किस्सा बचपन का, प्रणाम किया तो मारा घूंसा / संस्मरण / संजय दुबे

SHARE:

बात जरा पुरानी है, मेरे बचपने की। मैं स्कूल देर से जाना शुरू किया था। शायद जल्दी जाता भी नहीं था। इसीलिए मेरा नाम मेरे घर के ठीक सामने स्थि...


बात जरा पुरानी है, मेरे बचपने की। मैं स्कूल देर से जाना शुरू किया था। शायद जल्दी जाता भी नहीं था। इसीलिए मेरा नाम मेरे घर के ठीक सामने स्थित नगर महा पालिका प्राथमिक विद्यालय में लिखवाया गया था। वह विशुद्ध हिंदी माध्यम का विद्यालय था, तो आप समझ सकते हैं कि वहां का माहौल कैसा रहा होगा। वहां लड़के-लड़कियां सभी पढ़ते थे। अधिकतर गरीब घरों के ही होते थे। कोई यूनिफार्म या ड्रेस का प्रचलन नहीं था।

टाटपट्टी पर बच्चे बैठकर पढ़ते थे। कुर्सी पर सिर्फ अध्यापक ही बैठते थे। वे हमेशा छड़ी लिए रहते थे। फीस न के बराबर थी।
जब विद्यालय में मेरा दाखिला कराया गया था तो मैं शारीरिक रूप से मजबूत था और थोड़ा मोटा भी। हालांकि मुझे यह बिल्कुल याद नहीं है। घर में बातचीत से पता चला। विद्यालय में नियमित रूप से हारमोनियम की धुन पर पूरे राग के साथ प्रार्थना -


'वह शक्ति हमें दो दया निधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जाऊं,
परसेवा, परउपकार में हम जग-जीवन सफल बना जाऊं।
हम दीन दुखी निबलों-विकलों के सेवक बन संताप हरें,
जो हैं अटके-भूले-भटके उनके तारे खुद तर जाएं।
छल, दंभ, द्वेष, पाखंड, झूठ, अन्याय से निशिदिन दूर रहें,
जीवन हो शुद्ध सरल अपना नित प्रेम सुधारस बरसाएं।
निज आन-मान मर्यादा का प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे,
जिस देश-जाति में जन्म लिया बलिदान उसी पर हो जाए'

होती थी। इसके बाद राष्ट्रगान होता था।


एक प्रधानाचार्य थे ठाकुर साहब। इसके अलावा श्री शीतला प्रसाद, श्री शशिकांत पांडेय और एक जायसवाल जी अध्यापक थे। एक अन्य अध्यापक भी थे, उनका नाम याद नहीं आ रहा है। श्री हरिनरेश तिवारी चपरासी थे। हम लोग सभी अध्यापकों को पंडित जी कहकर बुलाते थे। यही सिखाया गया था। स्कूल में पांचवीं कक्षा तक ज्ञान भारती नाम की हिंदी पुस्तक, हमारी दुनिया हमारा समाज नाम से एक सामाजिक विषय की किताब (जिसमें इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र सभी थे), विज्ञान आओ करके सीखें-नाम की विज्ञान की पुस्तक और एक किताब गणित की थी, संभवतः उसका नाम प्रारंभिक गणित था। अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू आदि विषय नहीं थे। पीटी जरूर होती थी। उस समय एक बार विद्यालय में घंटी बजती थी, जिसका मतलब था कि प्रार्थना होने जा रही है, सब लोग कतार में खड़े हो जाओ और दूसरी बार घंटी बजती थी छुट्टी होने की, जिसका मतलब सबको पता है। उस समय अलग-अलग विषयों के लिए अलग-अलग घंटी नहीं लगती थी, या कान्वेंट स्कूलों की तरह पीरियड जैसा कोई प्रचलन नहीं था। सुलेख और इमला नियमित रूप से लिखवाए जाते थे।


सभी बच्चों के पास लकड़ी की तख्ती होती थी और सफेद खड़िया पानी में घोरकर एक छोटी सी शीशी में रख लेते थे, जिसे दुद्धी कहते थे। उसी से तख्ती पर लिखते थे। पांच घंटे के विद्यालय समय में पांच-छह बार घर भागकर आता था और फिर जाता था। घर विद्यालय के सामने होने से यह फायदा था। छुट्टी के समय सब बच्चे कतार से खड़े होते थे और पंजीरी की तरह सबको दरिया मिलती थी। जब मैं कक्षा दो या तीन में रहा होऊंगा, उस समय शशिकांत पांडेय अध्यापक बार-बार घर जाने पर हमको डंडे से खूब पीटते थे। मेरी जमकर पिटाई हुई है, लेकिन घर भागना कभी नहीं छूटा। उस समय पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी को झंडारोहण के बाद प्रभात फेरी निकलती थी। रास्ते में 'झंडा ऊंचा रहे हमारा, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' गाते हुए हम लोग चलते थे। आधा दूर पहुंचने पर जलेबी मिलती थी और विद्यालय लौटने पर एक-एक लड्डू भी।


हिंदी की किताब में पहला अध्याय एक कविता का था-सूरज निकला चिड़िया बोलीं, कलियों ने भी आंखें खोलीं, आसमान में छाई लाली, हवा बही सुख देने वाली। इसी तरह अगली कक्षा में कविता थी-उठो लाल अब आंखें खोलो, पानी लाई हूं मुंह धो लो, बीती रात कमल दल फूले, उनके ऊपर भौरे झूले आदि। किसी कक्षा में हिंदी की पुस्तक में एक कविता थी-रण बीच चौकड़ी भर-भर कर चेतक बन गया निराला था, राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था-मुझे बहुत अच्छी लगती थी और मैं इसे अक्सर गुनगुनाया करता था। हर शनिवार को बालसभा होती थी, उसमें मैं यह गाया करता था।


गणित के अध्यापक अक्सर बताते थे कि तौल की सबसे छोटी इकाई ग्राम होती है, फिर डेकाग्राम, हेक्टोग्राम और किलोग्राम होता है। इसी तरह नाप की सबसे छोटी इकाई मिलीमीटर होती थी, फिर डेसीमीटर, सेंटीमीटर और मीटर होती है। मुझे यह अच्छी तरह याद रहती थी।


कक्षा चार और पांच में सरकंडे की कलम और स्याही से लिखने का नियम था। हम लोग एक शीशी में नीली स्याही भरकर रखते थे और सरकंडे की कलम से कापी पर लिखते थे। वह गीला रहता था, उस पर खिड़की के पास की धूल डाल देते थे। वह उस गीलापन को सोख लेती थी। फिर उसे झाड़ लेते थे। शायद किसी को विश्वास न हो लेकिन मेरी राइटिंग सबसे अच्छी रहती थी। दो ही चीज में मैं सबसे आगे था। एक राइटिंग और दूसरी पीटी। उस समय लेजिम के साथ नियमित पीटी होती थी। एक बार जिले भर के बच्चों को शहर के साउथ मलाका स्थित विद्यालय में ले जाया गया। हम लोग इक्के में बैठकर वहां गए थे। वहां एक घंटे तक पीटी का कड़ा अभ्यास कराया गया और उसमें मैं जिलेभर में पहले स्थान पर रहा। पीटी के बाद दो-दो केले भी खाने के लिए मिले थे। बाद में मुझे काटन की एक शर्ट और हाफ पैंट दी गई थी।


उस समय सरकारी विद्यालयों में कक्षा पांच और आठ में बोर्ड की परीक्षा होती थी। नैनी के सभी विद्यालयों की परीक्षा मेरे ही विद्यालय में थी। परीक्षा के दिन हम लोग एक बड़ी दफ्ती लेते थे। उस पर रंगीन कागज चिपकाकर देवी-देवताओं की फोटो लगा लेते थे। बचपन में सिखाया गया था कि जब पर्चा मिले तो उसे भगवान को दिखा देना चाहिए। इससे परीक्षा अच्छी होती थी। बहरहाल पांचवीं कक्षा में जब मैं बोर्ड की परीक्षा देने जा रहा था, तो कुछ ऐसा महसूस कर रहा था या अपने को समझता था, जैसा आज कोई आईएएस में प्री और मेन की परीक्षा को सफलतापूर्वक निकाल कर इंटरव्यू देने जाते समय अपने को समझता होगा। परीक्षा के बाद रिजल्ट मिला और मैं उछलते-कूदते घर पहुंचा, क्योंकि मैं बढ़िया से पास हो गया था। इसलिए खूब मस्ती की और आइस-पाइस, अक्कड़-बक्कड़, गिट्टीफोड़ आदि खेला।


गर्मी की छुट्टियों में मैं मजे में रहता था। इस बीच जुलाई आई और मेरी अगली कक्षा में प्रवेश की बात होने लगी। मेरे घर के सामने वाला विद्यालय सिर्फ पांचवी कक्षा तक ही था। बारिश का मौसम होने से नए विद्यालय में मेरा प्रवेश थोड़ा देर से हुआ। मेरे घर से करीब दो किलोमीटर दूर एक विद्यालय था बाल शिक्षा निकेतन जूनियर हाईस्कूल। मेरी मम्मी और भइया मुझे लेकर वहां गए और कक्षा छह में मेरा प्रवेश हुआ। इसके पहले हमने कभी पांचवी कक्षा के आगे का विद्यालय नहीं देखा था। वह थोड़ा बड़ा था और वहां कई अध्यापक थे। वहां बच्चों को ड्रेस पहननी पड़ती थी। पहली बार मुझे भी आसमानी शर्ट और नेवी ब्लू पैंट तथा इलास्टिक लगी हुई टाई पहनने को मिली। एक बैग, एक टिफिन और अंगूर के गुच्छे की तरह लाल रंग का पानी का एक थर्मस भी दिया गया। जूता-मोजा भी था।

मेरा प्रवेश देर से हुआ था, इसलिए पढ़ाई शुरू होने के करीब दस दिन बाद जब मैं पहली बार स्कूल पहुंचा तो वहां के प्रधानाचार्य श्री दशरथ लाल उपाध्याय (जो भूगोल पढ़ाते थे) कक्षा छह में पढ़ा रहे थे। मैंने कक्षा के सामने जाकर उनसे हाथ जोड़कर बोला, पंडितजी प्रणाम। इस पर वे मुझे देखे और एक जोरदार घूंसा मेरे पीठ पर मारे। आप विश्वास करिए, अगर मैं मजबूत शरीर का न होता तो संभवतः बेहोश हो जाता। मैं समझ नहीं पाया कि उन्होंने मुझे क्यों मारा। बाद में मुझे पता चला कि मैंने उन्हें पंडितजी कहकर प्रणाम किया था, इसलिए पीटा गया। इसमें मेरी क्या गलती थी। जहां मैं पहले पढ़ता था वहां सभी अध्यापकों को पंडित जी ही कहा जाता था। नए स्कूल में आधे-आधे घंटे के बाद अलग-अलग विषयों के अध्यापक या अध्यापिकाएं आते थे। हर आधे घंटे पर घंटी लगती थी। हर कक्षा का एक क्लास टीचर होता था। वह सबकी हाजिरी लेता था।

मुझे यह पता ही नहीं था कि टीचर को सर या मैडम कहा जाता था। इससे यहां का माहौल मेरे लिए बड़ा ही असहजपूर्ण था। मैं बहुत चुपचाप और पीछे की सीट पर बैठता था। पहली बार मुझे अंग्रेजी की किताब मिली। कक्षा छह से मैंने एबीसीडी सीखनी शुरू की। स्कूल में लंबी बेंच और डेस्क पर बच्चे बैठते थे। यह भी मेरे लिए अजूबा था, क्योंकि इसके पहले मैं न तो अंग्रेजी पढ़ा था और न ही बेंच और डेस्क पर बैठा था। पुराने विद्यालय में तो टाटपट्टी पर ही बैठाया जाता था। इस तरह का स्कूल पहली बार देखा था। एक खास बात यह थी कि वहां भी पीटी होती थी और मैं उसमें आगे रहता था। वहां लंच का नियम था। इसलिए मुझे भी रोज घर से टिफिन में खाना लाना पड़ता था और आधी पढ़ाई के बाद उसे खाते थे। बाद में सब कुछ ठीक हो गया। मैंने कक्षा आठ में बोर्ड की परीक्षा दी थी। हालांकि मैं पढ़ाई-लिखाई में औसत विद्यार्थी ही रहा और मार भी खूब खाया करता था, लेकिन पता नहीं क्यों मैं कक्षा में कभी भी अपना होमवर्क अधूरा नहीं रखता था। इसलिए होमवर्क के लिए कभी भी मार नहीं खाया। उन दिनों की बातें अब याद कर बहुत अच्छा लगता है।

संजय दुबे
इलाहाबाद।

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: किस्सा बचपन का, प्रणाम किया तो मारा घूंसा / संस्मरण / संजय दुबे
किस्सा बचपन का, प्रणाम किया तो मारा घूंसा / संस्मरण / संजय दुबे
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj-BVVBf4Y8LpYHzc_dRC8AaL9Qwtm6abO0S0C0twLtIIISJ7aK-ZE3UI3iHz5rK6_1wZMlz63YS8GoyJ29VRP3zTLFERDGAJ3rMhcjrPws3vr7rVygpFO88Fods1qspbUQwPQs/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj-BVVBf4Y8LpYHzc_dRC8AaL9Qwtm6abO0S0C0twLtIIISJ7aK-ZE3UI3iHz5rK6_1wZMlz63YS8GoyJ29VRP3zTLFERDGAJ3rMhcjrPws3vr7rVygpFO88Fods1qspbUQwPQs/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/08/blog-post_67.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/08/blog-post_67.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content