गीत -1 महकी –महकी सांझ सिन्दूरी मन एक और तन की दूरी कोयल कूहके जीवन वन में पीला कोई पात झरा है फडफडाता मन चातक सा ओस बूँद को तरस रहा ...
गीत -1
महकी –महकी सांझ सिन्दूरी
मन एक और तन की दूरी
कोयल कूहके जीवन वन में
पीला कोई पात झरा है
फडफडाता मन चातक सा
ओस बूँद को तरस रहा है
अब भी शायद मन के भीतर
कोई पुष्प खिला हुआ है
1)ज्यों धरती पर झुका है अम्बर
नदिया खातिर रुका समंदर
दवे पाँव आकर यों जिसने
सूने मेरे दिल को छुआ है
मेरी आँखों के बादल में
वो चाँद अभी तक छिपा हुआ है
2)दुनिया रीत रिवाज हैं झूठे
ख्वाब मखमली सारे टूटे
कैसे डाल संभाले नाजुक
फल प्रेम का पका हुआ है
एक ना माने तन की मन यह
व्यर्थ जिद पर अड़ा हुआ है
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गीत -2
धडकनों के गीत मेरे दिल की आँखों से पढ़ लो
भावों के बहते पानी को,आँखों में अपनी भर लो
खुद की खातिर जिए बहुत तुम ,मुझपे भी थोडा मर लो
धडकनों के गीत...
1)जिस्म दो एक जान करो ,दो आँखें फिर चार करो
जो पल व्यर्थ गँवाए तुमने,हर एक का हिसाब करो
प्रेम गणित समझो प्रियतम,अनबूझे कुछ हल कर लो
धडकनों के गीत ....
2)कभी दुनिया हालातों से ,छोटी छोटी बातों से
तोहमत देते रहे हमेशा ,दूर रहे अहसासों से
छोडके सब आशा और निराशा ,प्रेम की एक भाषा कर लो
धडकनों के गीत....
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गीत-3
सांस बनकर रूह में घुलने लगे हो
जिन्दगी में जिन्दगी,बनने लगे हो
बनके साया संग लो ,चलने लगे तुम
मुझसे ही बन मुझमे ,क्यूँ ढलने लगे हो
क्या करने लगे हो -2
1)अधरों पे मुस्कान से सजने लगे हो
इस चमन के बन सुमन खिलने लगे हो
बैठी हूँ मैं भूल इस दुनिया जहाँ को
मन के पंक्षी जबसे तुम उड़ने लगे हो
क्या करने लगे हो
2)नींद क्या ख्वाबों में भी आने लगे हो
बेवजह ही दिल को धड्काने लगे हो
कसमसा जाती हूँ तुमको सोचते ही
बिन छुए ही बाहों में कसने लगे हो
क्या करने लगे हो
3)दस्तकें क्यूँ दिल पे मेरे दे रहे हो
कहना था जो पहले अब तुम कह रहे हो
गीत पुराने कुछ लबों पर आ रहे हैं
साज बनके दिल का क्यूँ बजने लगे हो
क्या करने लगे हो
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गीत-4
कुछ ऐसा बोलो तुम प्रिय
पतझड़ भी मुस्कायें
डाले गलबैंया पुष्प पुष्प को
कांटे झुका नजर शर्मायें
कुछ ऐसा बोलो तुम प्रिय
1)भावों से छू लो भावों को
दिल से दिल का संगम हो
नज़रों से जब मिले नजर तो
रग -रग में स्पंदन हो
बिन कहे ही कहो कुछ ऐसा
कि उथल-पुथल मच जाए
डाले गलबैंया ....
2)गठरी मन की खोलो प्रिय
पल-पल का हिसाब करो
अगले-पिछले सारे शिकवे
एक - एक कर तुम साफ़ करो
यूँ पुकारो प्रेम से मुझको
कि दिल लहर -लहर लहराए
डाले गलबैंया ......
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5
गीत
बदरा गरजे बिजुरी चमके
सनन-सनन पुरवैया डोले
छाई है घटा घनघोर
कि आजा साजन
मोरे मनवा नाचे मोर
दादुर मोर पपीहा बोले
पीहू पीहू सुनत तन डोले
सुधि न आवे चितचोर
कि आजा साजन
मोरे मनवा नाचे मोर
डार नीम की झूला डारें
बैठ प्रेम की पेंग बढावें
सखी पहन लहंगा पटोर
कि आजा साजन
मोरे मनवा नाचे मोर
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6
आज सुहागों वाली रात
चंदा तुम धीरे से आना
मेरे सैंया हैं आज मेरे साथ
चाँद तुम धीरे से आना
मेरे कान की बाली बन जाना
बनके हवा तुम इनको हिलाना
मेरी पायल के घुंघरू बन जाना
रुनझुन का फिर शोर मचाना
सैयां लें जब हाथों में हाथ
संग मेरे तुम भी शर्माना
आज सुहागों वाली रात ...
मेरी बिंदियाँ को चंदा चमकाना
मेरे कंगना भी खन खनकाना
बनके टीका मांग सज जाना
बनके निकलस गले लग जाना
सैंया खोलें जब मेरे बाल
चाँद तुम पलकें झुकाना
आज ....
मेरा दिल जब धक – धक बोले
जिया इत-उत खाए हिचकोले
पिया धीमे से नजदीक आयें
आके घूंघट मेरा जब उठाएं
मुझे अपने कंठ लगायें
फिर तुम वहां से चले जाना
आज .....
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नाम – सपना मांगलिक
जन्मतिथि -17/02/1981
जन्मस्थान –भरतपुर
वर्तमान निवास-आगरा(यू.पी)
शिक्षा-एम्.ए ,बी .एड (डिप्लोमा एक्सपोर्ट मेनेजमेंट )
सम्प्रति –उपसम्पदिका-आगमन साहित्य पत्रिका ,स्वतंत्र लेखन, मंचीय कविता,ब्लॉगर ,फेसबुक पर काव्य-सपना नाम से प्रसिद्द ग्रुप जिसके देश विदेश के लगभग साढ़े चार हज़ार सदस्य है .व्हाट्स अप्प पर जीवन सारांश नामक साहित्य समूह
संस्थापक –जीवन सारांश समाज सेवा समिति ,शब्द -सारांश ( साहित्य एवं पत्रकारिता को समर्पित संस्था )
सदस्य- ऑथर गिल्ड ऑफ़ इंडिया ,अखिल भारतीय गंगा समिति जलगांव,महानगर लेखिका समिति आगरा ,साहित्य साधिका समिति आगरा,सामानांतर साहित्य समिति आगरा ,आगमन साहित्य परिषद् हापुड़ ,इंटेलिजेंस मिडिया एसोशिसन दिल्ली ,गूगनराम सोसाइटी भिवानी ,ज्ञानोदय साहित्य परिषद् बेंगलोर,डेल्ही पोएट्री सर्किल ,irro ,संस्कार भारती आगरा ,सुर आनंद
प्रकाशित कृति-(तेरह)पापा कब आओगे,नौकी बहू (कहानी संग्रह)सफलता रास्तों से मंजिल तक ,ढाई आखर प्रेम का (प्रेरक गद्ध संग्रह)कमसिन बाला ,कल क्या होगा ,बगावत (काव्य संग्रह )जज्बा-ए-दिल भाग –प्रथम,द्वितीय ,तृतीय (ग़ज़ल संग्रह)टिमटिम तारे ,गुनगुनाते अक्षर,होटल जंगल ट्रीट (बाल साहित्य)
संपादन –तुम को ना भूल पायेंगे (संस्मरण संग्रह ) स्वर्ण जयंती स्मारिका (समानांतर साहित्य संस्थान),बातें अनकही (कहानी संग्रह )
सम्मिलित संकलन – दामिनी ,सावधान बेटियां ,चुनाव चकल्लस ,क्यूंकि हम जिन्दा हैं ,मन बसंती ,शब्द मोहनी इत्यादि बीस से अधिक सम्मिलित संकलनों में हिस्सेदारी
प्रकाशनाधीन –इस पल को जी ले (प्रेरक संग्रह)एक ख्वाब तो तबियत से देखो यारो (प्रेरक संग्रह )बोन्साई (हाइकु संग्रह )पन्नो पर जिन्दगी (कहानी संग्रह )
विशेष –आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर निरंतर रचनाओं का प्रकाशन
सम्मान-आगमन साहित्य परिषद् द्वारा दुष्यंत सम्मान ,प्राइड ऑफ़ नेशन द्वारा सीमापुरी टाइम्स ,भारतेंदु समिति कोटा ,एत्मादपुर नगर निगम द्वारा काव्य मंजूषा सम्मान ज्ञानोदय साहित्य संस्था कर्नाटक द्वारा ज्ञानोदय साहित्य भूषण २०१४ सम्मान , ,अखिल भारतीय गंगा समिति जलगांव द्वारा गंगा गौमुखी एवं गंगा ज्ञानेश्वरी साहित्य गौरव सम्मान , गुगनराम एजुकेशनल ट्रस्ट (भिवानी,हरियाना )द्वारा पुस्तक टिमटिम तारे एवं कल क्या होगा पुरुस्कृत एवं विर्मो देवी सम्मान से सम्मानित , रुमिनेशन एंड कल्चरल सोशायटी मेरठ द्वारा प्रेरक पुस्तक सफलता रास्तों से मंजिल तक सम्मानित ,राष्ट्र भाषा स्वाभिमान न्यास (गाज़ियवाद)द्वारा कृति सफलता रास्तों से मंजिल तक पुरुस्कृत ,हिंदी साहित्य सभा आगरा द्वारा शिल्पी शर्मा स्मृति सम्मान ,आगरा महानगर लेखिका मंच द्वारा महदेवी वर्मा सम्मान ,सामानांतर संस्था द्वारा सर्जना सम्मान ,हेल्थ केयर क्लब आगरा , विभिन्न राजकीय एवं प्रादेशिक मंचों से सम्मानित
पता-एफ- 659,बिजलीघर के निकट , कमला नगर आगरा 282005
ईमेल –sapna8manglik@gmail.com
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