आदर्श कर व्यवस्था Ideal Taxation System / आनन्द किरण (करण सिंह) शिवतलाव

SHARE:

किसी भी सार्वजनिक व्यवस्था का संचालन कर (tax) द्वारा प्राप्त अर्थ शक्ति के बल पर होता हैं। कर का निर्धारण सार्वजनिक संस्था की मूलभूत समस्या...

image

किसी भी सार्वजनिक व्यवस्था का संचालन कर (tax) द्वारा प्राप्त अर्थ शक्ति के बल पर होता हैं। कर का निर्धारण सार्वजनिक संस्था की मूलभूत समस्या है। इसके निर्धारण के संदर्भ में स्मृतिकारों के मत में विभिन्नता है लेकिन सबके मत में एक समानता है कि कर नागरिकों पर भार नहीं बनने चाहिए। प्राचीन युग से कर निर्धारण राज्य एवं संस्थानों का स्वरूप तय करती आई है। कर व्यवस्था के आधार पर इतिहासकारों ने राजाओं की लोकप्रियता तय किया है।

राज्य के संदर्भ में कराधान को कई स्मृतिकारों की लेखनी ने स्पष्ट किया है। समाज के संदर्भ में सर्वप्रथम हजरत मोहम्मद ने कराधान की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए इसे आवश्यक धार्मिक सिद्धांत में डाल है। हजरत मोहम्मद साहब ने प्रत्येक मुसलमान को अपनी आमदनी का 40 वां भाग अर्थात 2.5 प्रतिशत जकात या कर रुप में देने की शिक्षा दी गई। समष्टि समक्ष कम्पनी एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान व्यष्टि के रुप में गण्य हो। प्रत्येक व्यष्टि से प्राप्त आय से समष्टि आय का निर्माण होता हैं । महात्मा गांधी जी ने ग्राम स्वावलंबन के माध्यम से आय पर प्रथम अधिकार ग्राम हो इस ओर ईशारा किया है।

श्री श्री आनन्दमूर्ति जी ने आनन्द मार्ग की कर प्रणाली को सुनिश्चित करते समय व्यष्टि अपनी आय का 2 प्रतिशत समाज सेवा में खर्च करने की व्यवस्था दी है । व्यष्टि से यह कर सबसे छोटी इकाई प्राप्त करेगी। यह इकाई अपनी उच्च इकाई को कुल आय का आठवां भाग अर्थात 12½% देकर शेष आय से जन कल्याणकारी एवं समष्टि कार्यो में खर्च करने की व्यवस्था प्रदान की।

प्राचीन राज्य , समाज एवं आन्दोलन के कराधान पर अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि सार्वजनिक सम्पत्ति निर्माण के चार आधार है - स्वैच्छिक दान, निर्धारित कर, सार्वजनिक निलामी से एवं लुट से प्राप्त धन। इसके अतिरिक्त पराजित राज्य से प्राप्त सम्पदा तथा उपहार भी समष्टि आय के निर्धारक बने हैं। उपासना एवं आस्था के कार्य मात्र स्वैच्छिक दान ही होना समाज हित में है। सामाजिक रीति रिवाज के निष्पादन से संदर्भित कार्यों पर सदस्यों पर आय के अनुकूल निर्धारित कर एवं स्वैच्छिक दान से करने चाहिए। जनकल्याणकारी कार्य हेतु स्वैच्छिक दान, निर्धारित कर एवं सार्वजनिक उपक्रम से प्राप्त आय का भी उपयोग किया जा सकता है। यद्यपि लुट से प्राप्त सम्पदा को राष्ट्र या समाज की आय निर्धारण का आधार नहीं माना जा सकता है तथापि किसी आन्दोलन को मूर्त रुप देने के लिए इसे वैध माना गया है। लेकिन इसे नैतिक एवं मानवीय पैमाने पर सही नहीं ठहराया जा सकता है।

कर निर्धारण की आदर्श व्यवस्था किसी भी नागरिक को कष्ट में डाले बिना सभी के लिए न्याय करने वाली होनी चाहिए। व्यष्टि अपनी आय का 2% समष्टि को प्रदान करने से समष्टिगत कार्य निष्पादन की प्रासंगिकता पर विचार कर ही हम इसे आदर्श कर व्यवस्था की उपमा दे सकते है। प्रथम कर व्यवस्था का यह आधार सामाजिक विषमता की कसौटी पर कारगर सिद्ध होता है। इससे अमीर को समाज के प्रति उसके उत्तरदायत्व का बोध करवाता हैं तथा गरीब के मन भी समाजिक भागीदारीत्व की आवश्यकता को बताता है। आम आदमी के मन में समष्टी के लिए त्याग की महत्ता को भाव जगता हैं। इससे किसी की व्यष्टिगत अर्थव्यवस्था संकट में नहीं पडती है।

आदर्श कराधान को कतिपय प्रश्नों का सामना करना चाहिए। समष्टि आय के समक्ष व्यष्टि आय किसकी मानी जाए ? मेरे विचार से समष्टि अर्थात सम्पूर्ण मानव समाज की आय के निर्धारण करते समय उस क्षेत्र के समस्त व्यक्तियों एवं व्यष्टिगत एवं समष्टिगत संस्थान जिससे आर्थिक उपादान होता हैं। व्यष्टि मानकर आदर्श कराधान व्यवस्था को लागू किया जाए। दूसरी समस्या यह की व्यष्टि की आय निर्धारण के मानदंड क्या हो ? नकद वेतन के रुप में आय प्राप्त करने वाले व्यष्टि की तुलना में व्यपारी एवं किसान की आय का अनुमान लगाना दुष्कर है। इस निर्धारण के लिए नैतिक मानदंड के अतिरिक्त गुप्तचर व्यवस्था के द्वारा भी आय का पता लगाया जा सकता है। इन सभी व्यवस्था के होते भी चोरियां तो होना स्वाभाविक है। अत: समाज को शक्तिशाली आध्यात्मिक आंदोलन के द्वारा लोगों में नैतिक मूल्यों को प्रतिस्थापित करना होगा। अन्य समाधान के तहत कर संकलन का कार्य ग्राम एवं शहरी स्तर पर वार्ड इकाई के द्वारा करवा कर आय के संदर्भ में झुठ लगाम लगाई जा सकती है।

यह कर व्यवस्था समाज के सभी स्तर व्यक्तियों के साथ न्याय करता है। कर अपनी हैसियत से दो। समाज आपका सुन्दर बनेगा। हमारे स्वपनों का विश्व आसमान से नहीं टपकेगा हमें ही बनाना है । सभी से समान कर लेने की बात सुनने में जितनी अच्छी लगती है व्यवहारिक धरातल पर खरी नहीं उतरती हैं। 2 प्रतिशत की नीति सुनने में हो सकता हैं कर्कश लगे लेकिन व्यवहार में लाया जाए तो कारगर प्रतीक होगी। 2 प्रतिशत में व्यष्टि की जिम्मेदारी है तो समष्टि का उत्तरदायित्व है। व्यष्टि का निर्धारण करना समष्टि की विवेकपूर्ण मानसिक पर निर्भर करता है। 2 प्रतिशत कर देने से किसी व्यष्टि की न्यूनतम आवश्यकता पूर्ण करने में संकट उत्पन्न होता है तो उस व्यष्टि पर आपातकाल लागू कर 2 प्रतिशत कम किया जाना समाज के लिए हितकर है। समाज को इस बात की दृष्टि रखना होगी कि कर व्यवस्था में ढील देना परिपाटी नहीं बन जाए। समाज सेवा के लिए गृह त्याग व्यष्टि की जब तक निजी संपत्ति नहीं है। समष्टि के समक्ष व्यष्टि इकाई से पृथक रखना समाज के लिए हितकर है । निजी जीवन संचालन के लिए समाज उपभोग करने के बदले वह अपनी सेवा दे रहे वही उनका कर है। समाज एवं राज्य के उच्च पद आसीन व्यष्टि के संदर्भ में हमारी आदर्श कर प्रणाली क्या होनी चाहिए ? विश्व में व्याप्त समस्त व्यवस्थाओं ने उच्च पद पर आसीन व्यष्टियों विशेष सुविधा से अलंकृत किया है। मैं इसका विरोधी नहीं हूँ। यदि समाज उनके गुणों का आदर करता है तो समाज बदले में उनसे विशेष जिम्मेदारी की मांग करता है। अत: इन व्यष्टियों को आमजन से कुछ विशेष देना चाहिए । इनका कर आमजन अधिक रखना समाज में इन व्यष्टियों प्रति आमजन के मन में आदर भाव वृद्धि करता है। लेकिन इन व्यष्टियों का कर अधिकत्म 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। सरल भाषा में कहा जाए तो प्रशासनिक अधिकारी, विधायक, सांसद, मंत्रीगण एवं शासक पर लगने वाला कर आमजन से अधिक होना चाहिए। इस व्यवस्था का समर्थन हो सकता है। कोई सहज करने को तैयार नहीं हो लेकिन इस व्यवस्था के परिणाम सुखद एवं सकारात्मकआएंगे।

विषय के अन्त में वर्तमान समाज में राष्ट्रीय आय के निर्धारित मापदंड पर विचार करेंगे। सेल टेक्स अर्थात बिक्री कर किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। इसका प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भार उपभोक्ता पर ही पड़ता है जो करदाता के साथ कर निर्धारक द्वारा किया गया छल है। आयकर के प्रति बढ़ रहा असंतोष उपरोक्त कर प्रणाली से मुक्त हो जाएंगे । अन्य वाणिज्यिक कर किसी व्यवस्था के साथ न्याय नहीं है। दैनिक आवश्यकता एवं विलासिता की वस्तु की श्रेणीयां निर्धारित कर की कर व्यवस्था किसी भी प्रकार से कारगर सिद्ध नहीं हुए हैं। मादक एवं उत्तेजक पदार्थों के क्षेत्र में अधिक कर नीति आर्थिक क्षेत्र न्याय पद्धति पर भी सवालिय निशान है। कर सदैव प्रत्यक्ष होनी चाहिए करदाता को ज्ञात होना चाहिए कि मैं कर दे रहा हूँ। टोल टेक्स एवं रोड कर हास्यप्रद है। यह सुविधा नागरिक को प्रदान करना समाज का दायित्व है। व्यक्ति के प्रति समाज द्वारा किये गए कार्य विशेष पर कर निर्धारित करना सेवा नहीं व्यपारिक समझौता है जो उपभोक्ता को अनचाह करना पड़ता है। एक अतिथि को एक दिन के उपभोग के बदले कर देना समाज की आतिथ्य मर्यादा के विपरीत है। सीमा कर राजनीति की आर्थिकता के साथ की गई ना इंसाफी है। यह तस्करी के मार्ग खोल देते हैं। प्रत्यक्ष कर व्येतिरेक अन्य कोई भी कर व्यवस्था अनैतिक एवं गैर कानूनी हथकंडों को अंजाम देने के लिए मजबूर करता है।

आदर्श कर प्रणाली समाज की विषमता को स्वीकार कर सभी के लिए न्यायप्रद कर व्यवस्था की वकालत करती है। समाज सबका हैं इसको सुन्दर बनाना हमारा कर्तव्य एवं जिम्मेदारी है । हम जैसा अपने परिवार के प्रति व्यवहार करते वैसा ही समाज के प्रति करे विश्व एक परिवार सदृश्य बन जाएगा। एक ऐसा सुंदर समाज बनेगा जो सभी पर विश्वास करेगा एवं वसुंधरा स्वर्गमय बन जाएगी।

 

लेखक -- श्री आनन्द किरण (करण सिंह) शिवतलाव

Cell no. 9982322405,9660918134

Email-- anandkiran1971@gmai.com karansinghshivtalv@gmail.com

Address -- C/o- Raju bhai Genmal , J.D. Complex, Gandhi Chock, Jalore (Rajasthan)

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: आदर्श कर व्यवस्था Ideal Taxation System / आनन्द किरण (करण सिंह) शिवतलाव
आदर्श कर व्यवस्था Ideal Taxation System / आनन्द किरण (करण सिंह) शिवतलाव
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikIm7J2BPhOKu_a_4D9QQuEm7-yZ7jw9A3hOJXGC4qDUh4HEn5ie7IT6EmDgCRaNOCFisLCte1XjT2J3mK9XI7Ks_8DU5PZ16RRqwrqo9EtzIci_0DTMofK8_mcLM-xE3ar_Ec/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikIm7J2BPhOKu_a_4D9QQuEm7-yZ7jw9A3hOJXGC4qDUh4HEn5ie7IT6EmDgCRaNOCFisLCte1XjT2J3mK9XI7Ks_8DU5PZ16RRqwrqo9EtzIci_0DTMofK8_mcLM-xE3ar_Ec/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/04/ideal-taxation-system.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/04/ideal-taxation-system.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content