देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–8 : 12 मोर का पंख // सुषमा गुप्ता

SHARE:

12 मोर का पंख [1] एक बार की बात है कि एक राजा की दोनों ऑखें जाती रहीं और उसको दोनों ऑखों से दिखायी देना बन्द हो गया। डाक्टरों को दिखाया गया...

clip_image002

12 मोर का पंख[1]

एक बार की बात है कि एक राजा की दोनों ऑखें जाती रहीं और उसको दोनों ऑखों से दिखायी देना बन्द हो गया। डाक्टरों को दिखाया गया पर कोई डाक्टर यह नहीं बता पा रहा था कि उसको हुआ क्या था।

जब उनको यह ही नहीं पता चल रहा था कि उसको हुआ क्या था तो वे राजा का इलाज भी कैसे करें और उसकी ऑखों की रोशनी कैसे वापस लायें। अन्त में एक डाक्टर बोला कि उसकी ऑखों की रोशनी वापस लाने का एक ही तरीका है और वह है मोर का पंख।

इस राजा के तीन बेटे थे। उसने अपने तीनों बेटों को बुलाया और पूछा — “बच्चों, क्या तुम मुझे प्यार करते हो?”

तीनों बेटे बोले — “पिता जी, यह कैसा सवाल है? आप हमको हमारी ज़िन्दगी से भी ज़्यादा प्यारे हैं।”

राजा बोला — “तब बेटा तुम मेरे लिये एक मोर का पंख ले कर आओ ताकि मेरी ऑखों की रोशनी वापस आ सके। जो भी मुझे मोर का पंख ला कर देगा मेरा राज्य उसी को मिलेगा।” सो उसके तीनों बेटे मोर का पंख लाने चल दिये।

राजा के दो बड़े बेटे यह नहीं चाहते थे कि उनका छोटा भाई उनके साथ आये पर वह उनसे पीछे रहना नहीं चाहता था सो वे तीनों एक साथ ही चले।

चलते चलते वे एक जंगल में घुसे और थोड़ी देर में ही रात हो गयी। रात बिताने के लिये वे तीनों एक पेड़ पर चढ़ गये और उस पेड़ की शाखों पर ही सो गये।

सुबह सबसे छोटे बेटे की ऑख सबसे पहले खुली। वह पेड़ पर से उतरा। उसने सुबह सुबह मोर की आवाज सुनी तो वह उसी ओर चल दिया। चलते चलते वह एक साफ पानी के फव्वारे के पास आ पहुँचा।

वहाँ वह पानी पीने के लिये झुका और जब पानी पी कर उसने अपना सिर उठाया तो उसने हवा में एक मोर का पंख उड़ कर नीचे आता हुआ देखा। उसने और ऊपर देखा तो कुछ चिड़ियाँ भी ऊपर उड़ रही थीं। बस उसने वह मोर का पंख उठा कर अपनी जेब में रख लिया।

जब बड़े भाइयों को पता चला कि उनके छोटे भाई को मोर का पंख मिल गया है तो वे जलन से भर उठे क्योंकि उन्होंने सोचा कि अब उनको तो पिता का राज्य मिलेगा नहीं और उनके छोटे भाई को पिता का राज्य मिल जायेगा।

उन्होंने बिना किसी हिचक के, बिना एक पल भी सोचे विचारे उसको पकड़ लिया। दोनों ने उससे उसका मोर का पंख ले लिया। फिर एक भाई ने उसको पकड़ा, दूसरे ने उसको मार दिया और दोनों ने मिल कर उसे वहीं गाड़ दिया।

उस पंख को ले कर वे अपने पिता के पास वापस आ गये और उनको वह पंख दे दिया। राजा ने उसको अपनी ऑखों से छुआया तो उसकी ऑखों की रोशनी वापस आ गयी।

जैसे ही उसको दिखायी देना शुरू हुआ तो उसने पूछा — “तुम्हारा छोटा भाई कहाँ है?”

“ओह पिता जी, अगर आप जानते। हम लोग जंगल में सो रहे थे कि एक जानवर आया। वही उसको ले गया होगा क्योंकि तभी हमने उसको आखिरी बार देखा था।”

राजा को अपने उन दोनों बेटों की यह सफाई कुछ समझ में नहीं आयी पर उसके पास और कोई चारा नहीं था सो वह बेचारा अपने छोटे बेटे के दुख में केवल रो कर ही रह गया।

clip_image004इस बीच उस छोटे भाई को जहाँ गाड़ा गया था वहाँ एक सुन्दर सा सरकंडे का पेड़[2] उग आया। एक आदमी उधर से गुजर रहा था तो उसको वह सरकंडा दिखायी दे गया।

उसने सोचा यह तो बहुत ही सुन्दर सरकंडा है मैं इसको काट लेता हूँ और इससे चरवाहे वाला बाजा बनाऊँगा। उसने वही किया। उसने उसमें से थोड़ा सा सरकंडा काट लिया और उसका एक बाजा बना लिया।

जब उसने उसको बजाने के लिये उसके ऊपर अपने होठ रखे तो उस बाजे ने गाया —

ओ चरवाहे, जिसने मुझे पकड़ रखा है मुझे धीरे से बजाना मुझे चोट न पहुँचे

उन्होंने मुझे मोर के पंख के लिये मार दिया, मेरा भाई यकीनन धोखेबाज था

यह गीत सुन कर चरवाहे ने सोचा कि अब तो मेरे पास यह बाजा है तो मैं अब भेड़ चराना छोड़ दूँगा। मैं अब सारी दुनिया में घूमूँगा और यह बाजा बजा बजा कर अपनी रोजी रोटी कमाऊँगा। उसने भेड़ चराना छोड़ दिया और नैपिल्स[3] चल दिया।

वहाँ जा कर वह सड़कों पर घूम घूम कर अपना वह चरवाहों वाला बाजा बजाने लगा।

एक बार वह वहाँ के राजा के महल के पास से गुजर रहा था कि राजा ने उसका बाजा सुना तो अपने महल से बाहर झाँका और बोला — “ओह कितना मीठा संगीत है।”

फिर उसने अपने एक नौकर से कहा कि वह उस आदमी को अन्दर बुला कर लाये जो वह बाजा बजा रहा था। नौकर उस चरवाहे को अन्दर बुला कर ले गया। वह चरवाहा अन्दर गया तो उसने राजा के दरबार में अपना वह बाजा बजाया।

राजा को वह संगीत अच्छा लगा तो राजा बोला कि वह भी उसको बजाना चाहता था। चरवाहे ने वह बाजा राजा को दे दिया। राजा ने उस बाजे को बजाया तो उसमें से आवाज आयी —

ओ पिता जी, जिसने मुझे पकड़ रखा है, मुझे धीरे से बजाना मुझे चोट न पहुँचे

उन्होंने मुझे मोर के पंख के लिये मार दिया, मेरा भाई यकीनन धोखेबाज था।

यह सुन कर राजा ने रानी से कहा — “प्रिये, ज़रा इस बाजे को तो सुनो और फिर तुम भी इसको बजा कर देखो।” यह कह कर राजा ने वह बाजा अपनी रानी को दे दिया। रानी ने जब उसको बजाया तो उसमें से आवाज आयी —

ओ माँ, जिसने मुझे पकड़ रखा है, मुझे धीरे से बजाना मुझे चोट न पहुँचे

उन्होंने मुझे मोर के पंख के लिये मार दिया, मेरा भाई यकीनन धोखेबाज था

यह सुन कर रानी की तो बोलती ही बन्द हो गयी। उसने उस बाजे को अपने बीच वाले बेटे से बजाने के लिये कहा। बीच वाले बेटे ने अपने कन्धे उचकाये और कहा कि ये सब बेकार की बातें है।

पर जब रानी ने उससे जिद की तो उसे बजाना ही पड़ा। जैसे ही उसने वह बाजा बजाया उसमें से आवाज आयी —

ओ मेरे भाई,

पर वह बाजा तो वहीं रुक गया क्योंकि उसका वह भाई तो पत्ते की तरह काँप रहा था। उसने काँपते हाथों से वह बाजा अपने बड़े भाई के हाथों में दे दिया और बोला “अब तुम बजाओ”।

पर बड़े भाई ने उसे बजाने से इनकार कर दिया और चिल्लाया — “क्या इस चरवाहे के बाजे को बजा कर तुम पागल हो गये हो?”

अब की बार राजा चिल्लाया — “मैं कहता हूँ कि तुम इस बाजे को बजाओ।”

यह सुन कर बड़ा भाई तो पीला पड़ गया पर क्या करता पिता का हुकुम था सो उसको वह बाजा बजाना पड़ा। उसने बाजा बजाया तो उस बाजे में से निकला —

ओ मेरे भाई, जिसने मुझे मारा, मुझे धीरे से बजाना मुझे चोट न पहुँचे

तुमने मुझे मोर के पंख के लिये मारा, तुम यकीनन धोखेबाज हो

ये शब्द सुन कर राजा तो दुख से पागल हो कर वहीं फर्श पर गिर पड़ा। फिर जब सँभला तो चिल्लाया — “ओ नीच लड़कों, तुमने वह मोर का पंख खुद लेने के लिये मेरे बच्चे और अपने सबसे छोटे भाई को मार दिया? तुम लोग कितने नीच हो, उफ़।”

उसने अपने उन दोनों बेटों को आग में जला कर मारने का हुकुम दे दिया और उस चरवाहे को चौकीदारों का कैप्टेन बना दिया।

राजा ने अपनी बची हुई जिन्दगी अपने महल में अकेले रह कर ही गुजार दी। अब वह चरवाहा बस बाजा ही बजाता रहता था।



[1] The Peacock Feather (Story No 180) – a folktale from Italy from its Province of Caltanissetta.

Adapted from the book : “Italian Folktales”, by Italo Calvino”. Translated by George Martin in 1980.

[2] Translated for the “Reed” plant – see its picture above.

[3] Naples is a port and historical city of Italy just South of Rome on Italy’s West coast.

------------

सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं के संकलन में से क्रमशः  - रैवन की लोक कथाएँ,  इथियोपिया इटली की  ढेरों लोककथाओं को आप यहाँ लोककथा खंड में जाकर पढ़ सकते हैं.

(क्रमशः अगले अंकों में जारी….)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–8 : 12 मोर का पंख // सुषमा गुप्ता
देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–8 : 12 मोर का पंख // सुषमा गुप्ता
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEip1FfHa5QoB0C-3hyC3vCS5PMkU7pfBsjd-76OAMJEAJ41jL2A_BHokBXtckrT_Z585DTGKqrUeK8JsW1kxSMJ7AaaIz6N1VBSLKMfC4dD4MD6OUvMOLGYrdu0XddGTiYCPDhN/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEip1FfHa5QoB0C-3hyC3vCS5PMkU7pfBsjd-76OAMJEAJ41jL2A_BHokBXtckrT_Z585DTGKqrUeK8JsW1kxSMJ7AaaIz6N1VBSLKMfC4dD4MD6OUvMOLGYrdu0XddGTiYCPDhN/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/12/8-12-italy-ki-lokkatha-mor-pankh.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/12/8-12-italy-ki-lokkatha-mor-pankh.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content