प्राची - फरवीर 2017 / हास्य-व्यंग्य / उनसे हैप्पी न्यू ईयर कहने के दिन

SHARE:

यहां वहां की उनसे हैप्पी न्यू ईयर कहने के दिन दिनेश बैस फ रवरी के पग रखते ही ‘हैप्पी न्यू इयर’ कहा जाए तो अगला बुरा मान सकती है. क्या हम...

यहां वहां की

उनसे हैप्पी न्यू ईयर कहने के दिन

दिनेश बैस

clip_image002

रवरी के पग रखते ही ‘हैप्पी न्यू इयर’ कहा जाए तो अगला बुरा मान सकती है. क्या हमेशा लेट चलते हो, ट्रेन की तरह...उलाहना देने पर उतर आये...अब याद आयी है हैप्पी न्यू इयर कहने की? अब तक एक महीना बासी हो चुका है यह जुमला. और यू नो, बासी चीजों को मुँह लगाना हमारी आदत नहीं है...

दुनिया भर की घासफूस, महीने भर पुरानी डबल रोटी के दो पाटों के बीच दबोच कर, बर्गर के नाम पर, ओठ छुआए बिना कुतरने वाली, घर की बनी सिंगल रोटी ताजी ही चबाने के सिद्धांत का पालन करती हैं. कैसे बताएं कि हम भारत के आम लोग धन से भले ही कंगाल हों, मन से मालामाल हैं. एक दिन में तो अपना कोई त्योहार निबटता ही नहीं है. फिर, नये साल के शुरू होने की हैप्पीनेस एक दिन में कैसे पैकअप कर सकती है. लगातार तीन महीने तक हैप्पी-हैप्पी न्यू इयर में झूमने के अवसर होते हैं अपने पास? और फिर, उनसे हैप्पी न्यू इयर कहने के लिये तो फरवरी के अलावा कोई और महीना हो ही नहीं सकता है.

[ads-post]

जनवरी में प्रचलित कलैंडर के अनुसार हैप्पी न्यू इयर घुसपैठ करता है तो फरवरी में बसंत भाई साहब गले आ लिपटते हैं. ऋतु विश्लेषक कहते हैं कि बसंत कामदेव का मौसम होता है. बसंती दादी बताती थीं कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी से, भारतीय मौसमों का नया साल अंगड़ाई लेता है. बसंत-पंचमी कहते हैं उस दिन को. वहाँ, चैत्र में विक्रम संवत् ‘नव वर्ष’ का झंडा लहराता चला आता है. खतरा यह है कि विक्रम संवत् पर ‘हैप्पी न्यू इयर’ कह दो तो भाई लोग राष्ट्र-द्रोही घोषित कर सकते हैं. इन दिनों प्रमाण-पत्र बांटने के क्षेत्र में होल टाइमर हैं वे. इस लिये ‘नव-वर्ष मंगलमय’ हो जैसा भारी-भरकम नारा ही उछालना पड़ता है. खैर, इसमें भी क्या बुराई है. मतलब तो एक ही है. दादा शेक्सपियर कह मरे हैं ‘नाम में क्या रखा है’

अब सब अपने-अपने रंग में मस्त हैं. ‘सूरदास कहिं कारी कांवरि चढ़ै न दूजौ रंग’ की तरह किसी पर कोई रंग चढ़ता ही नहीं है. अपन काफी पिछड़े समय के रहे हैं. घर की बड़ी-बूढ़ी एक दिन पहले कपड़े धो-रंग कर सुखा देती थीं. घर के सब लोगों को बसंत पंचमी के दिन बसंती रंग के कपड़े ही पहनने होते थे. लगता था प्रकृति और हम एक दूसरे में समा गये हों. गेंदा, सूरज-मुखी, डहेलिया, सरसों और हम. सब बसंती-बसंती. बीच-बीच में टेसू के सिंदूरी फूल, हरे गेहूँ की पीली होती बालें, अमुआ के पेड़ों पर झूलती सुनहरी मंजरी, पीली पड़ कर अलविदा में हाथ हिलाती पेड़ों की पत्तियां. भुनगे तो कम्बख्त ऐसे दीवाने हो जाते हैं फरवरी में कि जहाँ बसंती रंग देखा, आ चिपटते हैं. बिल्कुल टपोरीपन पर उतर आते हैं जब भी कोई लड़की देखूं, मेरा दिल दीवाना बोले, ओले-ओले-ओले, ओले-ओले-ओले...

बसंत में प्रकृति और मनुष्य के इस तरह गड्डमगड्ड हो जाने पर पद्माकर मर मिटे. लिख ही तो दिया-

‘कूलन में केलिन में, कछारन में, कुंजन में,

क्यारिन में, कलिन में, कलीन किलकंत हैं,

कहैं पद्माकर, परागन में, पौनुह में,

पानन में, पीक में, पलासन पगंत हैं,

द्वार में, दिसान में, दुनी में देस-देसन में,

देखो दीप-दीपन में, दीपत दिगंत हैं,

बीथन में, बृज में, नवेलिन में, बेलिन में,

बनन में, बागन में, बगरयो बसंत है.’

 

पद्माकर तो खैर ठीक है, जगह-जगह बसंत बगरा कर ही रह गए, मगर सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ मचल ही गये कि नहीं, बसंत पंचमी को ही जन्म लेंगे. यहाँ बसंत का रंग-मंच सजेगा. वहाँ हिंदी के रंग-मंच पर हमारा अवतरण होगा. यह कुछ ऐसी ठसक थी कि हम जहाँ खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है. पता नहीं कितने लोग उनके पीछे लाइन में लग कर धरती पर आ कूदे...विद्या की देवी सरस्वती के प्रतिष्ठित होने के अवसर पर. तब से सरस्वती वंदन और निराला गायन एक ही दिन होता आ रहा है. कवि-कुल में प्रवेश के लिये उतावले नये नवेले और कुछ करें न करें, सरस्वती पूजन अवश्य करते हैं. कैसे समझाएं कि केवल सरस्वती-पूजन से कुछ नहीं होगा. पढ़ना सीखना होगा. तब लिखना आयेगा. बहरहाल, निराला के जन्म पर गाँव-घर में भले ही ढोलक की खनक पर, ‘सोहर’ गूँज उठी हो, स्वयं निराला बसंत से विभोर हो गुनगुनाने से खुद को नहीं रोक पाए...

‘रंग गई पग-पग धन्य धरा, हुई जग, जगमग मनोहरा,

वर्ण-गंध धर, मधु मकरंद भर,

तरु-उर की तरुणिमा तरुण तर,

खुली रूप कलियों में पर भर, स्तर सुपर-सिरा,

गूँज उठा पिक-पावन पंचम, खल-कुल कलख मनोरम

सुख के भय कांपती प्रणय-क्लम, वन श्री चारु-तरा.’

 

लेकिन, बसंत के आगमन से मदहोश हुए केदार नाथ अग्रवाल की नजरों से बच नहीं पाईं वे...

‘सिर से पैर तक

फूल-फूल हो गई उसकी देह,

नाचते-नाचते

हवा का बसंती नाच.’

 

उधर मुरझाए-मुरझाए से कुंवर बेचैन भी बसंत के स्वागत में नजरें बिछा कर बैठ गए. आह्वान करने लगे...

‘पतझर ही पतझर था मन के मधुवन में,

गहराता सन्नाटा सा था मन के अंतर्मन में,

लेकिन अब गीतों की स्वच्छ मुंडेरी पर,

चिंतन की छत पर भावों के आंगन में,

बहुत दिनों के बाद चिरैया बोली है,

ओ वासंती पवन हमारे घर आना.’

 

लेकिन बेढब बनारसी की बसंत में अलग ही विडम्बना है. वे बसंत में बिरह का दुख झेल रहे हैं...

‘आ गया मधुमास आली,

दिवस भर वे पाठ पढ़ते,

नित्य प्रातः हैं टहलते,

और आधी रात तक तो,

जागती है सास आली.’

 

उनकी पीड़ा की पावर को कुछ डिग्री और उछालने के लिये मैं बस एक पंक्ति और जोड़ देना चाहता हूँ- वे मगर कह न पाएं, चुलबुली लगती है साली...गोपाल दास ‘नीरज’ ऐसी किसी विडम्बना का शिकार नहीं हैं. वे तो बस मनुहार कर रहे हैं...

‘आज बसंत की रात,

गमन की बात न करना.’

 

अनूप जलोटा भी उनकी इस मनुहार में शामिल प्रतीत होते हैं. न जाने किसकी गजल पर मचल गए...

‘आज जाने की जिद न करो,

यूँ ही पहलू में बैठी रहो.’

ऐसे तन-मन को कुदरत के रंगों से सराबोर करने वाले फरवरी माह में. बसंत के दिनों में बजरंगी लाल का काम बढ़ जाता है. उनके ऊपर दोहरी जिम्मेदारी आ जाती है. इसी महीने में चौदह फरवरी को वेलेंटाइन डे आ जाता है. दो दिल एक जान हो जाने के उछाव के साथ लोग दुनिया के सारे

बंधन तोड़ देने को निकल पड़ते हैं प्रेम का रिन्यूअल करने. बजरंगी लाल को इस दिन सबेरे-सबेरे अपनी वाली को वेलेंटाइन गिफ्ट देने जाना पड़ता है. अधर हस्ताक्षर देने का अवसर भी जुगाड़ ही लेते हैं. दोपहर में पार्टी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये पाकरें में पहुँच जाते हैं डंडा लेकर...अब करो प्रेम.

कैसे समझाएं कि प्रेम किसी लाठी-डंडे को नहीं सेंटता है. देश-दुनिया की किसी दीवार को नहीं मानता है. मीराबाई-कन्हैया, रोमियो-जूलियेट, शीरी-फरहाद, हीर-रांझा, अमृता प्रीतम-इमरोज की एक ही कहानी है. आज भी अखबार बताते हैं कि तमाम जोड़े ‘चल दरिया में डूब जाएं’ का संकल्प ले लेते हैं. किसी खाप पंचायत के फरमान उन्हें भयभीत नहीं करते हैं...देह गौड़ हो गई हैं वहाँ. भाव मुखर होकर उभर आते हैं. डंके की चोट पर एक ही ललकार होती है उनकी ‘प्यार किया तो डरना क्या.’

बसंत से ठहर जाने का ऐसा मार्मिक अनुरोध कोई शंकर शैलेंद्र जैसा गीतकार ही कर सकता है. उनके गीत पर दिल को हिलोड़ देने वाली ऐसी धुन कोई शंकर-जयकिशन ही रच सकते हैं...

‘ओ बसंती पवन पागल न जा रे ना जा, रोको कोई.’

सम्पर्कः 3-गुरुद्वारा, नगरा, झांसी-284003

dineshbais3@rediffmail-com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्राची - फरवीर 2017 / हास्य-व्यंग्य / उनसे हैप्पी न्यू ईयर कहने के दिन
प्राची - फरवीर 2017 / हास्य-व्यंग्य / उनसे हैप्पी न्यू ईयर कहने के दिन
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRgZ3wmyZT1oNPlU343ybHk7loZrX7L0XM6bW20mU7YLj7LFrl4y7PLJ6TxS6cBg0x4WsdutkzOow-Lq6C8m91BbL_dQZ9eaCiPGmBKsKRTAYdPHOy6-_CxTwamUqJCMVJ0tD_/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhRgZ3wmyZT1oNPlU343ybHk7loZrX7L0XM6bW20mU7YLj7LFrl4y7PLJ6TxS6cBg0x4WsdutkzOow-Lq6C8m91BbL_dQZ9eaCiPGmBKsKRTAYdPHOy6-_CxTwamUqJCMVJ0tD_/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/04/2017_1.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/04/2017_1.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content