पूर्वीय अफ्रीका की लोक कथाएँ // हयीना जिसने एक लड़की से शादी की // सुषमा गुप्ता

SHARE:

देश विदेश की लोक कथाएँ — पूर्वीय अफ्रीका की लोक कथाएँ जिबूती, ऐरिट्रीया, केन्या, मैडागास्कर, रीयूनियन, सोमालिया, सूडान, यूगान्डा संकलनकर्ता ...

clip_image002

देश विदेश की लोक कथाएँ —

पूर्वीय अफ्रीका की लोक कथाएँ

जिबूती, ऐरिट्रीया, केन्या, मैडागास्कर, रीयूनियन, सोमालिया, सूडान, यूगान्डा

clip_image004

संकलनकर्ता

सुषमा गुप्ता

---

5 हयीना जिसने एक लड़की से शादी की[1]

एक समय की बात है कि पूर्वीय अफ्रीका के सोमालिया देश में दक्षिण की ओर एक बूढ़ा रहता था। जिस जगह पर वह रहता था वहाँ वह परिवार के साथ अकेला ही रहता था, आस पास में और कोई भी नहीं था क्योंकि वहाँ से दूर दूर तक की जमीन बंजर थी।

उसकी एक पत्नी व दो बेटियाँ थीं जो वहीं उसके साथ ही रहतीं थीं। धीरे धीरे उसकी बेटियाँ बड़ी हुईं। उसकी बड़ी बेटी शादी के लायक हो गयी थी सो उस आदमी को अपनी बेटी के लिये कोई दुलहा ढूँढना था।

यह उसके सामने एक उलझन खड़ी हो गयी क्योंकि वहाँ कोई ऐसा नहीं था जिससे वह अपनी बेटी की शादी कर सके।

उस बूढ़े की पत्नी अपने पति से रोज प्रार्थना करती कि वह भी परिवार सहित किसी ऐसी जगह पर चल कर रहे जहाँ और भी लोग रहते हों पर वह बूढ़ा सुनता ही नहीं था।

एक दिन उसने अपनी पत्नी को साफ साफ बोल दिया — “हमारे पुरखे यहीं रहते चले आ रहे हैं इसलिये मैं यह जगह नहीं छोड़ सकता। ”

पत्नी यह सुन कर चुप हो गयी क्योंकि अब उसके पास इसके अलावा और कोई चारा नहीं था कि वह वहीं रहे।

उधर दिन पर दिन लड़की बड़ी होती जा रही थी और साथ ही साथ और ज़्यादा सुन्दर भी होती जा रही थी। वह रोज दिन में दस बार अपने पिता से पूछती — “पिता जी, आप मेरी शादी कब करेंगे?”

बूढ़ा पिता अपनी बेटी के इस लगातार सवाल से बड़ा परेशान रहता था पर कर कुछ नहीं सकता था। समय बीतता गया, लड़की बड़ी होती गयी और उसका अपने पिता से यह सवाल पूछना भी जारी रहा।

इसी बीच एक दिन एक अजीब सी घटना घटी। वहाँ कुछ आधे आदमी और आधे हयीना की शक्ल वाले लोग आये और उस जमीन के मालिक के बारे में पूछा।

बूढ़ा आदमी घर से बाहर आया तो क्या देखता है कि कुछ आधे आदमी और आधे हयीना की शक्ल वाले लोग बहुत ही सुन्दर पोशाक पहने खड़े हैं और सबसे अधिक आश्चर्य की बात तो यह थी कि वे दूसरे देश के होते हुए भी सोमाली भाषा सोमालियों की तरह ही बोल रहे थे।

उस बूढ़े आदमी ने कहा कि वह जमीन उसी की थी। आश्चर्य के साथ वह उन सबको अन्दर ले आया और उनको वही आदर दिया जो मेहमानों को दिया जाता है। उन सबको आराम से बिठाया और फिर उनसे उनके आने की वजह पूछी।

उनमें से जो सबसे बड़ा हयीना था, वह बोला — “हमें पता चला है कि आपके घर में शादी के लायक एक सुन्दर लड़की है। अगर आप राजी हों तो मैं उसके साथ शादी करना चाहता हूँ। ”

इस अनोखी बात को सुन कर तो वह बूढ़ा बहुत ही ज़्यादा परेशान हुआ कि वह अपनी इतनी सुन्दर बेटी की शादी उस आधे आदमी और आधे हयीना के साथ कैसे कर दे।

दूसरी तरफ उसे अपनी बेटी के दिन में दस बार पूछा जाने वाला सवाल भी याद आया — “पिता जी, आप मेरी शादी कब करेंगे?”

हयीना ने देखा कि वह बूढ़ा आदमी कुछ पशोपेश में पड़ा है सो उसने कहा — “आप सोच लीजिये हम फिर आ जायेंगे। हमें कोई जल्दी नहीं है। ”

उस बूढ़े ने उन सबको पक्के जवाब के लिये अगले दिन आने को कहा और वे सब अगले दिन आने का वायदा करके राजी खुशी घर चले गये।

उन सबको विदा करके उस बूढ़े ने ये सब बातें अपनी पत्नी और बेटी को बतायीं और यह भी बताया कि उसने उनको अभी तक पक्की हाँ या ना नहीं की है। आखिरी जवाब के लिये वे लोग कल आयेंगे।

तो लड़की तो यह सुनते ही बहुत ज़ोर से रो पड़ी और माँ तो बहुत ही उदास हो गयी।

पिता ने अपनी बेटी को किसी प्रकार समझा बुझा कर चुप किया और समझाया कि वे लोग सब अपनी ही भाषा में बात कर रहे थे और वे आदमी के रूप में ही थे इसलिये उसको कल उससे शादी कर लेनी चाहिये।

लड़की बहुत दुखी थी और वह उस आधे आदमी और आधे हयीना से शादी करने के लिये कतई तैयार नहीं थी। पर अन्त में उसके पिता ने उसको समझा बुझा कर शादी करने पर राजी कर ही लिया।

उसने अपनी बेटी को यह भी तसल्ली दी कि अगर वह आदमी बेकार निकला तो वह उसका उससे तलाक का इन्तजाम भी कर देगा।

उसने उसको यह भी समझाया कि मुसलमान होने की वजह से उन लोगों को और भी आजादी है। वे चार शादियाँ तक कर सकते हैं और यह तो उसकी पहली शादी है अभी तो वह तीन शादियाँ और भी कर सकती थी। सो आखिर वह लड़की मान गयी।

अगले दिन जब वे आधे आदमी और आधे हयीना फिर से उसके घर आये तो बूढ़े ने उनको बताया कि वह अपनी बेटी की शादी उससे करने के लिये राजी है। शादी की सारी रस्में उसी के घर में उसी दिन पूरी की जायेंगी।

यह सुन कर वह हयीना तो बहुत ही खुश हुआ। वह यह सोच कर फूला नहीं समा रहा था कि उसकी शादी एक आदमी की लड़की से हो रही थी।

दहेज आदि तय किया गया और फिर कुछ दिनों तक दोनों तरफ शादी की तैयारियाँ ही चलतीं रहीं। इस बीच उस हयीना को आदमियों वाला खाना खाना पड़ा और वह अपने प्रिय खाने नहीं खा सका।

शादी की रस्में पूरी होने के बाद हयीना के दोस्त अपने अपने घरों को वापस चले गये। हयीना को शादी के बाद अपनी पत्नी के घर में ही रहना था। उन दोनों के लिये उनका घर बहुत ही सुन्दर सजाया गया था। बेटी को भी खूब सजाया गया था।

पत्नी ने जब पति को सजे हुए पलंग पर बैठने को कहा तो पति बोला — “यह पलंग मेरा नहीं है। ”

पत्नी यह सुन कर हैरान रह गयी। फिर वह कुछ सोच कर कमरे में रखी एक कुरसी उठा लायी और उसको पल्ांग के पास रखते हुए बोली — “तो आप यहाँ बैठें। ” पर उसका पति वहाँ भी नहीं बैठा।

पत्नी फिर एक चटाई ले आयी और उसको जमीन पर बिछाते हुए बोली — “तो आप यहाँ बैठें। ”

लेकिन पति ने फिर वही दोहराया — “यह चटाई मेरी नहीं है। ”

यह सुन कर पत्नी को बड़ा गुस्सा आया। वह गुस्से में भर कर पति को मकान के बाहर वाले दरवाजे के पास ले गयी और उसको मकान के बाहर बैठने को कहा।

यह सुन कर पति बहुत खुश हुआ और वह वहीं जा कर बैठ गया। उसने अपनी पत्नी से कहा — “हाँ अब तुम मुझको समझी हो। ”

पत्नी बहुत ही अक्लमन्द थी। हालाँकि वह पति की इस बात पर ज़रा भी परेशान नहीं हुई पर फिर भी उसको वह सब अच्छा नहीं लगा।

वह उसको वहाँ बाहर बिठाने के बाद पति के लिये शादी में बने खास स्वाददार खाने ले कर आयी और उसको खाना खाने के लिये कहा तो पति ने फिर पहले की तरह ही कहा — “यह मेरा खाना नहीं है। ”

इस बात पर पत्नी को फिर बड़ा गुस्सा आया। वह सोचती थी कि शादी के बाद का जीवन बहुत अच्छा होगा परन्तु यहाँ तो सब कुछ उलटा ही हो रहा था।

फिर उसने सोचा कि हयीना की पसन्द का खाना कौन सा हो सकता है। यह सोचते हुए वह अन्दर गयी, उसने कच्चे माँस का एक बड़ा टुकड़ा लिया, उसको मिट्टी में लपेटा और राख से भरे बरतन में रख कर उसके सामने रख दिया।

पति वह खाना देख कर बहुत ही खुश हुआ और उसने वह खाना बड़े प्रेम से खाया।

पत्नी को अब पूरा विश्वास हो गया कि उसके पति के अन्दर भाषा के अलावा और कोई भी गुण आदमी का नहीं है। वह ऐसे पति के साथ और अधिक नहीं रह सकती थी और अब उससे पीछा छुड़ाना चाहती थी।

वह तुरन्त ही अपने पिता के पास गयी और बोली — “पिता जी, आपने मेरी शादी एक जंगली हयीना से कर दी है। वह तो बिल्कुल ही जंगली हयीना है। ”

ऐसा कह कर उसने अब तक की घटी सब घटनाएँ अपने पिता को बता दीं। यह सब सुन कर घर के सब लोग इस मामले पर विचार करने के लिये इकठ्ठा हुए कि लड़की का तलाक कैसे कराया जाये।

उस मीटिंग में वह हयीना भी शामिल था जिससे उस लड़की की शादी हुई थी। बूढ़ा उस मीटिंग का सरदार था।

बूढ़े ने हयीना से पूछा — “मैने अपनी बेटी की शादी तुमसे की है इसलिये मुझे यह जानने का पूरा पूरा हक है कि तुम लोगों के बीच क्या झगड़ा है। ”

हयीना बोला — “मैं आदमियों के तौर तरीके अपना कर अपने तौर तरीके नहीं बदल सकता क्योंकि वे हमारे पुरखों ने हमारे लिये बनाये हैं। और न ही मैं अपना जीवन आदमियों की तरह से जी सकता हूँ। ”

बूढ़ा बोला — “तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। और अगर ऐसा है तो अब तुमको दोनों में से एक को चुनना होगा। या तो अपने रीति रिवाजों को और या मेरी बेटी को। बोलो तुम किसको चुनना चाहते हो। ”

यह सुन कर हयीना गुस्से में भर गया और वहाँ से उठ खड़ा हुआ और बोला — “आदरणीय ससुर जी, यह मेरे लिये बड़े अपमान की बात होगी अगर मैं अपने पुरखों के बनाये रीति रिवाज छोड़ दूँ इसलिये मैं अपनी पत्नी को छोड़ता हूँ। ”

और ऐसा कह कर वह वहाँ से उठ कर जंगल की तरफ भाग गया कि कहीं वे लोग उसे पकड़ कर वापस घर न ले आयें।

यह कहानी हमें जीवन के दो सच बताती है। एक तो यह कि कोई भी जीव अपने वातावरण में ही ठीक रहता है।

दूसरा यह कि कोई भी हो, चाहे वह आदमी हो या जानवर, अपने आपको बहुत ज़्यादा नहीं बदल सकता इसलिये किसी को भी दूसरी तरह के आदमी के साथ सोच समझ कर रहना चाहिये।



[1] Hyena Who Married a Girl – a folktale of Somalia, Eastern Africa

---

सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं के संकलन में से सैकड़ों लोककथाओं के पठन-पाठन का आनंद आप यहाँ रचनाकार के लोककथा खंड में जाकर उठा सकते हैं.

***

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: पूर्वीय अफ्रीका की लोक कथाएँ // हयीना जिसने एक लड़की से शादी की // सुषमा गुप्ता
पूर्वीय अफ्रीका की लोक कथाएँ // हयीना जिसने एक लड़की से शादी की // सुषमा गुप्ता
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgr5j6SIEajv0sooPK4S7j7mi9EbuUIOo2VqblxykU0hEpP6OeJbXJqnEO6ZgZkmU_2YVBpaPBKmgkCJ5T8LP0Qafb_uPa0qS_ZflORyYvj-d2OHxmBH_3a0h-KU0QtdqSGhXwr/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgr5j6SIEajv0sooPK4S7j7mi9EbuUIOo2VqblxykU0hEpP6OeJbXJqnEO6ZgZkmU_2YVBpaPBKmgkCJ5T8LP0Qafb_uPa0qS_ZflORyYvj-d2OHxmBH_3a0h-KU0QtdqSGhXwr/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_427.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/05/blog-post_427.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content