15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस विशेष देश प्रेम की कविताएँ व गीत // राजेश गोसाईं

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1......तोड़ दो तोड़ दो आज सरहद के तारों को सुन लो , आज सुनाता हुँ इक बात देश के प्यारों को राष्ट्रभक्ति हो जिनके दिल में मिटा दो सब अंध...

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1......तोड़ दो

तोड़ दो आज सरहद के तारों को

सुन लो , आज सुनाता हुँ
इक बात देश के प्यारों को
राष्ट्रभक्ति हो जिनके दिल में
मिटा दो सब अंधियारों को

जाति धर्म से ऊपर उठ के
बुझा दो भेदभाव के अंगारों को
स्याह हुये दिलों के अन्दर
जगमग कर दो सितारों दो

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आर पार हो जाने दो अब
सरहद के पहरेदारों को
आदेश करो सेना को खुल के
खत्म करने का  सारे गद्दारों को

मत बहाओ लहु की गंगा
अमन चैन आ जाने दो
भर दो धरती  गगन में
हर हर महादेव
जय हिन्द जय भारत के जयकारों को

बच ना पाये एक भी दुश्मन
टूट पड़ो धरा के अमर सपूतों
मातृभूमि की रक्षा हेतु
तोड़ दो सरहद के गद्दारों को

चाहे अन्दर चाहे बाहर
लगा लो आँखें बाजों की
अंजनी के लाल भर लो अंजन
चुन चुन कर मारो असुर - अत्याचारों को

धरती के लाल हो देश ना होने पाये लाल
चाहे सीमा देश की हो जाये जितनी लाल
या  फिर लाल हरे दोनो रंग मिला के
एक कर दो ईद दीवाली त्यौहारों को

रंग रंग के फूल कलियां सजा के
आने दो अमन बहारों को


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2.....तारे

दीये जो जले
शहीदों की याद में
हजारों ये रौशन
वतन की राह कर गये

लगा मेला आजादी का
दीवानों का जशन खूब मना
बांध के सर पे कफन
हर वीर था ठुमका

कोई झूमा गोली पे
किसी ने माटी को चूमा
जो शहीद हुये मातृभूमि पे
वो नाम अपना कर गये

है सलाम हर सेहरे को
मौत से जो लड़ा
वतन जिये सुख चैन से
वो गगन के तारे हो गये
राजेश गोसाईं
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.3.  .तेरे आँचल में

तिरंगे प्यारे........
कोटि कोटि है नमन
तेरी हवाओं में जी रहे हम.....

तेरी ही राहों में अमन मिला होती  रही कुर्बानी
आजादी ऐसे ये मिली बगिया शहीदों की खिली
मिला बहारों का चमन........

तेरे ही आँचल मे चैन अमन मिले प्रेम की रंगोली
मिलता सबका साथ ना कोई जात ना कोई पात
भाईचारा है राष्ट्र धर्म.......

कैसे देश आजाद हुआ ये याद है हर कुर्बानी
जश्न तेरी बाहों मे मेले तेरी राहों मे
झूमे चूमे तू गगन......


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4..        फुलवारी

चलो,  मिलकर  ये बगिया सजायें
कोई जल सींचे ,कोई फूल लगायें
कहीं धूप आये,  हवा ये गुनगुनाये
हर शाख पे, पंछी मधुर चहचहायें

बहार ए मंजिल  , खुशबू महकायें
सुमन हों कतारें, कलियां मुस्कायें
दिल से दिल में , प्रेमालाप जगायें
कहीं प्रीतम की बाहें आज सजायें

चलो आज फिर से , एक हों जायें
अब ना कोई रूठे ,ना कोई मनाये
गिले शिकवे भूलें ,  गले लग जायें
सुन्दर सा झिलमिल घरोंदा बनायें

बहारें इस गुलशन कुछ तो सजायें
ना उजड़े ये उपवन , सम्भल जायें
ये आंधी -तूफान कितने भी ,आये
एक हो कर हम , फुलवारी बनाये

ना जात- पात, ना भेद भाव आये
एक धर्म इंसानियत सब अपनाये
फूल और कांटों के चमन छांव ये
दूब लगा के हरियाली खूब बनायें


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5......उपवन

आजाद ये गुलशन कर दो
ये बहारे इस चमन भर दो

ना गंगा मैली हो ना जमना से रुह कांपे
चाँदी के हिमालय पे बर्फ के सुन्दर ढांचे
सोना उग आये खेतों में
वादियों में मोती धन भर दो

ऋषियों की जमीं ये तुलसी वन हो जाये
यज्ञ की धरती पे शुद्ध पवन ये लहराये
बजे शंख घड़ियाल मन्दिरों मे
मस्जिदों में अजान मधुर भर दो

पूजें सूरज सुनहरा सांझ को सर झुकायें
सारे गुलिस्तां की महक घर घर हो जाये
कोई तोड़ ना पाये सुमन प्यारा
मेरे वतन को उपवन कर दो


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6..      लहू

लहू सम्भाल के रखिये.....
लड़ाई में काम आयेगा....
जो बिखर गया अभी तो.....
कैसे ...देश बचायेगा.....

देश को जब जरूरत होगी.....
ये सेना को मिल जायेगा....
है जिगर जिसका बड़ा........
वो सेवा में लग जायेगा....

लहू से ही मिलती शक्ति हिम्मत
विश्वास कभी ना डगमगायेगा
जीत ही लेगा हर बाजी......
जो सरहद पे लहु बहायेगा....

माँ भारती के भाल पे.........
ये तिलक बन जायेगा......
देश के लिये लहू जिसका खौला..
वो फौलाद बन जायेगा.....


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7.....कौन बनायेगा

आदमी से आदमी लड़ रहा आज
वतन के लिये फिर कौन लड़ने जायेगा
लड़ता ही रहा सदा मजहब के नाम पर
राष्ट्रधर्म में इंसानियत कौन दिखायेगा
कौन है हिन्दू , कौन है मुसलमान
कौन है जो अपने वतन को हिन्दुस्तान बनायेगा

बांट दिये हमने होली के रंग भी
खून के छींटों में सेवइयों के ढंग भी
नफरत की आंधी में टूटे जो दिल हैं
प्रेम के फूलों  की ऋतु कौन दिखायेगा
मिल जुल के तिरंगे की एकता कौन बनायेगा

लड़े हैं जब भी,  हमने खून बहुत बहाया
हर सितम पे भारत घायल सदा ही पाया
मरा तो केवल हिन्दुस्तानी ही था
चाहे इल्जाम किसी पे भी आया
लाशों की पगडण्डी पे कौन - कब तक चल पायेगा
धर्म का भ्रम छोड़ कौन इंसानियत निभायेगा

रामायण ले लो  , ले लो कुरान हाथों में
प्रेम की डगर पे कौन चल पायेगा
अन्तर ना रखो कोई जात पात में
धोखा हो जाये ना , कहीं बात बात में
खून जो है एक हमारा वतन भी एक हो जायेगा
इरादा मजबूत कर कौन
अखन्डित एक हिन्दुस्तान बनायेगा


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8....पुकार 

सुन सुन लो ये पुकार
हे भारत की सरकार

आजादी आजादी की करते जो मांग
दुनिया से कर दो उनको आजाद
अंतिम फैसला ले लो अब की बार
हे भारत की सरकार

जो भी जलाये तिरंगा ये प्यारा
जो भी लगाये जेहादी नारा
टुकड़े टुकड़े भारत के जो शोर मचाये
पत्थर फेंक घाटी घायल कर जाये
उसके कर दो टुकड़े  हजार
हे भारत की सरकार

हौसले बुलन्द हैं और हम भी है तैयार
तो कर दो शंखनाद करने को आर पार
हे भारत की सरकार
सुन लो ये जनता की पुकार
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राजेश गोसाईं
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9....गुल बहार

ये कुर्बानियां , ये शहीदी........
मेरे नसीब में नहीं........२

कैसे सेवा करूं ,  खुद  बेकरार  हूं यहाँ
अपनी मातृभूमि का, कर्जदार हुँ मैं बड़ा
ऐ काश-  निभ जाये , जो फर्ज निभता नहीं
इस मिट्टी से प्यारा , मिले, कोई और ना जहां

ये कुर्बानियां,  ये शहीदी
मेरे नसीब में नहीं

सपना है कि सेवा ,  इस धरती की मिले
अपने वतन की मुझको सरजमीं ये मिले
इस माटी  में रम जाऊं ,  कोई बात नहीं
मुझको तो बस, गोदी, मेरी भारत माँ की मिले

ये कुर्बानियां,  ये शहीदी.......
मेरे नसीब में नहीं......

सरहद पे जा के ही,  मुझको सुकून जो मिला
देश की रक्षा खातिर , कोई जुनून तो मिला
दिल तरसे इस प्यार को
इस राष्ट्र में गुल - बहार  हो
मर जाऊं या मैं  मार दूं
हर मजार कर दूं ,  सरहद पार को

ये कुर्बानियां,  ये शहीदी......
मेरे नसीब में नहीं......

आस लगा के मुझको , देखता है  कोई
कैसे ना जाऊं सरहद , देश में , रोये ना कोई
या तिरंगे मे लिपटा आऊं,
या बिखरा के दुशमन , सुकूं मिले
मेरा देश जिये खुशहाल 
जग में भारत को सम्मान मिले...२

ये खुशियां , ये वैभव.........
मुझे भारत में ही मिलें .....२


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10.....हिण्डोले  )

तिरंगे प्यारे.......…..
तेरे रंगों मे हैं हम
तेरी रंगोली को नमन
तेरी मिट्टी में लहु जाये रम.......

तिरंगे प्यारे..........
तू ही मन्दिर तू ही पूजा और ना कोई धर्म दूजा
माथे सजा केसर चन्दन धानी धरा में अन्न धन
तेरा शुभ्र रंग लाया अमन........

तिरंगे प्यारे............
नीले अम्बर में लहराये धरती गाये तेरे गुन
तुझमें सागर गहराये जीये हंसते गायें हम
तेरे आँचल में शहीदों की धुन .......

तिरंगे प्यारे...........
तेरी ही गोदी में खुलते वेद शास्त्र महान
गीता ,बाइबल, गुरु साहब और कुरान
बने तुझसे ही एक हिन्दुस्तान.......

तिरंगे प्यारे.............
खिलें तुझसे ही बहारें
मिलें खुशियों के नजारे
जीये तीन रंगों के सहारे हम.......

खुली हवाओं में तू लहराता
हंसता गाता मुस्काता
तेरे रंगों के हिण्डोले में झूमे
हिन्दुस्तां का मन......


11..(.  .  नन्ही  ख्वाहिश....... )

राखी वाले हाथों से
बन्दूक जो उठाउंगा
दुश्मन चाहे कितने आये
मैं सबको  मार भगाऊंगा
तेरी रेशम की डोरी के बल से
भारत माँ की लाज बचाऊंगा

लाज मैं बचाऊंगा........

तू तो है इक नन्हा बालक
बन्दूक कैसे उठायेगा
छोटे छोटे हाथों में तू
शक्ति कहाँ से लायेगा
बोल मेरे राजा बेटे , फिर
देश की लाज कैसे बचायेगा

कैसे तू बचायेगा........

तू चिंता ना कर मैया
पूरा फर्ज निभाऊंगा
तेरे दूध की ताकत से
मैं शिव ताण्डव कर आऊंगा
चरणों में तेरे दुश्मन का
सर , काट मैं ले आऊंगा

कर्ज मैं चुकाऊंगा.........

तू मेरी आँखों का तारा
सीना चौड़ा कर जायेगा
एक एक दुश्मन मार के
तू , सर मेरा , ऊँचा कर आयेगा
मातृभूमि की माटी का मान रखने
तू अपने लहु का तिलक लगायेगा

गोदी में सो जायेगा.......

मैं वापिस आऊंगा
दुश्मन मार भगा आऊंगा
राखी की लाज बचाऊंगा
आँचल में तेरे लौट के माँ , मैं आऊंगा
सहारा लाठी का फिर बन जाऊंगा

ये मिट्टी सर आँखों पर
माथे मेरे सजा , भेजो
देश मेरा खेलता रहे  इस मिट्टी......
इस खातिर , मैं मिट्टी बन जाऊंगा
भारत माँ का लाल बन कर ,  मैं.....
तिरंगे में लिपट कर आऊंगा......


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12....बेटियाँ

भारत की आन बान शान में
दुश्मन पर भारी हैं
बेटियां हिन्दुस्तान की
अब
रूह भी कांप जायेगी  -  पाकिस्तान की
सम्भल जा ओ ना पाक
आ रही है दुर्गा सेना
अबला नहीं अब नारी
सबला है शक्ति हिन्दुस्तान में
थर थर  जल जला कर देंगी
सर्वत्र आसमान में
चिड़ियां नहीं अब चीलें हैं
हिन्दुस्तान में


...............

13..       वीर जवानों

भारत के वीर जवानों अब
सरहद के पार जाना है
आतंक की जड़ों का गढ़
वहाँ दुश्मन का ठिकाना है । भारत के....

वो छुप छुप के आते हैं
निर्दोषों को सताते हैं
कभी स्कूल जलाते हैं
कभी पत्थर मार के ये
कशमीर घायल कर जाते हैं

इन्हे इनके ही घर में अब
घुस घुस के मिटाना है
चुन चुन के सियारों को
अब वहाँ पे दफनाना है । भारत के.....

बहुत समझाया था इनको
फिर भी नजर उठाते हैं
बिरयानी दावत खा कर ये
हमारे ही घर जलाते हैं
काट के सर इनके अब
लाल किले पर लटकाना है । भारत के....

हिम्मत तुम्हारी से ये वतन प्यारा है
तुम्हारे ही बल से ये गगन सुनहरा  है

विश्व की मजबूत सेना हो
आँच ना आये जरा धरती पर
चाहे कुछ भी सहना हो
बना कर कब्रस्तान इनका
इक इक इंच वहाँ पे अब
तिरंगा ऊँचा लहराना है ।भारत के....

वतन की लाज बचा लो अब
आतंक का जमाना है
खत्म करके उनकी गोली सब
होली देश में मनाना है
तिरंगे में लिपट के चाहे
तुम्हें फिर भी लौट आना है। भारत के...

तुम्हारे देश के प्यारे
रखेंगे याद ये सारे
तुम्हारी कुर्बानियों के सहारे
युगों युगों तक
जशन आजादी का मनाना है
कदमों में शहीदों के
सर हमको झुकाना है । भारत के ....

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14....कैसी है सरकार

रोज रोज  आतंकी हमले
यह कैसी है सरकार
रोज जलते कशमीर देखे
यह कैसी है सरकार

जवाब दे जनता को अब
अगर तू है सच्ची सरकार

नहीं चाहिये डिजिटल इंडिया
नहीं चाहिये कोई विकास
पहले ले कर निर्णय पक्का
कर दे आतंक का सर्वनाश

कर दे सेना सरहद पार
अगर तू है सच्ची सरकार

डोल रही भारत की भूमि
डोल रही है देश की तस्वीर
है गर जागा , किसी का जमीर
तो बचा ले ये कशमीर

राष्ट्र प्रेम निभा के , कर ले देश से प्यार
अगर तू है सच्ची सरकार

बहुत हो चुका आतंकवाद
खूब हो गया वाद विवाद
कुछ तो हल निकालो अब
कर दो आतंक को बरबाद

अंतिम फैसला ले लो 
अब करो ना इंतजार
अगर तू  है सच्ची सरकार

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15

लौट आना

तू देश का सिपाही
अपना फर्ज निभाना
तू मेरा भी है भाई
बन्धन राखी का निभाना

तेरे माथे लहु की रोली
बांधुगी हाथ पे गोली
चाहे डोरी टूटे बचपन की , मेरे भाई
पहले डोर , देश की बचाना

बन्धन राखी के तारों का
चाहे टूट जाये कोई बात नहीं
सरहद के तारों की रक्षा में
तू हिन्द की बिन्दिया सजाना

ए मेरे वीर सिपाही
सीमा पे तू मुझको भूल जाना
याद करके ये कलाई
तू लाज देश की बचाना

दुश्मन चाहे कितने भी आये
तू लाशें सबकी बिछाना
कोई लांघ सके ना इधर
तू दीवार ऐसी बन जाना

राखी वाले हाथ , देख रहे हैं बाट
कब भरेगी तेरी कलाई
धरती का फर्ज निभा के
तू भारत की शान बढ़ाना

रेशम की डोरी से
प्यार की डोरी से
भर दूंगी तेरी कलाई
राखी के तोहफे में
तू हिन्दुस्तान नया ले आना

हिन्द की बगिया में
तिरंगा यहाँ लहराना
मेरे चंदा , मेरे भाई
तू लौट के जल्दी आना.....२

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16


  कसम

है अगर जिसमे भी दम
तो उठा ले ये कदम
हम जीयेंगे और मरेंगे
तेरी खातिर ए वतन
खाते हैं हम , ये कसम......

जितने भी मिलेंगें सितम
हस हस के सहेंगे हम
देश की रक्षा के लिये
सारे कष्ट झेलेंगे हम
खाते हैं हम , ये कसम......

अब रुकेंगे ना कदम
है जोश दिल में भरा
बाजुओं में भी है दम
डगमगायेंगे कभी ना
कांटों पर भी चलेंगे हम
ये जोश ना होगा कम
खाते हैं हम , ये कसम.....

आयेगा जो भी दुश्मन
खाक में मिला देंगे हम
ए वतन हमको है तेरी कसम.....
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17

जय जय भारत भूमि )

हाथों में ले लूं तिरंगा
यह भारत का है प्यारा
न्यौछावर कर दूँ अपना
मैं भी ये जीवन सारा

गोद में खेलूं इसकी
यह पावन देश हमारा
जय जय भारत भूमि
जय जय देश ये प्यारा

मैने जबसे होश सम्भाला
इक चाह ही मन में आये
लहराये उच्च गगन ये
छुये चाँद और सितारा

पावन वीरों की निशानी
देखे यह जग सारा
हो देश का नाम रौशन
विश्व गुरू बने ये हमारा
जय जय भारत भूमि
जय जय देश ये प्यारा

सरहद पर सर रख के
वीरों ने प्राण गवायें
हिन्द की रक्षा खातिर
कफन बांध गोली खाये

भारत माँ की झोली में
किया जीवन अर्पित सारा
कह गये इस मिट्टी में
मिल जाये जन्म दुबारा

जय जय भारत भूमि
जय जय देश ये  प्यारा

कोई हिन्द का लाल कहेगा
कोई भारत का रखवाला
जो शहीद होगा इस धरती पे
वो होगा वीर मतवाला

ऐसे दीवानों के चरणों में
कोटि कोटि नमन हमारा
इस देश की शान में
लहराये तिरंगा प्यारा
जय जय भारत भूमि
जय जय देश ये प्यारा

इक तलब है ये मन में
सेवा ही करता जाऊं
इस तिरंगे के भाल पे
मैं अपना लहु लगाऊं
है देश प्रेम जिगर में
तन मन इस पे वारी जाऊं

झूमे सारे जग में ये तिरंगा
गीत गाये  जमाना सारा
ऐसी खुशी में धन्य
हो जाये जीवन हमारा
जय जय भारत भूमि
जय जय देश ये प्यारा

राजेश गोसाईं

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 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. 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तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड 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पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi 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रचनाकार: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस विशेष देश प्रेम की कविताएँ व गीत // राजेश गोसाईं
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस विशेष देश प्रेम की कविताएँ व गीत // राजेश गोसाईं
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