उत्तरी अमेरिका की लोककथाएँ // सात लड़ने वाले // सुषमा गुप्ता

SHARE:

देश विदेश की लोक कथाएँ — उत्तरी अमेरिका–ईकटोमी : चालाक ईकटोमी संकलनकर्ता सुषमा गुप्ता 14 सात लड़ने वाले [1] एक बार की बात है कि सात लोग लड़ने ...

देश विदेश की लोक कथाएँ — उत्तरी अमेरिका–ईकटोमी :

clip_image002

चालाक ईकटोमी


संकलनकर्ता


सुषमा गुप्ता


14 सात लड़ने वाले[1]

एक बार की बात है कि सात लोग लड़ने के लिये गये – राख, आग, ब्लैडर, टिड्डा, ड्रैगन फ्लाई, मछली और कछुआ[2]

वे सब बहुत ही तेज़ी से अपने अपने घूंसे उठा उठा कर लड़ाई के ढंग से बात कर रहे थे कि हवा का एक झोंका आया और राख को उड़ा कर ले गया।

यह देख कर दूसरे चिल्लाये — “अरे यह तो इससे लड़ ही नहीं सका। ”

बाकी के बचे छह लड़ने के लिये और तेज़ तेज़ भागे तो वे एक गहरी घाटी में चले गये। घाटी में एक नदी बह रही थी। आग सबसे आगे जा रही थी।

सो वे सब भागते भागते उस नदी के पास पहुंचे। जैसे ही आग उस नदी के पास पहुंची वह बोली “स्स्स छू” और वह तो बुझ गयी।

दूसरे बोले — “अरे यह तो इससे लड़ ही नहीं पायी। ”

अब बचे हुए पाँच लड़ने के लिये और तेज़ भागे। भागते भागते वे एक जंगल में आ पहुंचे। जब वे उस जंगल में से हो कर गुजर रहे थे तो ब्लैडर की आवाज सुनायी दी — “ए भाइयो तुम लोग इनसे ऊपर उठ कर चलो। ”

और यह कहते कहते वह वहाँ उगे पेड़ों के ऊपर से चलने लगा। वहाँ लगे काँटों वाले के काँटे उसको लग गये और वह उनकी शाखों के बीच से नीचे गिर पड़ा।

बचे हुए चार बोले — “तुमने देखा इसे? यह भी नहीं लड़ पाया। ”

इसके बाद भी वे बचे हुए लड़ने वाले वापस नहीं लौटे और लड़ने के लिये आगे बढ़ते ही गये। अब टिड्डा अपने भाई ड्रैगन फ्लाई के साथ आगे आगे चल रहा था।

चलते चलते वे लोग एक दलदल में आ पहुंचे। वहाँ कीचड़ बहुत ज़्यादा थी। जैसे जैसे वे उस कीचड़ में चलते गये टिड्डे के पैर कीचड़ में फंसते गये।

उसने अपनी टाँगें उसमें से खींची तो वह पास में पड़े एक लकड़ी के लठ्ठे पर चढ़ गया और रोते हुए बोला — “भाइयों तुम लोग देख रहे हो न। मैं अब और आगे नहीं जा सकता। तुम लोग चलो। ”

ड्रैगन फ्लाई अपने भाई के लिये रोता हुआ आगे चलता रहा। काई उसको तसल्ली नहीं दे पा रहा था क्योंकि वह अपने भाई के दुख से बहुत दुखी था। वह उसको बहुत प्यार करता था।

उसके लिये उसको जितना ज़्यादा दुख होता वह उसके लिये उतनी ही ज़ोर से रोता। इससे उसका शरीर बहुत ज़ोर से काँप जाता।

एक बार उसने अपनी रोने से सूजी हुई लाल नाक सिनकी तो उससे इतनी ज़ोर की आवाज हुई कि उसका सिर उसकी पतली सी गरदन पर आ गया और वह नीचे घास पर गिर पड़ा।

मछली ने अपनी पूंछ ज़ोर से फटकारी और बोली — “तुमने देखा कि क्या क्या हुआ? ये लोग लड़ने वाले नहीं थे। चलो लड़ने के लिये हम लोग आगे बढ़ते हैं। ”

clip_image002सो मछली और कछुआ आगे बढ़ते रहे और एक कैम्प लगाने की जगह आ गये। यहाँ टैपी[3] लगाने वाले गोल गाँव के लोग चिल्लाये “हो हो। ये छोटे छोटे लोग कौन हैं और ये यहाँ क्या कर रहे हैं?”

अब इन दोनों लड़ने वालों के पास कोई हथियार तो था नहीं। दूसरे इनकी अजीब सी शक्लों ने भी उन उत्सुक लोगों को भटका दिया।

मछली उन दोनों की तरफ से बोलने वाली थी सो वह कुछ अक्षरों के बिना बोली — “शू , , , ही पी[4]। ”

वे आदमी कुछ समझे नहीं सो वे बोले — “क्या क्या। क्या कहा। ”

मछली फिर बोली — “शू , , , ही पी। ”

हर आदमी वहाँ अपने कान पर हाथ रखे उन शब्दों को ठीक से सुनने के लिये खड़ा था पर फिर भी किसी की समझ में नहीं आया कि मछली ने क्या कहा।

फिर उस भीड़ में से बात करने में चतुर ईकटोमी बाहर आया क्योंकि जहॉ भी कोई परेशानी होती वह वहीं पहुंच जाता।

सो वह अपनी शरारती हथेलियाँ मलते हुए बोला — “ए सुनो। यह अजीब आदमी कह रहा है “ज़ूया अनहीपी”[5] यानी कि हम लड़ने के लिये आये हैं। ”

वहाँ खड़े लोग बोले — “हूं। तो हमें इस बेवकूफ जोड़े को मार देना चाहिये। ये लोग तो कुछ कर नहीं सकते। ये तो इस वाक्य का मतलब भी नहीं समझते। चलो आग जलाते हैं और इन दोनों को उबालते हैं। ”

मछली बोली — “अगर तुम हम दोनों को उबालोगे तो बहुत मुश्किल में पड़ जाओगे। ”

वहाँ खड़े लोग बहुत ज़ोर से हँसे ओर बोले “देखते हैं। ” और उन्होंने आग जला ली।

मछली बोली — “मुझे इतना गुस्सा कभी नहीं आया। ”

कछुआ फुसफुसाया — “ऐसे तो हम मर जायेंगे। ”

जब आग जल गयी और उसके ऊपर पानी उबलने लगा तो दो मजबूत हाथों ने मछली को उठाया और उसकी पूंछ पकड़ते हुए उसका मुंह नीचे करते हुए उसको उबलते हुए पानी के ऊपर ले गया और उसे उस पानी में डाल दिया।

“व्हिश” कहते हुए मछली ने बहुत सारा पानी वहाँ खड़ी भीड़ के ऊपर छिटका दिया। उस गरम पानी के छिटकने से बहुत सारे लोग जल गये और बहुत सारे देख भी नहीं सके। वे दर्द के मारे चिल्लाते हुए वहाँ से भाग निकले।

वे बोले — “इन डरावने जानवरों का हम क्या करें। ”

कुछ दूसरे बोले — “इनको हम झील के कीचड़ वाले पानी में ले चलते हैं वहाँ इनको उसमें डुबो देंगे। ”

सो तुरन्त ही वे उनको ले कर झील की तरफ दौड़े। वहाँ पहुंच कर उन्होंने मछली और कछुए दोनों को झील में फेंक दिया।

कछुआ तुरन्त ही झील के बीच की तरफ तैर गया। वहाँ पहुंच कर वह पानी में से बाहर की तरफ झाँका और भीड़ की तरफ हाथ हिलाते हुए बोला — “यही तो वह जगह है जहाँ मैं रहता हूं। यही मेरा घर है। ”

मछली भी वहाँ इतनी तेज़ी से इधर उधर तैरी कि वहाँ से उसने बहुत सारा पानी छिटका कर बाहर फेंक दिया। वह बोली “ई हैन[6]। मैं यहीं तो रहती हूं। ”

यह सुन कर तो लोग डर गये और बोले — “अरे यह हमने क्या किया। यह तो हमने उलटा ही कर दिया। ”

उनका एक अक्लमन्द सरदार बोला — “खाने वाला इया[7] आयेगा ओर इस झील को खा जायेगा। ”

सो वहाँ से एक आदमी भागा गया और खाने वाले इया को ले आया। इया वहाँ सारा दिन उस झील का पानी पीता रहा जब तक उसकी जमीन दिखायी नहीं देने लगी। इससे मछली और कछुआ दोनों कीचड़ में फँस गये।

इया बोला — “अब इनका मैं कुछ नहीं कर सकता। ”

यह सुन कर तो वहाँ खड़े लोग बहुत ज़ोर ज़ोर से रोने लगे।

ईकटोमी पानी में चल रहा था सो इया ने उसको भी निगल लिया था। अब वह इया के अन्दर से आसमान की तरफ देख रहा था।

क्योंकि इया के पेट में झील का पिये पानी इतना ऊँचा था कि हुए पानी की सतह आसमान को छू रही थी। ईकटोमी ने आसमान के उस गोले के गहरे हिस्से की तरफ देख कर सोचा मैं उस तरफ चलता हूं।

उसने इया के पेट में अपना चाकू घुसाया तो उसके पेट में भरा हुआ झील का सारा पानी नीचे गिर पड़ा जिससे सारा गाँव डूब गया।

यह पानी जब झील की अपनी जगह पर गिरा तो वहाँ फिर पानी ही पानी हो गया और मछली और कछुआ फिर से कीचड़ में से बाहर निकल आये।

वे फिर जीत का डंका बजाते हुए गाते नाचते अपने अपने घर वापस चले गये।

clip_image004

देश विदेश की लोक कथाओं की सीरीज़ में प्रकाशित पुस्तकें —

36 पुस्तकें www.Scribd.com/Sushma_gupta_1 पर उपलब्ध हैं।

नीचे लिखी हुई पुस्तकें हिन्दी ब्रेल में संसार भर में उन सबको निःशुल्क उपलब्ध है जो हिन्दी ब्रेल पढ़ सकते हैं।

Write to :- E-Mail : hindifolktales@gmail.com

1 नाइजीरिया की लोक कथाएँ–1

2 नाइजीरिया की लोक कथाएँ–2

3 इथियोपिया की लोक कथाएँ–1

4 रैवन की लोक कथाएँ–1

नीचे लिखी हुई पुस्तकें ई–मीडियम पर सोसायटी औफ फौकलोर, लन्दन, यू के, के पुस्तकालय में उपलब्ध हैं।

Write to :- E-Mail : thefolkloresociety@gmail.com

1 ज़ंज़ीबार की लोक कथाएँ — 10 लोक कथाएँ — सामान्य छापा, मोटा छापा दोनों में उपलब्ध

2 इथियोपिया की लोक कथाएँ–1 — 45 लोक कथाएँ — सामान्य छापा, मोटा छापा दोनों में उपलब्ध

नीचे लिखी हुई पुस्तकें हार्ड कापी में बाजार में उपलब्ध हैं।

To obtain them write to :- E-Mail drsapnag@yahoo.com

1 रैवन की लोक कथाएँ–1 — इन्द्रा पब्लिशिंग हाउस

2 इथियोपिया की लोक कथाएँ–1 — प्रभात प्रकाशन

3 इथियोपिया की लोक कथाएँ–2 — प्रभात प्रकाशन

नीचे लिखी पुस्तकें रचनाकार डाट आर्ग पर मुफ्त उपलब्ध हैं जो टैक्स्ट टू स्पीच टैकनोलोजी के द्वारा दृष्टिबाधित लोगों द्वारा भी पढ़ी जा सकती हैं।

1 इथियोपिया की लोक कथाएँ–1

http://www.rachanakar.org/2017/08/1-27.html

2 इथियोपिया की लोक कथाएँ–2

http://www.rachanakar.org/2017/08/2-1.html

3 रैवन की लोक कथाएँ–1

http://www.rachanakar.org/2017/09/1-1.html

4 रैवन की लोक कथाएँ–2

http://www.rachanakar.org/2017/09/2-1.html

5 रैवन की लोक कथाएँ–3

http://www.rachanakar.org/2017/09/3-1-1.html

6 इटली की लोक कथाएँ–1

http://www.rachanakar.org/2017/09/1-1_30.html

7 इटली की लोक कथाएँ–2

http://www.rachanakar.org/2017/10/2-1.html

8 इटली की लोक कथाएँ–3

http://www.rachanakar.org/2017/10/3-1.html

9 इटली की लोक कथाएँ–4

http://www.rachanakar.org/2017/10/4-1.html

10 इटली की लोक कथाएँ–5

http://www.rachanakar.org/2017/10/5-1-italy-lokkatha-5-seb-wali-ladki.html

11 इटली की लोक कथाएँ–6

http://www.rachanakar.org/2017/11/6-1-italy-ki-lokkatha-billiyan.html

12 इटली की लोक कथाएँ–7

http://www.rachanakar.org/2017/11/7-1-italy-ki-lokkatha-kaitherine.html

13 इटली की लोक कथाएँ–8

http://www.rachanakar.org/2017/12/8-1-italy-ki-lokkatha-patthar-se-roti.html

14 इटली की लोक कथाएँ–9

http://www.rachanakar.org/2017/12/9-1-italy-ki-lok-katha-do-bahine.html

15 इटली की लोक कथाएँ–10

http://www.rachanakar.org/2017/12/10-1-italy-ki-lok-katha-teen-santre.html

नीचे लिखी पुस्तकें जुगरनौट डाट इन पर उपलब्ध हैं

1 सोने की लीद करने वाला घोड़ा और अन्य अफ्रीकी लोक कथाएँ

https://www.juggernaut.in/books/8f02d00bf78a4a1dac9663c2a9449940

2 असन्तुष्ट लड़की और अन्य अमेरिकी लोक कथाएँ

https://www.juggernaut.in/books/2b858afc522c4016809e1e7f2f4ecb81

Facebook Group

https://www.facebook.com/groups/hindifolktales/?ref=bookmarks

Updated on Sep 27, 2017


[1] Warlike Seven – a folktale from Native Americans, North America.

Adapted rom the Web Site : http://www.worldoftales.com/Native_American_folktales/Native_American_Folktale_50.html

[2] Ashes, Fire, Bladder, Grasshopper, Dragon Fly, Fish and Turtle

[3] Tepee is the local type of conical huts of Native Americans in North America – see its picture above.

[4] Shu… hi pi

[5] Zuya unhipi

[6] E Han

[7] Iya, the Eater




---

सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं के संकलन में से क्रमशः  - रैवन की लोक कथाएँ,इथियोपिया व इटली की  ढेरों लोककथाओं को आप यहाँ लोककथा खंड में जाकर पढ़ सकते हैं.

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: उत्तरी अमेरिका की लोककथाएँ // सात लड़ने वाले // सुषमा गुप्ता
उत्तरी अमेरिका की लोककथाएँ // सात लड़ने वाले // सुषमा गुप्ता
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjlAulOSJXSrS8r08_bdyge9l8soSExToTsxpbS99XWGKhBps7WjdqoOKREfuunJUiG6AiE9X6brlmwDihyCLPUbgjiLvXxkbKxTSTPh6lX2mCLx-9wzOZ9ccS_aQpcPFzTYCZW/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjlAulOSJXSrS8r08_bdyge9l8soSExToTsxpbS99XWGKhBps7WjdqoOKREfuunJUiG6AiE9X6brlmwDihyCLPUbgjiLvXxkbKxTSTPh6lX2mCLx-9wzOZ9ccS_aQpcPFzTYCZW/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_78.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_78.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content