देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–10 : 8 गौडमदर लोमड़ी // सुषमा गुप्ता

SHARE:

8 गौडमदर लोमड़ी [1] एक बार की बात है कि एक गौडमदर [2] लोमड़ी थी और एक गौडमदर बकरी थी। गौडमदर लोमड़ी के पास एक छोटा सा घर था जिसमें छोटी छोटी क...

clip_image004

8 गौडमदर लोमड़ी[1]

एक बार की बात है कि एक गौडमदर[2] लोमड़ी थी और एक गौडमदर बकरी थी। गौडमदर लोमड़ी के पास एक छोटा सा घर था जिसमें छोटी छोटी कुरसियाँ थीं, छोटे छोटे प्याले थे, छोटी छोटी प्लेटें थीं। थोड़े में कहो तो उसका घर बहुत अच्छा सजा हुआ था।

एक दिन गौडमदर बकरी कहीं बाहर गयी तो वह गौडमदर लोमड़ी का घर साथ ले गयी। यह देख कर गौडमदर लोमड़ी रोने लगी कि तभी वहाँ पर एक कुत्ता भौंकता हुआ आया और गौडमदर लोमड़ी से पूछा — “तुम क्यों रो रही हो गौडमदर लोमड़ी?”

गौडमदर लोमड़ी रोते हुए बोली — “गौडमदर बकरी मेरा घर ले गयी है अब मैं क्या करूँ।”

कुत्ता बोला — “चुप हो जाओ गौडमदर लोमड़ी। तुम रोओ नहीं। मैं उससे तुम्हारा घर तुम्हें वापस दिलवा दूँगा।”

सो कुत्ता गौडमदर बकरी के पास गया और उससे कहा — “तुम गौडमदर लोमड़ी का घर क्यों ले कर आयीं तुम उसका घर वापस कर दो।”

गौडमदर बकरी बोली — “मैं गौडमदर बकरी हूँ। मेरे पास एक तलवार है और अपने सींगों से मैं तुमको फाड़ कर रख दूँगी।” जब कुत्ते ने यह सुना तो वह वहाँ से चला गया।

फिर एक भेड़ गौडमदर लोमड़ी के पास से गुजरी तो उसने भी गौडमदर लोमड़ी को रोते देखा तो उससे पूछा — “तुम क्यों रो रही हो गौडमदर लोमड़ी?”

गौडमदर लोमड़ी ने उससे भी वही कहा जो उसने कुत्ते से कहा था कि “गौडमदर बकरी मेरा घर ले गयी है अब मैं क्या करूँ।”

सुन कर भेड़ ने भी गौडमदर लोमड़ी को तसल्ली दी और वह भी गौडमदर बकरी के पास गयी और उससे गौडमदर लोमड़ी का घर वापस करने के लिये कहा तो गौडमदर बकरी ने उसको भी वही जवाब दिया जो उसने कुत्ते को दिया था।

“मैं गौडमदर बकरी हूँ। मेरे पास एक तलवार है और अपने सींगों से मैं तुमको फाड़ कर रख दूँगी।”

वह जवाब सुन कर भेड़ भी उससे डर कर वहाँ से वापस चली आयी।

इस तरह कई जानवर गौडमदर लोमड़ी से यह पूछने आये कि वह क्यों रो रही थी और लोमड़ी ने सबसे यही कहा कि गौडमदर बकरी उसका घर ले गयी है वह इसलिये रो रही है।

सबने गौडमदर लोमड़ी से उसका घर वापस दिलवाने का वायदा किया पर गौडमदर बकरी का जवाब सुन कर किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह गौडमदर लोमड़ी का घर गौडमदर बकरी से वापस ला सके।

गौडमदर लोमड़ी के पास आने वालों जानवरों में एक चूहा भी था। उसने भी गौडमदर लोमड़ी से पूछा — “तुम क्यों रो रही हो गौडमदर लोमड़ी?”

गौडमदर लोमड़ी रोते हुए बोली — “गौडमदर बकरी मेरा घर ले गयी है अब मैं क्या करूँ?”

चूहा बोला — “चुप हो जाओ गौडमदर लोमड़ी। रोओ नहीं। मैं उससे तुम्हारा घर तुम्हें वापस दिलवा दूँगा।”

गौडमदर लोमड़ी ने सोचा इतने बड़े बड़े जानवर तो मेरा घर वापस कराने का वायदा करके गये पर कोई मेरा घर मुझे वापस नहीं दिला सका यह छोटा सा चूहा बेचारा क्या कर पायेगा। पर उसके पास तो और कोई चारा ही नहीं था।

सो चूहा भी गौडमदर बकरी के पास गया और उससे कहा — “देखो गौडमदर बकरी, तुम गौडमदर लोमड़ी का घर तुरन्त वापस कर दो नहीं तो तुम्हारी खैर नहीं।”

गौडमदर बकरी बोली — “क्या? तुम देख नहीं रहे कि मैं गौडमदर बकरी हूँ। मेरे पास एक तलवार है और अपने सींगों से मैं तुमको फाड़ कर रख दूँगी।”

यह सुन कर चूहा एकदम बोला — “और तुम देख नहीं रहीं कि मैं गौडफादर चूहा हूँ। मेरे पास लोहे का एक डंडा है जिसको मैं आग में गरम करके तुम्हारी पूँछ पर चिपका दूँगा।”

यह सुन कर तो गौडमदर बकरी बहुत डर गयी और उसने तुरन्त ही गौडमदर लोमड़ी का घर वापस कर दिया। गौडमदर लोमड़ी अपना घर वापस पा कर बहुत खुश हुई।

सो जो काम इतने बड़े बड़े जानवर नहीं कर पाये वह काम एक छोटे से चूहे ने कर दिया।

clip_image002

नोट :—

इस कहानी के एक और रूप में एक बकरी एक नन के बिस्तर के नीचे फँस जाती है।

सो वहाँ से बाहर निकलने के लिये वह अपने पड़ोसियों को अपनी सहायता के लिये पुकारती है – एक कुत्ता, एक सूअर, एक मकड़ा ताकि वे उसको वहाँ से बाहर निकाल सकें पर केवल मकड़ा ही इस काम को कर पाता है। वह भी नन को ऐसी ही धमकी देता है जैसी इस कहानी में चूहे ने गौडमदर बकरी को दी थी।

यह कहानी नपोली में

यह कहानी इटली के नपोली शहर में भी कही सुनी जाती है। इस कहानी में एक बुढ़िया को चर्च में झाड़ू लगाते समय एक पैनी मिल जाती है जैसे “सैक्सटन की नाक” कहानी में सैक्सटन को मिलती है। वह यह नही समझ पाती कि वह उससे क्या खरीदे।

अन्त में वह उसका आटा खरीद लेती है ओर उसकी पुडिंग बनाती है। पुडिंग बना कर वह उसको मेज पर रख देती है और फिर से चर्च चली जाती है पर चर्च जाते समय घर की खिड़की बन्द करना भूल जाती है।

उसके जाने के बाद बकरियों का एक झुंड उधर से गुजरता है तो उस झुंड में से एक बकरी को पुडिंग की खुशबू आती है। वह खिड़की पर चढ़ जाती है ओर उस बुढ़िया की सारी पुडिंग खा जाती है।

जब वह बुढ़िया घर वापस आती है और अपने घर का दरवाजा खोलने की कोशिश करती है तो वह उसे खोल नहीं पाती क्योंकि एक बड़ी बकरी उस दरवाजे के पीछे खड़ी है। यह देख कर बुढ़िया रोने लगती है। उसको रोता देख कर बहुत सारे जानवर उसके पास रुक कर उसके रोने की वजह जानना चाहते हैं। वे भी उसके घर में घुसने की कोशिश करते हैं पर बकरी उन सबको यही जवाब देती है कि “अगर तुम यहाँ से नहीं गये तो मैं तुमको खा जाऊँगी।”

यह सुन कर सारे जानवर डर जाते हैं और वहाँ से भाग जाते हैं पर चूहा कहता है — “मैं गौडफादर चूहा हूँ। मेरे पास एक बहुत बड़ा डंडा है अगर तुम यहाँ से नहीं भागीं तो में उससे तुम्हारी ऑखें निकाल लूँगा।”

यह सुन कर बकरी वहाँ से भाग जाती है। वह बुढ़िया गौडफादर चूहे के साथ अपने घर में घुसती है फिर बाद में उससे शादी कर लेती है। उसके बाद वे दोनों बहुत दिनों तक खुशी खुशी रहते हैं।

ऐसी ही एक कहानी फ्लोरैन्स में

ऐसी ही एक कहानी इटली के फ्लोरैन्स शहर में भी कही सुनी जाती है। वहाँ इसका टाइटिल है “लोहे की बकरी”[3]। उसमें एक विधवा नहाने के लिये बाहर जाती है और अपने बेटे को घर छोड़ जाती है। और उससे कह जाती है कि वह घर का दरवाजा खुला न छोड़े ताकि वह लोहे के मुँह और लोहे की जीभ वाली लोहे की बकरी घर में न आ जाये।

कुछ समय बाद वह लड़का अपनी माँ के पीछे पीछे चल देता है। जब वह आधे रास्ते पहुँचता है तो उसको ध्यान आता है कि वह तो घर का दरवाजा खुला ही छोड़ आया है। वह वापस घर जाता है। घर पहुँच कर वह देखता है कि उसके घर में तो लोहे की बकरी घुस आयी है।

वह पूछता है “यहाँ कौन है?”

“यह मैं हूँ लोहे के मुँह और लोहे की जीभ वाली लोहे की बकरी। अगर तुम घर के अन्दर घुसोगे तो में तुम्हें शलगम[4] की तरह से काट दूँगी।” यह सुन कर बेचारा लड़का घर की सीढ़ियों पर ही बैठ गया और रोने लगा।

clip_image006एक और बड़ी उम्र की स्त्री उधर से गुजरी तो उसने उस लड़के को रोते हुए देख कर पूछा कि वह क्यों रो रहा था। लड़के ने उसे बताया कि वह क्यों रो रहा था। वह स्त्री बोली कि वह उस बकरी को तीन बुशैल[5] अनाज के बदले में बाहर निकाल देगी। पर वह बकरी नहीं मानी।

तो उसने लड़के से कहा — “मुझे तीन बुशैल अनाज की तो परवाह नहीं थी पर अफसोस मैं इस बकरी को तुम्हारे घर से बाहर नहीं निकाल सकी।”

उसके बाद एक बूढ़े ने भी अपनी कोशिश की पर वह भी उसको उस लड़के के घर से बाहर नहीं निकाल सका।

आखीर में एक छोटी सी चिड़िया आती है और तीन बुशैल बाजरे के बदले में उस बकरी को बाहर निकालने का वायदा करती है। पर जब बकरी अपनी पुरानी बात दोहराती है तो वह छोटी चिड़िया उससे कहती है “मेरे पास बहुत तेज़ चोंच है जिससे मैं तेरा दिमाग बाहर निकाल दूँगी।” यह सुन कर लोहे की बकरी डर जाती है और उस लड़के का घर छोड़ कर चली जाती है। लड़का उस चिड़िया को तीन बुशैल बाजरा दे देता है।


[1] The Godmother Fox (Story No 81)– a folktale from Italy from its Sicily Island.

Adapted from the book: “Italian Popular Tales”. By Thomas Frederick Crane. London, 1885.

Available free on :

https://books.google.ca/books?id=RALaAAAAMAAJ&pg=PR1&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false

[This story reminds us of several stories. There are other versions also of this story from Florence, Bologna and Venice.]

[2] A godmother is a female godparent in the Christian tradition. A Godmother may also refer to: a female arranged to be legal guardian of a child if an untimely demise is met by the parents.

[3] The Iron Goat

[4] Translated or the word “Turnip” – see its picture above.

[5] Bushel is a unit of dry measure containing 4 pecks, equivalent in the US for 35.24 liters and in Great Britain for 36.38 liters (Imperial bushel).

------------

सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं के संकलन में से क्रमशः  - रैवन की लोक कथाएँ,  इथियोपिया इटली की  ढेरों लोककथाओं को आप यहाँ लोककथा खंड में जाकर पढ़ सकते हैं.

(क्रमशः अगले अंकों में जारी….)

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–10 : 8 गौडमदर लोमड़ी // सुषमा गुप्ता
देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–10 : 8 गौडमदर लोमड़ी // सुषमा गुप्ता
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgIjZIBR0pvIKRFnYWKIC1SrgRRHTbuThg4c2WfN3MWXWojWYERVBV-iD4LM8R-v1iVg6T5DjuvPAYjojNX_AB5UVcbV30-2j5UePwpyPcCggALOFiSXGI6JKKqK-JDqCuFiN9u/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgIjZIBR0pvIKRFnYWKIC1SrgRRHTbuThg4c2WfN3MWXWojWYERVBV-iD4LM8R-v1iVg6T5DjuvPAYjojNX_AB5UVcbV30-2j5UePwpyPcCggALOFiSXGI6JKKqK-JDqCuFiN9u/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/12/10-8-italy-ki-lok-katha-godmother-lomdi.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/12/10-8-italy-ki-lok-katha-godmother-lomdi.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content