देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–7 : 10 लँगड़ा शैतान // सुषमा गुप्ता

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10 लँगड़ा शैतान [1] एक बार नरक में एक लँगड़ा शैतान रहता था। लोग मरते थे और सीधे नरक जाते थे और लँगड़े शैतान के सामने पहुँचते थे। वह उनसे पूछता ...

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10 लँगड़ा शैतान[1]

एक बार नरक में एक लँगड़ा शैतान रहता था। लोग मरते थे और सीधे नरक जाते थे और लँगड़े शैतान के सामने पहुँचते थे।

वह उनसे पूछता — “तुम यहाँ क्यों आये हो? तुम लोग यहाँ नीचे[2] की दुनियाँ में आते ही क्यों हो?”

तो मरे हुए लोग जवाब देते — “स्त्रियों की वजह से।”

रोज रोज लाखों बार यह जवाब सुनते सुनते लँगड़े शैतान के दिल में एक उत्सुकता जागी और जागी एक स्त्री को रखने की इच्छा। कि यह सब क्या था जिसकी सारे लोग बात करते थे।

सो एक दिन उसने एक नाइट[3] का वेश बनाया और पलेरमो[4] की तरफ चल दिया। वहाँ जा कर वह इधर उधर घूमने लगा तो वहाँ उसको छज्जे पर खड़ी एक लड़की दिखायी दे गयी। वह लड़की उसको बहुत पसन्द आ गयी सो वह वहीं उसके आस पास घूमने लगा।

वह जितना ज़्यादा उस सड़क पर घूमता वह उस लड़की की तरफ उतना ही ज़्यादा खिंचता जाता। आखिर वह उसके घर चला गया और उसके पिता से अपनी शादी के लिये उसका हाथ माँगा।

उसको दहेज की तो जरूरत नहीं थी। बस वह तो उसका हाथ पकड़ कर उतने ही कपड़ों में उसको ले जाना चाहता था जितने उस की पीठ पर आ सकें।

पर उसकी एक शर्त थी कि वह वह हर चीज़ माँग सकती थी जो वह चाहेगी और वह भी तबसे ही जबसे उसकी सगाई हो जायेगी और तभी तक जब तक उनकी शादी नहीं होती। क्योंकि जब उनकी शादी हो जायेगी उसके बाद वह उसकी कोई माँग नहीं सुनेगा।

लड़की राजी हो गयी और उस नाइट ने उसके ऊपर भेंटों और कपड़ों की बौछार कर दी। वे सब इतने सारे थे कि उसकी ज़िन्दगी भर के लिये काफी थे। फिर उनकी शादी हो गयी।

एक बार एक थियेटर में बहुत ही बढ़िया नाटक आया तो वहाँ वे दोेनों उसको देखने के लिये पहली बार साथ साथ गये।

अब धरती के लोगों को तो पता है कि स्त्रियाँ किस तरीके से बरताव करती हैं पर उस बेचारे नरक के शैतान को क्या पता। वहाँ उस लड़की ने एक मारकिस[5] की पोशाक और उसके ओढ़ने पहनने का ढंग देखा।

एक काउन्टैस[6] का गहना देखा जो उसको बहुत सुन्दर लगा।

एक स्त्री का टोप देखा जैसा कि उसके पास नहीं था।

हालाँकि उसके पास 300 टोप थे पर वैसा टोप नहीं था जैसा उस स्त्री के पास था। उस टोप को देख कर उसको लगा कि उसके पास भी वैसा ही एक टोप होना चाहिये।

पर वह क्या करती। वह तो अपने पति से इस बात पर राजी हो चुकी थी कि वह शादी के बाद उससे कुछ नहीं माँगेगी। सो यही सोच कर वह कुछ दुखी सी हो गयी।

पति ने जब उसको कुछ अनमना देखा तो उससे पूछा — “रोज़ीना[7], क्या बात है तुम कुछ अनमनी सी हो? कोई बात है तो तुम मुझसे कहो न।”

रोज़ीना बोली — “नहीं नहीं, कुछ नहीं। कोई बात नहीं है।”

लंगड़ा शैतान बोला — “नहीं, कुछ तो है जो तुम मुझसे छिपा रही हो। तुम कुछ ठीक नहीं दिखायी दे रहीं। क्या बात है बोलो न।”

रोज़ीना ने उसे यकीन दिलाते हुए कहा — “मेरा यकीन मानो ऐसी कोई बात नहीं है।

लँगड़ा शैतान फिर बोला — “नहीं नहीं देख लो, अगर कुछ बात है तो मुझे बताओ न।”

जब लँगड़े शैतान ने कुछ जरा ज़्यादा ही ज़ोर दिया तो रोज़ीना बोली — “अगर तुम जानना ही चाहते हो तो सुनो। यह ठीक नहीं है कि एक बैरनैस[8] के पास एक खास तरीके का टोप हो और वैसा टोप मेरे पास न हो और मैं उसको तुमसे माँग भी न सकूँ क्योंकि मेरी शादी हो चुकी है। यह बात है।”

यह सुन कर वह लँगड़ा शैतान तो पटाखे की तरह फूटा — “इसी लिये वे आदमी लोग बेचारे ठीक कहते थे कि वे स्त्रियों की वजह से नरक आते हैं। अब मुझे पता चला।”

वह उसको वहीं थियेटर में छोड़ कर वहाँ से चला गया। वह नरक वापस आ गया और अपने एक साथी से वह सब बताने गया जो कुछ उसको अपनी पत्नी से बात करने के बाद उसको लगा।

वह सब सुन कर उसके साथी शैतान ने कहा कि उसको भी शादी देखनी है कि वह कैसी होती है। उसको अपनी पत्नी के लिये किसी राजा की बेटी चाहिये थी।

वह यह देखना चाहता था कि क्या वही कहानी सारे परिवारों में दोहरायी जाती है जो उसके साथी के परिवार में हुई थी।

लँगड़े शैतान ने कहा — “हाँ हाँ जाओ, कोशिश करो। वैसे क्या तुम्हें पता है कि हम लोग कैसे काम करते हैं? मैं ऐसा करूँगा कि मैं स्पेन के राजा की बेटी के शरीर में घुस जाऊँगा। जब उसके शरीर में एक शैतान होगा तो वह बीमार पड़ जायेगी।

फिर राजा घोषणा करवायेगा – “जो कोई भी मेरी बेटी को ठीक कर देगा मैं अपनी बेटी की शादी उसी से कर दूँगा। तब तुम एक डाक्टर का रूप रख कर आना और जब मैं तुम्हारी आवाज सुनूँगा तो मैं उसका शरीर छोड़ कर चला जाऊँगा और वह ठीक हो जायेगी।

राजा को लगेगा कि उसे तुमने ठीक किया है सो वह अपनी बेटी की शादी तुमसे कर देगा। फिर तुम राजा बन जाओगे। यह ठीक है न तुम्हारे लिये?”

“हाँ यह ठीक है।”

सो उन लोगों ने इसी योजना पर काम किया और फिर जैसा उन्होंने प्लान किया था वैसा ही हुआ – पर ऐसा केवल तभी तक चला जब तक लँगड़े शैतान का दोस्त डाक्टर के वेश में राजकुमारी के पास तक लाया गया।

जैसे ही वह दोस्त शैतान उस राजकुमारी के पास अकेला रह गया तो उसने कहना शुरू किया — “भाई लँगड़े शैतान, भाई मैं हूँ तुम्हारा दोस्त। अब तुम बाहर आ जाओ और राजकुमारी को ठीक होने दो। ओ लँगड़े शैतान, तुम सुन रहे हो न?”

पर लोगों को शैतानों के वायदों से बड़ा सावधान रहना चाहिये। लँगड़े शैतान ने अपने दोस्त शैतान की आवाज सुनी तो सही पर वह बोला — “क्या? क्या कह रहे हो तुम? हाँ हाँ मैं यहाँ आराम से हूँ तो फिर मैं यहाँ से क्यों जाऊँ?”

दोस्त शैतान बोला — “पर भाई तुमने तो मुझसे वायदा किया था कि तुम इसको छोड़ कर चले जाओगे। क्या तुम मुझसे मजाक कर रहे हो? तुम्हें मालूम है न कि राजा उनके साथ क्या करता है जो राजकुमारी को ठीक नहीं कर पाते।

राजा उनका सिर काट देता हैं जो राजकुमारी को ठीक नहीं कर पाते। भाई शैतान, मेहरबानी करके बाहर आ जाओ वरना मैं बेमौत मारा जाऊँगा।”

लँगड़ा शैतान बोला — “मैं इस समय जहाँ हूँ वहीं ठीक हूँ और तुम मुझे वहाँ से हटने को कह रहे हो?”

दोस्त शैतान ने फिर उससे कहा — “तुम क्या बात कर रहे हो शैतान भाई, मेरी तो ज़िन्दगी दाँव पर लगी है।”

लँगड़ा शैतान बोला — “तुम मुझसे बात नहीं करो। तुम बस कोशिश करते रहो। मैं यहाँ से आग लगने पर भी नहीं जाने वाला। मैं यहाँ बहुत आराम से हूँ।”

उस बेचारे दोस्त शैतान ने लँगड़े शैतान से बहुत मिन्नतें कीं कि वह राजकुमारी को छोड़ दे पर उस लँगड़े शैतान ने उस राजकुमारी को छोड़ा ही नहीं।

जितना समय उस डाक्टर को दिया गया था वह अब खत्म होने को आ रहा था इसलिये वह डाक्टर शैतान राजा के पास गया और उससे बोला — “मैजेस्टी, आपकी बेटी को ठीक करने का मेरे पास अब एक ही उपाय बचा है और वह यह कि आप अपने लड़ाई के जहाज़ से तोप चलवायें।[9]

राजा अपनी खिड़की पर गया और अपने लड़ाई के जहाज को तोप चलाने का हुकुम दिया।

उधर लँगड़ा शैतान राजकुमारी के अन्दर से कुछ देख नहीं पाया तो उसने अपने दोस्त से पूछा — “इन तोपों का क्या मतलब होता है शैतान भाई?”

उसका दोस्त शैतान बोला — “एक जहाज़ बन्दरगाह पर आ रहा है सो वे लोग उसके स्वागत में तोपें छोड़ रहे हैं।”

लँगड़े शैतान ने फिर पूछा — “उस जहाज़ में कौन आ रहा है?”

दोस्त शैतान खिड़की पर गया और बाहर झाँक कर बोला — “शायद तुम्हारी पत्नी आ रही है।”

लँगड़े शैतान ने कहा — “क्या? मेरी पत्नी आ रही है? बाप रे मेरी पत्नी? तो मैं यहाँ से निकल रहा हूँ। बस अभी अभी निकल रहा हूँ। मुझे तो उसकी खुशबू भी नहीं अच्छी लगती।”

तुरन्त ही राजकुमारी के मुँह से आग की एक लकीर सी निकली और वह लँगड़ा शैतान उसमें से निकल गया। उसके निकलते ही राजकुमारी ठीक हो गयी।

राजकुमारी के ठीक होते ही दोस्त शैतान राजा से ज़ोर ज़ोर से चिल्ला कर बोला — “मैजेस्टी, राजकुमारी ठीक हो गयी। मैजेस्टी, राजकुमारी ठीक हो गयी।”

राजा तो यह सुन कर बहुत ही खुश हो गया। वह बोला — “मेरी बेटी और मेरा ताज अब दोनों तुम्हारे हैं।” और इस तरह उस दोस्त शैतान का दुख शुरू हो गया।


[1] Lame Devil (Story No 162) – a folktale from Italy from its Palermo area.

Adapted from the book “Italian Folktales”, by Italo Calvino. Translated by George Martin in 1980.

[2] Translated for the word “Underworld” or “Hell”

[3] Knight - a knight is a person granted an honorary title of knighthood by a monarch or other political leader for service to the Monarch or country, especially in a military capacity

[4] Palermo is an area on the Sicily Island of Italy.

[5] Marquis - A marquis is a nobleman of hereditary rank in various European peerages and in those of some of their former colonies.

[6] Countess – Count (male) or countess (female) is a title in European countries for a noble of varying status, but historically deemed to convey an approximate rank intermediate between the highest and lowest titles of nobility.

[7] Rosina – name of the girl the Satan married

[8] Baroness – Baron is a title of honor, often hereditary, and ranks as one of the lower titles in the various nobility systems of Europe. The female equivalent is Baroness.

[9] That he should start fire cannons from his frigates.

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सुषमा गुप्ता ने देश विदेश की 1200 से अधिक लोक-कथाओं का संकलन कर उनका हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया है. कुछ देशों की कथाओं के संकलन का  विवरण यहाँ पर दर्ज है. सुषमा गुप्ता की लोक कथाओं के संकलन में से क्रमशः  - रैवन की लोक कथाएँ,  इथियोपिया इटली की  ढेरों लोककथाओं को आप यहाँ लोककथा खंड में जाकर पढ़ सकते हैं.

(क्रमशः अगले अंकों में जारी….)

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रचनाकार: देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–7 : 10 लँगड़ा शैतान // सुषमा गुप्ता
देश विदेश की लोक कथाएँ — यूरोप–इटली–7 : 10 लँगड़ा शैतान // सुषमा गुप्ता
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