डॉ.शैल चन्द्रा की 5 लघुकथाएँ - बारिश की बौछार, दोनों हाथों में लड्डू, बैकवर्ड, नई पहल, प्राइवेसी

SHARE:

लघुकथाएँ डॉ.शैल चन्द्रा   बारिश की बौछार मैँ बाजार जाने के लिए निकली ही थी कि बारिश शुरू हो गई। थोड़ी दूर पर ही मैंने अपनी स्कूटी रोक दी और ड...

लघुकथाएँ

डॉ.शैल चन्द्रा की लघुकथाएँ - बारिश की बौछार, दोनों हाथों में लड्डू, बैकवर्ड, नई पहल, प्राइवेसी

डॉ.शैल चन्द्रा 

बारिश की बौछार

मैँ बाजार जाने के लिए निकली ही थी कि बारिश शुरू हो गई। थोड़ी दूर पर ही मैंने अपनी स्कूटी रोक दी और डिक्की से रेन कोट निकालने लगी। तभी अचानक बिजली कड़कने लगी। बारिश और भी तेज हो गई। मैंने रेनकोट वापस डिक्की में डाला और छतरी निकाल कर पास के दुकान में जाकर खड़ी हो गई। मेरे साथ ही वहाँ आस-पास पसरा लगाकर बेचने वाले लोग भी अपने पसरे पर पालीथीन बिछाकर पास के पक्के छत की दुकानों पर खड़े हो गए पर एक पसरे वाला लड़का अपने पसरे के पास पालीथीन बिछाकर उसे हाथ से दबाए वहीँ खड़ा रहा।

मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतनी तेज बारिश में भी वह लड़का टस से मस नहीं हुआ। मुझसे रहा नहीं गया। मैँ छतरी थामे उसके उसके पास पहुंची और कहा-अरे भई, इतनी बारिश में तुम यहाँ क्यों खड़े हो? देखो सभी पसरी वाले अपने सामान पर पालीथीन डालकर सूखे स्थान पर खड़े हैं। तुम भी चले जाओ।

उसने कहा," हाँ मेमसाहब, उनका सामान पालीथीन में सुरक्षित रहेगा पर मैं इसे छोड़कर चला गया तो मुसीबत आ जायेगी।"

मैंने कहा, बेटे, इतनी बारिश में खड़े रहोगे तो तुम बीमार पड़ जाओगे।

उसने हँसते हुये कहा," मेमसाहब, मैँ बीमार पड़ भी जाऊं तो एक रूपये की बुखार की गोली से ठीक हो जाऊंगा। हमारी तो रोज की आदत है पर यह सामान खराब हो जायेगा तो महीने भर हमें भूखे रहना पड़ेगा फिर माँ की दवाई भी तो इसी से लानी है ।"

मैंने उसे कहा, चलो ठीक है। तुम यह छतरी रख लो मेरे पास रेन कोट है। अच्छा ये बताओ ।आखिर इस पसरी में तुम क्या बेचते हो जो इतना मूल्यवान है ?

उसने मुस्कुराते हुये कहा," मेमसाहब, इसमें मेरी मां के हाथों का बना हुआ मुरकु और सेवईयां हैं जिसे उन्होंने बड़ी मेहनत से बनाया है। आप ही बताइये भला मैं अपनी माँ की मेहनत पर कैसे पानी फेर सकता हूँ।" यह कहते हुए उसने छतरी अपनी पसरी पर तान लिया।

---


        " दोनों हाथों में लड्डू"

विधान सभा में मानसून सत्र चल रहा था। सत्र के पश्चात सारे विधायक नेतागण लजीज भोजन का लुत्फ़ उठा रहे थे। बाहर बरखा रानी अपने पूरे शबाब पर थी। पूरा वातावरण भीगा- भीगा मादक सा था।

तभी एक विधायक से उनके किसी मित्र ने पूछा,"नेता जी, आपको यह बारिश का मौसम कैसा लगता है?"

नेता जी ने मुस्कुराते हुए कहा,"भई हमारे लिए तो बारिश का मौसम दोनों हाथों में लड्डु ही देता है।"

मित्र ने पूछा," वो कैसे?"

नेता जी ने कहा," अगर बारिश हो तो अतिवृष्टि का मुआवजा लोगों को देना पड़ता है। इससे हमें भी मुआवजा मिल जाता है। अच्छा खासा कमीशन मिलता है। साथ ही बाढ़ ग्रस्त इलाके का दौरा भी हम लोग हेलीकॉप्टर से शान से करते हैं। इससे भी हमें लाभ ही लाभ होता है। हमारे परिवार के लोगों को भी हेलीकॉप्टर में भ्रमण और पिकनिक का मजा मिल जाता है। और अगर बारिश नहीं हुई ।सूखा पड़ा तो सूखा राहत का आबंटन मिलता है । इससे हमें भी अच्छा - खासा आबंटन मिल जाता है। है न हमारे दोनों हाथों में लड्डू। अब बारिश हो या न हो हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। "

यह कहते हुए वे हँस पड़े।

---

बैकवर्ड

पोते का जन्म दिन था। दादी बड़ी ही उत्साहित थीं। उन्हें याद आया कि जब प्रदीप छोटा था तब उसके जन्मदिन पर वह घर पर ही केक, आइसक्रीम वगैरह बनातीं थीं। तब प्रदीप बहुत खुश हो उठता था।

उन्होंने कई वर्षों बाद आज बड़ी मेहनत से केक बनाया। आइसक्रीम का सारा सामान मंगवाया। जब केक आइसक्रीम तैयार हो गए तो उन्होंने पूरे घर को नौकर की सहायता से गुब्बारों और रंग- बिरंगे कागजों से सजाया। बस अब उन्हें बिट्टू और अपने बहु- बेटे का इंतजार था।

जैसे ही बिट्टू घर पहुँचा। दादी ने उसे गले से लगा लिया और लाड़ करते हुये कहा,"देखो बेटा, आज आपकी दादी ने आपके लिए केक और आइसक्रीम बनाया है।"

दादी की बात बीच में ही काटते हुए बिट्टु ने कहा,-"पर दादी,अभी-अभी तो पापा ने एक बड़े से होटल में एक बड़ा सा केक का आर्डर दिया है।"

तभी प्रदीप ने कहा,-" अम्मा,आपने इतनी मेहनत क्यों की ? क्या जरूरत थी आपको घर को सजाने और केक वैगरह बनाने की?आप समझती नहीं है? अब जमाना बदल गया है। लोग अब घर पर कहाँ बर्थ डे, मैरिज और एनिवर्सरी वैगरह की पार्टी देते हैं। अब घर पर पार्टी देने वाले बैकवर्ड कहलाते हैं। हमने होटल प्रिंस पैलेस में हॉल बुक करवा लिया है ।खाने- पीने की सारी चीजें आर्डर कर दी है। "

यह सुनकर दादी के सारे उत्साह पर पानी फिर गया। वे अवाक् खड़ी रहीं।

----

    " नई पहल"

       " निन्नी कहाँ है? अब तक घर क्यों नहीं पहुंचीं?  तुम तो जानती हो न आजकल जमाना कितना ख़राब है?" दादी चिंतित स्वर से निन्नी की मम्मी से पूछ रही थीं।

मम्मी ने मुस्कुराते हुए कहा,"हाँ मांजी, जानती हूँ। तभी तो उसे आज से कराटे क्लास भेज रही हूँ। शहर में आजकल कराटे क्लास का क्रेज़ एकाएक बढ़ गया है। ज़माने के हिसाब से जरुरी भी हो गया है। अरे हाँ, कल उसके स्कूल में महिला पुलिस सेल का कार्यक्रम है। जिसमें लड़कियों को बेड टच, गुड टच के बारे भी बताया जायेगा। साथ ही साथ संकट की घड़ी में बलात्कारियों से निपटने के गुर भी सिखाया जायेगा।"

दादी बहुत ध्यानपूर्वक बहु की बातें सुन रही थीं। उन्होंने गंभीर स्वर से कहा,"हाँ, बहु, लड़कियों को सिखाना- समझाना तो जरुरी है पर क्या तुम्हें नहीं लगता कि अब लड़कों को लड़कियों की तुलना में कहीं ज्यादा सिखाने की आवश्यकता है क्यों की बलात्कारी भी तो कोई न कोई लड़का ही होता है न। आज जरुरी है कि हम समाज में , घर में , स्कूल में लड़कों को शालीनता, मर्यादा, नैतिकता तथा आत्मसंयम का पाठ पढ़ाए । इस पुरुष प्रधान समाज में हम लोगों ने लड़कों को कुछ ज्यादा छूट दे दी है ।जिसका परिणाम सामने है। उन पर भी अब लडकियों की तरह अंकुश लगनी चाहिए। रात को उनका भी घर से निकलने पर बंदिशें लगनी चाहिए ।क्यों की ज्यादा अपराध रात को होते हैं। आज से नई पहल हम करेंगे । "

दादी की बात सुनकर बहु ने ताली बजाते हुए उनकी इस पहल का स्वागत किया।

---

  "  प्राइवेसी"

अम्मा को दिल्ली आये हुए आज महीना भर हो गए हैं। बहु- बेटा दिल्ली में नौकरी करते हैं। पोते की देखभाल करने हेतु वो यहाँ आईं हुईं हैं।

बेटा-बहु सुबह नौ बजे अपने -अपने दफ्तर चले जाते हैं। मुन्ना भी दिन भर सोता रहता है। अम्मा जी घर पर अकेले बोर हो जाती हैं। दोपहर में वे आठवें माले के फ्लैट से शहर को देखती हैं ,पर कहीं कोई चेहरा परिचित सा उन्हें नजर नहीँ आता है। आस- पास के फ्लैट पर वे नजर दौड़ाती हैं पर कोई दिखाई नहीं देता। हाँ सड़कों पर भीड़ का सैलाब बहता सा नजर आता है।

अम्मा सोचती हैं ,क्या शहर के लोग अपने घरों में ताला लगाकर सड़कों पर घूमते रहते हैं। तभी तो चौबीसों घंटे भीड़ दिखाई देती है। पड़ोस में हमेशा सूना पसरा रहता है। कभी -कभी कोई आता-जाता दिख जाता है ।तब वे खुश हो जाती हैं। बगल वाले पड़ोसी के साथ उन्हें अक्सर एक अपंग और बीमार सा बच्चा दिखता है। कई बार मन करता की उस बच्चे के बारे में उन लोगों से पूछे ।उन लोगों से बातें करें पर जब भी अम्मा जी उन लोगों के निकट जाने का प्रयास करती । वे लोग उनको बिल्कुल भी नोटिस नहीं करते और अपने फ्लैट का दरवाजा जोर से बंद कर लेते। वे मन मसोस कर रह जातीं।

एक बार इस बारे में उन्होंने नौकरानी से पूछा,"हमारे गांव में तो पड़ोसी ही दुःख-दर्द में हमारे काम आते हैं। हम सब पड़ोस की औरतें साथ में ही हर त्यौहार-पर्व मनाती हैं। दुख-सुख की बातें करती हैं। क्या तुम्हारे शहर में इसका रिवाज नहीं है क्या?"

अम्मा की बात सुनकर नौकरानी हँस पड़ी। उसने कहा,"अम्मा जी ,यह शहर है। यहाँ किसी के पास इतनी फुर्सत नहीं कि वो आपसे बेवजह बातें करें। इस शहर के लोगों को अपनी प्राइवसी बहुत पसंद है। वे इसलिए किसी से घुलना - मिलना नहीं चाहते। प्राइवेसी समझिए उनका स्टेटस सिम्बाल है।"

  " ओह, तभी ये लोग एक-दूसरे को पहचानते नहीं हैं। भगवान न करे अगर कोई अपनी फ्लैट के अंदर ही मर जाये तो ?" अम्मा ने चिन्तित होकर पूछा।

     "तो क्या?, कई लोग तो यूँ ही मर भी जाते हैं। आस-पास के लोग जानते-पहचानते तक नहीं । अगर फ्लैट में नेम प्लेट है तो ठीक वरना बेनाम लाश को लावारिस मान लिया जाता है।"

नौकरानी ने सपाट शब्दों में कहा।

यह सुनकर अम्मा कांप उठीं ।

---


परिचय

डॉ. शैल चन्द्रा

जन्म- 9.10.66

शिक्षा- एम्.ए. बी. एड.एम्. फिल. पी. एच. डी. (हिंदी)

उपलब्धियां- अब तक पांच किताबें प्रकाशित

दो लघु कथा संग्रह 'विडम्बना', घर और घोंसला को कादम्बरी सम्मान।

राष्ट्रीय स्तर की पत्र -पत्रिकाओं में लघुकथा, कहानियां ,कविताओं का निरंतर प्रकाशन। यथा-हंस, कादम्बनी, पाखी, नारी अस्मिता, नारी का सम्बल, साहित्य प्रभा , विकास संस्कृति आदि आदि में । विभिन्न अखबारों में जैसे हरिभूमि, नई दुनिया, नवभारत, पत्रिका, दैनिक भास्कर अमृत सन्देश , देश बंधु  में लगातार रचनाएं प्रकाशित।

सम्मान एवं पुरस्कार-अनेक सम्मान प्राप्त उल्लेखनीय - नारी अस्मिता द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की लघुकथा प्रतियोगिता में सर्व प्रथम पुरस्कार प्राप्त।

सम्प्रति-प्राचार्य, शासकीय हाई स्कूल टांगापानी ,तहसील-नगरी, जिला धमतरी में  छत्तीसगढ़ में कार्यरत

संपर्क- रावण भाठा, नगरी, जिला- धमतरी

छतीसगढ़ 493778

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: डॉ.शैल चन्द्रा की 5 लघुकथाएँ - बारिश की बौछार, दोनों हाथों में लड्डू, बैकवर्ड, नई पहल, प्राइवेसी
डॉ.शैल चन्द्रा की 5 लघुकथाएँ - बारिश की बौछार, दोनों हाथों में लड्डू, बैकवर्ड, नई पहल, प्राइवेसी
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhVuiyLYf8LplSvm-XlYKFKI_ZVjPzRuQufLlYmHd8TS6G-E1r0vCSH_wzjOj8ewF2BtVWJ2wZMh9X25x8Ot0uJhY2UjkWa3bmSX1Hoo9pC1kKve7y05zVDKFtqrTKAkcDrM2yk/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhVuiyLYf8LplSvm-XlYKFKI_ZVjPzRuQufLlYmHd8TS6G-E1r0vCSH_wzjOj8ewF2BtVWJ2wZMh9X25x8Ot0uJhY2UjkWa3bmSX1Hoo9pC1kKve7y05zVDKFtqrTKAkcDrM2yk/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/07/blog-post_52.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/07/blog-post_52.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content