परसाई व्यंग्य पखवाड़ा : अगले जनम में..../ व्यंग्य / प्रमोद यादव

SHARE:

( परसाई व्यंग्य पखवाड़ा - 10 - 21 अगस्त के दौरान विशेष रूप से हास्य-व्यंग्य रचनाओं का प्रकाशन किया जा रहा है. आपकी  सक्रिय भागीदारी अपेक...

image

(परसाई व्यंग्य पखवाड़ा - 10 - 21 अगस्त के दौरान विशेष रूप से हास्य-व्यंग्य रचनाओं का प्रकाशन किया जा रहा है. आपकी  सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है.  )

  अगले जनम में..../

व्यंग्य

प्रमोद यादव

‘ एक बात से मैं हमेशा कन्फ्यूज्ड रही हूँ जी..’ पत्नी बिस्तर लगाती बोली.

‘ कौन सी बात पगली ? ’

‘ यही कि देश में गरीबी घटी है या बढ़ी है..वैसे तो बचपन से सुनती-पढ़ती आ रही कि हमारा देश कृषि-प्रधान है मतलब कि गरीब देश है..पर इन दिनों कई बार अखबारों में पढ़ने को मिलता है कि देश में अमीरों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हुआ..इसका मतलब तो यही हुआ कि गरीब कम हुए..गरीबी कुछ मिटी..आप क्या कहते हैं इस बारे में ? पत्नी सवाल दागते बोली.

‘ अरी भागवान..गरीबी मिटती-हटती या कम होती तो देश के सारे नेता, मंत्री-संत्री ,प्रशासानिक अधिकारी 24x7 इसका जाप क्यों करते ? कितनी ही सरकारें आई - गई पर गरीबी… न कोई मिटा सकी न हटा सकी ..अलबत्ता इसी गरीबी हटाओ के नारे लगा, जनता-जनार्दन को झूठे सपने दिखा..समय-बेसमय विभिन्न पार्टियां सरकार बनाती रही.....राज करती रही ..गरीबी और महंगाई का चोली-दामन का साथ है..कुछेक पार्टियां गरीबी के साथ महंगाई को भी चुनावी मुद्दा बना चुनाव जीती ..पर आज तलक न गरीबी मिटी न महंगाई कम हुई..’ पति ने ज्ञान बघारते कहा.

‘ लेकिन आस-पड़ोस के लोगों को देखो तो लगता है कि गरीबी कम हुई है जी ..अब देखो न.. सामने वाली गली के खोमचावाले श्यामलाल गुप्ता आज एक बहुत बड़े लाज का मालिक हो गया है..कच्छा-बनियान पहनने वाला गुप्ता अब नेताओं वाले लिबास में भाषण देते घूमता है..और वो देबू सोनी को देखो..एक टपरे में बैठ चांदी के जेवर धोया करता था..टाँके लगाने के काम करता लोगों को चूना लगाता था..वो आज भव्य ज्वेलरी शाप चला रहा है..खुद बप्पी लहरी की तरह इतने सोने के आइटम पहने रहता है कि लगता है ये मुआ अब लुटा..तब लुटा..पर वाह री उसकी किस्मत..रोज चैन स्नेचिंग के कितने ही समाचार पढ़ती हूँ पर देबू सोनी का नाम कभी नहीं पढ़ी ..पीछे रहने वाले कान्सटेबल कमलाकर को देखो..जब आया था तब उसके पास भूंजी-भांग तक न था.. सिवा एक अदद गंवार बेडौल बीबी के..तीन साल में ही देखो क्या से क्या हो गया..पॉश कालोनी में मकान बनवाया है और सुना है पास के किसी गाँव में उसने फार्म हाउस भी ख़रीदा है..उसकी बेडौल बीबी आज “बेबी डौल” हो गई है.. सोने की खान हो गई है मुई .. सर से पाँव तक गहनों से लदी-फदी होती है..’

पति ने बीच में टोकते कहा- ‘ अब छोड़ो भी यार ..सब मालूम है मुझे..और ये भी मालूम है कि आगे तुम क्या कहने वाली हो..यही कि मुझे छोड़ अधिकाँश लोग गरीबी रेखा से ऊपर चले गए और मैं नीचे का नीचे बी.पी.एल. के कुंए में ही रह गया..अब रह गया तो रह गया यार..गरीबी और महंगाई पीछा नहीं छोड़ती तो कोई क्या करे ? तुम्ही बताओ..सरकारी स्कूल का ये टीचर करे भी तो क्या करे ? सरकारी स्कूल वैसे भी गरीबी के जीवंत पर्याय होते हैं..बिलकुल ही जर्जर और टूटे-फूटे..जैसे मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई में निकले हों..तो भला भीतर किस खजाने की कोई आशा करें ? अधिकतर लोग बेईमानी करके बड़े आदमी और अमीर बन जाते हैं..अब टीचर बेचारा क्या बेईमानी करे बताओ ? कहीं कोई गुंजाइश ही नहीं..कुछ लोग मेहनत करके अमीर बनते हैं..मैं भी पूरी मेहनत से पढाता हूँ पर सरकार सिवा मासिक वेतन के कुछ नहीं देती..धन्यवाद भी नहीं..तो बताओ.. अमीर कैसे बनूँ ? ‘

‘इसका मतलब कि गरीबी से निजात पाने का कोई उपाय ही नहीं ?’ पत्नी उदास हो बोली.

‘ हाँ..कम से कम इस जनम में तो नहीं..प्रार्थना करो कि अगले जनम में मनुष्य योनि न मिले..ताकि न गरीबी का जंजाल हो न मंहगाई का रोना..इंसानी दुनिया में बहुत लोचा है..’ पति ने निराशा भरे स्वर में कहा.

‘ अगले जन्म में आप कुछ भी बनिए..मुझे कोई उज्र नहीं..पर बताये देती हूँ..हर योनि में मैं ही आपकी पत्नी बनूंगी ?

‘ ऐसा क्यों भई ? दूसरों को भी चांस दो..’ पति ने छेड़ते हुए बोला.

‘ अच्छा जी ..एक जनम में ही ऊब गए ? भई..सात फेरे लिए हैं.. सात जन्मों का वादा है..उसके बाद जिसे चाहे आप कास्ट कर लें,हमें कोई हर्ज नहीं.. तो बताइये भला..अगले जन्म में क्या बनना चाहेंगे ? ‘

‘ मैं गज बनना चाहूँगा..गज..यानी कि हाथी..’ पति बोला.

‘ गज ?..तो मैं आपकी गजगामिनी बनूंगी..आपकी प्यारी हथिनी..तो हाथी मेरे साथी.. बताईये भला..शेर–शेरनी.मोर-मोरनी को छोड़ ये गजोधर..मतलब कि गज का रूप धरने का ख्याल कैसे आया ? ‘ पत्नी पूछी.

‘ दरअसल मैं एकदम टिपिकल योनि में जन्म लेना चाहता हूँ..सबसे अलग..सबसे जुदा.. अनोखा डील-डौल..भावुक और बलिष्ठ..और ये सारे गुण केवल एलिफेंट में होते हैं..इसलिए..’ पति ने जवाब दिया.

‘ लेकिन आपने कभी सोचा भी है कि इन दिनों जंगल तेजी से साफ हो रहे..नाममात्र को बचे हैं.. जनाब..दो पेड़ ( दो जून की रोटी) खाने को तरस जायेंगे..पैदा होते ही शरणार्थी हो जायेंगे..घूम-फिरकर इसी इंसानी दुनिया में फिर लौट आयेंगे ..जहां हमारी कोई क़द्र नहीं होगी..यहाँ इन्सान की कोई क़द्र नहीं तो जानवर को कौन पूछेगा ? वो भी जम्बो साईज का जानवर.. गरीब भिखारी हमारे सिर पर बैठ घूम-घूमकर हमसे ही भीख मंगवाएंगे..राजे-महाराजे का युग होता तो झेल भी लेते..वे कम से कम इज्जत तो देते..अच्छा ठाट-बाट और खाना-वस्त्र तो देते..आप ये गज वाला प्लान केंसिल कर कुछ और बनिए जी..’ पत्नी मशविरा देते बोली.

‘ठीक है..तुम्ही बताओ..किस योनि में जाना चाहोगी ?’

‘ पक्षी योनि में.. मैं कबूतरी बनना चाहूंगी ..और आप होंगे मेरे प्यारे कबूतर...आप दिन भर प्यार से गुटुर गूं करते रहना और मैं शर्म से लाल होती गाती रहूँगी --कबूतर..जा..जा..जा..’

‘ महारानी जी..अब ये कबूतर-कबूतरी फिल्मों में ही रह गए हैं..बड़ी ही छोटी जिंदगी होती है इनकी..जंगल में किसी बहेलिये की नजर पड़ी तो गए काम से..और शहर में तो लोग देखते ही बंदूक उठा निशानेबाजी सीखते हैं..किसी दिन कोई तुम्हें मार गिराया तो मैं तो यूं ही मर जाऊँगा..ये योनि भी ठीक नहीं..कोई और सोचो..’

मोर-मोरनी..घोडा-घोड़ी..सिंह-सिंहनी..हिरन-हिरनी..जैसे कई खूबसूरत पशु-पक्षियों की योनियों में जाने की चर्चा हुई पर नतीजे पर दोनों नहीं पहुंचे कि किस योनि में जनम लें..हर योनि में कुछ न कुछ लोचा था..अंत में पति ने झल्लाते हुए कहा-‘ छोडो यार..दूसरी योनि में जनम लेने में कोई मजा नहीं..बस सजा ही सजा है..और सबसे बड़ी सजा ये कि बरसों से मोबाईल..टी.वी...कंप्यूटर..वीडियो..सिनेमा..की जो लत लगी है वो सब दूसरी योनि में कहाँ मयस्सर होगा ? अब बताओ..इसके बिना कोई कैसे जी पायेगा ? अन्य योनियों में जाने से तो अच्छा है कि एक जनम और गरीबी-मंहगाई ही झेल लें.. इसी मनहूस मनुष्य योनि ही ‘चूस” कर लें यही ठीक रहेगा ....वैसे ऊपरवाले पर मुझे पूरा भरोसा है..वे सबका कल्याण करते हैं..हो सकता है अगली खेप में (अगले जनम में) वे मुझे किसी अमीर के घर कुरियर कर दे..तब फिर ये गरीबी-गरीबी का सारा खेल ही ख़तम..’

‘ अरे..तो मेरे बारे में भी दुआ कीजिये..मैं कहीं गरीबी में ही धंसी रह गई तो मेरा क्या होगा ?’ पत्नी उलाहना देते बोली.

‘ कुछ नहीं होगा भई ..हिंदी फिल्म देखती हो न..अधिकाँश फ़िल्में तो ऐसी ही कहानियों वाली होती है..हीरो अमीर तो हिरोइन गरीब..या फिर हिरोइन अमीर तो हीरो गरीब..और फिर बाई द वे ..तुम किसी अमीर के घर नहीं भी टपकी तब भी मैं तुम्हें गरीबों के बीच से ढूँढ़कर निकाल लूंगा..ये वादा रहा..चलो अब सो भी जाओ..तुम्हारे इस दौलतमंद अमीर हीरो को बहुत नींद आ रही है...’

इतना कहते पति चादर खींच सो गया और पत्नी अवाक हो उसे विस्फारित नजरों से निहारती कुछ चिंतित सी हो गई.

Xxxxxxxxxxxxxxx

प्रमोद यादव

गयानगर , दुर्ग , छत्तीसगढ़

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: परसाई व्यंग्य पखवाड़ा : अगले जनम में..../ व्यंग्य / प्रमोद यादव
परसाई व्यंग्य पखवाड़ा : अगले जनम में..../ व्यंग्य / प्रमोद यादव
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEidqdV8FXesk-EhsGrzPdu5eAitmlKFg1CC3PuTOZEuAt2hfAVr6R7FIuRV01XRuVl3iVrDpwSFRnCffIbg_31fM8z2TIofv3gh-DtSHQr_e6QMjS4maWVWckOMgTXB_-j3ie7C/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEidqdV8FXesk-EhsGrzPdu5eAitmlKFg1CC3PuTOZEuAt2hfAVr6R7FIuRV01XRuVl3iVrDpwSFRnCffIbg_31fM8z2TIofv3gh-DtSHQr_e6QMjS4maWVWckOMgTXB_-j3ie7C/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/08/blog-post_35.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/08/blog-post_35.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content