प्राची - फरवरी 2016 - साहित्य समाचार व पाठकीय

SHARE:

  साहित्य समाचार हथकड़ियां टूट गयीं जो फौलाद की थीं मीरजापुरः 8 दिसम्बर, 2015 लालडिग्गी स्थित एक होटल के पैवेलियन में कवि स्व. बनारसी ...

 

साहित्य समाचार

हथकड़ियां टूट गयीं जो फौलाद की थीं

मीरजापुरः 8 दिसम्बर, 2015 लालडिग्गी स्थित एक होटल के पैवेलियन में कवि स्व. बनारसी लाल पंकज की स्मृति में काव्य

संध्या का आयोजन किया गया. इसमें कवियों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति की.

दीप प्रज्ज्वलित व माल्यार्पित के पश्चात केदारनाथ सविता ने सुनाया- हथकड़ियां टूट गयीं जो फौलाद की थीं, बैठा रहा शीशे की चूड़ियों पर ऐतबार किये. भवेशचंद्र जायसवाल ने सुनाया- बेहद मीठी और नशीली धूप दिसम्बर की. भोलानाथ कुशवाहा ने पढ़ा- और बड़ा हो गया है मेरे अंदर का बड़ा आदमी. प्रमोद कुमार सुमन से सस्वर पढ़ा- मेरे घर का वो पुराना कैलेंडर उतर गया. गणेश गंभीर ने सुनाया- कभी धागा कभी रेशम की टूटी डोर होते हैं, कई मजबूत रिश्ते भी बहुत कमजोर होते हैं. नंदिनी वर्मा ने सुनाया मधुर स्वर में- आशीष मिला है गुरजन का मैं धन्य हो गई, सानिध्य मिला है बचपन का मैं धन्य हो गई. डॉ. अनुराधा चंदेल ओस ने अपनी पंक्तियों को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया- दमकते चेहरों में घनघोर अंधेरा है, एक किरण रोशनी की खोजती हूं कहीं. ब्रजदेव पांडेय ने सुनाया- हमें चिंता है तुम्हारे देवत्व की और पूजनीयती की, सूरज!

इसके अतिरिक्त जफर मिर्जापुरी, शिव प्रसाद द्विवेदी, खुर्शीद भारती, ताबिश इकरामी, आसी मछलीशहरी, अरविंद अवस्थी, भानु कुमार, मुंतजिर, सलिल पांडेय, आनन्द संधिदूत और सुरेश चंद्र वर्मा विनीत आदि ने अपनी रचनाओं से काव्य

संध्या को ऊंचाई तक पहुंचाया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभुनारायण श्रीवास्तव ने की. संचालन अरविंद अवस्थी ने किया.

प्रस्तुतिः केदारनाथ सविता, मीरजापुर

सरस काव्य गोष्ठी सम्पन्न

मीरजापुरः पिछले दिनों वरिष्ठ नागरिक संरक्षण संस्थान की ओर से अमृत सभागार, शिवाला महंत, मीरजापुर में बाबू राजकुमार सिंह की अध्यक्षता में सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि श्रीयुत शिवसागर सिंग, आई.पी.एस., उपपुलिस महानिरीक्षम, मीरजापुर थे. पहले इला जायसवाल ने गाकर सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया. तत्पश्चात जी.डी. बिनानी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रभुनारायण श्रीवास्तव ने पढ़ा- जड़ें जड़ नहीं होतीं, हृदयगर्भा होती हैं. तत्पश्चात नव कविता के हस्ताक्षर भवेशचंद्र जायसवाल ने सुनाया- दिल दिया है देखना दिल खोल के, एक तोला प्यार देना तोल के.

भोलानाथ कुशवाहा ने पढ़ा- मित्र आपका मूड अक्सर खराब हो जाता है. सोचिए, अगर उनका मूड खराब हो जाये जो खेतों में हल चलाते हैं, जो आग बुझाते हैं. इलाहाबाद बैंक के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक केदारनाथ सविता ने पढ़कर सुनाया- रिश्तों के जंगल में है स्वार्थ का दावानल, हम भीड़ में रहकर भी बहुत अकेले हैं.

अरविंद अवस्थी ने सुनाया- लोकतंत्र के सुंदर मुखड़े पर हैं उगे मुंहासे, उनको देखो भेष बदलकर हमें दे रहे झांसे.

आसी मछलीशहरी ने गजल सुनाई- अगर ये आदमी बूढ़ा ही क्यों न हो जाये, हमेशा मां को वह बच्चा दिखाई देता है. खुर्शीद भारती ने भी अपनी गजल से सबको सोचने पर मजबूर किया- जो मुनापिक के था निशाने पर उस कबूतर में जान बाकी है. बसंत विद्यालय के पूर्व प्राचार्य ने पढ़ा- युवा जुनूनी क्या बना नित करता जो खूं, अपराधी छूट जात हैं कैसा है कानून, घुटने टेक रही सरकार. सुरेश चंद्र वर्मा विनीत जो ए.जी. ऑफिस के पूर्व कर्मचारी हैं, ने सुनाया- आस्था के टूटे आयाम, सूरज को निगल गई शाम.

श्रीमती डॉ. अनुराधा ‘ओस’ ने सुनाया- टूटा सूनापन घर तो आये, चलो बैठो बादलों की छांव है. श्रीमती नन्दिनी वर्मा ने गाकर वरिष्ठ नागरिकों के ऊपर गीत सुनाया- ये कैसे आम किस्से हो गये हैं अब जमाने के, है अपना खून बेगाना बिना किसी बहाने के. इरफान कुरेशी ने सुनाया- रोशनी दिन में शाम तारीकी, चाल केसी ये चल गया सूरज. प्रमोद चन्द्र गुप्त ने सुनाया- खुश होने के लिए इंसानियत का एक ही मंत्र है, मन के फूलदान में सजे गुलाब कांटों के बीच प्रेम का प्रतीक गुलाब को चुनें.

वकील अहमद (अहमद मिर्जापुरी) ने सुनाया- अजीजो दिल लगाने से बड़ी तकलीफ होती है, मुसल्सल चोट खाने से बड़ी तकलीफ होती है. इम्तियाज अहमद गुमनाम ने सुनाया- अमिताभ जवा है चलने से मन मोहन बंशी बजाते हैं, दोनों में ताकत भरी है इतनी दुनिया नापा करते हैं. आदर्श इंटर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य ने अपने तेवर भरे शब्दों में सुनाया- अहमियत की कोख से नवीन जन्म लेता है और ठहराव को उड़ान भरने के लिए असहमति से ही ऊर्जा और रास्ते निकलते हैं.

अंत में मुख्य अतिथि शिवसागर सिंह, उप पुलिस महानिरीक्षक ने भी अपने कई शेर सुनाए- आदमी काटता है रास्ता आदमी का, बिल्लियां बेचारी बेरोजगार बैठी हैं.

कार्यक्रय का संचालन सुरेश चंद्र वर्मा विनीत ने किया.

इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ नागरिकों सहित राम गोपाल गोयल, सिद्धनाथ सिंह, डॉ. जटाशंकर तिवारी, विभूति प्रसाद यादव, मोहल लाल आर्य, डी. एस. पाठक, डॉ. राजकुमार सिंह, सुरेश कुमार त्रिपाठी, भूतपूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन, कमल प्रसाद अग्रवाल आदि उपस्थित थे.

प्रस्तुतिः केदारनाथ सविता, मीरजापुर

सुरेन्द्र साहू को आदिवासी सेवा सम्मान

त्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान के प्रदेश सचिव सुरेन्द्र साहू को भारतीय आदिम जाति सेवक संघ, नई दिल्ली द्वारा आदिवासी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया. पिछले दिनों भारतीय आदिम जाति सेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सेवा ग्राम

वर्धा, महाराष्ट्र में 6 एवं 7 दिसम्बर, 2015 को महात्मा गांधी के द्वारा स्थापित आश्रम सेवा ग्राम में सम्पन्न हुआ. सुरेन्द्र साहू को यह सम्मान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई की पुत्री इला देसाई ने प्रदान किया. इस अवसर पर भारतीय आदिम जाति सेवक संघ के अध्यक्ष बनवारी लाल गौड़, श्री नाहर सिंह बाखला, मंत्री अजय कुमार चौबे, श्री एम.जी. गौवन्डे, आर.के. मालवीय, विनोबा भावे के सहयोगी श्री बालविजय जी एवं फ्रेन्ड्स ऑफ ट्रायबल सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर साहू के मुख्य आतिथ्य में शॉल एवं मैडल प्रदान किया. सुरेन्द्र साहू को यह सम्मान आदिवासियों के बीच अंधविश्वास के खिलाफ जनजागरूकता अभियान, महिला जागरूकता अभियान, नशा मुक्ति जागरूकता अभियान, आदिवासी क्षेत्रों में युवा मंडल का गठन, कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह के खिलाफ जनजागरूकता अभियान, सामाजिक समरसता, महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूह का गठन, टोनही प्रताड़ना के खिलाफ जनजागरूकता अभियान एवं घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सेवा करने के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया. इसके पूर्व साहू को नेहरू युवा केन्द्र सरगुजा के द्वारा जिला युवा सम्मान, नेहरू युवा केन्द्र संगठन छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य युवा पुरस्कार एवं राज्य स्तरीय पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. सुरेन्द्र साहू को आदिवासी सेवा सम्मान मिलने पर अनेक संगठनों ने बधाई दी.

प्रस्तुतिः सुरेन्द्र साहू, सरगुजा

डॉ. गीता गीत भारती परिषद प्रयाग द्वारा अभिनन्दित

मारे आदर्श स्वामी विवेकानन्द हैं. आदर्श वह होता है जो समाज के अन्दर घूमता है, समाज के दुःख-दर्द का हरण करता है. हमारा सम्पूर्ण राष्ट्र महर्षि दधीचि का अनुयायी है जिसने समाज कल्याण के लिए, दानवता को समाप्त करने तथा मानवता को स्थापित करने के लिए अपनी हड्डियों तक का दान कर दिया.

उक्ताशय के विचार इलाहाबाद के शास्त्री भवन हाल में ‘‘भारती परिषद प्रयाग’’ के तत्वावधान में आयोजित पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी जी के 82वें जन्म दिवस समारोह में उपस्थित विशेष अतिथि पंजाब एवं हरियाणा के राज्यपाल महामहिम प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने व्यक्त किए. पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी जी की पांचवीं काव्यकृति ‘‘नया क्षितिज’’ का लोकार्पण करते हुए महामहिम सोलंकी जी तथा देश के सभी राज्यों से पधारे हुए प्रतिनिधियों द्वारा राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी जी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गईं. विद्वानों द्वारा दी गई शुभकामनाओं से अभिभूत होते हुए पंडित त्रिपाठी जी ने अपने उद्बोधन में कहा- ‘‘जन्म दिवस पर शुभकामनाएं ‘परिबोध’ होती हैं, शब्द मंत्र होते हैं. जब उन मंत्रों को बार-बार दोहराया जाता है तो यही सफलता के स्रोत बन जाते हैं.’’

इस अवसर पर नगर की सभी संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करती हुई मध्य प्रदेश जबलपुर से डॉ. गीता ‘गीत’ ने गुंजन कला सदन द्वारा भेंट किया गया सम्मान पत्र राज्यपाल पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी जी को सौंपा. इस समारोह में प्रातः स्मरणीय शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती, डॉ. यज्ञदत्त शर्मा, प्रो. के.पी. पांडेय, पूर्व कुलपति कानपुर विश्वविद्यालय, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एम.ए. कदीर, पूर्व कुलपति संपूर्णानंद कॉलेज, वाराणसी श्री अभिराज, राजेन्द्र मिश्र आदि की उपस्थिति में पंजाब एवं हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी जी ने, मध्य प्रदेश संस्कारधानी जबलपुर से डॉ. गीता ‘गीत’ को अलंकरित करते हुए ‘भारती शिखर सम्मान’ प्रदान किया. इस गरिमामय भव्य समारोह का सफल संचालन भारती परिषद प्रयाग के महामंत्री शीलधर शास्त्री जी ने किया.

इलाहाबाद से सम्मान प्राप्त कर संस्कारधानी पधारने पर कादम्बरी से आचार्य भगवत दुबे, डॉ. गार्गीशरण मिश्र ‘मराल’, गीत पराग के प्रधान संपादक श्री रमाकांत वाजपेई, गुंजन से श्री ओंकार श्रीवास्तव संत, रमाकांत गौतम, सविता पिर्ल्इ, त्रिवेणी परिषद से साधना उपाध्याय, शशिकला सेन, मनीषा गौतम, पाथेय से डॉ. राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’, सुमित्रा पिल्लई, राजेश पाठक प्रवीण, परिणीता से श्रीमती सलमा जमाल, वर्तिका से श्री विजय तिवारी किसलय, महिला जाग्रति मंडल से श्रीमती मधु सोनी, लेखिका संघ से श्रीमती लक्ष्मी शर्मा, आर्टिस्ट फोरम से श्री कामता सागर, श्री विजय जायसवाल, गायक गौरत पं. रुद्रदत्त दुबे आदि ने डॉ. गीता ‘गीत’ को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं.

प्रस्तुतिः रमाकांत गौतम

‘सेमल के श्वेत परिंदे’ काव्य संग्रह पर चर्चा एवं कवि गोष्ठी

मीरजापुरः प्रमोद कुमार ‘सुमन’ के सद्य प्रकाशित काव्य-संग्रह ‘सेमल के श्वेत परिंदे’ पर आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार वृजदेव पांडेय ने कहा कि सुमन जी की रचनाओं में प्रेम केंद्रित उपालम्भ, मनुहार, प्रतीक्षा, दैहिक आकर्षण आदि के सौन्दर्य से भरा हुआ विस्तार है. यह एक अच्छे कवि की विशेषता है. भवेशचन्द्र जायसवाल ने कहा कि सुमन जीने गीत लिखा ही नहीं, गीत जिया है.

इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी की अध्यक्षता भोजपुरी के कवि आनन्द संधिदूत ने की. मुख्य अतिथि थे शायर ताबिश इकरामी. संचालन नवगीतकार गणेश गम्भीर ने किया.

गोष्ठी में सर्वश्री केदारनाथ ‘सविता’, वकील अहमद, अलाउल्लाह सिद्दीकी, इरफान कुरेशी, ब्रजेश सेठ, लालव्रत सिंह ‘सुगम’, मुहिब जर्िापुरी, खुर्शीद भारती, डॉ. अनुराधा ‘ओस’, नन्दिनी वर्मा, शुभम श्रीवास्तव, ‘ओम’, लल्लू तिवारी, सुरेश चंद्र वर्मा ‘विनीत’, भोलानाथ कुशवाहा, आसी मछलीशहरी, भानु कुमार ‘मुंतजिर’, गणेश गम्भीर, प्रमोद कुमार ‘सुमन’ और आनन्द संधिदूत आदि ने अपनी सुंदर व रोचक कविताओं का पाठ किया.

कार्यक्रम के अंत में चित्रप्रस्थ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विचार मंच के संरक्षक ने सबका आभार व्यक्त किया.

उपरोक्त कार्यक्रम चित्रप्रस्थ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विचार मंच के तत्वावधान में अनगढ़ रोड, जे. पी. पुरम कॉलोनी में किया गया.

प्रस्तुतिः केदारनाथ सविता

आपने कहा है

पाठक मनोयोग से पढ़ते हैं

जनवरी 2016 को सजी-धजी सुन्दर रंगीन मुखपृष्ठ वाली प्र्रप्राची अपने सभी सुधि पाठकों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देती हुई अभी-अभी मुझे डाकिया कुछ अखबारों और पत्रिकाओं के मध्य सुरक्षित दे गया. आजकल समय पर और सुरक्षित डाक प्राप्त होना भी एक उपलब्धि से कम नहीं माना जा सकता. सभी पाठकों और मेरी ओर से नियमित प्रकाशित होने वाली नयनाभिरामी प्राची के सुखमय भविष्य की कामना करता हूं.

प्राची के सर्वप्रथम तीसरे पृष्ठ पर ‘आपने कहा है’ स्तम्भ में पाठकों के पत्र प्रकाशित किए जाते हैं. यह स्तम्भ प्राची के पाठकों में अच्छा खासा लोकप्रिय है. प्रायः यह देख्ने में आया है कि सभी पाठक इस स्तम्भ को सर्वप्रथम पढ़ना पसन्द करते हैं. प्रत्येक अंक में देश के कोने-कोने से अपने वाले पत्रों का अधिक संख्या में प्रकाशित होना इस बात का परिचायक है कि प्राची में प्रकाशित सामग्री को पाठक मनोयोग से पढते, गुनते ही नहीं, उस पर अपनी त्वरित वैचारिक प्रतिक्रिया भी व्यक्त करने हेतु पत्र लिखते हैं. इसे प्राची की लोकप्रियता का पैमाना माना जाना चाहिए.

प्राची के इस अंक में माधवराव सप्रे का लिखा हुआ लेख ‘स्त्रियां और राष्ट्र’ निःसंदेह पढ़ने योग्य है. एक शताब्दी पूर्व स्त्रियों पर लिखा हुआ यह लेख निश्चित रूप से हमारे हिन्दी इतिहास की धरोहर है.

इसी लेख के साथ माधवराव सप्रे की लघुकथा ‘एक टोकरी भर मिट्टी’ को प्रकाशित किया गया है. इस लघुकथा को कुछ साहित्यकार हिन्दी की प्रथम लघुकथा मानते हैं. कुछ हिन्दी के जानकार मुंशी हसन अली के द्वारा लिखी गई लघुकथा को प्रथम लघुकथा मानते हैं, जो कि ‘बिहार बंधु’ के अंक 6 मार्च (शुक्रवार) 1874 ई को पृष्ठ 9 पर प्रकाशित हुई थी. कुछ लेखकों ने गौतम बुद्ध को प्रवचन के दौरान उनके द्वारा दी गई छोटी-छोटी उपदेशात्मक कथाओं के कारण उन्हें लघुकथा का जनक माना है. इन सबसे हटकर यही कहा जा सकता है कि माधवराव सप्रे की यह लघुकथा ऐतिहासिक होने के साथ ही साथ उपदेशात्मक भी है.

अभिनव अरुण की दोनों गजलें प्रभावित करती हैं. आचार्य भगवत दुबे व डॉ. राजकुमार सुमित्र की कवितायें हमेशा की तरह पाठकों के मन में अपनी छाप छोड़ने में सफल हुई हैं. मधुर नज्मी, साहिल और गंज मुरादाबादी अपनी रचनाओं के माध्यम से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने में सफल हुए हैं.

‘चलते-चलते’ शीर्षक के माध्यम से पाठकों के तनावपूर्ण चेहरे पर स्निग्ध मुस्कान लाने में संपादक महोदय सफल होंगे, ऐसा मेरा विश्वास है. इसे अच्छा प्रयास माना जायेगा.

सभी सािार्ठ स्तम्भ प्रभावी हैं व पाठकों को निश्चित ही प्रभावित करेंगे.

प्रभात दुबे, जबलपुर (म.प्र.)

अन्य विशेषांक भी निकालें

प्राची दिसम्बर 2015 प्राप्त हुआ. आपने इसे ‘सिन्धी कथा विशेषांक’ बनाकर हम लोगों के लिए संग्रहणीय बना दिया है. इसी तरह के अलग-अलग विशेषांक निकालते रहें. इसकी पूर्व सूचनााी पत्रिका में दे दिया करें. ‘काव्य विशेषांक भी निकालें. अन्य पत्रिकाओं की तरह लेखक परिशिष्ट भी निकालने की योजना बनायें तो उत्तम होगा. धन्यवाद!

केदारनाथ सविता, मीरजापुर (उ.प्र.)

लघुकथा

काव्य संग्रह की भूमिका

केदारनाथ सविता

गर के तथाकथित महाकवियों को जब पता चला कि युवा कवि रवि वर्मा अपने खर्चे पर काव्य-संग्रह छपवाने की फिराक में है, तो वे सब बारी-बारी से उसकी भूमिका लिखने के लिए सम्पर्क साधने लगे.

रवि वर्मा ने एक दिन सबकी बैठक बुलाई और उसमें सबसे कहा, ‘‘मैं अपना काव्य-संग्रह अपने रुपये से छपवाने जा रहा हूं. इसमें भूमिका लिखवाने के लिए मैं टेंडर निकालूंगा. जो सबसे अधिक राशि का सहयोग करेगा, उसी से मैं उसकी भूमिका लिखवाऊंगा.’’

अब सभी आगन्तुक एक-दूसरे का मुंह देखने लगे.

सम्पर्कः पुलिस चौकी रोड, लाल डिग्गी,

सिंहगढ़ गली (चिकाने टोला),

मीरजापुर-231001 (उ.प्र.)

मोः 9935685068

लघुकथा

सॉरी पापा

प्रभात दुबे

ह अपने कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक अति सुंदर नवयुवती के विभिन्न कोणों से लिए गए छायाचित्रों को मनोयोग से देख रहा था. कुछ देर बाद उसने अपने ईमेल को चेक किया. उसके पिता का एक मेल आया हुआ था, जिसमें लिखा था- ‘‘बेटे श्रवण, तुम्हारी पत्नी के लिए हमारी तलाश अब समाप्त हो गई है. हमने तुम्हारे लिए एक नवयुवती जयोति का चयन कर लिया है. इस मेल के साथ अटैच्ड फोटो देख लेना. यह रिश्ता हमारे भाग्य से मिला है. तुम भी इंजीनियर हो, वह भी इंजीनियर है. वह भी हमारे जैसे प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखती है. उसका परिवार हमारी रिश्तेदारी के दायरे में आता है. कुण्डली के मिलान से भी यह रिश्ता अति उत्तम है. ज्योति के पिता ने विवाह में विदेशी कार देने का वायदा किया है. शादी बड़ी धूमधाम से होगी. मैं ज्योति का मोबाइल नं. और ईमेल एक्रै दे रहा हूं. तुम उससे सम्पर्क कर लेना. दिल्ली आकर स्वयं उससे मिल सकते हो. मेरी और तुम्हारी मां की यह दिली इच्छा है कि यह रिश्ता होना चाहिए.

उसने मन ही मन कुछ सोचा और की बोर्ड पर उसकी उंगलियां तीव्र गति से चलने लगीं. उसने लिखा- ‘‘सॉरी, पापा, मैंने अपने लिए पत्नी ढूंढ़ ली है. वह वैसी ही है जैसी मैं चाहता था. बस इसी 19 तारीख को मैं उसके साथ परिणय सूत्र में बंधने वाला हूं. मैं शादी का कार्ड आपके व मम्मी के आने के लिए हवाई जहाज का टिकिट भेज रहा ूं. आप लोगों की प्रतीक्षी में- आपका श्रवण कुमार!

संपर्कः 111, शक्ति नगर, जबलपुर (म.प्र.)

मोः 9424310984

दो लघुकथाएं

सपना मांगलिक

अपना घर

मीठी मा-पापा से चित्रकारी प्रतियोगिता में लखनऊ भेजने की जिद् कर रही थी. उसके चित्र को स्कूल लेवल प्रतियोगिता में सराहना मिली थी और अब उसे अंतर्राज्यीय प्रतियोगिता के लिए चुना गया है. मगर मां-पापा हमेशा की तरह से उसे डांटते हुए बोले, ‘‘जो करना है अपने घर जाकर करना. दो महीने बाद तुम्हारी शादी है.’’ मीठी मन में सोच रही थी कि जिस घर में जन्म लिया- क्या वहां वह मनमानी नहीं कर सकती? खैर वह अपना ख्वाब ससुराल जाकर ही पूरा कर लेगी. शादी के बाद उसने हर लडकी की तरह साजन के घर और परिवारीजनों को सहज ही अपना लिया और अपने विनम्र एवं जिम्मेदार व्यवहार से सभी का दिल जीत लिया.

एक दिन प्रेम भरे लम्हों में उसने पतिदेव को अपनी चित्रकारी के शौक और उसमें अपनी पहचान बनाने के ख्वाब का जिक्र किया, मगर उम्मीद के विपरीत पतिदेव भड़क उठे- ‘‘पागल हो क्या? शादी के बाद एक स्त्री का धर्म घर गृहस्थी संभालना होता है. अगर यह सब ही करना था तो अपने घर में क्यों नहीं किया?’’ और मीठी आंखों में आंसू भर यह सोचती रह गयी कि आखिर उसका अपना घर है कौनसा?

-0-

हिंदी के पक्षधर

एक बार एक साहित्यिक गोष्ठी में हिंदी के एक साहित्यकार को हिंदी की दुर्दशा और अंग्रेजी के प्रभुत्व पर बहुत ही प्रभावशाली और भावनात्मक भाषण देते सुना. उन्होंने गोष्ठी में उपस्थित सभी लोगों से अंग्रेजी को दूर भगाओ और मातृभाषा की जय जयकार के नारे भी लगवाये. मैं उस हिंदी साधक से बहुत प्रभावित हुई और अगले ही दिन अपनी संस्था के वार्षिकोत्सव पर उन्हें मुख्य अतिथि का आमंत्रण देने उनके घर पहुंच गयी.घर आधुनिक तरीके से सजा-संवरा था. अतिथि कक्ष में उनका तीन वर्षीय पुत्र खेल रहा था जिसे गोद में लेकर मैंने कविता सुनाने को कहा. बालक अपने दोनों छोटे छोटे हाथों से मछली की आकृति बना हिंदी की कविता ‘‘मछली जल की रानी है’’ सुनाने लगा. इतने में हिंदी भक्त उसपर भड़कते हुए बोले, ‘‘यह क्या सुना रहे हो. बी विली विंकी वाली राइम सुनाओ आंटी को.’’ उसके बाद अपनी धर्मपत्नी पर बरसते हुए कहा, ‘‘कितनी बार कहा है बच्चे से इंग्लिश में बात करो, वर्ना मिशनरी स्कूल वाले रोज शिकायतें भेजेंगे.’’

सम्पर्कः एफ-659, कमला नगर, आगरा-282005

मोः 9548509508

 

लघुकथा

रोटी

किशनलाल शर्मा

सकी पोस्टिंग दिल्ली में थी, परन्तु आगरा से प्रतिदिन अप-डाउन करता था. सुबह पांच बजे की गाड़ी पकड़ने के लिए उसे रोज चार बजे सुबह घर से निकलना पड़ता था.

एक सुबह घर से निकलकर जैसे ही वह दूसरी गली में पहुंचा, कुत्तों ने उसे घेर लिया. वह चलता तो कुत्ते उसके पास आ जाते. खड़ा हो जाता तो कुत्ते दूर से भौंकने लगते. कुत्ते बेहद खूंखार नजर आ रहे थे. ऐसा लग रहा था, बिना काटे नहीं मानेंगे. उस दिन जैसे-तैसे कुत्तों से बचकर वह मुख्य सड़क पर पहुंचा था.

यह नित दिन का काम था. उसे कोई उपाय सोचना होगा, वरना कुत्तों से बचना मुश्किल था.

अगले दिन सुबह घर से निकलते समय उसने दो-तीन रोटी हाथ में रख लीं. जैसे ही कुत्ते उसकी तरफ भौंकते हुए आये, उसने रोटियों को तोड़कर उनकी तरफ फेंक दिया. कुत्ते भौंकना भूलकर रोटी खाने लगे. अब वह रोज यही तरकीब अपनाने लगा.

कुत्ते अब रोज उसके आने का इंतजार करते हैं. जैसे ही उसे देखते हैं दुम हिलाने लगते हैं, भौंकते नहीं.

रोटी सबको नचाती है. रोटी के लिए ही रोज सुबह उसे भागना पड़ता है. रोटी के लिए ही कुत्तों को उसके आगे दुम हिलाने पर मजबूर कर दिया.

संपर्कः 103, रामस्वरूप कॉलोनी, शाहगंज, आगरा-282010

--

लेखनी से

सनातन कुमार वाजपेयी ‘सनातन’

लेखनी आज मौन तू त्याग!

नहीं देखती पगली क्या तू,

लगी चतुर्दिक आग

पूर्ण राष्ट्र वीरान हो रहा

संस्कृति का अवसान हो रहा

सिसक रहा हिमगिरि घायल हो,

उगते नित ही नाग!

गंगा यमुना रेवा मैली

धानी की चादर मटमैली

सागर की लहरों से उठते,

अब न सुरीले राग

रोते गगन सिसकते तारे

धूमिल है चन्दा मन मारे

सूरज बंदी बना महल में,

भोर न पाई जाग!

गली गली बदनाम हो गई

बिना सुबह के शाम हो गई

नीति न्याय दुबके कोने में

खेल न पाते फाग!

रोती कलियां तरु मुरझाये

सुमन नहीं जी भर खिल पाये

झुलस रहे सब ज्वालाओं में

अन्तर्मन में आग!

सारी आज व्यवस्था घायल

कब तू मुखरित होगी पागल

मौन त्याग कर चल निर्भय तू

यह मौसम की मांग!

सड़ी व्यवस्था को दफना दे

जन जन में नव जोश जगा दे

मनप रहा आक्रोश हृदय में

धधक रही है आग!

लेखनी आज मौन तू त्याग!

सम्पर्कः पुराना कछपुरा स्कूल, गढ़ा, जबलपुर-482002

मोः 9993560139

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्राची - फरवरी 2016 - साहित्य समाचार व पाठकीय
प्राची - फरवरी 2016 - साहित्य समाचार व पाठकीय
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZqt9gDzsL0cjcj7Rh0BMM2gMidU7Fa5JAWw7BpAg3hCXxyjGem-EPdoFglFJul-nWNT7KCYerpiwsS1G2luXI0A-5XkIelc5dBVzaXGZunFGGN2j09SdCW1W29FqT87VGabmG/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZqt9gDzsL0cjcj7Rh0BMM2gMidU7Fa5JAWw7BpAg3hCXxyjGem-EPdoFglFJul-nWNT7KCYerpiwsS1G2luXI0A-5XkIelc5dBVzaXGZunFGGN2j09SdCW1W29FqT87VGabmG/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2016/03/2016_8.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2016/03/2016_8.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content