यह सम सामयिक हास्य-व्यंग्य " आई.क्यू.टेस्ट" प्रेषित है जो मैनपुर यू.पी.के एक समाचार पर आधारित है..जिसमें एक दुल्हन मंडप में दूल...
यह सम सामयिक हास्य-व्यंग्य " आई.क्यू.टेस्ट" प्रेषित है जो मैनपुर यू.पी.के
एक समाचार पर आधारित है..जिसमें एक दुल्हन मंडप में दूल्हे का "
आई.क्यू.टेस्ट" लिया और फेल होने पर उससे शादी तोड़ दी.
आई.क्यू.टेस्ट / प्रमोद यादव
‘ एक बात पूछूँ जी ? ‘ पत्नी चाय के साथ समोसा परोसते बोली.
‘ हाँ..पूछो..’ पतिदेव डायनिंग टेबल की कुर्सी पर विराजते बोले.
‘ ये “आई.क्यू.” टेस्ट क्या होता है ? ‘
‘ अरे..ये अचानक “आई.क्यू.” टेस्ट क्यों पूछ रही हो भई ? पति ने हंसते हुए पूछा.
‘ वो क्या है ना..आज के अखबार में एक समाचार पढ़ी कि मैनपुर यू.पी.की एक दुल्हन मंडप में दुल्हे का “आई.क्यू.” टेस्ट ली और फिर उस दूल्हे से शादी करने से इनकार कर दी..इसलिए पूछ रही थी..’
‘ अच्छा.. अच्छा..समझा...तुम सब औरतें एक जैसी होती हो यार..ऐसे ही समाचारों को चटखारे ले ले के पढ़ती हो..हेड-लाईन वाली खबरों की कभी चर्चा नहीं करती..कभी नहीं पूछी कि पी.एम. साहब दौड़-दौड़ कर अमेरिका क्यों जाते है ?..आस्ट्रेलिया जाकर क्या करते हैं ?..पाकिस्तान क्यों नहीं जाते ? जापान से इतना क्या प्रभावित कि काशी को क्योटो बना रहे.. आदि..आदि..’
‘ अरे बाबा..रुको भी..जो पूछ रही हूँ,उसका जवाब दीजिये...पी.एम.से हमें क्या लेना-देना? वे कहीं आये कहीं जाये उनकी मर्जी..भला कौन रोक सकता है उन्हें ? वे यहाँ मंहगाई नहीं रोक सकते...देश वासी उन्हें विदेश दौरे से नहीं रोक सकते..दोनों मजबूर है..हिसाब बराबर..’ पत्नी ने ज्ञान बघारते कहा.
‘ अरे छोडो भी...अब तुम मंहगाई का रोना रोओगी कि प्याज सुधरा तो दाल गलनी बंद हो गई .. फिर तेल में आग लगी..अब लहसुन उछल रहा.. उफ़..ये चेप्टर बंद करो यार..इसमें उलझना बेकार है..ये तो तय है कि सरकार किसी की रहे- मंहगाई “मस्ट” है..वो रहेगी ही..इसे ही तो मुद्दा बनाकर हर पार्टी चुनाव लडती है..और सरकार बनती है..दूसरा मुद्दा विकास का होता है जिसका सब पार्टी ढिंढोरा पीटते है और जीतने के बाद हाशिये पर डाल देते हैं.. फिर उसे चुनावी जुमला या नारा कह देते हैं..’ पति ने भाषण झाड़ते कहा.
‘ अब राजनीति की ये बोरिंग बातें छोडो ..कहाँ हम शुभ-शुभ शादी-ब्याह..मंडप..दूल्हा-दुल्हन की बातें कर रहे थे..और आप बीच में पी.एम. को ले आये..अब ले ही आये तो ये भी बता दिजीये कि कहीं इनका भी तो मंडप में “आई.क्यू.” टेस्ट नहीं हुआ था ?..उन्हें हमेशा अकेले ही देखते आये हैं..’ पत्नी सशंकित सी बोली.
‘ चुप पगली...कुछ भी अनाप-शनाप बक देती हो...मुझसे पूछी तो पूछी और किसी से न पूछियो ..समझी ? ‘ पति ने गुस्से से कहा.
‘ ठीक है नहीं पूछेंगे...पर जो पूछ रहे वो तो बताओ..क्या ये टेस्ट भी डी.एन.ए.टेस्ट के माफिक होता है ? पत्नी पूछी.
‘ हे भगवान..अब कहाँ से तुम डी.एन.ए.ले आई.. टेस्ट हजारों तरह के होते हैं पगली..जहां जिसकी जरुरत होती है , किया जाता है..’ पति ने जवाब दिया.
‘ अरे हजारों तरह के होते हैं तो एक का अर्थ तो बताईये ? क्या होता है ये “आई.क्यू.” टेस्ट ? क्या शादी के मंडप में ही होता है ये टेस्ट ? फिर हमारी शादी में ये रस्म क्यों नहीं हुआ ?‘
‘ अरी भागवान..ये रस्म नहीं होता ..रस्म होता तो हम पहले तुम्हारा टेस्ट लेते ..’
‘ हाय दईया..क्या दूल्हा भी ले सकता है ये टेस्ट ? आप तो हमें पास कर ही देते..देते क्या-किये हैं..तभी तो हम आपकी बीबी बनकर आये हैं और आपको दुनिया का सारा सुख दे रहे हैं..’ पत्नी भाव विभोर होते बोली.
‘ हाँ..सो तो है..थोड़ी और पढ़-लिख लेती तो और ज्यादा सुख देती..हमें कम से कम “आई.क्यू.” का अर्थ नहीं बताना पड़ता..’ पति गंभीर होकर बोला .
‘ ठीक बोले जी...हमें आठवीं तक पढ़ लेना था..पर अब क्या करें ? पांचवी फेल हुए तभी समझ गए कि आगे की पढ़ाई और कठिन होगी इसलिए आगे का इरादा छोड़ दिया..अब बीती ताहि बिसार के आगे की सुधि लीजिये.. बताइये.. “आई.क्यू.” टेस्ट क्या होता है ? ‘
‘ अरे यार... तुम घूम-फिर कर वहीं आ गई..तुमने तो पूरा समाचार पढ़ा है न ? बताओ – क्यों इंकार की दुल्हन ने शादी से ?
‘ लिखा था की मंडप में दुल्हन को लगा कि दूल्हा ठीक से मंत्रोच्चारण नहीं कर पा रहा..फिर उसने दुल्हे को टच स्क्रीन मोबाईल में अपना नंबर टाईप करने कहा तो दूल्हा नाकामयाब रहा.. फिर दुल्हन ने उसे कुछ सिक्के देकर सबका जोड़ बताने कहा लेकिन वह न जोड़ सका इसलिए उसने शादी तोड़ दी ..’ पत्नी विस्तार से बताई.
‘ मतलब साफ़ है यार कि उसे दूल्हा हर एंगल से फिसड्डी लगा इसलिए रिश्ता तोड़ दिया. हमारे जमाने में ये चोचले नहीं थे वर्ना..’
‘ वर्ना... वर्ना क्या ? ‘ पत्नी गुर्राई .
‘ वर्ना.. वर्ना क्या मालूम तुम भी मुझे रिजेक्ट कर देती.. और आज मैं निपट अकेला होता (और कितना खुश होता )’ पति ने बात सुधारते कहा.
‘ कैसी बातें करते हैं जी ? हम आपको जरुर पास कर देते..और किये भी हैं तभी तो हम साथ-साथ हैं.. वैसे आप भी हमारा टेस्ट लेते तो हम पास ही होते..हमें शादी के सारे मंत्र और श्लोक याद है..अपना नंबर भी मोबाइल में टाइप कर लेते है और जोड़-घटाने में तो तीसरी तक हम अव्वल ही रहे..’
पतिदेव ने माथा पकड़ते कहा- ‘ अच्छा हुआ भागवान.. उस जमाने में “आई.क्यू.” टेस्ट का चलन नहीं था- वर्ना आज नजारा कुछ और होता..भगवान् जाने तुम कहाँ होती और मैं कहाँ ? ..खैर..वो तुम नहीं समझोगी..अब सुनो- आई. का मतलब होता है- इंटेलिजेंस और क्यू. का मतलब- कोशेन्ट..हिंदी में इसका मतलब है-बुद्धि-लब्धि.. “आई.क्यू.” टेस्ट यानी बुद्धि-लब्धि परीक्षा..बौद्धिक स्तर मापने का तरीका..इससे बुद्धि का आकलन किया जाता है..यह बहुत बड़ा विषय है..बस इतना जान लो – किसी का “आई.क्यू.” स्कोर हाई होता है तो किसी का लो ..’
‘ किसका हाई और किसका लो स्कोर होता है जी ? ‘ पत्नी बोली.
पति कुर्सी से उठते हुए मजाक से बोला- ‘ समझ लो..औरतों का लो और हम मर्दों का हाई..’
‘ ये गलत बात है जी..आप मर्द लोग हर क्षेत्र में हमें “लो” कर देते हो..और खुद हाई (कमान) हो जाते हो..ये सरासर नाइंसाफी है..’ पत्नी बडबडाती हुई प्लेट समेट किचन की ओर चली जाती है..
पति मन ही मन मुस्कुराते हुए बुदबुदाता है - ‘ “आई.क्यू.” टेस्ट करके शादी करता तो ऐसी सीधी-सादी भोली पत्नी से हाथ धो बैठता..भला हो उस जमाने का और उन पुराने बुजुर्गों का जिन्होंने ये रिश्ता रचाया..तब के लोगों का “आई.क्यू.” स्कोर सचमुच हाई रहा होगा..’
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प्रमोद यादव
गया नगर, दुर्ग , छत्तीसगढ़
आई.क्यू.टेस्ट / प्रमोद यादव
‘ एक बात पूछूँ जी ? ‘ पत्नी चाय के साथ समोसा परोसते बोली.
‘ हाँ..पूछो..’ पतिदेव डायनिंग टेबल की कुर्सी पर विराजते बोले.
‘ ये “आई.क्यू.” टेस्ट क्या होता है ? ‘
‘ अरे..ये अचानक “आई.क्यू.” टेस्ट क्यों पूछ रही हो भई ? पति ने हंसते हुए पूछा.
‘ वो क्या है ना..आज के अखबार में एक समाचार पढ़ी कि मैनपुर यू.पी.की एक दुल्हन मंडप में दुल्हे का “आई.क्यू.” टेस्ट ली और फिर उस दूल्हे से शादी करने से इनकार कर दी..इसलिए पूछ रही थी..’
‘ अच्छा.. अच्छा..समझा...तुम सब औरतें एक जैसी होती हो यार..ऐसे ही समाचारों को चटखारे ले ले के पढ़ती हो..हेड-लाईन वाली खबरों की कभी चर्चा नहीं करती..कभी नहीं पूछी कि पी.एम. साहब दौड़-दौड़ कर अमेरिका क्यों जाते है ?..आस्ट्रेलिया जाकर क्या करते हैं ?..पाकिस्तान क्यों नहीं जाते ? जापान से इतना क्या प्रभावित कि काशी को क्योटो बना रहे.. आदि..आदि..’
‘ अरे बाबा..रुको भी..जो पूछ रही हूँ,उसका जवाब दीजिये...पी.एम.से हमें क्या लेना-देना? वे कहीं आये कहीं जाये उनकी मर्जी..भला कौन रोक सकता है उन्हें ? वे यहाँ मंहगाई नहीं रोक सकते...देश वासी उन्हें विदेश दौरे से नहीं रोक सकते..दोनों मजबूर है..हिसाब बराबर..’ पत्नी ने ज्ञान बघारते कहा.
‘ अरे छोडो भी...अब तुम मंहगाई का रोना रोओगी कि प्याज सुधरा तो दाल गलनी बंद हो गई .. फिर तेल में आग लगी..अब लहसुन उछल रहा.. उफ़..ये चेप्टर बंद करो यार..इसमें उलझना बेकार है..ये तो तय है कि सरकार किसी की रहे- मंहगाई “मस्ट” है..वो रहेगी ही..इसे ही तो मुद्दा बनाकर हर पार्टी चुनाव लडती है..और सरकार बनती है..दूसरा मुद्दा विकास का होता है जिसका सब पार्टी ढिंढोरा पीटते है और जीतने के बाद हाशिये पर डाल देते हैं.. फिर उसे चुनावी जुमला या नारा कह देते हैं..’ पति ने भाषण झाड़ते कहा.
‘ अब राजनीति की ये बोरिंग बातें छोडो ..कहाँ हम शुभ-शुभ शादी-ब्याह..मंडप..दूल्हा-दुल्हन की बातें कर रहे थे..और आप बीच में पी.एम. को ले आये..अब ले ही आये तो ये भी बता दिजीये कि कहीं इनका भी तो मंडप में “आई.क्यू.” टेस्ट नहीं हुआ था ?..उन्हें हमेशा अकेले ही देखते आये हैं..’ पत्नी सशंकित सी बोली.
‘ चुप पगली...कुछ भी अनाप-शनाप बक देती हो...मुझसे पूछी तो पूछी और किसी से न पूछियो ..समझी ? ‘ पति ने गुस्से से कहा.
‘ ठीक है नहीं पूछेंगे...पर जो पूछ रहे वो तो बताओ..क्या ये टेस्ट भी डी.एन.ए.टेस्ट के माफिक होता है ? पत्नी पूछी.
‘ हे भगवान..अब कहाँ से तुम डी.एन.ए.ले आई.. टेस्ट हजारों तरह के होते हैं पगली..जहां जिसकी जरुरत होती है , किया जाता है..’ पति ने जवाब दिया.
‘ अरे हजारों तरह के होते हैं तो एक का अर्थ तो बताईये ? क्या होता है ये “आई.क्यू.” टेस्ट ? क्या शादी के मंडप में ही होता है ये टेस्ट ? फिर हमारी शादी में ये रस्म क्यों नहीं हुआ ?‘
‘ अरी भागवान..ये रस्म नहीं होता ..रस्म होता तो हम पहले तुम्हारा टेस्ट लेते ..’
‘ हाय दईया..क्या दूल्हा भी ले सकता है ये टेस्ट ? आप तो हमें पास कर ही देते..देते क्या-किये हैं..तभी तो हम आपकी बीबी बनकर आये हैं और आपको दुनिया का सारा सुख दे रहे हैं..’ पत्नी भाव विभोर होते बोली.
‘ हाँ..सो तो है..थोड़ी और पढ़-लिख लेती तो और ज्यादा सुख देती..हमें कम से कम “आई.क्यू.” का अर्थ नहीं बताना पड़ता..’ पति गंभीर होकर बोला .
‘ ठीक बोले जी...हमें आठवीं तक पढ़ लेना था..पर अब क्या करें ? पांचवी फेल हुए तभी समझ गए कि आगे की पढ़ाई और कठिन होगी इसलिए आगे का इरादा छोड़ दिया..अब बीती ताहि बिसार के आगे की सुधि लीजिये.. बताइये.. “आई.क्यू.” टेस्ट क्या होता है ? ‘
‘ अरे यार... तुम घूम-फिर कर वहीं आ गई..तुमने तो पूरा समाचार पढ़ा है न ? बताओ – क्यों इंकार की दुल्हन ने शादी से ?
‘ लिखा था की मंडप में दुल्हन को लगा कि दूल्हा ठीक से मंत्रोच्चारण नहीं कर पा रहा..फिर उसने दुल्हे को टच स्क्रीन मोबाईल में अपना नंबर टाईप करने कहा तो दूल्हा नाकामयाब रहा.. फिर दुल्हन ने उसे कुछ सिक्के देकर सबका जोड़ बताने कहा लेकिन वह न जोड़ सका इसलिए उसने शादी तोड़ दी ..’ पत्नी विस्तार से बताई.
‘ मतलब साफ़ है यार कि उसे दूल्हा हर एंगल से फिसड्डी लगा इसलिए रिश्ता तोड़ दिया. हमारे जमाने में ये चोचले नहीं थे वर्ना..’
‘ वर्ना... वर्ना क्या ? ‘ पत्नी गुर्राई .
‘ वर्ना.. वर्ना क्या मालूम तुम भी मुझे रिजेक्ट कर देती.. और आज मैं निपट अकेला होता (और कितना खुश होता )’ पति ने बात सुधारते कहा.
‘ कैसी बातें करते हैं जी ? हम आपको जरुर पास कर देते..और किये भी हैं तभी तो हम साथ-साथ हैं.. वैसे आप भी हमारा टेस्ट लेते तो हम पास ही होते..हमें शादी के सारे मंत्र और श्लोक याद है..अपना नंबर भी मोबाइल में टाइप कर लेते है और जोड़-घटाने में तो तीसरी तक हम अव्वल ही रहे..’
पतिदेव ने माथा पकड़ते कहा- ‘ अच्छा हुआ भागवान.. उस जमाने में “आई.क्यू.” टेस्ट का चलन नहीं था- वर्ना आज नजारा कुछ और होता..भगवान् जाने तुम कहाँ होती और मैं कहाँ ? ..खैर..वो तुम नहीं समझोगी..अब सुनो- आई. का मतलब होता है- इंटेलिजेंस और क्यू. का मतलब- कोशेन्ट..हिंदी में इसका मतलब है-बुद्धि-लब्धि.. “आई.क्यू.” टेस्ट यानी बुद्धि-लब्धि परीक्षा..बौद्धिक स्तर मापने का तरीका..इससे बुद्धि का आकलन किया जाता है..यह बहुत बड़ा विषय है..बस इतना जान लो – किसी का “आई.क्यू.” स्कोर हाई होता है तो किसी का लो ..’
‘ किसका हाई और किसका लो स्कोर होता है जी ? ‘ पत्नी बोली.
पति कुर्सी से उठते हुए मजाक से बोला- ‘ समझ लो..औरतों का लो और हम मर्दों का हाई..’
‘ ये गलत बात है जी..आप मर्द लोग हर क्षेत्र में हमें “लो” कर देते हो..और खुद हाई (कमान) हो जाते हो..ये सरासर नाइंसाफी है..’ पत्नी बडबडाती हुई प्लेट समेट किचन की ओर चली जाती है..
पति मन ही मन मुस्कुराते हुए बुदबुदाता है - ‘ “आई.क्यू.” टेस्ट करके शादी करता तो ऐसी सीधी-सादी भोली पत्नी से हाथ धो बैठता..भला हो उस जमाने का और उन पुराने बुजुर्गों का जिन्होंने ये रिश्ता रचाया..तब के लोगों का “आई.क्यू.” स्कोर सचमुच हाई रहा होगा..’
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प्रमोद यादव
गया नगर, दुर्ग , छत्तीसगढ़
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