रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत

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---------------------------------------------------------------- || रावण || ------------------------ बीस भुजाएं, दस मुख वाला बड़ा अजब और ब...

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|| रावण ||
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बीस भुजाएं, दस मुख वाला
बड़ा अजब और बड़ा निराला
एक साथ में दस-दस लड्डू
झट खा जाता होगा रावण।

बंद करके पलकें चालीसों
फैला करके बांहें बीसों
दस तकियों पर दस सिर रखकर
झट सो जाता होगा रावण।

बच्चे बूढ़े और युवा हों
बन्द कान सब करते होंगे
भरी सभा में दसों मुखों से
जब चिल्लाता होगा रावण।
+रमेशराज

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।। नये साल जी।।
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लो फिर आये नये सालजी,
खुशियां लाये नये सालजी।

वर्ष पुराना बीत गया है,
सबको भाये नये सालजी।

स्वागत करने को हम बैठे,
आंख बिछाये नये सालजी।

जाड़े के संग रास रचाते,
तुम तो आये नये सालजी।

बहुत कल्पना सुखद तुम्हारी,
मन बहलाये नये सालजी।

हर सौगात तुम्हारी मन में,
खुशी जगाये नये सालजी।

तुमसे अब हम जाने कितनी
आस लगाये नये सालजी।
+रमेशराज

।। रावण हमें जलाना है।।
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फिर से राम हुए बनवासी,
छायी सब पर आज उदासी

लक्ष्मण के पांवों में छाले,
फिर से समय-चक्र ने डाले।

रावण करता है मनमानी,
छलता सीता को अज्ञानी

हर रावण के अब विरोध में
हमको शोर उठाना है,
रावण हमें जलाना है।

कोई सोये यहां टाट पर,
कोई मखमल और खाट पर।
कोई खाता बालूशाही,
भूख मचाती कहीं तबाही|
कहीं मनाते लोग दीवाली,
कहीं बसी हैं रातें काली|
कैसे भी हो, भेदभाव यह
अब तो हमें मिटाना है,
रावण हमें जलाना है।
+रमेशराज

|| राकेट ||
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हुए पटाखे टांय-फिस्स लो
जौहर दिखलाता राकेट।

जमकर धूम-धड़ाके करता
नभ को दहलाता राकेट।

जैसे हो राणा का घोड़ा
चेतक बन जाता राकेट।

दीवाली के दिन संयम में
तनिक न रह पाता राकेट।

फिरकनियां मधुगीत सुनाएं
लेकिन चिल्लाता राकेट।

लाल-हरी आभा फैलाता
नभ को चमकाता राकेट।

दीवाली के दिन अपने घर
हर कोई लाता राकेट।
+रमेशराज

|| रामलीला ||
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बंदर काका हनुमान थे
बने रामलीला में
दिखा रहे थे वहां दहन के
खुब काम लीला में।

जलती हुई पूंछ से उनकी
छूटा एक पटाखा
चारों खाने चित्त गिर गये
फौरन बंदर काका।

मारे डर के थर-थर कांपे
फिर तो काका बंदर,
साथी-संगी उन्हें ले गए
तुरत मंच से अंदर।
+रमेशराज

|| इक नौटंकी है दीवाली ||
.............................................
रंग-विरंगी पोशाकों में
दीपक कत्थक-नृत्य दिखाते,
नेट और राकेट बांस बिन
नट-से आसमान चढ़ जाते।

देख-देख बारूदी करतब
बच्चे पीट रहे हैं  ताली,
इक नौटंकी है दीवाली।

लो अब आई धूपसरैया
ताक धिनाधिन , ता-ता थइया,

एटमबम का सुन लो डंका,
हनूमान ने फूंकी लंका,

गोली से यूं सांप निकलता
जैसे हो जादू बंगाली,
इक नौटंकी है दीवाली।

नाच-नाच कर धूम-धड़ाके
जगह-जगह कर रहे पटाखे,

फिरकनियां लेती चकफेरे
औ, अनार मुस्कान बिखेरे।

किसी दैत्य की तरह बमों ने
मुंह से लो आवाज निकाली,
इक नौटंकी है दीवाली।
+रमेशराज

।। होली आयी ।।
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हुए गात सब रंग-विरंगे
दीखें गली-गली हुड़दंगे
पिचकारी ने आज सभी पर
देखो कैसी धाक जमायी
होली आयी, होली आयी।

चेहरे सबके ऊदबिलाऊ
कोई बन आया लो हाऊ
कालिख और सफेदा से रंग
सबने सूरत अजब बनायी
होली आयी होली आयी।

ढपली, ढोलक बजते ताशे
ताक धिनाधिन  बच्चे नाचे
गर्दभ राग सुनाकर सबने
कैसी सब संग तान मिलायी?
होली आयी होली आयी।

गली-गली, बस्ती-बस्ती में
हर कोई झूमे मस्ती में
बच्चों के हाथों में पड़ता
नीला-पीला रंग दिखायी
होली आयी, होली आयी।
-रमेशराज

।। पिचकारी ।।
डाले सब पर रंग आजकल पिचकारी,
करती है हुड़दंग आजकल पिचकारी।

सबसे खेल रही देखो हंस-हंस होली,
मन में लिये उमंग आजकल पिचकारी।

धुले हुए कपड़ों की भैया खैर नहीं,
रंग देती अंग-अन्ग आजकल पिचकारी।

इसके होंठों पर हैं केवल शरारतें,
करती कितना तंग आजकल पिचकारी।

किसका वश चलता है अब इसके आगे,
बच्चो के है संग आजकल पिचकारी।

बंदूकों-सी तनी हुई है सभी जगह,
लड़ती जैसे जंग आजकल पिचकारी।

मदहोशी में क्या कर बैठे? मत पूछो,
पी आयी है भंग आजकल पिचकारी।

लाज और मर्यादा सारी तोड़ रही
हुई बहुत बेढंग आजकल पिचकारी।
-रमेशराज

।। दीपावली ।।
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नन्हें-नन्हें दीप जलाती,
घर,आंगन, गलियां चमकाती,
खील, बताशे, मीठा लेकर,
वर्षा के घर कुण्डी देकर,
जगमग करती रातें काली,
लो भइया आयी दीवाली।

टांय-टांय औ, धूमधड़ाके ,
छूट रहे हैं खूब पटाखे,
बारुदी राकेट उड़ रहे,
चाहों ओर सिर्फ खुशहाली,
लो भइया आ गयी दिवाली।
-रमेशराज

।। ऐसे खेलो होली ।।
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गहरा रंग प्यार का घोलो
टेसू का रंग फीका।
कपड़े रंगने से क्या होगा
मन हो रंगरँगीला |

सद्भावों का रँग है अच्छा
पिचकारी में ले लो
सबको अपने गले लगाओ,
ऐसे होली खेलो ।

सत्य, अहिंसा की गेंदें हों
सबसे अधिक  रंगीली
रहें हमेशा मन में जिनकी
यादें गीली-गीली।

नफरत की होली से अच्छा
घर की कुन्डी दे लो।
-रमेशराज

।। आया अप्रैल फूल ।।
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हंसिए और हंसाइए, आया अप्रैल फूल
शरारतें कर जाइए, आया अप्रैल फूल।

पूड़ी में ज्यादा नमक, सब्जी भीतर मिर्च
सस्नेह मिलाइए, आया अप्रैल फूल।

हंसकर हर कोई कहे वाह अरे भाई वाह
ऐसे मूड बनाइए, आया अप्रैल फूल।

जिनको लगता हो बुरा, जो चिढ़ते हों मित्र
उनको नहीं सताइए, आया अप्रैल फूल।
-रमेशराज

।। घुड़की वाला दाव ।।
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दीवाली पर भालू जी ने
खोली एक दुकान
भरे तुरत आतिशबाजी के
नये-नये सामान |

बीस-बीस के कुल्हड़ बेचे
दस पैसे का बम
पन्द्रह की रंगीन माचिसें
एक न पैसा कम |

बोला बन्दर भालू जी से
करते हो तुम ब्लैक
अभी किसी भी अधिकारी से
करवा दूंगा चैक।

अगर चाहते हो बचना तो
अपने रेट घटाओ,
आटे में बस नमक बराबर
यार मुनाफा खाओ।

भालू ने झट बात समझ कर
घटा दिये सब भाव,
बन्दर जी का घुड़की वाला
काम कर गया दाव।
-रमेशराज


।। लोमड़ी का अप्रैल-फूल।।
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चली खुशी से एक लोमड़ी
अप्रिल फूल मनाने
जंगल के सारे पशुओं पर
अपना रौब जमाने।

शेर समान तुरत चेहरे पर
एक नकाब लगाया
जंगल का राजा बन उसने
बन्दर तुरत डराया।

उसे डराकर थोड़ा आगे
रस्ते पर जब आयी
मस्त चाल में आता उसको
चीता पड़ा दिखायी।

देख उसे झट होश हुए गुम
भागी पूंछ दबाकर
बदहवास-सी शेर-मांद में
घुस बैठी घबराकर।

देख लोमड़ी शेर तुरत ही
मंद-मंद मुसकाया
फिर  लम्बे नाखूनों वाला
पंजा उधर  बढ़ाया।

बोला-मौसी भूख लगी है
आज तुझे मैं खाऊँ 
नये साल का दिन अच्छा यह
अप्रिल-फूल मनाऊँ ।
-रमेशराज

।। फागुन का राग ।।
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फागुन के आते ही शीत गया भाग
सबके अब होठों पर फागुन का राग।

कम्बल रजाई को देकर बनवास
हवा दिखी हर ओर गर्म-गर्म खास

अच्छा नहीं लगती अब हीटर की आग
सबके अब होठों पर फागुन का राग।

चाय और कॉफी का बिगड़ गया स्वाद
बर्फ और चुसकी की आने लगी याद

पौधों  पर रंग-भरे फूल रहे जाग
सबके अब होठों पर फागुन का राग।

बढ़ने लगी मन-बीच होली की चाह
बच्चों ने पकड़ी अब मस्ती की राह

कूक रही कोयलिया आज बाग-बाग
सबके अब होठों पर फागुन के राग।
-रमेशराज

।। आ गयी होली।।
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रंगों की बौछार आ गयी होली
पिचकारी की मार, आ गयी होली।

एक दूसरे के चेहरे को अब बच्चे
पोतें  बारम्बार, आ गयी होली।

टेसू के फूलों से करता हर कोई
अब स्वागत-सत्कार, आ गयी होली।

कपड़े साफ पहनकर मत निकलो भाई
गेंद पड़ें दो-चार, आ गयी होली।

कोई नहीं उदास, हँस रहा हर कोई
मस्ती की भरमार, आ गयी होली।

ढोलक झाँझ मजीरे तबले बाज रहे
रसिया संग सितार, आ गयी होली।

मोटे लाला नाच रहे ताता थइया
लिये तोंद का भार, आ गयी होली।

बच्चे गाने गाते लगते अब जैसे
हुए किशोर कुमार आ गयी होली।

उड़ता रंग-गुलाल, इधर  तो उधर  मिले
छत से जल की धार  आ गयी होली।
-रमेशराज

।। आ गयी होली।।
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उड़ता रंग गुलाल, आ गयी होली
बजती ढोलक नाल, आ गयी होली।

पिचकारी ने रंग उलीचा यूं सब पै
सभी हुए बेहाल आ गयी होली।

हुड़दंगों की टोली पड़ती दिखलायी
नाचें दे-दे ताल, आ गयी होली।

चौपाई रसिया गाते अब सब मिलकर
ले तबला खटताल आ गयी होली।

भाँग चढ़ाकर विहँस रहे हैं घंटों  से
अपने प्यारेलाल, आ गयी होली।

चुपके से टेसू का रँग देखो सब पर
डाल रहे गोपाल, आ गयी होली।

धुले  साफ कपड़ों की भइया अब तो
गले न कोई दाल, आ गयी होली।

ब्रज की लिये गुजरिया हाथों में लाठी
लाठी करे कमाल, आ गयी होली।

हर कोई मस्ती में कितना झूम रहा
आज न पूछो हाल, आ गयी होली।
-रमेशराज

।। अप्रिल-फूल।।
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लो फिर  आया अप्रिल-फूल
सब को भाया अप्रिल-फूल।

हँसी ठहाके शरारतें
संग में  लाया अप्रिल-फूल।

हमने बंटी बबलू को
आज बनाया अप्रिल-फूल।

अब तो सबके अधरों  पर
केवल पाया अप्रिल-फूल।

सोच-सोच ये सब हैं खुश
खूब मनाया अप्रिल-फूल।

बुरा न मानो हमने जो
मजा चखाया, अप्रिल फूल।
-रमेशराज

।। दीवाली आयी ।।
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नन्हें हाथों में फुलझडियाँ
मुस्कायें दीपों की लड़ियाँ
आसमान पर जाकर अब तो
रॉकेटों ने धूम मचायी
लो भइया दीवाली आयी।।

गली-गली में आज पटाखे
करते जमकर धूम-धड़ाके
सूं-सूं,-सूं-सू रेल चली तो
खूब बमों ने धूम  मचायी।
लो भइया दीवाली आयी।

अँधियारा अब डरकर भागा
इतना आज उजाला जागा
रामू काका की झोली में
खील-बड़े बताशे पड़े दिखायी
लो भइया दीवाली आयी।

फिरकनियों  ने नाच दिखाया
सबको मधु  संगीत सुनाया
रंगों का फव्वारा छोड़ा
देखो वो अनार ने भाई
लो भइया दीवाली आई।
-रमेशराज

।। झूले।।
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सबको खूब झुलाते झूले
आया सावन गाते झूले।

आते जिस दिन तीज-सनूने
उत्सव खूब मनाते झूले।

लम्बी-लम्बी लगा छलाँगें
आसमान छू आते झूले।

बन जाते राणा के चेतक
जब भी पैंग बढ़ाते झूले।

आम-नीम की हरी डाल पर
बलखाते-इठलाते झूले।

चाहे जो भी इन पर झूले
सबसे प्यार जताते झूले।

उतना होते दुल्लर-तिल्लर
जितना हमें झुलाते झूले।

मन करता झूलें हम हरदम
मन को इतना भाते झूले।
-रमेशराज

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+रमेशराज, 15/109, ईसानगर , अलीगढ़-202001
मोबा.-9634551630     

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 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड 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रचनाकार: रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
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