हिन्दू पानी - मुस्लिम पानी : साम्प्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ - 17 : ताजमहल की बुनियाद // असग़र वजाहत

SHARE:

कहानी संग्रह हिन्दू पानी - मुस्लिम पानी साम्प्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ असग़र वजाहत लेखक डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल सम्पादक भाग 1   ||  भाग 2 ...

कहानी संग्रह

हिन्दू पानी - मुस्लिम पानी

हिन्दू पानी - मुस्लिम पानी : साम्प्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ - लेखक : असग़र वजाहत, संपादक : डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल

साम्प्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ

हिन्दू पानी - मुस्लिम पानी : साम्प्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ - लेखक : असग़र वजाहत, संपादक : डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल

असग़र वजाहत

लेखक

हिन्दू पानी - मुस्लिम पानी : साम्प्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ - लेखक : असग़र वजाहत, संपादक : डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल

डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल

सम्पादक

भाग 1  ||  भाग 2  || भाग 3 || भाग 4 || भाग 5 || भाग 6 || भाग 7 || भाग 8 || भाग 9 || भाग 10 || भाग 11 || भाग 12 || भाग 13 || भाग 14 || भाग 15 || भाग 16 ||

-- पिछले अंक से जारी

भाग 17


ताजमहल की बुनियाद

यमुना के किनारे जहां आज ताजमहल खड़ा है वहां ताजमहल बनने से पहले कई हजार बीघा उपजाऊ जमीन थी। यह जमीन बिलसारी, रगबड़ी चौखेटा और अनुगर गांव के किसानों की थी। इस जमीन पर गेहूं के अलावा मौसमी सब्जियों की शानदार खेती होती थी। गर्मियों में यहां जो खरबूजा होता था वह आसपास क्या दिल्ली तक मशहूर था। ककड़ियां और खीरे तो लाजवाब होते थे। तरबूज में तो लगता था किसानों ने अपना दिल रख दिया है, पानी की कमी न थी। दोमट मिट्टी को पानी मिल जाए तो सोना उगलती है। आगरा जैसी मंडी पास थी जहां राजा, रंक और फकीर सौदा देखते थे, मोल भाव न करते थे। पर भाग्य में तो और कुछ ही लिखा था। शहंशाह शाहजहां अपनी सबसे प्यारी बेगम मुमताज महल के लिए एक ऐसा मकबरा बनवाना चाहता था जो दुनिया में बेमिसाल हो।

‘‘लेकिन शहंशाहे आलम पानी तो इमारत की बुनियाद को कमजोर कर देता है।’’ उस्ताद अहमद लाहौरी ने दरबारे खास में हाथ जोड़कर अर्ज किया।

‘‘अहमद मकबरा तो जमना के किनारे ही बनना चाहिए...मैं चांदनी रातों में, उस मकबरे का अक्स जमना के पानी में देखना चाहता हूं।’’ जहांपनाह ने कहा।

‘‘हुक्मे सरकार।’’ उस्ताद अहमद खां लाहौरी ने जमीनें देखना शुरू कर दिया। उसे ऐसी जमीन चाहिए थी जो ताजमहल जैसी इमारत को सहेज सके। उस्ताद अहमद खां लाहौरी की तजुर्बेकार आंखों ने इस्फहान, शीराज, तबरेज, बल्ख, बुखारा, समरकंद ही नहीं, बल्कि बगदाद और दमिश्क की जमीनें देखी थीं। उसने यूनान और रूम की देवियों के मकबरे देखे थे।

वह जानता था कि कौन सी जमीन का कितना बड़ा जिगर होता है। कौन-सी जमीन हवा के गुब्बारे की तरह फट जाती है और कौन सी जमीन अपने सीने पर सैकड़ों साल तक लाखों मन का बोझ उठाए रहती है। गलती उस्ताद अहमद लाहौरी की नहीं उस जमीन की थी जहां ताज बना है।

‘‘और तुम जानते हो आज क्या हो रहा है।’’

‘‘क्या?’’

‘‘चारों गांवों के किसान...अपनी जमीन वापस मांग रहे हैं।’’

‘‘नहीं...ये कैसे हो सकता है।’’

‘‘ये तो किसान भी नहीं जानते।’’

‘‘लेकिन...’’

‘‘तुम जानते हो, ताजमहल सिर्फ शाहजहां ही ने नहीं बनवाया है। ताज तो उससे बहुत पहले बनना शुरू हो गया था और बाद तक बनता रहा...अब भी बन रहा है...ताज पूरा तो नहीं हुआ है...न होगा...लेकिन किसानों का कहना है हमें हमारी जमीन चाहिए।’’

‘‘तो पुलिस...’’

‘‘देखो लोकतंत्र है...वैसे शाहजहां के समय में भी लोकतंत्र था, लेकिन तब का लोकतंत्र...’’

‘‘मतलब लोकतंत्र कमजोर हुआ है?’’

‘‘हां। और तुम्हारी मदद की - सबसे बड़ी वजह यही है।’’

‘‘बाअदब, बामुलाहिजा होशियार, शहंजाहे हिन्दोस्तान शाहजहां संसद में तशरीफ लाते हैं।’’

मीडिया दीवाना हो गया। लगा पागलखाने का दरवाजा खुल गया है। पूरे शाही लिबास में सजे-सजाए सिर पर ताज, जलाल और जमाल की मूर्ति बने शाहजहां ने संसद में प्रवेश किया। चारों तरफ रौशनी फैल गई। घंटा बजने की आवाजें आने लगीं। फरियादी आगरा के किले की दीवार से लटकती रस्सी को खींचने लगे और पूरे किले में घंटा बजने की आवाज गूंजने लगी। धीरे-धीरे घंटा बजने की आवाज तूती की आवाज में बदल गई। और वही शहनाई की आवाज में तब्दील हो गई। सांसदों ने सम्राट का स्वागत किया और सम्राट ने अपना भाषण शुरू कर दिया...

‘‘देखो, उस समय के लोग सम्राट को भगवान का अवतार मानते थे।’’

‘‘आज?’’

‘’भगवान को भी भगवान नहीं मानते।’’

‘‘फिर?’’

‘‘ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने नया अवतार लिया है।’’

‘‘कौन है वह अवतार।’’

‘‘लोकतंत्र।’’

‘‘लोकतंत्र?’’

‘‘हां।’’

‘‘वही भगवान है...अपराजेय है सर्वशक्तिमान है, दयालु...’’

‘‘सांसदों, माबदौलत आज बहुत खुश हैं...ताजमहल आज जितना खूबसूरत है...जितना बड़ा है...जितना शानदार है...जितना मजबूत है...जितना मशहूर है...उतना तो मेरे जमाने में भी नहीं था...माबदौलत आज के हाकिए वक्त यानी डेमोक्रेसी मतलब लोकतंत्र के एहसानमंद है...सरकारी खजाने में जितना सोना है उतना पहले कभी न था...’’तालियां गड़गड़ाने लगीं

‘‘आज हुकूमत सही हाथों में है...मैंने तो सिर्फ एक ताजमहल बनवाया था...आपने तो सैकड़ों ताजमहल बनवा दिए हैं...मैंने तो सिर्फ जमना के किनारे ताज बनवाया था आपने हर नदी के किनारे...मैंने तो सिर्फ 22 करोड़ खर्च किए थे आपने...’’

‘‘...यह संसद नहीं है, दीवाने आम है शहंनशाह। आपको अब अपना पता भी याद नहीं...देखिए सम्राट...इधर-उधर नजर डालिए।’’

‘‘बादशाह सलामत ताजमहल की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पानी की जरूरत है...और पानी नहीं है...जमना सूख रही है...पानी नहीं है...पानी...’’उस्ताद अहमद लाहौरी ने चीखकर कहा। वह स्पीकर की टेबुल के नीचे से निकल आया था।

‘‘उस्ताद अहमद खां तुमने ताज की बुनियाद में क्या रखा था?’’

‘‘...मैंने ताज की बुनियाद को एक हजार साल तक के लिए पक्का बना दिया था। लेकिन...’’

‘‘वहां रखा क्या था?’’

‘‘चूंकि हुक्म था कि ताजमहल जमुना के किनारे बनाया जाएं...’’

‘‘...ये लोग कहां से आ रहे हैं? सैकड़ों और फिर हजारों और फिर लोखों...ये घर में क्यों नहीं बैठते...ये बैठते क्यों नहीं...ये सब एक साथ क्यों आ रहे हैं? ये एक दूसरे से पूछते क्यों नहीं कि तुम्हारा धर्म क्या है? तुम्हारा मजहब क्या है? और फिर एक दूसरे से लड़ने क्यों नहीं लगते...खून की होली क्यों नहीं खेलते...ये एक दूसरे की जाति क्यों नहीं पूछते? ये अलग-अलग जबानें क्यों नहीं बोलते...ये सब एक जैसे क्यों लगते हैं...क्यों ऐसा है...ये सब एक दिशा में आगे क्यों बढ़ रहे हैं...बूढ़े जवानों की तरह चल रहे हैं और जवान चिड़ियां की तरह उड़ रहे हैं...’’

‘‘ताज को हटाओ।’’

‘‘कहां ले जाएं?’’
‘‘चाहे जहां ले जाओ।’’
‘‘ताज पर हमें गर्व है।’’
‘‘करते रहो।’’
‘‘ताज हमारी संस्कृति का प्रतीक है।’’
‘‘बनाए रखो।’’
‘‘ताज हमारा...?’’
‘‘...शहंनशाह में फिर अर्ज करना चाहता हूं कि ताजमहल की बुनियाद को पानी की बड़ी जरूरत है। जमुना में अब पानी नहीं है। अगर ताजमहल की बुनियाद को पानी न मिला तो...गजब हो जाएगा...हुजूरे आलम तो जानते ही हैं कि पानी के वगैर कुछ नहीं हो सकता...आदमी हो या पेड़-पौधे हों...जानवर हों या...’’
‘‘क्यों जी अब तुम ये बखेड़ा क्या खड़ा कर रहे हो?’’ एक सांसद ने कहा।
‘‘ये तुमने...पानी...पानी क्या लगा रखा है...कौन कहता है पानी की कमी है...जो कहता है उसे शर्म से पानी-पानी हो जाना चाहिए।...आज पानी पचास हजार करोड़ का उद्योग है...समझे...?’’
‘‘आलमपनाह...मैं तो कहता ही रहूंगा...पानी...पानी...और पानी।’’ उस्ताद अहमद लाहौरी ने कहा।
‘‘उस्ताद...पानी का नाम भी मत लो...’’
‘‘क्यों?’’
‘‘चुप रहो...संसद का सम्मान करो...इसे चाहे दीवाने खास समझो...चचाहे आम...
‘‘ताजमहल की बुनियाद के लिए पानी क्यों जरूरी है...उस्ताद अहमद लाहौरी?’’ शहंशाह ने पूछा।
‘‘जहांपनाह...पांच बहुत गहरे कुएं खोदे गए थे..उसमें साखू की लकड़ी भरी गई थी...साखू की लकड़ी पानी में पत्थर जैसी हो जाती है...इमारत को सहारा देती है...पानी नहीं होता...जो चटख जाती है...’’

‘‘झूठ बक रहा है उस्ताद।’’ किसी ने चीखकर कहा।

‘‘क्या झूठ?’’

‘‘ताजमहल की बुनियाद में रखी लकड़ियां पानी में मजबूत नहीं होती...’’

‘‘फिर...?’’

‘‘खून जो काम कर सकता है वह पानी नहीं कर सकता।’’

-----------------------------


क्रमशः अगले अंकों में जारी....

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: हिन्दू पानी - मुस्लिम पानी : साम्प्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ - 17 : ताजमहल की बुनियाद // असग़र वजाहत
हिन्दू पानी - मुस्लिम पानी : साम्प्रदायिक सद्भाव की कहानियाँ - 17 : ताजमहल की बुनियाद // असग़र वजाहत
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhK9muVgXcrHLkGzPvxJ69iAb1nEZdXdnB-Koj4T_D3nxc5Xj3Vc9mh6D-OdDb3ZXCj0n8KsfPtBkebBSSj3RcRIzsSkaqI7ZPjnxQ10NvE2d16Q4K8b2luIu9IZO9r1YrJhzG5/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhK9muVgXcrHLkGzPvxJ69iAb1nEZdXdnB-Koj4T_D3nxc5Xj3Vc9mh6D-OdDb3ZXCj0n8KsfPtBkebBSSj3RcRIzsSkaqI7ZPjnxQ10NvE2d16Q4K8b2luIu9IZO9r1YrJhzG5/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/07/17.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/07/17.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content