हरियाली बचपन / कहानी / राहुल देव

SHARE:

हरियाली बचपन बचपन की यादें जब-जब याद आतीं हैं बहुत अच्छा लगता है। अजीब सी अनुभूति होती है ! आज जब मैंने उस बचपन को देखा तो सहज ही मुझे स...

हरियाली बचपन

बचपन की यादें जब-जब याद आतीं हैं बहुत अच्छा लगता है। अजीब सी अनुभूति होती है ! आज जब मैंने उस बचपन को देखा तो सहज ही मुझे स्मरण हो आया- हरियाली बचपन ! हारी घास का गट्ठर लादे सुबह-सुबह...बचपन हरियाली, हरियाली और बचपन ! अक्सर ऐसा होता रहता। मैं उस रास्ते से सुबह टहलने या मैदान के बहाने घूमने जाया करता था।

कभी ऐसा न हुआ कि वह मुझे न दिखी हो। उम्र लगभग 14-15 साल, सांवला रंग। घास का गट्ठर लादे पता नहीं क्या सोचती- चली जाती। मेरे भावों का पारावार न था। भारत उदय और हरियाली बचपन- उफ़ ! यह विरोधाभास, शायद बाधक है प्रगति का, अभिशाप है हमारे समाज का।

लगभग 2-3 महीने यही क्रम चलता रहा। अंततः मेरा मन नहीं माना तो पता करने की ठानी। मैंने पूछा तो उसने हलके संकोच से बताया, ‘यहीं पास में रहतीं हूँ। दो बहने और एक छोटा भाई है, वे भी मेरी तरह....| माँ-बाप मजदूरी करते तब जाकर भोजन।’

‘स्कूल !’ मैंने पूछ ही लिया,

यह यक्ष प्रश्न था। वह मौन रही, मानो कहना चाहती हो यह भी कैसा मूर्ख प्रश्न। पेट की आग बनाम शिक्षा ! मैं समझ गया। बहुत कठिन है राह जीवन की। आश्चर्य अभी से सब समझती है। मैं आगे कुछ पूछ न सका। लौट आया बुझे मन से। हरियाली में छिपा बचपन सिसकता है। क्या करे वह, मजबूर है स्वयं से/भाग्य से !

एक दिन मैंने फिर पूछा- ‘पढने की इच्छा नहीं होती ?’

‘होती है तो भी क्या किया जाए, कल्पना में जी लेती हूँ यथार्थ को ढोती हूँ।’

इस बार बड़ी निर्भीकता से जवाब दिया था उसने।

‘हाँ यह भी सही है’, मैं ठंडी सांस लेकर बोला।

हालांकि वह अकेली नहीं थी। कई बच्चे रहते थे वहां पर मगर हमेशा नियत समय पर हरियाली लादे वही दिखती मुझे। निर्लिप्त भाव से उसके वजूद को समेटे हुए सबसे पहले दिखती वह हरीतिमा, वह हरियाली जिसके नीचे उसका सिर दब रहा होता।

मैले-कुचैले कपड़ों में भी उसका लावण्य मेहनत के पसीने की बूंदों से दमक उठता। वह अपनी उम्र के हिसाब से बहुत कठिन श्रम करती थी जबकि मुझे हर मौसम की सुबह ठण्ड भरी लगती थी। यह नित्य की बात होती। मैं विवश था, बढ़ जाता आगे उसके बारे में/ भविष्य के बारे में सोचते हुए।

आगे एक मैदान पड़ता था जहाँ पर इलाके के लड़के दिन भर क्रिकेट खेला करते थे उसके आगे छोटे-छोटे मिट्टी के टीले पड़ते थे। सुबह-सुबह वहीं दिखते मुझे कुछ बच्चे गोलियां, गिल्ली-डंडा खेलते हुए। उनमें से कुछ तो बहुत ही छोटे थे मगर जब उनके मुंह से देसी गालियों की बौछार निकलती तो आश्चर्य होता मुझे। क्या गर्भ में ही सबकुछ सीख गये। चाहे उनका अर्थ भी न जान पाते हों मगर....|

कैसी ऊर्जा ! यह ऊर्जा का अपव्यय ही तो है, अगर यही ऊर्जा कहीं और खर्च हो। इस बात पर मुझे अपने बचपन की एक बात याद आ गयी कि कैसे हम सब बातों-बातों में ही टी-ली-ली-टी-ली-ली कह एक दूसरे को चिढ़ाते थे। पल में आपस में नाराज़ हो जाते और अलग-अलग गुट बना लेते और आपस में गुस्से से कहते- ‘अट्टी-बट्टी सात जलम की कुट्टी !’

दुनियादारी से अनभिज्ञ बचपन की तोतली बातें जब हाथ के अंगूठे को दाढ़ी से छुआकर सभी क्रम से यह कहते जाते। लेकिन कभी भी हम और हमारे दोस्तों के बीच होने वाला आपस का झगड़ा स्थायी न रहा। पल भर में ही सब शांत हो जाते और एक दूसरे के गले लग जाते जैसे कोई बात ही न हुई हो। क्या मज़े के दिन थे ! कोई चिंता नहीं, और आज हमारे बचपन इस स्थिति में- उफ़ ! कैसा परिवर्तन !! यह वातावरण का प्रभाव था। पारिवारिक पृष्ठभूमि व परिस्थितियों का असर। इन्हें अनदेखाकर हम कैसे कल्पना करें एक विकसित राष्ट्र की, सम्पूर्ण शिक्षित समाज की ?

मैं उलटे पाँव लौट पड़ा। सहसा बांसों के झुरमुट के नीचे मैंने उसी लड़की को खड़े देखा। वह कुछ परेशान सी लग रही थी। मैंने उससे पूछा, ‘क्या बात है ?’

‘कुछ नहीं’

‘अरे बताओ तो’

‘वो....वो मारता है, परेशान करता है’

‘अरे कौन?’, मैं झुंझला गया।

वह सहमी थी, बोली- ‘वही जिसके घर के सामने हम रहते हैं।’

मुझे सहानुभूति हो आयी। उसकी तरफ से मैं तिवारी जी के घर पहुंचा जिनके घर के ठीक सामने एक झोपड़ी टाइप मकान में उसका परिवार रहा करता था। तिवारी जी से मेरा हल्का-फुल्का परिचय था सो किसी तरह मामला सुलझाने का प्रयास किया। वैसे कोई ख़ास बात भी नहीं थी। तिवारी जी की पत्नी साहिबा गंदगी से परेशान थीं। वह चिल्लाकर मुझसे कहने लगीं- ‘इनके चक्कर में मेरे बच्चे भी बरबाद हो गये। बड़े म्लेच्छ हैं ! उफ़ ! कहाँ फंस गयी मैं।’ आदि-आदि।

मैंने उनके बजाय तिवारी जी को समझाना ज्यादा उचित समझा।

‘कहाँ आप भी, अरे कोई स्थायी निवास तो बना नहीं रहे। अगर हम भी इनकी तरह लड़ने-झगड़ने लगे तो हममे और इनमें क्या फर्क रहा।' मेरा इतना कहना था कि तिवारी जी मेरे ऊपर ही भड़ास निकालने लगे। मुझे उनसे ऐसी आशा न थी। अपने मन का सारा गुबार मुझ पर निकाल तिवारी जी शांत हो गये। मैं चुपचाप सुनता रहा। चुप रहा, केवल उसकी खातिर। एक असहाय परिवार कि रक्षा में मुझे गुरुता महसूस हो रही थी। जाते-जाते मैंने तिवारी से ठन्डे दिमाग से सोचने के लिये कह दिया था।

इसी तरह एक दिन मैं अपने मित्र डॉ. श्रीवास्तव के क्लिनिक पर बैठा था कि तभी वह आई। वह अपनी गोद में 2-3 साल का एक लड़का लिये हुई थी जो कि शायद उसका छोटा भाई था। उसने बताया कि उसके भाई को बहुत तेज बुखार है। डॉ. साहब बातें छोड़ पहले उसे देखने लगे। बच्चे का शरीर बुखार से तप रहा था डॉक्टर साहब ने अपने पास से कुछ दवाइयां दी तथा कुछ दवाइयां बाहर से लिख दीं। उन्होंने उसे एक इंजेक्शन भी लगाया। बच्चा दर्द से कराह उठा। मैं सहानुभूति और शांत भाव से सब देखता रहा, विचार पुनः उमड़ने-घुमड़ने लगे। डॉ. श्रीवास्तव ने उसे दवाइयों की पर्ची थमायी। वह मेरी तरफ देखने लगी, किसी आशा भरी दृष्टि से। मैं समझ गया, फिर भी औपचारिकतावश पूछा- 'क्या पैसे नहीं हैं ?'

उसने न में सिर हिलाया। मैंने फिर पूछा, 'कुछ खाया है तुमने ?'

उसका सिर फिर हिला। उसके चेहरे पर मुर्दगी छाई थी। मैं हिल गया। डॉ. साहब भी द्रवित हो गये। मैंने सौ का नोट निकाल उसे दे दिया। वह कृतज्ञता भरी कातर दृष्टि से मुझे टुकुर-टुकुर ताकती रही। डॉ. श्रीवास्तव ने भी उससे फीस न ली। उसके चले जाने पर मैंने उन्हें पूरी बात बताई।

इस तरह की अनेकों घटनाएं मेरे साथ अक्सर हुआ करतीं।

यह सब होते हुए जब मैं भविष्य के भारत की कल्पना करता तो सिहर उठता। क्रूर मज़ाक ही तो है यह, एक छलावा नकारात्मक के प्रति सकारात्मक का...दीन-दुनिया से बेखबर मैं कुछ ज्यादा ही सोच डालता। शायद अपनी अंतर्मुखी प्रवृत्ति के कारण ही। फिर मैं इन सब बातों की चर्चा करता भी तो किससे, क्या फायदा मिलता ? कोरी गप्प समझते सब, हँसते मुझ पर और मेरी बातों पर कि बड़ा आया समाजसुधारक बनने। इसके आगे कुछ होता तो भी सोचता। सामाजिक विषमता कि यही कड़ी भारत के विकास और अखंडता के लिये घातक है। यहाँ व्यक्ति अपने सुख को सुख तो समझता है परन्तु दूसरे के दुःख को दुःख नहीं। हम मनुष्यों का दिशाबोध ही गलत है ऐसे जाने कैसे-कैसे विचार मेरे मन-मस्तिष्क को झकझोर रहे थे, जैसे किसी को इनकी परवाह ही नहीं !

एक दिन मैंने उससे पुनः बात की, कोशिश की उसके अंतर्मन में झाँकने की लेकिन आज वह कुछ न बोली। हरियाली के नीचे छिपी दिखी मुझे उसकी मुरझाई काया, कहीं तबियत.....कड़ी मेहनत, कुपोषण....सबकुछ संभव है..या कोई और बात। मैं ठहर गया। कहीं ऐसा न हो कि बचपन हरियाली के नीचे सदा के लिये दब जाए। वह धीरे-धीरे चली गयी। मुझे उस दिन बड़ा कष्ट हुआ। मैंने दृढ़ निश्चय कर लिया कि मुझे कुछ करना है इन सबकी दशा सुधारने के लिये। चाहे जो भी हो जाए, मैं करूंगा प्रयास दूंगा एक नयी दिशा। इनके बचपन में भी बचपन की खुशियाँ होगीं। वास्तविक ख़ुशी, सच्ची ख़ुशी !

इसके बाद कुछ दिनों तक वह मुझे नज़र न आयी। मैं बेचैन हो गया। आखिर क्या हुआ उसे ? पता लगा कि वे लोग मजदूरी करने कहीं बाहर चले गये। मेरी आँखों के सामने उसका वही चित्र आ गया। उसी मेहनती छोटी लड़की का जो चुपचाप अपने काम में मग्न रहती। सोचती कुछ-करती कुछ थमती घास, बढ़ती उम्र। अब वह न जाने कहाँ और कैसी हो। क्या होगा उसका भविष्य ? ईश्वर सब ठीक करे !

आज जब भी उस रास्ते से निकलता हूँ तो सहज ही उसकी याद आ जाती है। मैंने उसका नाम तो आज तक नहीं पूछा मगर.....न जाने कैसा लगाव था यह !

मुझे महसूस होता- असहाय, उत्पीड़ित बचपन में जीना कितना दुष्कर है। निकटता से सब देखा था मैंने। वह अभावों में पली थी। कभी-कभी दिखती मुझे उसकी धुंधली आकृति, धुंधला आभास मानो छिपाए हो अपने आंचल में कोई रहस्य और फिर वह अचानक हरियाली बचपन के साए में कहीं खो जाती। मैं ढूंढता रहता उसको इधर-उधर, निरुद्देश्य सोचता रहता हरियाली बचपन के बारे में। निरंतर ऐसे प्रश्नों की बौछार मेरे मानस अभिमन्यु को प्रताड़ित करती रहती। इतने विशाल महाभारत का अंतिम परिणाम क्या रहा ?

---

संक्षिप्त परिचय

राहुल देव

जन्म – 20/03/1988

शिक्षा - एम.ए. (अर्थशास्त्र), बी.एड.

साहित्य अध्ययन, लेखन, भ्रमण में रूचि | एक कविता संग्रह, एक कहानी संग्रह तथा एक बाल उपन्यास प्रकाशित | पत्र-पत्रिकाओं एवं अंतरजाल मंचों पर कवितायें/ लेख/ कहानियां/ समीक्षाएं आदि का प्रकाशन | साहित्यिक वार्षिकी ‘संवेदन’ के दो अंकों का संपादन | त्रैमासिक पत्रिका ‘इंदु संचेतना’ का सहसंपादन | ई-पत्रिका ‘स्पर्श’ (samvedan-sparsh.blogspot.in) का संचालन | ‘जलेस’ से जुड़ाव |

सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन एवं अध्यापन |

संपर्क सूत्र- 9/48 साहित्य सदन, कोतवाली मार्ग, महमूदाबाद (अवध), सीतापुर, उ.प्र. 261203

मो.– 09454112975

ईमेल- rahuldev.bly@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: हरियाली बचपन / कहानी / राहुल देव
हरियाली बचपन / कहानी / राहुल देव
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiVPou-u56JvKO6wRP9kc-sYuT6381_SckQt5ADyaRtOppgv8WHngrE2UqulwZim0lO_U-Oo3hO9zWn_x9JIy_3uNLYBq08AWYvr7ciz1M-RmpPjRZgKwD2md1qL06pN16o9weW/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiVPou-u56JvKO6wRP9kc-sYuT6381_SckQt5ADyaRtOppgv8WHngrE2UqulwZim0lO_U-Oo3hO9zWn_x9JIy_3uNLYBq08AWYvr7ciz1M-RmpPjRZgKwD2md1qL06pN16o9weW/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/04/blog-post_856.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/04/blog-post_856.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content