रमेश शर्मा 15 अगस्त पर कुछ दोहे -------------------------------------------------- आजादी को हो गए,.आज उनहत्तर साल ! नहीं गुलामी का मगर,कट...
रमेश शर्मा
15 अगस्त पर कुछ दोहे
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आजादी को हो गए,.आज उनहत्तर साल !
नहीं गुलामी का मगर,कटा ज़हन से जाल !!
आजादी का कब हुआ,हमें पूर्ण अहसास !
पहले गोरों के रहे ,...अब अपनों के दास !!
जिसको देखो बेधड़क, लूट रहा है देश !
आजादी के अर्थ को, समझे नहीं रमेश !!
आजादी के बाद से, दिन-दिन भड़की आग !
साल उनहत्तर बाद भी, नहीं सके हम जाग !!
भूखे को रोटी नहीं,रहने को न मकान !
हुआ देश आजाद ये,कैसे लूँ मै मान! !
आज़ादी को हो गये,आज उनहत्तर साल !!
नेता तो खुशहाल हैं,पर जनता बदहाल!
आजादी अब हो गई, है ऐसा हथियार !
अपनों के आगे करे, अपनों को लाचार !!
रमेश शर्मा
9702944744
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शालिनी तिवारी
आजादी पर गर्व हमें है _________
आजादी पर गर्व हमें है और सदा तक बना रहेगा,
जिन लोगों ने कुर्बानी दी उनका नाम अमर रहेगा,
पर अन्तिम जन को आजादी कब तक मिल पाएगी ?
दुपहरिया में मजदूरों की मेहनत कब रंग लाएगी ?
उनकी सोच बदल जाए तो सच्ची आजादी होगी,
भुखमरी पर पाबन्दी ही सच्ची खुशहाली होगी,
झुग्गी झोपड़ियों में रहकर आंधी पानी सहते हैं,
उनसे भी कुछ पूछो जिनपर जुर्म अभी भी ढ़हते हैं,
कुछ लोग अभी भी अपना जिस्म बेचते फिरते हैं,
आजादी को अब भी वो "आधी आजादी" कहते हैं,
आस्तीन के साँप अभी भी हिन्द वतन में पलते हैं,
भारत माता को लेकर ये खूब सियासत करते हैं,
कुछ लोगों को भारत का गौरव गान नहीं भाता,
आतंकियों का महिमा मण्ड़न बस इनको खूब सुहाता,
अब तो मेरा दिल करता है कि झूमूँ नाचूँ गाऊँ मैं,
देश के अन्तिम जन को सच्ची आजादी दिलवाऊँ मैं,
मेरे जीने का यह मकसद् सच्ची आजादी दिलवाएगा,
गरीबी, भुखमरी और मन से सबको आजाद कराएगा ।
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राकेश रौशन
जब गंगा शोर मचाती है
तब यमुना साथ निभाती है
कल-कल कर है चंबल है बहती
नर्मदा ना रूक कभी पाती है
ए देश की धरोहर और मान-सम्मान है
मेरा भारत देश महान है !
अशोक चक्र बताती शौर्य गाथा
प्रहरी जिसकी सागरमाथा
बुद्ध गांधी का अवतार यहाँ
अहिंसा का प्रसार जहाँ
राम कृष्ण गुरु नानक महावीर
जिसकी पहचान है
मेरा भारत देश महान है !
आर्यभट्ट की खोज को
दुनिया ने लोहा मान लिया
धन्वंतरि चरक के आयुर्वेद
को पहचान लिया
आचार्य चाणक्य की अर्थशास्त्र की
चारों ओर प्रकाश है
जनवरी फरवरी के साथ-साथ
यहाँ सावन-भादो भी मास है
विश्व गुरु है विश्व का
चारों ओर गुणगान है
मेरा भारत देश महान है !
राकेश रौशन ( मनेर पोस्ट ऑफिस पटना )
मो: 09504094811
ईमेल : rakeshraushanmehdawan@gmail.com
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एड. नवीन बिलैया
तानाशाही
यूं तो कितनी भी कर लो बातें अमन की
लेकिन बिना तानाशाही के ये सच नहीं कर पाओगे।
वो झुठलाते रहेंगे और तुम सबूत दिखाते रहोगे
तब तक नहीं होगा कुछ जब तक 2 बदले 20 को मार कर नहीं भगाओगे।
कोई कुछ नहीं करेगा तुम्हारे कड़े फैसले पर
लेकिन जरुरत है कि तुम भी और देश की बुनियादें हिलाओगे।
2घंटे दे दो भारत की सेना को
दावा करता हूँ महामहिम आप भी लाशें गिन नहीं पाओगे।
जो आज कश्मीर में नहीं फहरा पाते तिरंगा देश का
पूरे देश के साथ लाहौर में भी स्वतंत्रता दिवस मनाओगे।
हाथ जोड़कर क्या हासिल कर लोगे और कब तक किसी को विधवा बनाओगे।
कर दो आदेश देश में एक भारत में आतंकी समर्थक तुम अब नहीं रह पाओगे।
हाँ शायद न मिले दोबारा शासन आपको
लेकिन दावा करता हूँ हर भारतीय के दिल में आप अमर हो जाओगे।
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चंद्रशेखर
देकर जन्म धरती पर आपको शायद भगवान ने ख़ुशी मनाई होगी।
अमर हो गया वो गुरु भी जिसने आजादी की ज्योत आपके मन में जगाई होगी।
इतिहास कुछ भी कहे लेकिन जानता हैं हर हिन्दुस्तानी बिना आजाद के आजादी हरगिज़ नहीं आई होगी।
निर्भीक और निडरता से आपकी अंग्रेजों की रूह भी थर्राई होगी।
नाम हो जाएगा आपका इस युग में और बन जाओगे आजाद पुरुष युग युग तक
ये बात शायद कई राजनितिज्ञों को न पसंद आई होगी।
जब फिर किसी ने मंथरा की भूमिका तो निभाई होगी।
तब जाकर आपके विरुद्ध कोई एक ऐसी गन्दी रणनीति बनाई होगी।
तभी तो चन्द्र शेखर जैसे आजाद बलिदानी को आतंकी सुनने पर दिल्ली को लज्जा तक नहीं आई होगी।
नहीं जरुरत आपको किसी सम्मान की न आवश्यकता हैं किसी पुरस्कार की
क्योंकि हर युवा के मन में आपकी छवि निश्चित ही समाई होगी।।
नमन करता हूँ चरणों में आपके जन्मदिवस पर
होगे जहाँ भी आप तो देख कर भारत की राजनीति आपको भी हंसी तो आई होगी।
आज फिर जरुरत है देश को आपकी आजाद
जानते हुए भी बलिदानी की कीमत भारत में
आपने फिर से आने की गुहार भगवान् से लगाईं होगी।
और देख कर आपका देश प्रेम भगवान् ने भी
किसी माँ को अपनी कोख करने बलिदान देश के खातिर इतनी हिम्मत जुटाई होगी।
शत शत नमन
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।।स्वाभिमान।।
गर चली जाए मेरी जान वतन पर तो इतना सा काम करना।
दे देना मेरी चिता को मुखाग्नि न मेरे माता-पिता को परेशान करना।
जानता हूँ रोयेंगे वो बहुत इसीलिए तुम थोडा सा उनका ध्यान करना।
गर ना माने फिर भी वो तो भगत सिंह और चंद्रशेखर की ख्याति का बखान करना।
बता देना उन्हें होती हैं हर माँ से बड़ी भारत माँ।
इसलिए जरुरी हो जाता हैं उसकी रक्षा के लिए उस पर जान कुर्बान करना।
किस्मत वाले होते हैं वो जिनको मिलता हैं ऐसा मौक़ा।
इसलिए माँ आप मुझ पर अभिमान करना।
रोते हुए ही सही पर माँ और बेटों को भी सिखाना।
वतन पर हँसते हुए जान कुर्बान करना।।
एड. नवीन बिलैया
सामाजिक एवं लोकतांत्रिक लेखक
Adv. Naveen Bilaiyaa s/o Mr. Narottam das Bilaiyaa
Prothvipur Distt. Tikamgarh (M.P.)
Pin 472336
Mob. 8871859365
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लोकनाथ ललकार
शहीदों के सवाल-
कहाँ वो हिन्दुस्तान है ?
तिरंगा आन - बान है, तिरंगे से ही शान है
तिरंगे की आन-बान पर हर फौजी कुर्बान है
कुर्बानी रंग लाई, लहू से आज़ादी आई
पर इसने की बेवफ़ाई, महलों की जानेजान है
दुःखों को लोग खा रहे हैं, आँसुओं को पी रहे हैं
गुलामों-सा जी रहे, आज़ादी से अनजान हैं
जिसके लिए हमने, अपनी जानें लुटा दीं
बताओ हिन्दुस्तानियों, कहाँ वो हिन्दुस्तान है ?
भारत आज़ाद हुआ, भारतीयता गुलाम है
राज-काज, भाषा - बोली, खेलों में गुलामी है
अंगरेजों का विधान यहाँ, अंगरेजी परिधान है
अंगरेजी के रूआब पर हिन्द की सलामी है
स्वराज तो मिला, पर सुराज मिला नहीं
भारत का पतन, इण्डिया का उत्थान है
जिसके लिए हमने अपनी जानें लुटा दीं
बताओ हिन्दुस्तानियों, कहाँ वो हिन्दुस्तान है ?
घर आज लुट रहा, घर के लुटेरों से ही
ताज धारे बैठे हैं जो, गजनी - सिकंदर हैं
चील, गिद्ध, बाज, कौए समाजवादी हो गए
मिल - बांट खा रहे, लुटेरों का मुकद्दर है
लुटेरों ने लोकतंत्र को लूटतंत्र बना दिया
संसद - विधानमंडलों में डाकू मलखान हैं
जिसके लिए हमने अपनी जानें लुटा दीं
बताओ हिन्दुस्तानियों, कहाँ वो हिन्दुस्तान है ?
करगिल, कश्मीर, संसद या ताज हो
हमने लहू से विजयश्री इतिहास लिखा
परिंदे भी जहाँ परवाज नहीं कर पाते
वहाँ मौत से मनुहार किया और मधुमास लिखा
शहादत पाई तो बदज़ुबानों ने इनाम दिया
कायरों ने सर काटा तो सत्ता हुई बेज़ुबान है
जिसके लिए हमने अपनी जानें लुटा दीं
बताओ हिन्दुस्तानियों, कहाँ वो हिन्दुस्तान है ?
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लोकनाथ ललकार
बालकोनगर, कोरबा, (छ.ग.)
मोबाइल - 09981442332
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