हास्य-व्यंग्य / देश-सेवा के अखाड़े में / सूर्य बाला

SHARE:

यह खबर चारों तरफ आग की तरह फैल गई कि मैं देश-सेवा के लिए उतरने वाला हूं । उसने सुना, भागा आया और मेरे निर्णय की दाद दी । बधाई-संदेशों का ...

यह खबर चारों तरफ आग की तरह फैल गई कि मैं देश-सेवा के लिए उतरने वाला हूं । उसने सुना, भागा आया और मेरे निर्णय की दाद दी । बधाई-संदेशों का तांता लग गया- ''सुना, आप देश-सेवा पर उतर रहे हैं, ईश्वर देश का भला करें !''

प्रस्ताव-पर-प्रस्ताव आने लगे कि बाइ द वे, शुरुआत कहां से कर रहे हैं? कौन-सा एरिया चुन रहे हैं? हमारे अंचल से करिए न! बहुत स्कोप है । हेलीपैड बनकर विकसित होने लायक इफरात जमीन पड़ी है । आबोहवा भी स्वास्थ्यप्रद हे । ईश्वर की दया से गरीबी, भुखमरी ओर अशिक्षा आदि किसी बात की कमी नहीं । लोग भी सीधे-सादे नादान किस्म के हैं-आखें मूंदकर माई-बाप का रिश्ता जोड़ लेने वाले । अगले दस सालों तक तो बहकने की कोई गुंजाईश नहीं । वर्षों सुख-शांति, अमन-चैन से गुजार सकेंगे, आप 'माई-बाप', इन देश के लालों के साथ । ये हमेशा रोटी के लाले पड़े रहने पर भी कभी शिकवे-शिकायत नहीं करते । हर हाल में मुंह सिलकर रहने की जबरदस्त ट्रेनिंग मिली है इन्हें ।

मैंने सोचा, जगहें तो सारी एक-सी हैं; ऐसे स्कोप कहा नहीं है! लेकिन जब कहा जा रहा है, आफर मिला है तो उन्हीं के एरिया से शुरुआत हो जाए । मेरा निश्चय सुनते ही प्रेस वाले दौड़े आए और आग की तरह फैलती इस खबर में घी डाल गए ।

शाम को उस एरिया का सबसे बड़ा कांट्रेक्टर आया और सलाम करके बोला - 

' 'बंगला कहां छवेगा

[ads-post]

मैं हैरान । कैसा बंगला? अभी देश-सेवा तो हुई नहीं कुछ, उससे पहले बंगला छवाने आ गया!

उसने उसी अदब भरी मुस्तैदी से कहा, ''वही तो, जब तक बंगला नहीं छवेगा, देश-सेवा-जनहित जैसे महान काम कहां बैठकर करेंगे आप? लोक-सेवक लोग आकर कहां ठहरेंगे? मुलाकाती कहां लाइन लगाएंगे? संतरी कहां सिडकेगा उन्हें?... फूस की छत या टिन के शैड के नीचे मुलाकाती नहीं इकट्ठे होते । कोई बेवकूफ थोड़े है । सीधी-सी बात है, जो अपने सिर पर छत नहीं खड़ी कर पाया, वह उनके सिरों पर साया कहां से करेगा? अपना नहीं तो कम-से-कम अपने दुःख-दर्द सुनाने आने वालों का तो ख्याल कीजिए ।''

मैंने कहा, ' 'तब फिर छवा दीजिए, जहां ठीक समझिए ।''

वह खुश हो गया । वहीं-का-वहीं बैठकर नक्शा वगैरह खींचकर वह बोला, 'गेराज एक रहेगा या दो ?' '

मैंने कहा, ' 'अरे यार! पहले कार तो हो।

उसने कहा, ' 'आपकी न सही, मुलाकातियों की तो होगी! और फिर यों समझ लीजिए कि बप्पा साहव को देशहित के पैवेलियन में कुल छ: महीने ही गुजरे हैं और आलरेडी दोनों बेटों के ट्रकों और स्टेशन-वैगनों के लिए जगह की कमी पड़ रही है ।''

मैंने आज्ञाकारी बच्चे की तरह कहा, ' 'तब जैसा आप लोग उचित समझिए ।''

कांट्रेक्टर खुश हो गया, ' 'ऐसा करते हैं, एक गेराज बना देते हैं और दो की जगह छोड़ देते हैं पोर्च पोर्टिको आलीशान बनाएंगे, नहीं तो संतरी टुटपुंजिए मुलाकातियों को रुआब से दुतकारेगा कैसे? संतरी जितना कटखना होता है, आदमी उतना ही पहुंच वाला माना जाता है । अच्छा मैं चलता हूं । बंगले का आहाता, लान सींचने, साग-सजी फूल-पत्तों की क्यारी संवारने के लिए मेरा एक आदमी है, बड़ा नेक और विश्वासपात्र । इस काम के लिए उसी को रखिएगा, जनहित जैसे काम करने जा रहे हैं तो इस एरिया के नक्कालों से सावधान रहने की जरूरत है ।' '

शाम को उस एरिया के व्यापारी-संगठन का प्रमुख आया और आजिजी से बोला ' 'देश-सेवियों का भोजन तो अत्यंत संतुलित और नियमित होता है । साहब तो अनाज को हाथ नहीं लगाते थे और देख लीजिए काठी ऐसी है कि सत्तर की उम्र में सत्ताईस वालों को बगल में दबाकर घूमे । अखाड़ेबाजों-सा सधा और तना हुआ शरीर सिर्फ मीनू की बदौलत ही तो! बाइ द वे आपका मीनू?' '

मैंने झेंपकर कहा, ' 'अभी बनाया नहीं... ।' '

उसने ताकीद की, ' 'तो झटपट बना डालिए-खानपान की दुरुस्ती पहले । आप जानो रूखी-सूखी वाले महात्मा को कौन पूछता है? मेरा तो आज तक किसी नमक-रोटी खाने वाली महान आत्मा से साबका पड़ा नहीं । मेरे देखते-देखते कितने ही जनसेवी नमक, रोटी, प्याज से शुरू होकर फल, दूध और सूखे मेवों वाले मीनू पर स्थानांतरित हो आज तक स्वास्थ्य-लाभ कर रहे हैं ।' '

मैंने संकोच से कहा, ' 'सूखे मेवे तो गरिष्ठ होंगे । सोचता हूं शुरू-शुरू में रोटी-दाल ही ठीक रहेगा ।'

उसने फौरन टोककर कहा, ' देखिए, आप दाल-रोटी खाइए या नमक-रोटी, लेकिन एक बात समझ लीजिए-इधर भड़काने वाले बहुत हैं-घर-घर यह बात पहुंच जाएगी कि जो खुद नमक-रोटी खाता है वह हमें मालपुए कहां से खिलाएगा? -और इस एरिया के लोग भोले-भाले, नादान हैं ।' '

. मैंने कहा ' आपकी बात ठीक है लेकिन मेवे बहुत महंगे भी तो हैं ।''

वह बेतकल्लुफी से बोला, ' क्यों शर्मिंदा कर रहे हैं आप? आप इस एरिया के जनसेवक होकर आ रहे हैं और खरीदकर मेवे खाएंगे ' लानत नहीं होगी इस जमीन के बाशिंदों के . लिए? आखिर हम किस मर्ज की दवा हैं? आज ही सूखे मेवों का एक टोकरा भेजे देते मैंने जल्दी से कहा, ' नही-नहीं, आपके मेवे...

उन्होंने बात काटकर कहा, ' .उन्हें मेरे मेवे नहीं, देश-सेवा के मेवे समझकर खाइएगा, बस! बसे भी आप चखकर देखिएगा तब समझिएगा कि खरीदकर खाए मेवों में वो स्वाद और लज्जत कहां जो देश-सेवा से प्राप्त मेवे में होती है! पैसों की चिंता मत कीजिएगा ' मुझे आप पर भरोसा है; मेरे पैसे कहीं नहीं जाएंगे । सब वसूल हो जाएंगे ।''

अगले दिन उस एरिया का नामी-गिरामी दर्जी आया और बड़े प्यार से मुझे अपने फीते में जकड़ते हुए बोला, ' 'आप फिक्र न कीजिए । मुझे सब अंदाज है । यथा साहब से मैंने पहली बार नाप लेते वक्त ही कह दिया था कि अगली अचकन और पाजामे के लिए कम-से-कम पौना-पीना मीटर कपड़ा ज्यादा लाइएगा । और वही हुआ! वैसे ही आप भी करिएगा लिवास तो यही रखेंगे न! रखना भी चाहिए । शुम्र, स्वच्छ बकुल-पंखी-अर्थात् बगुले की तरह सफेद शक्काफ । हर मौके और हर जगह के लिए पूरी तरह दुरुस्त । जमाने की हवा सर्द हो या गर्म, ये वस्त्र पूरी तरह वातानुकूलित रहते हैं । समझ लीजिए, लिफाफे हैं जो अपना मजमून बदलते रहते हैं । कोई बाहर से इनके अंदर का मजमून भांप नहीं सकता । और इधर तो इस लिबास की महिमा और बढ़ गई है । इतिहास बताता है कि पहले इस लिबास को महान लोग पहनते थे, अब इसे जो पहन लेता है तुरत-फुरत महान हो जाता है ।''

अगले दिन सुबह-सुबह तेल-पिलाई लाठी और घुल-बकरी सीने वाला एक मुच्छड् आया और सलाम ठोंककर बोला, ' 'मैं संतरी हूं सिर्फ देश-सेवियों के पोर्टिकों और पोर्चों के लिए समर्पित । अब तक की सारी जिंदगी, समझ लीजिए, देश-सेवी फाटकों ओर पोर्चों पर ही कुर्बान की है । खिदमत में कोई कोरकसर नहीं रहेगी, इसका भरोसा रखें । बप्पा साहब ने तो पूरी हक-हुकूमत दे रखी थी । जिसे चाहता अंदर जाने देता, जिसे चाहता चार धक्के दे, कालर पकड़, बाहर कर देता । बप्पा साहब कभी दखल न देते थे ।

अहा, क्या आदमी थे! कभी पूछा-पैरवी की ही नहीं । मेरी वजह से कभी टुटपुंजिए, फटेहाल मुलाकती उनके पास फटक ही नहीं पाए । समझ लीजिए, वे तो नाम के मंतरी ये । असली मंतरी तो मैं यानी उनका संतरी ही हुआ करता था । अब आपको क्या बताना, समझ लीजिए एक तरह से पूरे देश की बागडोर संतरियों के हाथ में ही होती है.. अच्छा चलता हूं । फाटक, पोर्टिको तैयार हो जाए तो बुलवा लीजिएगा । ये रहा मेरा विजिटिंग कार्ड । मेरे सिवा कोई और यहां संतरी न होने पाए, इसका ख्याल रखिएगा । यह ओहदा जिस-तिस को सौंपने लायक नहीं । बड़ी जिम्मेदारी, बड़े जोखम का काम है । हां, सांझ को इस इलाके के कुछ और नामी-गिरामी, तावेदार लोग आपसे दुआ-सलाम किया चाहते हे जिससे आपको पूरा इत्मीनान हो सके ।''

शाम को, सर पे टोपी लाल, गले में रेशम का रूमाल बांधे वे लोग भी आए और मुझे पूरा भरोसा दिला गए कि 'हमारे रहते इस पूरे इलाकेभर में किसी की हिम्मत नहीं जो आपके काम में दखल दे । न आपकी तरफ कोई आंख उठा सकता हे, न कोई इन्क्वायरी बैठ सकती है । हम जो हैं! आप तो बस खाइए और चेन से सोते हुए देश की खुशहाली का सपना देखिए । किसी की मजाल नहीं जो कोई रोड़ा अटकाए! अटकाए तो हमें तलब कीजिएगा । इसी तरह हमें पूरा भरोसा है कि आपके रहते हम पर आँच न आने पाएगी । है कि नहीं? न हमारा काम रुके, न आपका । बप्पा साहब जब तक रहे अपनी बात रखी, हम निर्द्वंद्व घूमते रहे । अब यह जिम्मेदारी आप पर । आप अपना हाथ हमारे सर पे रख दें तो हमें भी इत्मीनान हो जाए ।' '

मैंने ससंकोच उन्हें समझाने की कोशिश की, ' 'लगता है आप लोगों को कुछ गलतफहमी हो गई है-मैं तो यहां देश-सेवा के इरादे से आया हूं ।' '

उन्होंने फौरन कहा, ' 'लीजिए, तो हम कौन-से देश के बाहर हैं? हम भी तो उसी देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है, प्रदूषण की । हमें कोई गलतफहमी नहीं है! और एक बात आपको भी याद दिला दें कि आप भी किसी गलतफहमी में न पड़िएगा, यह इलाका जितना आपका है उतना ही हमारा भी । इतना ध्यान रखिएगा, देश-सेवा के क्षेत्र में रहकर हमारे जैसे देशवासियों से द्रोह न मोल लीजिएगा! बाकी जिम्मेदारी हमारी । न वोट की कमी होने देंगे न नोट की । आप चैन से सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र के पिछड़े हुए तमाम काम कीजिए, चाहे काम तमाम कीजिए ।'

इस प्रकार धमकी भरे आश्वासन और आश्वासन-भरी धमकियां देते हुए भूतपूर्व मंतरी के संतरी और उसके बिरादरों ने अपने-अपने क्षेत्रों को गमन किया और उस विचारोत्तेजक धमकी से प्रेरित हुआ मैं, ओ मेरे क्षेत्रवासियों, आपके नाम यह संदेशनुमा धमकी जारी करता हूं कि चूंकि मुझे अब कुछ भरोसेमंद साथी मिल गए हैं, अत: मैं बेखौफ, बेहिचक आपके क्षेत्र की सेवा के अखाड़े में कूदने वाला हूं । सावधान!

--

(हिन्दी हास्य व्यंग्य संकलन, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से साभार)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: हास्य-व्यंग्य / देश-सेवा के अखाड़े में / सूर्य बाला
हास्य-व्यंग्य / देश-सेवा के अखाड़े में / सूर्य बाला
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjZMhm0-EB2ppTFDmcCpPDCz5OMk7-xXQ0xxaYqmqA1hA3slgXkoo3EW_FQ4Qn5Y6VqBZ24suBIVqi3t6T6yZTCt4kOlVxQM8nBUIElm4axM4GPep-77j9vteATcOtW0SVSp5aI/?imgmax=200
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjZMhm0-EB2ppTFDmcCpPDCz5OMk7-xXQ0xxaYqmqA1hA3slgXkoo3EW_FQ4Qn5Y6VqBZ24suBIVqi3t6T6yZTCt4kOlVxQM8nBUIElm4axM4GPep-77j9vteATcOtW0SVSp5aI/s72-c/?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2017/01/blog-post_36.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2017/01/blog-post_36.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content