राजेश गोसाईं के देश प्रेम के गीत व कविताएँ

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1.    किस किस का दिल देश की आह में किस किस का दिल पसीजा है देश की भक्ति में किस किस को कुछ महसूस होता है देश के लिये लिखें हम जितनी भी कवित...

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1.   
किस किस का दिल

देश की आह में
किस किस का दिल पसीजा है
देश की भक्ति में
किस किस को कुछ महसूस होता है
देश के लिये लिखें
हम जितनी भी कविता
पढ़ सुन कर कौन
इसकी परवाह करता है
इन कड़वे सच्चे बयानों के लिये
किस किस का दिल पसीजा है

सरहद के जांबाजों को याद कर
फिर अमर कौन करता है
जिसकी बेटी का आंसू
आँख में होता है
फिर भी ना पढ़ाई को
उसने बीच में रोका है
हाल माँ के दिल का देख कर
किस किस का दिल पसीजा है

टूटे मंगलसूत्र बिखरे सिन्दूर में
सूनी कलाइयों का दर्द
किस किस ने देखा है
बूढ़े बाप का जांबाज
गया बेटा देख
किस किस का दिल पसीजा है
नन्हे बच्चों को चिता जलाते देख
किस किस का दिल पसीजा है

फूल चाहे कितने बिखेरें हम कवि
गर कविता में नहीं शक्ति
तो किसी और के अंगारों में
किस किस का दिल पसीजा है
जो छोड़ के गाँव घर अपने
सरहद से आये हैं
उनके दाना पानी को
किस किस का दिल पसीजा है

खुली हवा में हम जियें
वो इन सांसों में जान देने के लिये
अपनी जान दे देता है
चैन की रोटी हम खा सकें
वो भूखे पेट गोली खाता है
हम ना मरे दुश्मन की मौत
वो उससे टकरा कर
अमर हो जाता है
वीरों के बलिदान के लिये
किस किस का दिल पसीजा है

राष्ट्रीय त्यौहारों पर भी
खूब खाओ पियो ऐश करो
बड़ा खुशी का मौका है
पतंगे उड़ाओ जश्न मनाओ
किसी ने ना रोका है
पर सलामी देने तिरंगे को
किस किस का दिल पसीजा है
कहीं राष्ट्रगान सुनाई देने पर
खड़े होने के लिये
किस किस का दिल पसीजा है
राजेश गोसाईं
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2.  सवेरा हो गया है

दूर से आती मधुर अजान
शबद घंटे आरती गुणगान
कह रहे हैं उठो
सवेरा हो गया है।

चिड़ियों की ये मीठी तान
नदिया के तट पे
कुएं पनघट पे
घुंघरू का रसपान
कह रहे है उठो
सवेरा हो गया है

ज्योति कलश छलक रहा है
अमृत वेला झलक रहा है
रहट की झुनझुन
कलियों का मधुबन
हवाओं का आवाहन
कह रहा है उठो
सवेरा हो गया है

राजेश गोसाईं

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3.  मेरा हिन्दुस्तान

हे जग दाता विश्व विधाता
हे सुख शांति निकेतन हे
प्रेम के सिंधु दीन के बंधु
हे दुख दरिद्र विनाशक हे
हे सुख दायक गणनायक
चरणों में कोटि प्रणाम रहे
जब तक सूरज चंदा चमके
मेरा हिन्दुस्तान रहे

हो सभ्यता धरती पे
गीता और कुरान रहें
हर बालिका हो विदुषी
यहाँ हर बालक विद्वान रहे

गुरु गोबिंद का हो मान सदा
संस्कृतियों के सम्मान में
हर पल आरती और अजान का
यहाँ पूरा गुणगान रहे

कहे मेरी ये कविता
हर धर्म का सम्मान रहे
बंट ना जायें लाल हरे रंग
देश में एक तिरंगा महान रहे
जब तक सूरज चंदा चमके
मेरा हिन्दुस्तान रहे

केसरिया , उज्ज्वल शुभ्र धवल माँ भारती
धरती का धानी परिधान रहे
हो अमन शांति का पैगाम
खुशहाल सदा खेत खलिहान रहें

कहे राजेश की ये कविता
"राज - ऐश "- देश में सुबह शाम रहे
जब तक सूरज चंदा चमके
मेरा हिन्दुस्तान रहे

हे ईश्वर हे भाग्य विधाता
हे मालिक हे शक्ति दाता
सुन ले मेरी तू पुकार कहीं
मान सम्मान हो देश मेरे का
सारे विश्व में इस जैसी कोई शान नहीं
देख ले आ के सृष्टि के पालनहारे
भारत से बड़ा कोई भगवान नहीं
रहे आन बान और शान सदा
शक्तिशाली देश की तान रहे
जब तक सूरज चंदा चमके
मेरा हिन्दुस्तान रहे

राजेश गोसाईं

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4.  जिन्दा दीवारें

किस से बात करूं
दीवारें बहुत करीब हैं
ईंट, पत्थर की और
जिन्दा दीवारें
कौन अपना है यहाँ

बिखरे अरमानों से भरा
टूटा पड़ा है दिल यहाँ
मोहब्बत का धोखा है
या रिश्तों का निकला हुआ
भरोसेमन्द धागा
किससे बात करूं
राजेश गोसाईं

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5.
बूंदें

अजी एक कविता, मेरी सुन के जाइये
जहाँ जाइये वहाँ गुनगुनाइये
अगर दिल को भाये,  मेरी ये ही रचना
थोड़ा बैठ कर, हौसला तो बढ़ाइये

बड़े दिल से लिखी हैं , ये दिल की सदायें
इक अरमान था,  मंच पे , ये ही गायें
अभी आप सुन के , थोड़ा मुस्कुराइये
कुछ कह के जाइये , कुछ लुत्फ़ उठाइये
कुछ हमारे लिये भी , ताली तो बजाइये

हम दिल की बातों को , होठों पे ले आये
जो कुछ भी लिखा था
कविता में बह आये
कहीं दर्द लिखा है
कहीं हंसाने की कोशिश
कभी समाज के बन्धन
कहीं लिख दी , कुछ बुराई है

कभी जिन्दगी की सच्चाई
कभी तराशे हुए , झूठ की मूरत बनाई है
बस यूं ही समझ जाइये
कवियों के समन्दर में
जो बूंदें बनाई है
कुछ आप पी के जाइये
कुछ हमें भी पिलाइये
अजी एक कविता, मेरी सुन के जाइये
जहाँ जाइये, वहाँ गुनगुनाइये

राजेश गोसाईं

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6.  पाती

लिख कर पाती जेब में रख
सरहद पर जाऊंगा
जिन्दा रहा तो हजारों को
मार कर आऊंगा
मर गया तो हजारों की
आँखों में आंसू बन जाऊंगा
एक देश को मार कर
एक देश जिन्दा कर जाऊंगा
रखने को अपने तिरंगे की शान
मैं कफ़न में भी जिन्दा हो जाऊंगा
राजेश गोसाईं

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7.  सच्चा सेवादार

देश की सेवा में देखें कौन कौन तैयार है
छाती ठोक के बोले जय हिन्द
जो सच्चा सेवादार है

सेवा केवल सरहद पे लड़ के नहीं होती है
जय हिन्द जय भारत बोल के भी
ये पूरी कभी नहीं होती है
तोड़ के मजहब की दीवारें देश में
रखे सच्ची श्रद्धा से दिलों में प्यार है
गले मिल हाथ बढ़ाये प्रेम का अंबार है
दिल से दिल मिलाने में
कौन कौन तैयार है
छाती ठोक के बोले जय हिन्द
जो सच्चा सेवादार है

हर जगह हर पल समाज में
सेवा एक चुनौती है
बहन बेटी की बचा लो इज्जत
जो अबला सरेराह रोती है
राखी वाली कलाइयों में
ताकत जिसकी अपार है
मातृभूमि की रक्षा में मरने को
कौन कौन दिल से तैयार है
छाती ठोक के बोले जय हिन्द
जो सच्चा सेवादार है

बहा दो ईमान की गंगा
जहाँ रिश्वत की धारा होती है
जला दो भ्रष्टाचार के रावण
दशानन में बुराई होती है
खत्म करे जो अहिंसा से सारे अत्याचार है
समाज सेवा से देश में कौन कौन
लायेगा सिस्टम में सुधार है
छाती ठोक के बोले जय हिन्द
जो सच्चा सेवादार है

शुद्ध वातावरण रखने की जहाँ सोच होती है
सड़क पे थूक कूड़े ना फेंको धरती माँ ये होती है
सामाजिक बुराइयां दूर करने में जो जिम्मेदार है
देश सेवा के प्रति कौन कौन सही ईमानदार है
छाती ठोक के बोले जयहिन्द
जो सच्चा सेवादार है
सेवा धर्म में
छाती ठोक के बोले जय हिन्द
जो सच्चा जिम्मेदार है
जो लड़ सके अशिक्षा बेरोजगारी
गरीबी से
भ्रूण हत्या रोकने कौन कौन तैयार है
छाती ठोक के बोले जयहिन्द
जो सच्चा सेवादार है
राजेश गोसाईं

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8. गुस्से में

नफरत की हवाओं
चिराग तुमने जो बुझाये हैं
हम ना डरे हैं कभी ना घबराये हैं
हमने आँधियों में भी दीप
प्रेम के जलाये हैं
लाख कोशिश तुम कितनी भी करो
हमने परवाने सरहद पे
लाखों बिठाये हैं

आग को आज ही जलने दो
अंगारे सीमा पर
जो हमने लगाये हैं
भस्म कर देंगे तेरी नापाक हरकतों को

छेड़ ना तू भी कोई शोले
हमने बारूद तेरे शहर में भी
खूब सजाये हैं
याद रख बस इतना
तेरे गुस्से में हमने बहुत
शहर राख बनाये है
राजेश गोसाईं

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9 . रणबांकुरों की हुंकार ( लम्बी जोशीली रचना )

हम भारत के शेरों ने
सियार सदा भगाये हैं
जब भी भूख लगी
भेड़ बकरी हमने चबाये हैं
फिर पाकिस्तानी गीदड़
अपनी मौत मरने
भारत की मांद में आये हैं

भूल गया तू जंग पुरानी
जो चार बार हमने हराये हैं
अब की बारी तेरा खात्मा होगा
सोच के हम ये आये है
सुन ले पाकिस्तान
ना ले तू हमारे
सब्र का इम्तिहान
वरन खत्म हो जायेगा
दुनिया से तेरा नाम ओ निशान
हम भारत के वीरों ने
कब्रिस्तान खूब बनाये हैं

1971 की लड़ाई में
टुकड़े तेरे बहुत हुए
90 हजार तेरे सैनिकों से
समर्पण हमने कराये हैं

करगिल युद्ध भी देख लिया
जहाँ तूने भारत के शेर जगाये हैं
फिर भी बार बार तेरे
मंसूबे हमने पलटाये हैं
सुन ले पाकिस्तान
अब की बारी तेरा
मिट जायेगा पूरा नाम
सारे एशिया में
बड़े बड़े असुर हमने धूल चटाये हैं
सम्भाल अपनी नापाक करतूतों को
हमने बारूद आज भी खूब सजाये हैं

करगिल हमने जीत लिया था
अब लाहौर इस्लामाबाद कराची में
लाल किला भी सजायेंगे
सारे पाकिस्तान को दिल्ली बना कर
हम भारत का तिरंगा लहरायेंगे
बच्चे बूढ़े और जवान सब
कसम भारत माँ की ले के आये हैं
हमारे जांबाजों के जोश बवंडर ने
शहर खंडहर बहुत बनाये हैं

महाप्रलय का डर नहीं
तू एटम बम का जोर दिखाता है
सिंध गिलगिट बलूचिस्तान तो
सम्भाले जाते नहीं तेरे से
गीत हमारे कश्मीर के तू गाता है
छेड़ा अगर राग मौत का हमने कहीं
सुन ले कान खोल के आतंकिस्तान
चारों तरफ कब्रिस्तान हो जायेगा
दुनिया के नक्शे से
तेरे पाप का अंत हो जायेगा
कफ़न बांध के दीवाने
हम मौत से खेलने आये हैं
चिंगारी नहीं आँख में
हम शोले ले के आये हैं

सुन ले शरीफ तेरा नाम
अब शरीफ ना होगा
शैतानों की बस्ती में कोई
गिलानी सलालुदीन
कोई हाफिज हमीद ना होगा
पाकिस्तान के खानों में
फिर कोई खान ना होगा
दुनिया के नक्शे में
ना पाकिस्तान ना आतंकिस्तान होगा
भूल गया तू वाशिंदे तेरे
हमने सूली पे चढ़ाये हैं
पकड़े गये जिन्दा जो
तेरे ताबूत में कील लगा
सबूत ये बनाये हैं
ना कोई बात अब
ना कोई शर्त समझौता होगा
छेड़ के जंग देख जरा
तेरी मौत को तेरा न्यौता होगा
हम बब्बर शेरों ने तेरे लिये
मैदान खूब सजाये हैं

दोस्ती की आड़ में दुश्मनी कर
खंजर तूने बहुत चलाये हैं
चकाचौंध खुशहाल त्यौहारों में तूने
मौत के मंजर जो दिखाये हैं
अब देख नजारा हमारी शक्ति का
कश्मीर तो हमारा है ही
आगे भी हमारा होगा
गिलगिट बलूचिस्तान भी सब
साथ हमारा निभाये हैं
दुनिया के नक्शे से बस
तेरा भूमंडल गायब करने आये है

छेड़ ना तू हम घायल शेरों को
जितने घायल हम हुए हैं
उतने ही खूंखार बहुत हुये हैं
हम सांपों के हाला हैं
संकट जब भी देश पे आया
हमने ताण्डव भी रच डाला है
रणचण्डी की लपलप में
तेरा रक्त भी पीने आये हैं
सम्भल जा अब पाकिस्तान
वरन देख अपना अंजाम
जयहिन्द जयभारत के गुंजन में
फट जायेंगे धरती आसमान
अब की बारी रण भूमि में
दैत्य संहार करने हम आये हैं

श्रीनगर की घाटी लहूलुहान है
घायल सारा हिन्दुस्तान है
दुनिया की नजरों में
आरोपी केवल पाकिस्तान है
त्राहि त्राहि कर देंगे तेरे हर शहर में
दमन दफन भंजन कर देंगे
तेरे भरे प्याले जहर के
तोड़ के सिंधु संधी
तेरे नापाक इरादों में
हम पानी फेरने आये हैं

अमन चैन प्रेम का देश मेरा
मगर आँख उठी यहाँ जिस रिपु की
हमने उसके कफ़न बहुत बनाये है
सुन ले पाकिस्तान
शरीफों के साथ शरीफ
और शैतानों के लिये हम
मौत के साये हैं
///
राजेश गोसाईं ( mob. 9910263300 )
फरीदाबाद हरियाणा

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10 भारत तैयार है

जंग ए आजादी के शोर में
मेरा भारत तैयार है
लड़ने भिड़ने तूफानों से
मेरा भारत तैयार है

अभी तो आतंकी चूहों को
पहला सबक सिखाया है
शैतानी गीदड़ों को मार तमाचा
पाठ नया पढ़ाया है
जिसकी छाती में हो दम जितना
मिसाइल तोप निकाले
चाहे एटम बमों को
हम पे आज जितना चला ले
सारे किले नापाक विध्वंस करने को
मेरा भारत तैयार है

अब आतंक के ठिकानों में
त्राहि त्राहि मचाने को
ताण्डव शिव का तेरे घर में
तुझे फिर दिखाने को
मेरा भारत तैयार है

चुन चुन कर मारेंगे
गिनती में कभी ना हारेंगे
टेढ़ी आँख जो
सरहद पार करेगा
शांत ठहरे पानी में
पत्थर से जो वार करेगा
तूफानी फौलाद बन कर
महा प्रलय करने को
मेरा भारत तैयार है

तू क्या डरायेगा हमें
हम मौत का दूसरा नाम है
काल भी अब मौत मांगेगा तेरी
बन गये हम यम के खानदान हैं
सुन ले आतंकिस्तान

बच्चा बच्चा और नौजवान
सीने में रखता तूफान है
सेना के समन्दर में भारी उफान है
हम भारत के बुजुर्गों को भी
कम ना समझो यहाँ
जिनमें बड़ी जान है

देश के लिये जीते हैं
गोली सीने पे खाने को
देश के लिये मर जाने को
सब तैयार हैं

तेरी हर करतूत का जवाब देने
रणचण्डी कालका बन कर
दुर्गा सेना भी मेरे भारत की तैयार है
राजेश गोसाईं

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11 नई दृष्टि नई धार

खून किसका खौला है
कौन देश की खातिर
आज दिल से डोला है
आतंक के सांपों ने
मुँह जो फिर खोला है

देश पर आतंकी हमला होता है
किसके दिल में देश का दर्द होता है
गर होता कहीं दर्द देश के जख्मों का
इंसा कभी ना वो सोता है

छोड़ो ये नाटक वतनपरस्ती का
घायल देश की इस मिट्टी का
किसके सीने में प्यार सच्चा
है यहाँ देश भक्ति का

गर होता वतन प्यारा
होता देश में भाईचारा
यहाँ खेल है सब पैसे का
किसका होगा देश दुलारा

नौजवानों को फुर्सत नहीं
पैसा यहाँ कमाने में
कहीं हत्या कहीं बलात्कार
नहीं डर किसी कानून थाने में
हाथ मिला कर अब ना चले जमाना
पैर लात खींचें सब पैमाने में

हाल देश का सही कह रहा हूँ
रिश्वत व भ्रष्टाचारी सह रहा हूँ
मजबूर हो कर इस दुनिया में
देश की परिस्थिति यह कह रहा हूँ

जिसको देखो गोली की भाषा
जहाँ देखो पैसे की अभिलाषा
एक घटना बातें हजार
चर्चा बहस कमेटी होती लगातार
सुर्खियों में आने को सब की होती आशा

बस जवाब यही कि दिया जायेगा
हर दोषी को कड़ा जवाब
मगर सोचने की घड़ी तक
आ जाता नये आतंक का नया जवाब

सिस्टम सारे फेल दिखते
रिश्वत के ही खेल दिखते
भ्रष्टाचारी ही करनी है तो करो
चाहे रिश्वत लेकर ही
आतंक का खात्मा करो
देश के लिये ही रिश्वत ले लो- रिश्वतखोरों
पर अपने देश का सम्मान तो करो

जवाब दो हर नापाक जवाब का
अब भी सही मौका है
जिस जिस के सीने में माँ का दूध बहता है
जिसके दिल में भारत माँ का प्यार रहता है
बहा दो देश के लिये ये अमर गंगा
हर नौजवान से - ये देश का बेटा कहता है

उठाओ हथियार तलवार बनो
आतंक की ललकार बनो
गर रोटी स्वच्छंद खानी है
हवा महकती लानी है
दिवाली ईद होली मिलकर यहाँ मनानी है
घर घर में फिर से खुशहाली लानी है

तो उठो मिल कर एक बार
आवाज दिल की अपनी सुनो
देश की आवाज में मिलकर
देश की नई धार बनो
आजादी की हवाओं में
फिर से नवयुग का आधार बनो
जागो देश के वीर जवानों
संकट माँ पर आता है
नई दृष्टि से धरती माँ के पहरेदार बनो
राजेश गोसाईं

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 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड 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पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi 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रचनाकार: राजेश गोसाईं के देश प्रेम के गीत व कविताएँ
राजेश गोसाईं के देश प्रेम के गीत व कविताएँ
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