अच्छा साहेब तथा अन्य लघुकथाएँ - अंकुश्री

SHARE:

अच्छा साहेब यों तो नये साहेब से कोई खुश नहीं था. उनके आने से सबका काम बढ़ गया था. लेकिन महिला टंकक बाड़ा नये साहेब से सबसे अधिक नाखुश थी; क्यो...

image

अच्छा साहेब

यों तो नये साहेब से कोई खुश नहीं था. उनके आने से सबका काम बढ़ गया था. लेकिन महिला टंकक बाड़ा नये साहेब से सबसे अधिक नाखुश थी; क्योंकि टंकण का काम ज्यादा बढ़ गया था.

नये साहेब के बारे में कार्यालय में चर्चा होती रहती थी. अन्य कर्मचारी मुंह दबा कर बोलते थे. लेकिन बाड़ा खुलकर उनकी शिकायत किया करती थी.

आठ-दस दिन बाद ही साहेब को मालूम हुआ कि उनके कार्यालय में एक महिला टंकक भी है. दूसरे दिन ही साहेब ने यात्रा का कार्यक्रम बना लिया. यात्रा पर जाने से पहले साहेब बाड़ा को बुला कर बोले, ''स्टेनो बाबू छुट्टी में हैं, कैम्प में कुछ टाइप करना होगा, मशीन लेकर तुम भी साथ चलो.''

यात्रा से वापस आने के बाद बाड़ा काफी खुश थी. दूसरे दिन ही कार्यालय के काम के लिये एक दूसरा टंकक बहाल कर लिया गया. बाड़ा के जिम्मे मात्र यात्रा के दौरान टंकण करना रह गया.

अब कार्यालय के अन्य कर्मचारियों से बाड़ा कहने लगी, ''नये साहेब बहुत अच्छे आदमी हैं.'' उसे यात्रा में जाने पर यात्रा भत्ता तो मिलता ही था, वहां साहेब उसे कोई-न-कोई कीमती उपहार भी दिया करते थे. और कार्यालय में उसे काम करने से छुटकारा मिल गया था वह अलग.

--0--

अश्लील दृश्य

एक फिल्म निर्माता को फिल्म में अश्लील दृश्य नहीं देना था. लेकिन कम से कम नृत्य का दृश्य नहीं होने से फिल्म में मजा नहीं आ रहा था. नृत्य के दृश्य से दर्शकों को बांधा जा सकता था, जो फिल्म की सफलता के लिये आवश्यक माना जा रहा था. किंतु समस्या यह थी कि नृत्य को भी लोग अश्लील मान रहे थे. बेचारा निर्माता बहुत परेशान था.

परेशानी में पड़े निर्माता को देख कर उसका लेखक मित्र बोला, ''फिल्म में महाविद्यालय की चर्चा है. आप ऐसा करें कि छात्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के बहाने कृष्णलीला पर आधारित एक नाटिका दिखा दें. कृष्णलीला में कृष्ण के इर्द-गिर्द राधा और उनकी सहेलियों को छूट कर नचवाया जा सकता है.''

''बहुत अच्छा विचार है,'' निर्माता ने कहा, ''कृष्णलीला एक धार्मिक प्रावधान है.''

''बिलकुल !'' लेखक मित्र ने जवाब दिया, ''कृष्णलीला का दृश्य देखने के लिये धार्मिक लोगों की भीड़ लगेगी ही, राधा-कृष्ण की प्रेमलीला देखने के लिये अन्य लोगों की भीड़ भी उमड़ पड़ेगी.''

लेखक की राय सुन कर निर्माता की परेशानी खत्म हो गयी.

---0---

दहेज का खर्च

शादी के एक साल के अंदर ही नागेन्द्र को सरकारी नौकरी मिल गयी. पड़ोसी महेश को भी सरकारी नौकरी मिली और उसकी शादी हो गयी. शादी में महेश को काफी दहेज मिला.

महेश को मिले दहेज से नागेन्द्र की मां जल-भून गयी. काले-कलूटे महेश को इतना दहेज मिला, जबकि उसका बेटा नागेन्द्र तो बहुत सुंदर और गोरा है. उसे ऐसा लगने लगा कि वह बेटा की शादी में ठगा गयी है. नागेन्द्र के पिता बैंक मैं मैनेजर थे और घर से किराये से भी अच्छी कमाई होती थी.

नागेन्द्र की मां ने कुछ सोचा. जोड़-घटाव करने पर हिसाब आया कि यदि पोस्टमार्टम वाले डाक्टर को दस हजार, थानेदार को बीस हजार और अखबार वालों तथा अन्य पर बीस हजार खर्च किया जाये तो मामला पचास हजार में सलट जायेगा.

दूसरे दिन सुबह-सुबह पुलिस की जीप देख कर मुहल्ले वालों को पता चला कि मैनेजर साहेब की बहू किचन में खाना बना रही थी, गैस रिसने से आग लग गयी और - - - - जो बात कही गयी, वही साबित भी हो गयी.

अगले साल की प्रतीक्षा किये बिना घर में दूसरी बहू आ गयी, वह भी काफी दहेज लेकर. शहर के सबसे बड़े होटल में प्रीतिभोज के दिन सबों ने कहा, ''मैनेजर साहेब ने दिल खोल कर खर्च किया है.'' विदाई पाकर रिश्तेदार भी काफी खुश थे.

---0---

पारसमणि का चमत्कार

नदी किनारे कुछ दिनों से एक साधु रहने लगे थे. गांव वाले उन्हें आचार्यजी कहते थे. गांव वालों को किसी तरह पता चला कि उनके पास एक पारसमणि है. पारसमणि उनके पास बेकार पड़ा था. यदि वह गांव वालों को मिल जाये तो वे प्रति दिन टनों लोहा का सोना बना लें. लेकिन उनकी कुटिया में जाकर पारसमणि मांगे कौन ? किसी को हिम्मत नहीं हो रही थी.

गांव के चार नवयुवकों ने हिम्मत की. वे आचार्य जी से मिलने आये. अभी वे कुटिया से कुछ दूर ही थे कि उन्हें दो आदमी अंदर जाते दिखे. आचार्य जी से एकांत में मिलना था, इसलिये नवयुवकों की टोली एक पेड़ के पास रुक गयी.

एक नवयुवक को जिज्ञासा हुई कि कुटिया में जाने वाले दोनों व्यक्ति कौन हैं. चुपके से कुटिया के पीछे जाकर उनकी बातें सुनने लगा. आचार्यजी कह रहे थे, ''कल तो इतना ही आया था, ले जाओ ! खबर मिली है कि पचहत्तर किलो सोना समुद्री मार्ग से चल चुका है, आज रात तक यहां पहुंच जायेगा.'' आचार्यजी ने आगे कहा, ''कल रात हमारा एक आदमी हांगकांग जाते समय पकड़ा गया है. मैंने आदेश दे दिया है कि कुछ उगलने से पहले उसे खत्म कर दिया जाये.''

अंदर की बातें सुन कर कुटिया के पीछे खड़े युवक के पैर कांपने लगे. वह दबे पांव वहां से खिसक गया. उसे भी अपनी जान की चिंता हो गयी. बैठे-बैठे दूर-दूर तक आदेश देने वाले आचार्यजी को यदि पता चल जाये कि कोई कुटिया के पीछे खड़ा उनकी बातें सुन रहा है तो उसकी खैर नहीं है. भय से उसके हृदय की गति बढ़ गयी और पैर कांपने लगें. कुटिया में सुनी बातें उसने भयवश किसी से नहीं बतायी.

उसने मित्रों को मनगढ़ंत बातें सुना दी, ''आजार्यजी की कुटिया में पारसमणि के चमत्कार से प्रकाश फैल रहा है. लेकिन उस प्रकाश में दो खतरनाक नाग भी मौजूद हैं, जो जोर-जोर से फुफकार रहे हैं. उस खतरनाक नाग के सामने जाने वाले की मौत निश्चित है.''

नागों की फुफकार की बात सुन कर गांव के सभी लोग ? डर गये. फिर किसी ने आचार्य जी की कुटिया की ओर जाने की हिम्मत नहीं की.

--0--

सहयोगी

पत्नी का पत्र नहीं आने वे वह चिंतित था -कहीं वह नाराज तो नहीं हो गयी है ! नहीं, ऐसा नहीं हो सकता. पिछले पत्रों में नाराज़गी दूर करने के लिये वह बहुत कुछ समझा चुका है.

यात्रा से वह आज ही वापस आया है. तीन दिन पहले यात्रा में जाने से पहले वह स्वयं डाकघर गया था. कोई डाक नहीं थी. आज भी कोई पत्र नहीं मिलने से वह बहुत निराश हो गया. टहलते-टहलते वह लेट कर सोचने लगा कि महीने भर से उसे हर दिन पत्र के लिये निराश होना पड़ रहा है.

वह उठ कर टहलने लगा. उसकी शादी के आज अस्सी दिन हुए हैं. शादी के बीस दिन बाद उसकी पत्नी मैके चली गयी थी. वहीं बी0 ए0 फाइनल में पढ़ रही है. जाने से दो दिन पूर्व बातचीत के दौरान पत्नी ने कहा था, ''आपको नौकरीशुदा लड़की की जरूरत थी तो मुझसे शादी नहीं करनी चाहिये थी.'' उसने सोचा था कि बी0 ए0 के दो साल में एक ही साल बाकी है. उसके बाद पत्नी को बी0 एड0 करवा देगा तो किसी विद्यालय में शिक्षिका की नौकरी अवश्य मिल जायेगी.

शादी के बाद पत्नी के मैके चले जाने से वह परिवार में रह कर भी अकेला-अकेला महसूस कर रहा था. वह सोच रहा था कि शादी हुई है साथ रहने के लिये या मैके में रहने के लिये. लेकिन दूसरे ही क्षण उसके दिमाग में बात आयी कि पढ़ाई और नौकरी के लिये ऐसा करना आवश्यक है. साथ रखने के मोहवश पत्नी की पढ़ाई बाधित हो जायेगी और सोचे गये भविष्य का सारा ताल-मेल ही बिगड़ जायेगा.

नहीं चाहते हुए भी सोचने का उसका क्रम नहीं टूट रहा था. पत्नी के नौकरी नहीं करने से इतने बड़े परिवार के समक्ष भूखमरी की नौबत आ जायेगी. बहनों की शादी में लिये गये कर्ज से अभी वह मुक्त नहीं हो पाया है और आगे भी खर्च ही खर्च दिखायी दे रहा है. आर्थिक तंगी के कारण भाई-बहनों को नगरपालिका के पाठशालाओं में भेज कर गाली-गलौज और मास्टरसाहेबों की आरामतलबी की ट्रेनिंग ही दिलवा पाया है. परिवार के लोगों को ऐसा भोजन मिलता है, जिससे कामचलाऊं ढंग से पेट भर जाये. उस भोजन को पौष्टिक तो कहा ही नहीं जा सकता. संतुलित और पौष्टिक आहार की बातें उसके लिये पूरी तरह किताबी हैं. शरीर ढंकने के लिये पूरी तरह कपड़ा नहीं जुटा पाता है. उसने सोचा कि अगली पीढ़ी को ऐसी अभिशप्त जिन्दगी की परछाईं से भी दूर रखेगा. उसे पांच सौ मिलता है और पत्नी भी नियुक्त होकर पांच सौ कमाने लगे तो आने वाली संतान का भविष्य कुछ ठीक हो जायेगा.

उसने तय कर लिया कि उसकी पत्नी मैके में रह कर बी0 ए0 की पढ़ाई पूरी करेगी. तभी वह सहयोगी साबित हो सकेगी. मगर वह पत्र क्यों नहीं भेज रही है ! - - समझा ! रुपये नहीं भेजने से वह नाराज हो गयी है. पहले हर दो दिनों पर पत्र आता था. अभी एक माह से कोई पत्र नहीं आया है.

वह बैठे-बैठे पत्र के बारे में सोच ही रहा था कि डाकिया आ गया. वह दौड़ कर पत्र लिया. पत्र पत्नी का नहीं, मित्र का था, बकाया रुपये के लिये तकादा भेजा था.

मित्र के पत्र के बारे में वह आगे नहीं सोच पाया. उसके दिमाग में पत्नी और उसके अप्राप्त पत्र की बात घूम रही थी. उसने सोचा कि उसकी गरीबी के कारण पत्नी ने उसके साथ रहने का विचार तो नहीं बदल दिया ! नहीं, वह ऐसा नहीं कर सकती. साथ-साथ जिंदगी बिताने के लिये सात फेरे ली है. - - - लेकिन अगले ही क्षण उसके दिमाग में एक बात उभर कर सामने आ गयी. आज के आर्थिक युग में शादी के फेरे का कितना महत्व बच पाया है. -- - फेरा लेना या कसमें खाना कितना प्रासंगिक रह गया है ?-- - आगे सोचना उसे संभव नहीं लग रहा था. वह उठ कर फिर टहलने लगा.

--0--

अंकुश्री

प्रेस कॉलोनी, सिदरौल,

नामकुम, रांची (झारखण्ड)-834 010

E-mail : ankushreehindiwriter@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: अच्छा साहेब तथा अन्य लघुकथाएँ - अंकुश्री
अच्छा साहेब तथा अन्य लघुकथाएँ - अंकुश्री
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj5zB9DKIbZn77QZZo6U1pnIAdP-6ostnrSITNEOepPCs1INZ5ym1lxdYj82oXoJV6LjSTE8DRE_nfCeJ1RlL1kZ9p50koipCulGUMRAncS5limU_51TPLlml_Q1RayyYsmY0Z_/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj5zB9DKIbZn77QZZo6U1pnIAdP-6ostnrSITNEOepPCs1INZ5ym1lxdYj82oXoJV6LjSTE8DRE_nfCeJ1RlL1kZ9p50koipCulGUMRAncS5limU_51TPLlml_Q1RayyYsmY0Z_/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/12/blog-post_19.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/12/blog-post_19.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content