कहानी // ...और पुजापा रहीम को // डॉ. जयश्री सिंह

SHARE:

प्रकाशन : सुरेन्द्र वर्मा के नाटकों का अनुशीलन, विविध विषयों पर 15 शोधलेख प्रकाशित। आकाशवाणी से रेडियो वार्ता प्रसारित। मुम्बई विश्वविद्यालय...

image

प्रकाशन : सुरेन्द्र वर्मा के नाटकों का अनुशीलन, विविध विषयों पर 15 शोधलेख प्रकाशित। आकाशवाणी से रेडियो वार्ता प्रसारित। मुम्बई विश्वविद्यालय द्वारा 'पडित नरेन्द्र शर्मा हिन्दी एकेडेमिक पुरस्कार' । मुंबई बोर्ड द्वारा 'सरस्वती सुत सम्मान'। संप्रति: शोध निदेशक (मुबई विवि) बेडेकर कॉलेज. ठाणे में सहायक प्राध्यापक।

गाड़ी धीमी हो कर रुक गयी थी। बगल के कंपार्टमेंट से किसी महिला के लगातार बोलने की आवाज से ही शायद मेरी नींद टूटी थी। उसकी आवाज में अजीब सी तलखी थी। बोलते-बोलते कभी उसका स्वर रुआँसा हो जाता तो कभी कठोर। उसके सामने की सीट पैर बैठा यात्री केवल हाँ-हूँ के प्रति उत्तर में उसे सुनता जा रहा था मैंने घड़ी देखी। सुबह के दस बज रहे थे। मुबई- फैजाबाद 'साकेत एक्सप्रेस' के फैजाबाद पहुँचने का यही समय था। गाड़ी स्टेशन से कुछ ही दूर पुल के पास खड़ी थी अब सोने का कोई मतलब नहीं था। मैं नीचे उतरकर साइड वाली बर्थ पर बैठ गयी। पापा-मम्मी उतरने के लिए तैयार बैठे थे। अचानक याद आया कि आज गणेश चतुर्थी है। मुंबई का बेहद खास दिन! चारों ओर बाजे-गाजे के धूम धड़ाके -के साथ छोटे-बड़े सार्वजनिक पंडालों तथा गणेश भक्तों सहित अन्य कई मुबईकरों के घरो में गणपति प्रतिमा का आगमन हो चुका होगा। 'जय देव-जय देव, जय मंगल मूर्ति. ' के सामूहिक स्वर घोष के साथ स्वादिष्ट मोदकों का भोग लग चुका होगा। पंडालों में जगह-जगह दर्शनार्थियों का ताँता लग रहा होगा।

हर साल कॉलेजो में केवल एक ही दिन की छुट्टी मिलती थी, लेकिन इस बार गणेशोत्सव की सात दिनो की छुट्टी मिली थी। मैं इस लबी छुट्टी और ट्रेनों में न के बराबर की भीड़ का पूरा फायदा उठा लेना चाहती थी। इसलिए छुट्टी का पता चलते ही पापा-मम्मी के साथ मुंबई से अयोध्या, अयोध्या से नैमिषारण्य और फिर नैमिषारण्य से मथुरा- वृन्दावन की यात्रा का पूरा आयोजन कर चुकी थी। मैं खुश थी कि हर बार माँ के कहने पर उन्हे अयोध्या-वृन्दावन ले जाया करती हूँ, पर इस बार तो पापा को भी साथ लेकर राम और कृष्ण की जन्मभूमि के दर्शन का एक साथ लाभ उठा सकूँगी। मैं मन ही मन माता-पिता को साथ ले कर तीर्थ यात्रा करने की श्रवण कुमार वाली भावना से भी काफी खुश थी।

मैं मम्मी से कुछ हलकी-फुलकी बातें करने लगी। सहसा मेरा ध्यान उस महिला की ओर खिंचा चला गया। वह रोते हुए उस सामने वाले यात्री को अपनी व्यथा सुना रही थी। उसका दस वर्ष का बेटा उसकी गोद में सिर रखकर चुपचाप लेटा मेरी ओर देख रहा था थोड़ी देर पहले उसकी कर्कश सी आवाज से मुझे चिढ़ हो रही थी, परंतु अब मैं अपने आपको उनकी ओर देखने से रोक नहीं पायी वह दुपट्टे के चल से अपने आँसू पोंछते हुए कह रही थी, 'मै और मेरा बेटा कल से भूखे है रात को सोचा, किसी से खाना माँग लूँ, लेकिन हिम्मत नहीं हुई। यहाँ जो दो आदमी बैठे थे, वे मेरे बेटे को अपनी और देखता देख मुँह फेरकर उस ओर खाना छिपा कर खाने लगे। उसकी बातों से मुझे बडा ताज्जुब हुआ। क्या थर्ड एसी में भी कोई ऐसा व्यक्ति सफर कर सकता है, जिसके पास खाने तक को रोटी भी न हो?

इस कोच में मुंबई से फैजाबाद की एक बर्थ का किराया सोल-सत्रह सौ रुपयों के आस-पास था और उसके साथ तो उसका बेटा भी! फिर भला उसने थर्ड एसी का टिकट कैसे लिया होगा? यदि इतने पैसे थे तो खाने भर को क्यों नहीं? और यदि खाने तक के लिए भी नहीं, तो फिर वे यहाँ कैसे?

कल टीटीई आया भी तो था; यदि इसके पास टिकट न होता तो अवश्य ही इसे यहाँ से किसी दूसरे डिब्बे में भेज देता.!

वे दोनो देखने में बेहद गरीब लग रहे थे। उनकी स्थिति, उसकी बातें तथा एसी का टिकट, इन बातों का आपस में कोई तालमेल नहीं था। मेरे मन में कई सवाल एक साथ घूम रहे थे। वह मेरी ओर देख कर बोली, 'रात में मन हुआ कि दीदी से ही दो पराँठे माँग लूँ। पर सोच कर ही रह गयी। मेरा बेटा भूखा ही सो गया। ' उसकी बातें मेरे मन पर गहरा आघात कर गयी। जिस पर मैंने कल से अभी तक कोई ध्यान ही नहीं दिया था, वह माँ कल रात से ही मुझसे आस लगाये बैठी थी! उसका छोटा सा बेटा भूखा सो गया? कल रात जब मैं टिफिन खोलकर मम्मी-पापा को पराँठा, सब्जी, अचार परोस रही थी, तब वह खाना पाने की लालसा से मेरी ओर देख रहा था! इस कल्पना से ही मेरा हृदय छलनी हो गया। ओह! मुझे इसका आभास क्यो नहीं हुआ? और होता भी तो कैसे? क्या इस डिब्बे में कोई ऐसा भी होगा? मैं कभी सोच भी तो नहीं सकती थी। मन में भारी पछतावा और कई सवाल लिए मैं उसकी ओर देखने लगी और ध्यान से उसकी बातें सुनने लगी।

वह बता रही क कि वह पिछले दस सालों से हर पंद्रह दिन में लगातार फैजाबाद से मुंबई आ-जा रही है। जब से उसका यह बेटा पैदा हुआ है लगभग तब से। तीन लड़कियों के बाद हुआ था बेटा वह जन्म से ही बीमार रहता था। उसने फैजाबाद के कई डॉक्टरों को दिखाया, पर कोई दवा काम न आई। बच्चे की स्थिति बद से बदतर होती चली गयी। किसी डॉक्टर की सलाह पर गाँव के मुखिया से कर्ज माँग कर वह उसे दिल्ली ले गयी। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कई चक्कर लगाये पर बच्चे की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। उसकी गरीबी को देखते हुए वही के एक डॉक्टर ने उसे मुंबई के सरकारी अस्पताल में जाने की सलाह दी, जहाँ उसके बेटे का मुफ्त इलाज हो सकता था।

महिला कहती जा रही थी कि फैजाबाद से दिल्ली तक कोई ऐसा व्यक्ति अथवा डॉक्टर न हुआ, जिसके आगे वह रोई न हो जब उसके पति की मृत्यु हुई तो उसका बेटा बहुत छोटा था। फैजाबाद के किसी गाँव में उसका कच्चा सा मकान है। तीन छोटी-छोटी बेटियाँ और यह इकलौता बीमार बेटा उसकी बीमारी की कोई थाह न पाकर गाँव की यह गरीब, असहाय मुसलमान महिला घर की दहलीज पारकर फैजाबाद से बाहर दिल्ली- मुंबई जैसे महानगरों में अपने बेटे को जिलाए रखने की आस में हर पदं्रह दिन में अस्पतालो के चक्कर काट रही थी।

दिल्ली के डॉक्टर ने उसे बताया तो कुछ नही, लेकिन एक पर्ची लिख कर पकडाने के साथ उसे मुबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में जल्द से जल्द पहुँचने की सलाह दी। पर्ची में लिखी बातों से पूर्णत. अनभिज्ञ गाँव की वह अनपढ स्त्री बच्चे को लेकर घर लौट आयी। उसकी पंद्रह व तेरह वर्ष की दोनों बेटियाँ आस-पड़ोस के घरो में काम कर जैसे- तैसे रोटी का जुगाड़ कर लेती थी। बेटियों को पड़ोसिनों के भरोसे छोड़ तथा टिकट के पैसों का इंतजाम कर वह बेटे के साथ मुंबई पहुँची। उसे मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में आने के बाद यह ज्ञात हुआ कि उसके बेटे को ब्लड कैंसर की बीमारी है, जिसके लिए उसे हर पंद्रह दिन में रक्त बदलवाने के लिए मुंबई आना जरूरी है।

वह बताती जा रही थी कि वहाँ इलाज मुफ्त है लेकिन हर पंद्रह दिन में मुंबई से फैजाबाद की यात्रा का भार उठा पाना उसके लिए कही से भी सरल न था। उसके गाँव में कई पढ़े-लिखे लोग थे, जो उसकी लाचारी से वाकिफ थे। ग्रामपंचायत से भी उसे काफी उम्मीद थी, परंतु किसी ने उसे सहानुभूति के चंद बोलों के सिवा कुछ न दिया। कहते-कहते उसका आक्रोश फूट पडा, 'सब बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। ऊँचे-ऊँचे लोगो तक अपनी पहुँच का बखान करते हैं। सौ प्रकार की सलाह देते हैं पर मदद कोई नहीं करता। भला हो मुंबई के अस्पताल के उस डॉक्टर का, जिसने एक माँ की परिस्थिति तथा उसके दर्द को समझा। कानूनी मदद से सरकारी कोष से कुछ रुपये दिलाये तथा आवश्यक कागजी कार्यवाही से रेलवे से हर पंद्रह दिन की यात्रा का पास बनवाने में मदद की। वह यह नहीं जानती थी कि डॉक्टर तथा अस्पताल द्वारा दिए उस कागज में क्या लिखा है पर उसे इतना ज्ञान अवश्य था कि उसके बेटे के इलाज के लिए उसके जीवन की उम्मीद के लिए, उस अनिश्चित काल की नियमित यात्रा के लिए यह कागज बेहद जरूरी है। उसको दिखा देने मात्र से उसे यात्रा का टिकट मिल जाता था तथा टीटीई कभी उसे इस डिब्बे से बाहर नहीं करता। वह लाचार माँ, जो अपने आस-पास के गाँव के लोगों को जहाँ एक ओर जी भर कर कोस रही थी वही मुंबई के उस अस्पताल के डॉक्टर को पनियाई आँखो से लाखों दुआएँ दे रही थी, जिसकी बदौलत उसे बेरोकटोक इलाज तक साकेत एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच में दो सीटों का आरक्षण मिला था ।सालों से परिचित अस्पताल के कर्मचारी उस दुखियारी माँ को भी रोगियों के लिए आने वाले मुफ्त भोजन में से दोनों समय का भोजन दिलवा दिया करते थे। उनमें से कुछ उसकी हिम्मत व हौसले की दाद देते नहीं थकते, तो कुछ चाय- बिस्किट के नाम पर सौ-पचास रुपये दे दिया करते थे उसकी दुःख भरी दास्तान सुनकर कई बार लोकमान्य तिलक टर्मिनल से अस्पताल तक ले जाने वाले टैक्सी वाले टैक्सी का किराया तक छोड़ दिया करते थे, जिसने दस वर्षों से गरीबी, बीमारी और लाचारी का यथार्थ भोगा था

उस मुस्लिम महिला से यह जानकर मुझे बेहद गर्व महसूस हो रहा था कि भारत में और कही हो न हो, पर मेरे शहर के लोगो में आज भी मानवता जिंदा है। भारत का यह महानगर जाति- धर्म से परे मानव धर्म को ही सर्वश्रेष्ठ समझता है, इसलिए हर जाति, भाषा, धर्म के लोगो को अपनी गोद में समेटे हुए है। इसी कारण लोग मुंबई को 'मिनी इंडिया' कहते हैं।

पिछले दस वर्षों का उसका अनुभव कह रहा था कि मुंबई केवल चकाचौंध और व्यस्तता का ही शहर नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को समझने तथा निराशा में भी आशा देकर संघर्ष के साथ जीवन जीने की कला सिखाने वाला शहर है।

जहाँ अपने शहर की इस मानवता पर मैं गद् गद् थी, वहीं मेरे मन में यह टीस भी रह-रह कर उभर रही थी कि मैं उसके बच्चे को रात में खाना न दे सकी। मैं मन में कोई पछतावा लेकर आगे बढ़ना नहीं चाहती थी। हम एक सप्ताह की यात्रा पर चले थे, अतः मेरे पास खाने-पीने की कई चीजें थी। मैने झटपट कई तरह के नमकीन, चिप्स और बिस्किट के पैकेट्स उस नन्हे से रहमान को पकड़ा दिए और उसकी माँ को अगली यात्रा के सहयोग के लिए पाँच सौ रुपये का नोट। अब तक माँ की गोद में चुपचाप पड़ा रहीम खाने की कई चीजें पा कर खुश हो गया था और उसकी माँ हाथजोड़ कर आभार की मुद्रा में खड़ी हो गयी। स्टेशन आ चुका था। हम सामान लेकर नीचे उतर आये। अवधबिहारी की भूमि पर कदम रखते ही मुझे यह आभास हुआ कि राम की सच्ची सेवा यही है कि उनके कोष का पुजापा उस नन्हे से रहीम को मिले, जिसे इस समय उसकी बेहद आवश्यकता है।

सहायक प्राध्यापक, हिन्दी विभाग जोशी-बेडेकर महाविद्यालय, थाने- 4००6०1

---

(साभार - हिन्दुस्तानी ज़बान, अप्रैल-जून 2017)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कहानी // ...और पुजापा रहीम को // डॉ. जयश्री सिंह
कहानी // ...और पुजापा रहीम को // डॉ. जयश्री सिंह
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCwPufTRD6VUvOQ2T1OJXPlz0X2mznHUaTr_c9Dhau9R31BKr5Fo3afi7QY7j_aCbDN7af1mkq4Gn_9X73c3XdWepXZJWKHX5sljSr0aY6asFfZt7HtrP8ik0OsyhRl79Cafol/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCwPufTRD6VUvOQ2T1OJXPlz0X2mznHUaTr_c9Dhau9R31BKr5Fo3afi7QY7j_aCbDN7af1mkq4Gn_9X73c3XdWepXZJWKHX5sljSr0aY6asFfZt7HtrP8ik0OsyhRl79Cafol/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/09/blog-post_42.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/09/blog-post_42.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content