शिया मुस्लिम द्वारा प्रारंभ सिमरी का महावीरी झंडा -लक्ष्मीकान्त मुकुल

SHARE:

शिया मुस्लिम द्वारा प्रारंभ सिमरी का महावीरी झं डा -लक्ष्मीकान्त मुकुल मो0-9162393009 ई0मेल- kvimukul12111@gmail.com सामाजिक और धार्मिक स...

image

शिया मुस्लिम द्वारा प्रारंभ सिमरी का महावीरी झंडा

-लक्ष्मीकान्त मुकुल

मो0-9162393009

ई0मेल- kvimukul12111@gmail.com

सामाजिक और धार्मिक समरसता का एक अद्भुत उदाहरण गाँव सिमरी में मिलता है, जहाँ दशहरे में महावीरी झंडा उठाने की प्रथा एक शिया मुस्लिम द्वारा सौ वर्ष पूर्व आरम्भ की गयी थी, जो आज भी बदस्तूर जारी है। 'शाहाबाद महोत्सव स्मारिका' में प्रकाशित जाफर हसन बेलग्रामी के एक आलेख में कहा गया है कि सद्भावना को अक्षुण्ण बनाये रखने वाले ऐसे तत्वों की गहराई को समझते हुए इस महावीरी झंडा उत्सव में भाग लेना चाहिए। करीब दो हजार की आबादी का गाँव सिमरी, जहाँ शिया व सुन्नी मुस्लिमों के अलावे हिन्दू भी काफी संख्या में निवास करते हैं। यह गाँव रोहतास (बिहार) जिला के दावथ प्रखंड के अन्तर्गत है तथा आरा-मोहनिया राष्ट्रीय उच्च मार्ग (एन0एच0-30) पर मलियाबाग के पार्श्व में अवस्थित है। यह गाँव ठोरा और काव नदियों के दोआब में बसा है।

मुस्लिम बिरादरी द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं व गौरव ग्रन्थों के प्रति सम्मान की भावना के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं, जिसमें राम भक्त हनुमान के प्रति आदर की भावना सबसे प्रबल मिलती है। हनुमान जी के कार्य और चरित्र से सभी वर्गों के लोग अनादि काल से ही प्रभावित रहे हैं। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के शब्दों में कहा जाए तो हनुमान जी भगवान के एकनिष्ठ उपासक हैं, इसलिए समस्त जगत के कष्ट को दूर करने के लिए सदा उद्यत रहते हैं। भारतीय साहित्य और साधना में ऐसे परोपकारी एकनिष्ठ भगवत्सेवक का चरित्र दुर्लभ ही है।

जनदेवता हनुमान के प्रति मुस्लिमों द्वारा प्रकट किए गए सम्मान और समर्पण का व्यापक रुप से विवरण 'कल्याण' के हनुमान अंक में मिलता है। लखनऊ के अलीगंज मुहल्ले में गोमती के पास तत्कालीन अवध के नवाब मुहम्मद अली शाह की बेगम रबिया (सन् 1792-1802) ने संतान प्राप्ति के लिए स्वप्न-दर्शन के आधार पर मनौती स्वरुप इस्लामबाड़ी में हनुमान जी का मंदिर दिया था। हनुमान जी की मूर्ति बेगम साहिबा ने सपने में निर्देशित टीला को कारिन्दों से खुदवाकर निकलवाया था। मुस्लिम बिरादरी के लोग भी उसकी पूजा करते हैं और वहाँ मेला भी लगता है। फैजाबाद के प्रशासक नवाब मंसूर अली ने अपने पुत्र के भयंकर रोग से छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी से मनौती माँगी। स्वस्थ हो जाने पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी में श्रद्धावनत् नवाब ने विशाल मंदिर का निर्माण कराया तथा बावन बीघा भूमि उस मंदिर को दान में दिया एवं साधुओं को धूप में आराम करने के लिए इमली के पेड़ भी लगवाए।

सिमरी में बसा शिया मुस्लिम परिवार कोआथ के नवाब परिवार की एक शाखा माना जाता है। अंग्रजी शासन-काल में ईस्ट इंडिया कंपनी के सर्वेयर फ्रांसिस बुकानन द्वारा सन् 1812-13 में शाहाबाद के सर्वेक्षण रिर्पोट में कोआथ के नवाब नुरुल हसन के परिवार और उनकी जमींदारी का विस्तृत उल्लेख प्राप्त होता है। इनके पुरखे शुजाउद्दौला की फौज के कमांडर थे, जिसकी उपलब्धि में उन्हे शाहाबाद जिला के आरा परगना में 105 मौजे तथा दनवार और दिनारा परगनों में 153 गाँव बेलगान मिले थे, जिसे लखराज संगता गंग कहा जाता था। इनकी जमींदारी परिवार के ही कुल पंद्रह शेयरों में बँटी थी। कोआथ और सिमरी गाँव इन्ही खान लोगों के कोठियों के कारण मशहूर थे। अवध के बेलग्राम नामक स्थान से आया यह परिवार उपने नाम के अंत में बेलग्रामी शब्द जोड़कर अपनी पृथक पहचान कायम रखता है। शाहाबाद गजेटियर के मुताबिक इस परिवार में अनेक कवि-शायर व अधिकारी भी हुए हैं। जिला की प्रमुख मिठाई बेलग्रामी का चलन इन्हीं लोगों ने शुरु किया था। इनके पास अभी भी मुगलकाल व औपनिवेशिक जमाने के ऐतिहासिक दस्तावेज, पाण्डुलिपियाँ और चित्र सुरक्षित हैं। ब्रिटिश शासन द्वारा खान की उपाधि से विभूषित होने के कारण 'खान की सिमरी' नाम से इस गाँव की ख्याति मिली। सिमरी स्थित बेलग्रामी परिवार अपनी उदारता, समर्पण, हिन्दू समाज से भाईचारा और विद्वानों, सन्तों और फकीरों को आदर देने वाला माना जाता है। आज भी ये लोग भौतिकवादी व्यवस्था में 'नदी के द्वीप' की तरह अपनी पहचान बनाये हुए हैं। सिमरी गाँव का काली स्थान, महावीरी अखाड़ा और जोगीवीर आदि हिन्दू धार्मिक स्थलों के पर्याप्त जमीन बेलग्रामी परिवार ने ही दान में दिया था।

इस महावीरी झंडा की ऐतिहासिक पृष्टभूमि तथा सामाजिक सांस्कृतिक अवदान के विषय में जानकारी हासिल करने के लिए सिमरी गाँव के ग्रामीणों तथा आस-पास के गाँव यथा धरकंधा, अवाढ़ी, चौरांटी, परसिया कला, केवटी टोला, जमसोना, बभनौल, महुअरी, परमेश्वरपुर और मलियाबाग के बुद्धिजीवियों व बुजुर्गों से गहन पड़ताल की गई। सिमरी मध्यविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक स्थानीय निवासी 76 वर्षीय हनुमान सिंह ने बताया कि जैसा उन्होने बड़े-बूढ़ों से सुना है कि बेलगामी परिवार के लोग उस समय नवाब थे। इख्तिखार हसन बेलग्रामी के पितामह सर सैय्यद मरहूम शाह हसन बेलग्रामी नरसिंह दूबे आदि सिपहसलारों के साथ अपनी कोठी पर बैठे हुए थे, तभी उन्होंने देखा कि गाँव के काफी लोग अच्छे परिधानों में सज-धजकर झुंड के झुंड कहीं जा रहे हैं। इस बाबत पास बैठे लोगों से उन्होंने पूछा कि ये लोग कहाँ जा रहे हैं? तो उत्तर मिला कि पास के गाँव बभनौल मके दशहरे के दिन झंडा उठता है, उस झंडा-जुलूस में शामिल होने और वहाँ के अखाड़े में दंगल-करतब देखने ये लोग जा रहे हैं। यह बात उनको नागवार लगी कि इस इलाके का सबसे नामी गाँव तो सिमरी है, जिसकी जनसंख्या भी काफी है, यहाँ नवाब खानदान रहता है, जिसका नाम काफी दूर तक फैला है, परन्तु यहाँ के लोग एक कमतर गाँव बभनौल में महावीरी झंडा उत्सव मनाने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने अगले दिन पूरी सिमरी बस्ती में डुगडुगी पिटवा कर ऐलान कराया कि आज नवाब साहब की कोठी पर एक आवश्यक मजलिस जमेगी, जिसमें आम व खास सभी सिरकत करेंगे। उस बैठक में नवाब साहब ने गाँववालों के सामने यह प्रस्ताव रखा कि क्या यह महावीरी झंडा हमारे गाँव सिमरी में नहीं हो सकता? उनके इस कथन से पूरे गाँव के हिन्दू आश्चर्य में पड़ गये और सबने एकमत से उनकी इच्छा का समर्थन किया। नवाब साहब ने कहा कि अब अगले साल से यहाँ के लोग बभनौल में महावीरी झंडा उठाने का काम बंद करेंगे और झंडा प्रतिवर्ष यहाँ से ही उठेगा और यहीं के अखाड़े तक जायेगा, जहाँ दंगल-खेल-तमाशा होगा।

कहते हैं कि अगले वर्ष दशहरा से एक माह पहले ही नवाब साहब ने गाँव के कुछ जागरुक लोगों को उस जमाने में चार सौ रुपया चाँदी के विक्टोरियन सिक्के देकर बनारस12 में झंडा बनवाने के लिए जिम्मेदारी के साथ भेजा। लाल रंग के मखमल के कपड़े का वह एकरंगा झंडा बनारस स्थित दालमंडी के समीप नारियल बाजार में झंडा बनाने की मशहूर दुकान नारायण के0 दास के यहाँ बनवायी गयी। जिस पर सोने के तार से महावीर जी की आकृति उभारी गयी। कहा जाता है कि उसमें एक किलोग्राम सोने का इस्तेमाल हुआ था। झंडा बनवाने जाने वालों में जगमनन साह, जोगी चौधरी, सिपाही सिंह, गुदानी सिंह प्रमुख थे। बनारस से झंडा जब तैयार होकर गाँव सिमरी में आया, तो महावीर जी की आँखों को बनाने के लिए नवाब साहब ने अपनी तिजोरी से दो मनके दिए, जिनकी कीमत आज बेशुमार है। इस गाँव में पचास घर उज्जैनी राजपूत बिरादरी के हैं, जो पूरब और पश्चिम पट्टियों में बसे हैं। पूरब पट्टी में चौरस आंगन वाला बैठकानुमा एक घर है, जिसे 'दालान' कहा जाता है। वहीं पर झंडा उठाने की परंपरागत रस्म निभाई जाती है। दालान के पास महावीर जी के स्थान से झंडा उठता हुआ पूरे गाँव में जुलूस की शक्ल में घूमाते हुए नेशनल हाइवे के पास अखाड़े तक ले जाया जाता है। जुलूस के अखाड़े पर पहुँचते ही स्थानीय मुहर्रम कमेटी के अखाड़े द्वारा सलामी दी जाती है। इस पूरे उत्सव के आरंभ से अंत तक बेलग्रामी परिवार के लोग अपनी भागीदारी बनाये रखते हैं। अखाड़े पर कुश्ती में भाग लेने के लिए आस-पास और दूर-दूर तक के पहलवान आते हैं और इनाम पाते हैं।

अखाड़े के परंपरागत मालिक सबसे पहले स्व0 बसगीत सिंह थे। उनके बाद उनके परिवार के ज्येष्ठ पुत्र इन कर्तव्यों का निर्वाह करते आ रहे हैं। उस दिन पश्चिम टोले के लोग आकर उनको पगड़ी और लंगौटा उपहार में देते हैं। बसगीत सिंह के बाद अखाड़े के उत्तराधिकारी क्रमशः सरयू सिंह और राजेन्द्र सिंह हुए। इस समय धीरेन्द्र सिंह अखाड़े के मालिक हैं, जो राँची में बी0एस0एफ0 में इन्स्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं तथा महावीरी झंडा उठने के समय अपने दायित्व को निभाने प्रतिवर्ष दशहरे में छुट्टी लेकर चले आते हैं।

ग्रामीण बताते हैं कि सिमरी गाँव, जहाँ हिन्दू मुस्लिम के पर्व को अपने पर्व की तरह मानते हैं और मुस्लिम हिन्दू पर्व को अपना पर्व मानते हैं। महावीरी झंडा के जुलूस में आगे चलने वालों में मस्जिद के पेशे इमाम दूर से ही पहचाने जा सकते हैं। महावीरी झंडा को लेकर चलने वाले हिन्दू मुहर्रम के ताजिये में उसी जोशो-खरोश के साथ सम्मिलित होते हैं। हिन्दू-मुस्लिम एकता का अद्भुत मेल बड़ा ही रोमांचकारी शक्ल अख्तियार करता है।

कहा जाता है कि परंपरागत रुप से जुलूस और अखाड़े का झंडा, मुद्गर, पोशाक, सिंदूर, लंगौटा, छत्र आदि सुरक्षित रखी गई वस्तुओें को उस दिन निकाला जाता है। दशहरे के समय मनाये जाने वाले इस महावीरी झंडे में तीर-तलवार, लाठी-गदका-बनेठी आदि खेल भी खिलाड़ी दिखाते हैं। 'बजरंग बली की जय' से वातावरण मुखरित हो जाता है। हनुमान भक्तों की भीड़ से गाँव की सड़क भर जाती है। इस दिन महावीरी झंडे के जुलूस में भाग लेने के लिए आबाल-वृद्ध, नर-नारी अत्यन्त सज-धजकर दूर-दूर के गाँवों से आते हैं। वे अपने साथ महावीरी पताका भी जुलूस में लाते हैं। भजन-कीर्तन मण्डली, खिलाड़ियों के खेल, बजरंगी का स्वांग बनाकर नृत्यरत नर्तकों की मंडली और दर्शकों की भीड़ सभी एक अनोखा परिवेश संघटित करते हैं। एक दिन का यह आयोजन अपने ढंग का अनूठा होता है। वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा हनुमान जी की विशेष पूजा पंचोपचार विधि द्वारा की जाती है और पूर्ण उत्साह एवं गौरवपूर्वक महावीरी झंडे का जुलूस निकाला जाता है।

बनारस से बनाये गये उस झंडे के बारे में गाँव के युवा सत्येन्द्र सिंह ने कई मुख्य और रोचक बातें बतायीं। अपने दादा के कथनानुसार उन्होंने कहा कि वह झंडा सन् 1913 में बनारस में बना था। काफी पुराना होने के कारण वह कुछ फट-सा गया है, परन्तु हनुमान प्रतिमा के उकेरे गये सोने के सभी तार यथावत् हैं। दो मनकों से बने आँख में से एक मनका गायब हो गया है। उनका कहना है कि यह झंडा पहले अनगराहित चौधरी के यहाँ रखा जाता था, परन्तु 25 वर्ष पहले उनके यहाँ पड़ी डकैती में वह झंडा भी चोरी चला गया। चोरों ने उसे अनुपयोगी समझकर ईख के खेत की मेड़ पर छोड़ दिया। इस प्रकार वह झंडा बच गया। सत्येन्द्र जी ने बताया कि पुराना झंडा अब इस्तेमाल में नहीं आता, वह अब धरोहर के रुप में है। उसके बदले अब नया झंडा, जो दस साल पहले बना था, उसे ही उपयोग में लाया जाता है। पुराना झंडा और नया झंडा उस दिन (दशहरा) पूजा के समय रखा जाता है। पंडित द्वारा उसकी पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि पुराना और नया झंडा अब उनके यहाँ अलग कोठरी में सुरक्षित है, जिसकी सुबह-शाम नियमित पूजा होती है, धूप-दीप, गूगूल-अगरबत्ती जलाया जाता है और सुंदरकाण्ड का पाठ किया जाता है।

बेलग्रामी परिवार के बुजुर्ग सैय्यद इख्तिखार हसन बेलग्रामी उर्फ रसूल भाई का कहना है कि सिमरी गाँव के महावीरी झंडा की शोभा-यात्रा तथा मुहर्रम के ताजिये का जुलूस शुरू से ही काफी मशहूर रहा है, जिसमें दोनों समुदाय के लोग दूर-दूर से पधारकर इसमें भागीदारी करके गौरवान्वित होते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे आने वाली पीढ़ियाँ इन गौरवशाली उत्सवों को इसी उमंग के साथ मनाती रहेंगी।

सिमरी गाँव के महावीरी झंडे की यात्रा का समापन गाँव से पूरब नेशनल हाइवे के किनारे महावीर जी के अखाड़े पर होता है। परन्तु नेशनल हाइवे के प्रस्तावित दोहरीकरण की योजना से अखाड़े की जमीन के अस्तित्व पर खतरा भी मंडराने लगा है, क्योंकि फोर लेन की यह सड़क होते ही यह भूमि ठीक बीच में आ जायेगी और मालवाहक गाड़ियाँ अखाड़े की धरती को रौंदती हुई दौड़ती रहेंगी। मुस्लिम अखाड़े के खलिफा मजहर आलम इस खतरे से आशंकित होते हुए कहते हैं कि सरकार के साथ ग्रामीण इस स्थिति से उदारतापूर्वक निपटने का प्रयास करेंगे। अन्यथा विषम हालत में अखाड़ा की भूमि को वैदिक अनुष्ठान के द्वारा अन्यत्र स्थानान्तरित करना पड़ सकता है।

अतएव बेलग्रामी नवाब द्वारा शुरू किया गया सिमरी का महावीरी झंडा उत्सव आज भी सांप्रदायिक और जातीय उन्माद के घनघोर अंधेरे माहौल में प्रकाश की उजली लकीरों की तरह उम्मीदों से भरा है। जिसको संरक्षण-संवर्धन-प्रोत्साहन किए जाने की आवश्यकता है।

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: शिया मुस्लिम द्वारा प्रारंभ सिमरी का महावीरी झंडा -लक्ष्मीकान्त मुकुल
शिया मुस्लिम द्वारा प्रारंभ सिमरी का महावीरी झंडा -लक्ष्मीकान्त मुकुल
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhOcrpXsEQReUKy7vwZAicVjGF0iFUn4hgqFNOtmxvognsqVyL0K40K_c_eP0T0noY1nAoqDEJVE3oiF0lP1ixgz9qqUeiTQg-wWvxtX8Q2oumOyslXDNq6WzrPALx6mVa1ZQje/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhOcrpXsEQReUKy7vwZAicVjGF0iFUn4hgqFNOtmxvognsqVyL0K40K_c_eP0T0noY1nAoqDEJVE3oiF0lP1ixgz9qqUeiTQg-wWvxtX8Q2oumOyslXDNq6WzrPALx6mVa1ZQje/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/11/blog-post_57.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/11/blog-post_57.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content