प्राची-अप्रैल 2017–हास्य-व्यंग्य विशेषांक : व्यंग्य / राम प्रसाद...का प्रेम! / अजय कुमार मिश्र ‘अजय श्री’

SHARE:

क ल सुबह जब मैं लेटा अलसा रहा था. अपने ख्यालों में गुम व्यंग बना रहा था. मेरी पत्नी मुझे देखकर बड़बड़ा रही थी, अपना प्रेशर कूकर की तरह बढ़ा ...

ल सुबह जब मैं लेटा अलसा रहा था. अपने ख्यालों में गुम व्यंग बना रहा था. मेरी पत्नी मुझे देखकर बड़बड़ा रही थी, अपना प्रेशर कूकर की तरह बढ़ा रही थी. बोली- कब तक कविता कहानी बनाते रहोगे. दुनिया के आदमी औरतों को अपनी बेवकूफियां समझाते रहोगे.? अरे बिस्तर छोड़ो, उठो...बाहर देखो राम प्रसाद कब आता है? कब जाता है?

मैं चौंका अरे राम प्रसाद कहां आता है? पत्नी बोली...कहीं भी जहां उसकी मर्जी, आता है, जाता है. मैंने सोचा लगता है कोई नया पड़ोसी आया है, जिसने अपना नाम राम प्रसाद बताया है. पत्नी बोली नहीं-नहीं बगल के मुहल्ले का है. जब मर्जी आता है, घूमता-फिरता ऐश करता चला जाता है. मेरा सर चकराया, साथ ही शांत मन घबराया. मैंने प्यार से पूछा और क्या-क्या करता है, मुझे विस्तार से बताओ, मैं समझ सकूं, खुल के बताओ. पत्नी बोली- अभी कल की बात है, मिसेज दीक्षित उसे क्यूट और हैंडसम बता रही थीं, मिसेज पाण्डे उसे प्यार से सहला रही थीं, मिसेज श्रीवास्तव ने तो अपना पूरा अनुभव सुनाया. साथ ही उसे बड़े प्यार से गले लगाया और मिसेज मिश्रा का क्या कहना...वो तो शर्मा रही थीं, फिर भी उसे इशारे से पास बुला रही थीं.

[ads-post]

मैंने कहा- ये साला राम प्रसाद मरवायेगा, हम मर्दों की इज्जत में चार चांद लगवायेगा. तभी मेरी पत्नी इठलायी और बोली- सच कहूं जी. सबको इस तरह देख मैं खुद को रोक नहीं पायी, न चाहते हुए राम प्रसाद को घर पे बुलाया. तुम्हारी कसम मन में ख्याल आया. कुछ तो बात है जो सारी औरतें अपना रही हैं. राम प्रसाद पर अपना हक जता रही हैं. मेरा व्यथित मन चिल्लाया, अब तो कुछ करना ही होगा. राम प्रसाद को मरना ही होगा. वरना ये सारी औरतों को घुमायेगा, मर्द जाति की इज्जत में धब्बा लगायेगा. तुरन्त मैंने श्रीवास्तव जी को बुलाया. राम प्रसाद अपने मुहल्ले में आ रहा है, उनको समझाया. श्रीवास्तव बोले वो राम प्रसाद? मैंने कहा हां-हां वही राम प्रसाद, जिसके बारे में मुहल्ले के बच्चों ने समझाया था कभी घर पर भी रहा करो नसीहत दी थी बताया था. अजय ऐसा करते हैं एक मीटिंग रख लेते हैं. राम प्रसाद पर सबकी राय ले लेते हैं. मौका अच्छा है- दीक्षित चिल्ला रहे थे, राम प्रसाद पर अपना भाषण सुना रहे थे.

मेरी बीबी पुलिस में है एक फोन घुमायेगी, पूरी पुलिस फोर्स चली आयेगी. उनकी बीबी बोली, मैं क्यों फोन घुमाऊँगी, क्यों पुलिस फोर्स बुलवाऊंगी? मैं सबसे अलग हूं क्या? मैं भी राम प्रसाद को गले लगाऊंगी.वैसे भी तुम्हारी बक-बक से बोर हो गयी हूं. इसी बहाने कुछ चेंज कर पाऊंगी. दीक्षित जी भी तैश में आ गये. बोले- क्यों भाव खा रही हो. मैं भी यूनिवर्सिटी में काम करता हूं. वहाँ के लौंडों को पुलिस के सामने कमजोर बता रही हो? देखो मैं भी लौंडों को बुलवाऊंगा. इस राम प्रसाद की अर्थी उठवाऊंगा. श्रीवास्तव बोले- क्यों पुलिस और लौंडों के चक्कर में पड़ रहे हो. ऐंठते हुए आयेंगे करेंगे कुछ नहीं. ऐश कर के चले जायेंगे! सिंह बोले- आप ही कुछ करवा दीजिए. राम प्रसाद को मुहल्ले से हटवा दीजिए?

मुझे करना होता तो एक दिन में राम प्रसाद को हटवा देता. कोई मुहल्ले में घुस नहीं पाता ऐसा कर्फ्यू लगवा देता. पाण्डे बोले- क्यों झूठ बोलते हो. एक नाली सीवर तो अपने दरवाजे का ठीक नहीं करवा पाते हो. खामख्वाह कर्फ्यू लगवाने की बात समझाते हो...? ये केवल बातें करते हैं. जब भी मौका आता है, स्कूटर स्टार्ट करते हैं. अभी आता हूं और बाजार चल देते हैं. मिश्रा जी बोले- नगर निगम में एक एप्लिकेशन डलवा देते हैं. मुंहनोचवा की तरह इसको भी हाई लाइट करवा देते हैं. मेयर साहब से कह कर प्रशासन पर जोर डलवाते हैं, प्रशासन हरकत में आ जायेगा. राम प्रसाद नहीं तो श्याम प्रसाद को अन्दर कर अपना फर्ज पूरा कर जायेगा. दीक्षित बोले- ये सड़क बिजली का काम नहीं है, जो मेयर साहब को समझा लोगे. कुछ भी दिखा कर फाइल साइन करा लोगे? इसमें प्लानिंग की जरूरत है. जब मैं पहले वैशाली में सचिव था. तो मैंने ऐसा प्लान बनाया था जहां लोग मिल-जुल कर रहते थे वहां झगड़ा कराया था. मिश्रा जी बोले- देखो फेंक रहा है. अरे इनको किसने देखा है. जो बोल रहे केवल धोखा है.

श्रीवास्तव जी बोले- औरतों के सेंटीमेण्ट की बात है क्यों इसे भड़का रहे हो. छोटी-सी बात को नेशनल इश्यू बना रहे हो. आप अभी इनको नहीं जानते. इनके रंग ढंग को नहीं जानते. ये जिद्द पर आ जायें या किसी पर दिल आये कुछ भी कर जाती हैं. माँ, बाप, भाई, बहन, पति सबको छोड़ जाती हैं. मैंने देखा मसला गंभीर हो रहा है. ऐसे तो कुछ नहीं हो पायेगा. राम प्रसाद सबके अरमानों पर पानी फेर जायेगा. अब ऐसा करते हैं सारी औरतों को बुला लेते हैं, राम प्रसाद पर चर्चा करवा लेते है. मिसेज सिंह बोली- राम प्रसाद आप लोगों से अच्छा है. जब चाहें पास बुलाओ, प्यार करो. कहीं भी घूम आओ. मिसेज दीक्षित बोलीं- और क्या तुम लोगों की तरह केवल बक-बक नहीं करता, हमारी परेशानियों को समझता है...? मुझे तो उसका कैरेक्टर भा रहा है. धीरे-धीरे वो मेरे दिल में उतरता जा रहा है. चाहे जो खिलाओ जो पिलाओ कुछ नहीं कहता, जी भर के प्यार करो कभी उफ नहीं कहता.

मिसेज दोहरे बोलीं- सच कहती हूं जब से राम प्रसाद आया है मेरी रातों की नींद दिन का चैन उड़ाया है. मिसेज पाण्डे बोलीं- जब पाण्डे जी चले जाते हैं, मैं आजाद हो जाती हूं. राम प्रसाद आता है. मौका देख कर घर में बुलाती हूं, जी भर के गले लगाती हूं. तब जाके कहीं सुकून पाती हूं. मेरी पत्नी कैसे पीछे रहतीं. बोलीं- वैसे मैं इनको ही सब कुछ मानती हूं. पर राम प्रसाद समझदार है. इसलिए उसको भी जानती हूं. राम प्रसाद मौसमी चीज है इसमें बुराई नहीं है. सच मानिए अपनाने में कोई बुराई नहीं है. मिसेज मिश्रा बोलीं- आप मुझे क्यों भुला रहे हैं. माना कि छोटों का नम्बर बाद में आता है. पर रामप्रसाद पे मेरा भी हक जाता है. मैंने इससे पहले भी राम प्रसाद को अपनाया, अभी कुछ दिन पहले अपनी जिन्दगी से हटाया है. मिसेज श्रीवास्तव अन्दर ही अन्दर घबड़ा रही थीं. सबकी बातें सुन कर बड़बड़ा रही थीं.देखो, सब कैसे समझा रही हैं, राम प्रसाद पर अपना हक जता रही हैं. इस मामले में सबसे ज्यादा अनुभव मेरा है. मेरे घर तो दिन-रात इसी का बसेरा है.

मुझसे पूछिए प्यार कैसे करते हैं, मैं बताऊंगी! ऐसे ही कोई थोड़े ही वफादार हो जाता है? त्याग, प्यार और सहानुभूति दिखाता है. तब जाके कहीं राम प्रसाद का प्यार पाता है. एक बात आप लोग जान लीजिए, राम प्रसाद को कोई भी अपना सकता है. पर उसका सच्चा प्यार मेरे अलावा कोई और नहीं पा सकता है. तभी बच्चे ने चिल्लाया- राम प्रसाद आला, सब के दिल पे छाला रे.! यह सुन कर सारे मर्द जोश में आ गये. एक साथ बोले- आज न छोड़ेंगे हमजोली, मारेंगे तुझे गोली. चाहे टूटे तोरी टंगड़िया, चाहें रूठे हमजोली. मैंने कहा- केवल गाते रहोगे कि कुछ करोगे, सामने देखो, यूं ही हवाई फायर करोगे या बंदूक में गोली भी भरोगे? सब बोले तो ये राम प्रसाद है. अपनी उम्र नहीं देखते. बहुत ही घटिया इंसान हो? ऐसे बुजुर्ग इंसान का तो बायकाट करना चाहिए, समाज में गन्दगी न रहे कुछ इंतजाम करना चाहिए.

जैसे ही सब ने हाथ उठाया. सारी औरतों ने चिल्लाया. आप लोगों का दिमाग खराब हो गया है, गुस्से में अपने पराये का आभास खत्म हो गया है. अरे ये ही तो एक सज्जन बुजुर्ग इंसान है, सादगी और मानवता की पहचान है. जो हर वक्त अपना बड़प्पन दिखाते हैं, जब आप लोग अपने-अपने काम पर चले जाते हैं, हम लोगों से हाल-चाल परेशानियां पूछ जाते हैं. आप लोगों को शर्म आनी चाहिए. इन पर इल्जाम लगाते हैं. एक बुजुर्ग पर हाथ उठाते हैं. मैंने कहा- हम क्या गलत कर रहे हैं. एक अमर्यादित इंसान को सबक दे रहे हैं. आप तो इनका फेवर दिखायेंगी ही, इनसे सहानुभूति दिखायेंगी ही. सिंह बोले- अजय ठीक कह रहा है. इसने हमारी औरतों को भड़काया है. राम प्रसाद बन कर हमारे हिस्से का प्यार पाया है.

मिसेज सिंह बोलीं- आप कुछ जानते भी हैं. राम प्रसाद को पहचानते भी हैं. ये राम प्रसाद नहीं हैं? सब चौंके- ये राम प्रसाद नहीं है? मिसेज श्रीवास्तव इठलायीं, थोड़ा बल खायीं. झिझक के साथ शर्मायीं, बुजुर्ग इंसान के साथ खड़े उनके कुत्ते की तरफ इशारा करते हुए बोलीं- वो देखो राम प्रसाद शर्मा रहा है. कितने प्यार से अपनी दुम हिला रहा है. ये मेरे कुत्ते टूटू का जुड़वा भाई है. राम प्रसाद रोज टूटू से मिलने आता है. हम औरतों का प्यार-दुलार पा कर धन्य हो जाता है. मैंने कहा- भाइयों ये क्या अनर्थ हो गया. गुस्से में हमारा आई क्यू कहां खो गया. दोस्तों आज एक नसीहत ले लीजिए, किसी को कुछ कहने से पहले अपने अन्दर देख लीजिए. क्योंकि अक्सर ऐसा हो जाता है, किसी राम प्रसाद के चक्कर में अपनों पर इल्जाम जाता है.

हमें अपने मन से राम प्रसाद का भ्रम मिटाना होगा. अपना प्यार अपना विश्वास कायम रहे ऐसा माहौल बनाना होगा.

---

सम्पर्कः बागीश भवन,424/-11,

वैशाली एन्क्लेव, से-9,

इन्दिरा नगर, लखनऊ-226016(उ.प्र.)

मोः 09415017598

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्राची-अप्रैल 2017–हास्य-व्यंग्य विशेषांक : व्यंग्य / राम प्रसाद...का प्रेम! / अजय कुमार मिश्र ‘अजय श्री’
प्राची-अप्रैल 2017–हास्य-व्यंग्य विशेषांक : व्यंग्य / राम प्रसाद...का प्रेम! / अजय कुमार मिश्र ‘अजय श्री’
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgPgg4z_mri9HrCrWJ3DClxY4c-bR2QoXn_7Gfus20_ml7MYtcmjZhpz3Oy6PCX3pnkeeVFjEjTAC8-cQz9Uc8zohJZJcaDoT1rCUzeO6uzQptSJW0Eg15iAwKOVhRT4sTBrcTu/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgPgg4z_mri9HrCrWJ3DClxY4c-bR2QoXn_7Gfus20_ml7MYtcmjZhpz3Oy6PCX3pnkeeVFjEjTAC8-cQz9Uc8zohJZJcaDoT1rCUzeO6uzQptSJW0Eg15iAwKOVhRT4sTBrcTu/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/05/2017_4.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/05/2017_4.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content