँज रही थी
मधुर स्वर-लहरियां
भजनों की
आज के सतसंग में
आया हुआ था
एक बड़ा नेता
प्रबंधक लगे थे
तोल-मोल में
प्रवचन थे वही पुराने
कहा गया 'हम हैं संत'
संतो ने क्या लेना
राजनीति से
समस्त श्रद्धालुओं ने
किया एक तरफा मतदान
तब उस मठाधीश को
कितने मामलों में
मिला जीवनदान
भले ही हो गई
लोकतंत्र की हत्या
-विनोद सिल्ला©
9.
क्या हो गया सपनों को
स्वप्न में अब
फूल-तितलियाँ
खेल-खिलौने
नहीं आते
स्वप्न में अब
प्रेम-पत्र
अल्हड़-यौवनाएं
नहीं आती
स्वप्न में अब
सैर-सपाटे
उत्सव-आयोजन
नहीं आते
स्वप्न में
जात़़ीय व साम्प्रदायिक दंगे
लगते नारे
ही आते हैं
जाने क्या
हो गया
सपनों को
-विनोद सिल्ला ©
10.
दिया नहीं भूलने
मैंने की
ज्यों-ज्यों कोशिश
उस हादसे को
भूलाने की
त्यों-त्यों
सांत्वना देने वाले
याद दिलातेरह रहे
अनेक प्रयासों के
बावजूद भी
दिया नहीं भूलने
वो हादसा
आज तक
-विनोद सिल्ला ©
11.
एकता
एकता में
बल तो है
लेकिन आज
एकता
बल में नहीं है
जब एकता
बल में नहीं
तो हम क्या
खाक संघर्ष करेंगे
विसार दिये हमने
महापुरुषों के
संदेश
-विनोद सिल्ला©
परिचय
नाम - विनोद सिल्ला
शिक्षा - एम. ए. (इतिहास) , बी. एड.
जन्मतिथि - 24/05/1977
संप्रति - राजकीय विद्यालय में शिक्षक
प्रकाशित पुस्तकें-
1. जाने कब होएगी भोर (काव्यसंग्रह)
2. खो गया है आदमी (काव्यसंग्रह)
3. मैं पीड़ा हूँ (काव्यसंग्रह)
4. यह कैसा सूर्योदय (काव्यसंग्रह)
5. जिंदा होने का प्रमाण (लघुकथा संग्रह)
संपादित पुस्तकें
1. प्रकृति के शब्द शिल्पी : रूप देवगुण (काव्यसंग्रह)
2. मीलों जाना है (काव्यसंग्रह)
3. दुखिया का दुख (काव्यसंग्रह)
सम्मान
1. डॉ. भीम राव अम्बेडकर राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड 2011
(भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा)
2. लॉर्ड बुद्धा राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड 2012
(भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा)
3. उपमंडल अधिकारी (ना.) द्वारा
26 जनवरी 2012 को
4. दैनिक सांध्य समाचार-पत्र "टोहाना मेल" द्वारा
17 जून 2012 को 'टोहाना सम्मान" से नवाजा
5. ज्योति बा फुले राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड 2013
(भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा)
6. ऑल इंडिया समता सैनिक दल द्वारा
14-15 जून 2014 को ऊना (हिमाचल प्रदेश में)
7. अम्बेडकरवादी लेखक संघ द्वारा
कैथल में (14 जुलाई 2014)
8. लाला कली राम स्मृति साहित्य सम्मान 2015
(साहित्य सभा, कैथल द्वारा)
9. दिव्यतूलिका साहित्यायन सम्मान-2017
10. अचिवर अवार्ड-2017
के. सी. टी. कॉलेज फतेहगढ़, लहरागागा पंजाब द्वारा 07 फरवरी 2017 को
11. प्रजातंत्र का स्तंभ गौरव सम्मान 2018
(प्रजातंत्र का स्तंभ पत्रिका द्वारा) 15 जुलाई 2018 को राजस्थान दौसा में
12. अमर उजाला समाचार-पत्र द्वारा
'रक्तदान के क्षेत्र में' जून 2018 को
13. डॉ. अम्बेडकर स्टुडैंट फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा
साहब कांसीराम राष्ट्रीय सम्मान-2018
पता :-
विनोद सिल्ला
गीता कॉलोनी, नजदीक धर्मशाला
डांगरा रोड़, टोहाना
जिला फतेहाबाद (हरियाणा)
पिन कोड-125120
COMMENTS