हे नदी तुम मत मरो // सुशील शर्मा

SHARE:

एक नदी केवल मीठे पानी जल धारा नहीं है अपितु जल विज्ञान, भू-भूमिक, पारिस्थितिक,जैव विविधता समृद्ध, परिदृश्य स्तर प्रणाली है जो ताजे पानी चक्र...

image

एक नदी केवल मीठे पानी जल धारा नहीं है अपितु जल विज्ञान, भू-भूमिक, पारिस्थितिक,जैव विविधता समृद्ध, परिदृश्य स्तर प्रणाली है जो ताजे पानी चक्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नदी एक प्राकृतिक, जीवित, कार्बनिक , जल विज्ञान और पारिस्थितिक प्रणाली है। यह सिर्फ एक बहती जल धारा नहीं है यह एक साथ कई कार्य करती है। यह जलीय जीवन और वनस्पति का समर्थन करती है; मनुष्य, उनके पशुधन और वन्य जीवन को पीने के पानी उपलब्ध कराती  है; सूक्ष्म जलवायु को प्रभावित करती है; भूजल पुनर्भरण; प्रदूषण को कम करती  है और खुद को शुद्ध करती  है; आजीविका की एक विस्तृत श्रृंखला को बनाए रखती  है; गाद को स्थानांतरित करती  है और मिट्टी को समृद्ध करती  है; सही स्तर पर अपनी लवणता रखने के लिए समुद्र को आवश्यक मीठे पानी प्रदान करती  है; समुद्र से लवणता के आक्रमण को  रोकती  है; समुद्री जीवन में पोषक तत्व प्रदान करती  है;यह बर्फबारी, वर्षा, सतह के पानी और भूजल के बीच गतिशील संतुलन प्रदान करती है और अपने वाटरशेड के माध्यम से लोगों और पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए सामाजिक और आर्थिक सेतु के रूप में अपनी सेवाएं देती है।

हम लोगों का अस्तित्व नदियों के कारण हैं। भारत प्रमुख नदियों के किनारों पर ही विकसित हुआ है। मोहनजो-दारो और हड़प्पा जैसी हमारी प्राचीन सभ्यतायें   जल के साथ पैदा हुईं थी ,और जब नदियों ने वहां से अपने रास्ते बदले तो ये सभ्यताएं इतिहास के गाल में समा गयीं। आज, हमारी नदियां हर साल 8% कम हो रही हैं; इसका मतलब है कि हमारी सभी नदियों 20 वर्षों में मौसमी हो जाएगी।भारत एक गंभीर पानी संकट की ओर बढ़ रहा है और उपचारात्मक उपायों को स्थगित नहीं किया जा सकता है। पीने की ज़रूरतों, उद्योगों और ऊर्जा क्षेत्र के बाद सिंचाई के करीब 80% पानी की मांग है।

क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी का केवल 3% ताजा पानी है? और उस 3% से, 2 / 3 भाग  ग्लेशियरों और ध्रुवीय बर्फ टोपी में जमी है। इसका मतलब है कि पृथ्वी के मीठे पानी की आपूर्ति का केवल 1% उपयोग के लिए सुलभ है! यही कारण है कि हमारे पास सीमित मात्रा में पानी की रक्षा करना इतना महत्वपूर्ण है

तनाव का एक स्पष्ट संकेत वार्षिक प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता है। यह 1 9 51 में 5177 क्यूबिक मीटर था, जो 2011 में 1545 घन मीटर से घटकर 1700 घन मीटर पर आंकी गई पानी के तनाव के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के मुकाबले गिरावट आई थी। हालांकि, जलविज्ञान के राष्ट्रीय संस्थान ने भारत में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 2010 में सिर्फ 9 38 घन मीटर में उपलब्ध कर दी है और उम्मीद है कि यह 2025 तक 814 घन मीटर हो जाएगा।

नदियों को हमेशा भारत में पूजा की जाती है, और फिर भी वे आज दु: खद स्थिति में हैं। देश में कई नदियां घट रही हैं या मर रही हैं। जीवित, स्वस्थ नदियां ढूंढना मुश्किल है, और यहां तक कि जो कुछ भी मौजूद हैं उनमें गिरावट का खतरा हैं। यमुना की गिरावट इन प्रवृत्तियों का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है यमुना 1400 किमी लंबी नदी व्यवस्था है जिसमें लगभग 30 सहायक नदियों का निर्माण होता है, जो कि एक बार बारहमासी और पवित्र नदी थी जो हमारे पौराणिक कथाओं (कृष्ण काल  और महाभारत महाकाव्य काल ) और इतिहास (दिल्ली के प्राचीन शहरों का हिस्सा था) मथुरा और आगरा उस पर खड़े हैं। आज, नदी एक सीवर से ज्यादा कुछ नहीं है।

लोग आपातकालीन समाधान चाहते हैं और ये समाधान नीति निर्माताओं को नदियों का आपस में जोड़ने और भूमि के अधिक क्षेत्रों में पानी देने की कोशिश करने का प्रयास की ओर ले रहे हैं। यह समाधान और भी विनाश कारी है क्योंकि इस पर हम न केवल भारी मात्रा में पैसा खर्च करेंगे साथ ही एक बड़ी पारिस्थितिक आपदा पैदा करेंगे। इसके वैकल्पिक उपाय के लिए हमें नदियों के बारे में अपनी सोच बदलनी होगी हमें सोच में जागरूकता पैदा करनी होगी। हम आज नदियों से कैसा सुलूक कर रहे हैं इस पर सोचना होगा और उनकी बेहतरी के लिए हम क्या कर सकते हैं , इसके बारे में जागरुकता पैदा करना होगी । हमें लोगों को नदियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए जागरूकता अभियान की आवश्यकता है ; तभी यदि हम लाभदायक समाधान प्रदान कर सकते हैं। हम लोगों को हमारी नदियों को बचाने के प्रेरित करें । हम हर साल करीब एक लाख लोगों को पेड़ लगाने और अगले दस सालों तक पोषण करने और हरे रंग की आवरण के नीचे भारी मात्रा में जमीन लाने के लिए प्रोत्साहित करें और उनका मार्गनिर्देशन का काम कर सकते हैं। इस प्रकार हम मानसून को नियमित रूप से आने के लिए आमंत्रित करेंगे। हम अपने नदियों को जहर से रोक सकते हैं यह एकमात्र व्यापक समाधान है जो नदियों को जोड़ने के लिए लागत का 10% से अधिक नहीं खर्च करेगा।

नदियों और धाराओं को सुरक्षित रखने के तरीके

धार्मिक क्रियाकलापों से नदियां  उतनी दूषित नहीं हो रही जितनी कि तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या, जीवन के निरंतर ऊंचे होते हुए मानकों, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के हुए अत्यधिक विकास के कारण मैली हो रही है। अधिकांश नदियों के प्रदूषित होने का सबसे बड़ा कारण सीवेज है। बड़े पैमाने पर शहरों से निकलने वाला मल-जल नदियों में मिलाया जा रहा है जबकि उसके शोधन के पर्याप्त इंतजाम ही नहीं हैं।

1. व्यापक मानचित्र और स्ट्रीम के जैविक, भूवैज्ञानिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और भूमि उपयोग घटकों के आंकड़ों को इकट्ठा करना होगा । इससे मौजूदा अवसरों और समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी और अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।

अतिक्रमण की स्थिति में व्यापक निगरानी प्रणाली बनें :नदियों के विधिक इकाई बनाए जाने के बाद व्यावहारिक दृष्टिकोण से क्या परिवर्तन अपेक्षित है। नदी जिस जिस प्रदेश व जिले से होकर गुजरती है वहां के अधिकारी मुख्य सचिव एवं महाधिवक्ता तथा जिलाधिकारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाय।

2.  सामुदायिक जलप्रभावों को पुनर्जीवित करने और पुनर्स्थापित करना। स्वस्थ riverfronts आर्थिक समृद्धि और जीवन की एक उच्च गुणवत्ता प्रदान करते हैं।

3. एक सफल जल ट्रेल तैयार करना होगा इसमें उन हितधारकों की साझेदारी को सुनिश्चित करना होगा जो  निरंतर नदियों से जुड़े हैं। ( इनमे नदियों के आसपास के भूमि मालिक, स्थानीय और राज्य एजेंसियां, शहर एवं गांव की पंचायतें उनके अधिकारी, नदी उत्साही, शिक्षक,छात्र  वाटरशेड समूह, स्थानीय व्यापारी ,आदि शामिल हैं। ) पानी  और नदी के मुद्दे पर हमें एक जुटता दिखानी होगी।

4. नदी के किनारे की वनस्पतियों और मार्श की रक्षा करना होगी , जो जैविक रूप से विविध वन्य जीवन समुदायों को संरक्षित करते हैं हैं। नदी के नीचे cottonwoods और उनसे  जुड़े गीले भूमि पौधों मिट्टी और पानी की बहुतायत होती है ये  प्राकृतिक बाढ़ नियंत्रण और पानी निस्पंदन में सहायता कारक होते हैं । आर्द्रभूमि वनस्पतियां निवासी और प्रवासी पक्षियों और जानवरों को आश्रय प्रदान करती हैं। ये नदी की प्राण वायु हैं  और पानी के तापमान को स्थिर करती हैं ।

5. सहायक नदियों झीलों तालाबों पोखरों तथा खादरों को पुनर्जीवित करना :- बरसात में वृहत स्तर पर जल संचयन किया जाना चाहिए। उस समय जल की उपलब्धता रहती है। इसलिए मूल नदी से इतर हर छोटी बड़ी स्रोतों को संपुष्ट किया जाना चाहिए। इससे मूल नदी में भी पानी की कमी नहीं होने पाती और भूजल का स्तर भी गिरने से बचा रहता है।

6.  नदियों को गटर बनने से रोकना होगा हम सभी नदियों और नदियों के आसपास सफाई करने के लिए प्रतिबद्ध हो जिससे  उनमें जो कूड़ा भरा हुआ है उसे नष्ट कर सकें।यह कूड़ा वन्यजीव, पानी की गुणवत्ता और जंगली जगह की खूबसूरती के लिए हानिकारक है।

7. इन्स्ट्रीम प्रवाह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई प्रणाली, बांधों और सेवन संरचनाओं और नहरों को संशोधित प्रणाली को अपनाना होगा इससे । पानी के उपयोग और दक्षता के विज्ञान में होगा, जिससे पानी के उपयोग को लंबे समय तक अनुबंधित किया जा सकता है और इससे आर्थिक लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है। इससे पानी के उच्च प्रवाह और उसके जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

8.  नदी को स्वाभाविक रूप से अपने बाढ़ के मैदान पर कब्जा करने और गैर-संरचनात्मक विकल्प का उपयोग करके अपने बैंकों को स्थिर करने की प्रणाली को विकसित करना होगा।

9. नदी के आसपास की जमीन के मालिकों के साथ काम करने एवं उनको नदी के वास्तविक स्वरुप और उसके पानी के उपयोग के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान की आवश्यकता है।

10.  निर्मलता एवं अविरलता नदी का मूल अधिकार :- सामान्य रूप से किसी नदी के अधिकार उसकी निर्मलता एवं अविरलता ही हैं। ये दोनों चीजें आपस में स्वाभाविक रूप से जुड़ी हुई भी हैं। नदी का जीवन उसका प्रवाह होता है और उसमें बाधा उत्पन्न होने से नदी के टूटने व विलुप्त होने की संभावना बढ़ जाती है।

11.  बाढ़ के मैदान में उचित भूमि उपयोग को बढ़ावा देना बाढ़ के मैदान के भीतर विकास बाढ़ क्षेत्र से दूर निर्देशित किया जा सकता है।

12. पशुधन चराई प्रथाओं को बढ़ावा देना जो घास के मैदानों को बाढ़ के प्रति प्रतिरोधक बनाते हैं।

13. नदीयों  के तट के सभी गाँवों और शहरों को खुले में शौच से मुक्त किया जाये।

14. नदी के दोनों ओर बहने वाले सभी  नालों के पानी को नदी  में जाने से रोकने के सुनियोजित प्रयास किये जायें।

15. नदी के दोनों ओर हम सघन व़क्षारोपण करेंगे ताकि नदी में जल की मात्रा बढ़ सके।

16. सभी घाटों पर शवदाह गृह, स्नानागार और पूजा सामग्री विसर्जन कुण्ड बनाये जायें ताकि नदी को पूर्णत: प्रदूषण रहित रखा जा सके।

17. पानी की मांग फसल पैटर्न, बेकार की प्रथाओं को रोकने, और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने जैसे कमजोर कदमों पर कार्य करने की आवश्यकता है।

18. नदियों के कर्तव्य और उत्तरदायित्व संरक्षित व सुरक्षित :- कानूनी व्यक्तित्व के रूप में मान्यता के बाद नदियों के कर्तव्य और उत्तरदायित्व भी होने चाहिए और इसके लिए सरकार और समाज ही जिम्मेदार हैं।

नदी एवं उसके जल प्रबंधन पर कुछ कानून 

वर्तमान में नदी एवं उसके जल प्रबंधन पर कुछ कानून और  कुछ प्रासंगिक अधिनियमों और प्रावधानों में निम्नलिखित शामिल हैं:

 राज्य सिंचाई और ड्रेनेज अधिनियम

 अंतरराज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम, 1 9 56

 नदी बोर्ड अधिनियम, 1 9 56

 अंतरराज्यीय जल विवाद न्यायाधिकरण पुरस्कार

 ईआईए अधिसूचना, सितम्बर 2006

73 वें और 74 वां संवैधानिक संशोधन के माध्यम से विकेन्द्रीकरण के प्रयास किये गए है इनमे अनुसूचित क्षेत्र अधिनियम, 1996 के लिए पंचायत एक्सटेंशन प्रमुख है। ब्रिटिश काल में, नदी संरक्षण अधिनियम (1884 के मद्रास एक्ट IV) 5 नामक एक अधिनियम था।हालांकि, इसे पढ़ने पर, नदी के भीतर भूमि के उपयोग को विनियमित करने के बजाय ऐसा लगता है कि यह एक ऐसा अधिनियम है जो न सिर्फ नदी के भीतर के जल विनिमय को अभिरक्षित करता है बल्कि नदी के बहार भी पानी के संरक्षण के लिए उपयोगी है। इसमें जल विनिमन की संक्षिप्त में समीक्षा की गई है।इसके  प्रमुख तत्वों में राष्ट्रीय नदियों की नीति, नदी क्षेत्र विनियमन, बाढ़ के मैदान शामिल हैं।सुरक्षा, जलग्रहण प्रबंधन, स्थानीय जल प्रणालियों, आर्द्रभूमि और वनों की सुरक्षा, सुनिश्चित करना मौजूदा बाँध, पनबिजली परियोजनाओं और विचलन से भी बारहमासी नदियों में मीठे पानी का प्रवाह और  भविष्य की ऐसी परियोजनाओं से, जिनमे प्रदूषण नियंत्रण शासन संचालित होता है, जिसमें प्राकृतिक प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके और पश्चिमी घाटों, पूर्वोत्तर भारत और हिमालयी राज्यों में  नदियों, विश्वसनीय निवारण तंत्र,अन्य तत्वों के बीच अनुपालन सुनिश्चित करना प्रमुख है ।

विकास और सभ्यता के बारे में  हमारे विचारों का बदलाव ही  हमारी नदियों को बचाएगा।  नदियों को बचाना हमारी दुनिया को बचाने और खुद को बचाने का हिस्सा होना चाहिए तभी हम अपने आपको सभ्य कहलाने योग्य बनेंगे।

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: हे नदी तुम मत मरो // सुशील शर्मा
हे नदी तुम मत मरो // सुशील शर्मा
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEibdtJp2m9w5hBvYOBnml-y1w7zr5sc0mU8CdHKLaAfYtYd1YJxgU6FIHc6nxi6-DJBnntH_cFdgEz53r4sKDdoEAoTSOSi2kEZF8rHjbJQj27uRcPzOm37-Ap5RFrK75xd9MgJ/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEibdtJp2m9w5hBvYOBnml-y1w7zr5sc0mU8CdHKLaAfYtYd1YJxgU6FIHc6nxi6-DJBnntH_cFdgEz53r4sKDdoEAoTSOSi2kEZF8rHjbJQj27uRcPzOm37-Ap5RFrK75xd9MgJ/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/12/blog-post_31.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/12/blog-post_31.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content