पात्र 1- सक्षम - मुख्य पात्र (गाँव का बूढ़ा व्यक्ति कम पढ़ा-लिखा) 2- श्रद्धा - सक्षम की बीबी 3- रागिनी - भतीजी (कॉलेज में अध्ययनरत्...
पात्र
1- सक्षम - मुख्य पात्र (गाँव का बूढ़ा व्यक्ति कम पढ़ा-लिखा)
2- श्रद्धा - सक्षम की बीबी
3- रागिनी - भतीजी (कॉलेज में अध्ययनरत् )
4- रुची - बैंक कर्मचारी
5- लक्की - बैंक मैनेजर
6- अरुण - सहयोगी (बैंक में)
7- आनंद - चायवाला
8- रोहित - सब्जीवाला
9- आर्यन - क्योस्क सेंटर मैनेजर
10. प्रिया - क्योस्क सेंटर कर्मचारी
11. शुभांगी - क्योस्क सेंटर कर्मचारी
(स्थान- बैंक के अंदर का दृश्य, सर्वप्रथम आर्यन फिर अरुण उसके उपरांत सक्षम श्रद्धा बैंक में प्रवेश करते हैं।)
सक्षम - (अरुण से) काय भैया जो पइसा वारो फारम भर देहो।
अरुण - हाँ दादा जी अभी भर देता हॅूं। पासबुक कहाँ है। सक्षम - हओ अभे देत हूँ। मुनिया की बाई पासबुक दइयो।
श्रद्धा - जा लेओ।
अरुण - दादाजी कितने पैसे निकालना है।
सक्षम - पचास हजार रुपइया निकालने हैं।
(आर्यन फार्म भरते हुए उनकी बात सुनकर बीच में बोलता है)
आर्यन - इतने पैसे नहीं निकलेंगे, दादाजी।
सक्षम - भइया तुम से नई पूँछ रये और काय ने निकर हैं।
अरुण - ये यहाँ साइन करके वहाँ लाइन में लग जाइये।
सक्षम - हओ भइया। मुनिया की बाई तुम इतई बैठ जाओ।
(सक्षम,अरुण और आर्यन बैंक की लाईन में लग जाते हैं। सक्षम की बारी आने पर)
रुची - दादाजी कितने पैसे चाहिए।
सक्षम - बाई 50000/. रु चइये।
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रुची - दादाजी सरकार द्वारा नोटबंदी के कारण आप सिर्फ 24000 रु ही अपने खाते से निकाल सकते हैं।
सक्षम - मेरे खाते में पैसा है, मोहे जरुअत है। तुमरे थोड़े माँग रओ हूँ, मोहे तो पूरे चइये।
रुची - दादाजी सरकार ने सिर्फ 24000 रु हफ्ते में निकालने का सीमा तय कर रखी है। हम कुछ नहीं कर सकते।
सक्षम - ऐसे थोड़े होत है हमें तो पूरे पइसा चइये।
रुची - दादाजी मुझे और लोगों के भी पैसे देने हैं आप वो बड़े साहब से बात कर लीजीए।
अरुण - (पीछे से) दादाजी हमें भी जल्दी है तुम साहब से बात कर लो। हठ जाओ।
(अपनी पत्नि को बुलाने का इशारा करता है। और बैंक अधिकारी के पास जाकर)
सक्षम - साहब, हमें पइसा चइये और वा बाई मना कर रई है का इतने पइसा नई निकरें । हमरे खाते में अभई धान के पइसा आए हैं।
श्रद्धा - दे दो साहब।
लक्की - देखो भइया सरकार ने पैसा निकालने की सीमा तय कर रखी है हम इससे ज्यादा नहीं दे सकते हैं।
सक्षम - साहब हमरी बहू की तबियत खराब है हमरे मौड़ा हे ऊँगरी से चलबे बारो मोबाईल चइये, उधारी बारे जान खाय ले रये हैं हमें पइसा की भोतई जरुअत है।
लक्की - हम आपकी मजबूरी समझ रहे हैं पर हम मजबूर हैं।
सक्षम - तुमरो तो हर दान को जोइ नाटक है, हमरो खातो बंद कर दो और हमरे पइसा पूरे दे दो, हम चले, अब नई आयें।
लक्की - खाता बंद करने के बाद भी हम आपको 24000 रु से ज्यादा नगद नहीं दे सकते अगर हमारे हाथ में होता तो हम जरुर दे देते।
सक्षम - तो में का करुँ मोहे भी तो दूसरे के पइसा देनो है मेरी जान खाय जा रये हैं।
लक्की - भाई साहब चैक से दे दो या उसके खाते में पैसा ट्राँसफर करा दो।
सक्षम - सााहब ने जो मोहे कछु पता ने जो मोहे आय।
लक्की - भाई साहब फिर हम कुछ नहीं कर सकते आगे आपकी मर्जी।
सक्षम - हओ साहब कछु नई कर सको तो जो धरो तुमरो फारम हम चले।
(सक्षम और उसकी बीबी आपस में बात करते हुए बैंक से बाहर निकल कर जाते हुए रास्ते में चाय की दुकान पर)
रागिनी - अरे कक्का कहाँ जा रहे हो चाय पी लो।
सक्षम - (सक्षम और उसकी बीबी पैर पड़ते हुए) काय मौडी कहाँ से आ रई है।
रागिनी - कॉलेज गई थी कक्का। चायबाले भइया दो चाय देना। तुम दोई कहाँ घूम रये हो
सक्षम - अरे का बतायँ मौड़ी, बैंक गये पइया मध्धे, मनो का बतायँ उनने तो दए नइ।
रागिनी - इतनी क्या जरुरत आ गई कक्का।
आनंद - ये लो चाय
श्रद्धा - तू नइ पी रइ मौड़ी।
रागिनी - मैने अभी तो पी है।
श्रद्धा - का बतायँ, उधार बारे जान खा ले रये हैं, तेरी भैाजी की तबियत खराब है नागपुर ले के जाने है और तेरो भइया वो ऊँगरी से चलावे वारे मोबाईल काजे मरो जा रओ है।)
रागिनी - अच्छा! कितने पैसे हुए भइया।
आनंद - 15 रु।
सक्षम - में देत हॅूं मौड़ी। (डिस्पोजल फेंक कर)
रागिनी - कक्का नहीं रहने दो। (रागिनी पेटीएम करती है सक्षम गौर से देखता है।), कक्का थोडी सब्जी और ले लें फिर चलते हैं।
आनंद - भइया इसको कचरे में डाल देते।
सक्षम - जो तुमरो काम है।
आनंद - हमारा काम है इसलिए तो डब्बा यहाँ रखा है कचरे के लिए।
रागिनी - कक्का अपने गाँव हे, शहर हे, देष हे साफ रखनो अपनी भी जिम्मेदारी है इसलिए कचरा हमेशा कचरे के डिब्बे में ही डालें।
सक्षम - हओ मौड़ा डालदेत हूँ, मनो जल्दी करिये, बस जाबे बारी है।
रागिनी - बस अभी 10 मिनिट और। (जाते हुए रास्ते में)
सक्षम - जा सरकार ने तो घर के पइसा भी निकरवा के बैंक में जमा करवा लए और अब दे भी नई रए। अब का करें भुखे मरें।
श्रद्धा - बड़ी परेसानी है मौड़ी।
रागिनी - इससे बडा फायदा है कक्का।
सक्षम - हमरे पइसा सब ले लए, हमरो का फायदा उनको हुए कछु।
(सब्जी की दुकान पर पहुँचकर)
रागिनी - सब्जी कैसी दी भइया।
रोहित - जीजीबाई आलू 15 रु किलो, टमाटर 10रु किलो, मिर्च 10रु पाव, गोभी 10रु किलो।
रागिनी - ये मटर कैसी दी।
रोहित - 20रु किलो।
रागिनी - और अदरक।
रोहित - 10रु पाव।
रागिनी - अच्छा, आधा किलो गोभी, आधा किलो मटर, एक पाव मिर्ची, एक किलो आलू, एक किलो टमाटर, थोड़ी सी 5रु की धनिया दे देना।
रोहित - हओ जीजी लेओ। (पन्नी में सब्जी देता है)
रागिनी - झोला है मेरे पास
श्रद्धा - जई पन्नी में ले ले।
रागिनी - नई काकी इनसे बहुत नुकसान है हमें सामान हमेशा कपड़े के झोले में ही लेना चाहिए इसलिए मै हमेशा झोला साथ रखती हूँ। (सब्जी लेने के बाद) कितने हुए भइया।
रोहित - 5, 10, 10, 10, 5 , 15 - 55रु हुए जीजी बाई।
रागिनी - ठीक है। (रागिनी पेटीएम करती है) हो गया भइया।
रोहित - हाँ जीजी।
रागिनी - चलो कक्का अब चलें।
सक्षम - काय मौड़ी तुमरी तो भोत पहचान है। कहूँ पइसा नई लगे।
रागिनी - नहीं काका पैसा तो दे दिए मैने।
श्रद्धा - काय झूठ कै रई है मौड़ी। हमने तो तोहे पैसा देत देखेइ नई।
रागिनी - अरे काकी मैने तो मोबाइल से दे दिए।
(आर्यन का प्रवेश होता है।)
आर्यन - दादाजी आप बैंक में भी बहुत परेशान थे मैंने देखा आपको। चलो मेरे साथ मै आपकी पूरी समस्या हल कर दूँगा और आपके सभी सवालों के जवाब भी मिल जायेंगे।
सक्षम - कहाँ।
आर्यन - मेरे क्योस्क सेंटर
श्रद्धा - जो का होत है। हमें कहूँ नई जाने।
रागिनी - काकी ग्राहकों की सेवा के लिए बनाये गये सेंटर होते हैं जहाँ बैंकों की तरह सभी काम होते हैं।
सक्षम - हओ चलो भइया।
(क्योस्क सेंटर पर पहुँचकर,)
सुभांगी - हाय रागिनी।
रागिनी - हाय सुभांगी हाय प्रिया। तुम यहाँ काम करती हो।
सुभांगी - हाँ। बहुत दिन हो गये। और कैसे आना हुआ।
रागिनी - आप के सर जी हमें साथ लाये हैं। काकाजी को कुछ पूछना था।
प्रिया - नमस्ते काकाजी, नमस्ते काकीजी। हमारा काम ही सभी की सहायता करना है। पूछिये क्या पूछना था।
सक्षम - सरकार ने जे नोट बंद कर दये जा से का फायदा भओ।
सुभांगी - जो पैसा आपके पास था वो किसी के काम का नहीं था, अब वो बैंक में जमा हो गया है। नकली नोट खतम हो गये। काला धन सब बाहर आ गया। आपके द्वारा बैंक में जमा पैसे पर आपको ब्याज मिलेगा और सरकार के पास पैसा जमा होने से नई-नई योजनायें बनेंगी, जरुरतमंदों को पैसा मिलेगा, नए उद्योग खुलेंगे, रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
श्रद्धा - हमरे सब पइसा तो बैंक में जमा हें हमें पइसा की बहुतइ जरुरत है अब हम का करें।
प्रिया - आप पैसा चैक से दे सकते हैं, सामने वाले के खाते में ट्राँसफर कर सकते हैं, मोबाइल से या इन्टरनेट से दे सकते हैं।
सक्षम - हमरे पास तो मोबाइलइ नई है, ने हमें चलावो आत है हम का करें।
सुभांगी - आप आधार कार्ड से भी सबकुछ कर सकते हैं बस आधार कार्ड अपने खाते में लिंक होना चाहिए।
श्रद्धा - ऐं ! जा आधारकार्ड से पइसा निकल सकत है?
प्रिया - हाँ। आपका आधार कार्ड दीजिए हम पैसा निकाल कर बताते हैं।
(आधार कार्ड से पैसे निकालकर बताती है।)
सक्षम - हमरी मौड़ी को व्याव है हमें भोत पइसा चहिए हम का करें।
सुभांगी - सरकार ने इसकी भी व्यवस्था की है आप बैंक में शादी का कार्ड बताकर ढ़ाई लाख रु. निकाल सकते हैं तथा अन्य तरीकों से भी भुगतान कर सकते हैं।
श्रद्धा - जो का होत है केसलेस।
प्रिया - जब हम भुगतान नगद में न करके किसी अन्य तरीकों जैसे- इन्टरनेट से, एटीएम से, चैक से या अन्य तरीकों से करेंगे ता ये कैशलेस कहेंगे जब पूरा भारत इसका उपयोग करेगा तब भारत कैषलैष इंडिया बनेगा।
सक्षम - तुम तो जा बताओ जा सब से फायदा का भओ।
सुभांगी - आपके पूरे लेनदेन की जानकारी सरकार को होगी जिससे सरकार को पूरा टेक्स मिलेगा। जो टैक्स चोरी कर रहे हैं वह सब बंद हो जायेगा। जब सरकार को पूरा टैक्स मिलेगा तब सरकार के पास पैसा होने से सरकार देष की रक्षा के लिए नए हथियार खरीद सकती है, नौकरियाँ दे सकती है, रोड़ें बनवा सकती है, नए उद्योग लगा सकती है, बिजली की व्यवस्था सुधार सकती है, खेलकूद की और अच्छी व्यवस्था कर सकती है, षिक्षा का स्तर सुधार सकती है। सरकार स्वच्छ भारत अभियान को और तेजी से चला सकती है जिससे पूरे देष को खुले में शौच मुक्त बना सकती है। और ये सब तभी संभव है जब सरकार को सही टैक्स प्राप्त होगा।
सक्षम - तुमने तो भोतई अच्छे से हमें सबकछु बतादओ। मोड़ियों तुम तो भोतइ जानत हो, तुम तो खूबई पढ़ी-लिखी हो।
श्रद्धा - अब हम सबसे केहें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, अपने शहर, गाँव हे खुले में शौच मुक्त बनाओ और अपने देष हे कैशलैस बनावे में सरकार को साथ दो।
(आर्यन - हमने अपने इस नाटक के माध्यम से कैशलैस इंडिया के बारे में बताया आप इस जानकारी को जन-जन तक पहुँचाने में सरकार की मदद करेंगे और देश को कैशलैस बनाने में पूरा सहयोग देंगे। आप अपनी बनखेड़ी को स्वच्छ बनाने में सहयोग देंगे तथा कचरा निर्धारित जगह पर ही डालेंगे, पन्नी के स्थान पर कपड़े की थैली का उपयोग करेंगे, खुले में शौच मुक्त बनायेंगे तथा बेटी बचाने तथा बेटी पढ़ाने का संकल्प लेकर यहाँ से जायेंगे तभी हमारा यह नाटक सही मायनों में सफल होगा।)
नारे - भारत माता की जय
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Bahut Badhiya Natak hai
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