संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 41 : उसने कहा था // अशोक कुमार शुक्ला

SHARE:

प्रविष्टि क्र. 41 उसने कहा था अशोक कुमार शुक्ला वह जमाना सामाजिकता का था। आस पड़ोस के लोग घंटों एक दूसरे के पास बैठा करते थे। यह तो याद नहीं...

image

प्रविष्टि क्र. 41

उसने कहा था

अशोक कुमार शुक्ला


वह जमाना सामाजिकता का था। आस पड़ोस के लोग घंटों एक दूसरे के पास बैठा करते थे। यह तो याद नहीं कि कौन सा महीना था लेकिन इतना याद है कि किराये के जिस घर में हमारा परिवार रहता था उसके सामने क्यारी में गेंदा खूब खिला था। वो हमारे पड़ोस में ही रहती थी और सुबह-सुबह पूजा के लिये ताजे फूल तोड़ने उस क्यारी तक आती थी।
किसी का भी पौधों से फूल तोड़ना मुझे कभी नहीं सुहाया लेकिन उसे मैंने कभी इसके लिये टोका भी नहीं, यह अक्षरशः सच है। कहने को तो मैं पढाई करने के लिये सुबह उठ जाता था लेकिन सच्चाई यह है कि उठकर अपने कमरे का परदा कुछ इस तरह खिसका देता कि कमरे के अंदर अपनी चारपाई पर बैठे-बैठे ही मुझे फूलों की क्यारी नजर आती रहे।

आंख किताब में गड़ी होती लेकिन मन परदे सिलवटों के बीच खुली दरारों में झांक रहा होता जहां से वह क्यारी नजर आती थी। वह भी जब फूल लेने आती तो उसका ध्यान फूल तोड़ने से ज्यादा मेरे कमरे के दरवाजे पर टंगे परदे पर ज्यादा होता। मैं गौर करता कि वो कनखियों से मेरे कमरे के अंदर झांकने की कोशिश करा करती थी। कई सुबह तक यह सिलसिला चला तो एक शाम कुछ ऐसा संयोग बना कि वह अपनी मां के साथ मेरे घर पर ही दिख गयी। मांजी मेरी छोटी बहन बेबी के साथ वो लोग अपने कमरे में बैठे थे। मां के कमरे में पड़े दीवान पर चारों लोग बैठे थे। ठंढ से बचाव के लिये चारों ने अपने पांव पर एक कम्बल में डाल रखे थे। मैंने अवसर का लाभ उठाया और हाथ में चाय का प्याला पकड़े-पकड़े मैं भी उस कमरे में दाखिल हो गया। बहन बेबी और वो एक ओर बैठी थीं और मां और आन्टी एक ओर।

”आन्टी जी…! नमस्ते…!!” कहता हुआ मैं चालाकी से मां और उनके बीच दाखिल होकर वार्तालाप में शामिल हो गया। कुछ ही देर में मैंने भी उस कम्बल के भीतर अपने पांव पसार लिये। इस कवायद में अनायास ही मेरे पैर के अंगूठे का पोर सामने बैठी उनके पांव से छू गया। हालांकि मैंने ऐसा जानबूझ कर नहीं किया था लेकिन अनायास घटित इस घटना ने मन के तारों को झनझना दिया। मैंने अपने मन में सितार जैसा कुछ बजता हुआ सा अनुभव किया। सामने बैठी उनके चेहरे आंखों में कुछ पढ़ पाता इससे पहले ही छोटी बहन बेबी ने निश्छलता से टोक दिया-
”दद्दा जी…! पांव समेटकर ठीक से बैठिये ना। आपका पांव लगने से मुझे गुदगुदी हो रही है।”

मैं सकपका गया। तुरंत अपने पांव तो समेट लिये लेकिन मन को न समेट सका। उस शाम इसके बाद की बातचीत में मैं सामान्य न रह सका। अब मेरे अंदर उनकी ओर देखने का साहस भी नहीं बचा था। हालांकि ऐसा कोई अपराध नहीं हुआ था लेकिन जाने क्यूं मन ही मन अपराध-बोध अनुभव हो रहा था। शीघ्र ही मैं वहां से उठकर अपने कक्ष में आ गया और न जाने क्या सोचने लगा। मुझे याद है उस रात मैंने कुछ पंक्तियां लिखी थीं जिसमें स्वयं को राक्षस प्रदर्शित किया था। कुछ इस तरह –
”क्या मैं रक्तबीज हूं ?
मेरे मन की दुर्गा …!
बार-बार मार देती है मुझे
लेकिन फिर-फिर जीवित हो उठता हूं
अंतःस्थल में,
जबकि जानता हूं कि
इन ढेरों पुस्तकों में ही है
मेरे आराध्य
यही से खुलेगा मुक्ति का मार्ग …..आदि …..आदि….

मुझे ठीक से याद भी नहीं कि वो लोग कितनी देर तक वहां रूके ओर कब चले गये। जैसे वह रात भी मेरे लिये सामान्य रात जैसी नहीं थी ठीक इसी तरह अगली सुबह भी सामान्य सुबह नहीं थी। उस सुबह मैं मन को दृढ़ंता से रोका और सामान्य दिनो की तरह उठकर कमरे के दरवाजे पर टंगे परदों को हलका सा खिसका कर उसकी सिलवटों के बीच वह झिरी जैसी नहीं बनायी जैसी प्रत्येक सुबह बनाता था और आंख किताब में आंख गडाने का उपक्रम करते हुये कनखियों से परदे की सिलवटों के बीच खुली दरारों में झांक रहा होता जहां से गेंदे के फूल वाली वह क्यारी नजर आती थी।
उस सुबह वह जब फूल लेने आयी तो मेरे कमरे के दरवाजे पर टंगे परदों को नयी मुद्रा में देखकर जरूर उसके मन को खटका हुआ होगा तभी तो उसके कदम क्यारी की सीमा लांधकर बरामदा पार कर परदे के पास तक आ पहुंचे थे। वहां पर पहुंच कर कुछ सोचकर ठिठकी और बोली-
”क्या अभी तक सो रहे हो भाई जी ?”
उसका यह कदम मेरे लिये अप्रत्याशित था। मैंने इस दृष्य की कल्पना सपने में भी नहीं की थी सो हड़बडाया सकपका सा मैं क्या जवाब देता। जुबान ने अपना काम अनायास किया और स्वतःस्फूर्त प्रतिउत्तर निकल गया –
”नहीं… नहीं… उठ गया हूं और पढ़ रहा हूं । तुम यहां कैसे?”
वह शायद पूर्ण सोच विचार के बाद मेरे कक्ष के पास तक आयी थी इसलिये मेरे आमंत्रण की प्रतीक्षा किये बिना ही उसने परदे की सिलवटों के एक सिरे को अपने एक हाथ से हटाया और दूसरे हाथ में गेंदे के फूल पकड़े पकड़े वह कक्ष के भीतर दाखिल हो गयी। मैं तो जैसे विचारशून्य और जड़ हो गया।
”…ब ….ब…. बै…..बैठो…..!” से इतर कुछ न कह सका। बगल में सो रहे छोटे भाई मनोज की ओर इशारा करते हुये उसने पुनः पूछा –
”मनोज भैया नहीं उठे अभी तक ? ये कब उठते हैं?”


मैंने उसके प्रश्नों के औपचारिक उत्तर दिये लेकिन अपनी मनःस्थित सामान्य न कर सका। कुछ सेकेन्ड वहां रूकने के बाद शायद वह मेरा संकोच और मनःस्थिति को भॉप गयी तो बोली-
”एक बात बताओ ? कल शाम कम्बल के भीतर तुमने जानबूझ कर मेरी ओर पांव बढाये थे ना? ”
मुझे काटो तो खून नहीं रहा। इस तरह की स्थिति और ऐसे प्रश्न की मैंने कभी कल्पना ही नहीं की थी। मैं चुप रहा कुछ न बोला। उसने एक बार फिर पूछा- ”बताओ ना ….! ”
इस बार का उसका बताओ ‘ना’ कहने का अंदाज इतना अनोखा था और उसमें भी ‘ना’ शब्द के साथ उसकी गर्दन की लचक…., और आग्रह…., किसी को भी अभिभूत कर सकता था। इसके बावजूद मैं जड़ ही बना रहा और कुछ नही बोला । वह स्वयं मेरी पढाई की मेज टटोलने लगी तो राइटिंग पैड के उपर फंसा कागज का वह टुकडा उसकी नजर में आ गया जिस पर लिखा था –
”क्या मैं रक्तबीज हूं ?
मेरे मन की दुर्गा …!
बार-बार मार देती है मुझे
लेकिन फिर फिर जीवित हो उठता हूं
अंतःस्थल में,
क्या मैं रक्तबीज हूं ?
………..”
उसने झट से पैड से वह कागज निकाल लिया और समेटकर अपनी कुर्ती के भीतर कर लिया। और तुरंत अपने हाथ से मेरे सिर पर थपकी जैसी मार कर बोली-
”तुम पागल हो …! मनोज को जगाते क्यों नहीं ? आखिर कब तक सोयेगें ये महाशय?”
फिर बिजली जैसी तेजी से उस कमरे से बाहर निकल गयी। यह सब घटनाक्रम इतनी तेजी से घटित हुआ कि मुझे संभलने का मौका ही नहीं मिला। मैं तो अब अपने सिर पर दी गयी उसकी थाप के आनन्दातिरेक में था और यह पंक्तियां लिखते हुये आज भी सोच रहा हूं कि #उसने_कहा_था –
”तुम पागल हो …!”

अशोक कुमार शुक्ला

संर्पक सूत्रः- तपस्या, 2-614,सेक्टरएच,जानकीपुरम् , लखनऊ(उ0प्र0) पिन-226021

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 41 : उसने कहा था // अशोक कुमार शुक्ला
संस्मरण लेखन पुरस्कार आयोजन - प्रविष्टि क्र. 41 : उसने कहा था // अशोक कुमार शुक्ला
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRfcnJ_MSE53TcG4KVt0u7eLa8JJ-zRjH7WlEERXl6qtfcGPCksVbGa1etJAFsQ5GnJWBcXyXTKUOLFrqlTdyxLOWtUq4Ydzbw0ZjeemEajxXlq34ratXKy1Qvzc_JFtbrXb1Y/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRfcnJ_MSE53TcG4KVt0u7eLa8JJ-zRjH7WlEERXl6qtfcGPCksVbGa1etJAFsQ5GnJWBcXyXTKUOLFrqlTdyxLOWtUq4Ydzbw0ZjeemEajxXlq34ratXKy1Qvzc_JFtbrXb1Y/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2018/02/41.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2018/02/41.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content