- हनुमान मुक्त ये क्या हो रहा है जी। ये क्या हो रहा है। ये क्या हो रहा है जी, ये क्या हो रहा है। प्यार हो रहा है, भई प्यार हो रहा है। प्या...
- हनुमान मुक्त
ये क्या हो रहा है जी। ये क्या हो रहा है। ये क्या हो रहा है जी, ये क्या हो रहा है। प्यार हो रहा है, भई प्यार हो रहा है। प्यार हो रहा है भई, प्यार हो रहा है।
वाकई प्यार की महिमा अपरंपार है। जहां प्यार है वहां सब कुछ माफ। प्यार किया तो डरना क्या। वाकई प्यार व्यक्ति को बहुत ताकतवर और अति आत्मविश्वासी बना देता है।
सृष्टि के इस महत्वपूर्ण शब्द प्यार में इतनी ताकत है कि ये दुनिया के सभी जायज और नाजायज कार्यों को कराने की शक्ति अपने हाथ में रखता है। प्यार में मरने वालों को दुनिया हमेशा-हमेशा तक याद रखती है। लैला-मजनूं, शीरी-फरहाद, के किस्से कहानियों को पढ़ते-पढ़ते सालों गुजर गए और गुजर जाएंगे।
प्यार नामक इस चिड़िया को समझना कोई आसान नहीं है, जिसे होता है, वही इसके मर्म को समझ सकता है। कहते है ना ‘खुद के मरे सरग दीखै’ यह कोई करने की चीज नहीं है, यह तो स्वमेव ही होता है। जान बूझकर किया गया प्यार, प्यार नहीं होता। जिसे होता है वही इस विचित्र सागर में डुबकी लगाता है। अंदर उसे क्या दिखाई दे रहा है, वह किसमें मस्त है, सागर के किनारे खड़ा व्यक्ति कभी इसका अंदाजा नहीं लगा पाता।
प्यार मुर्दे में भी जान फूंक देता है वही कमजोर को भी हिम्मत वाला बना देता है और इसी हिम्मत की बदौलत ही तो प्यार करने वाले फकीर के लिए कहा जाता है-
‘हिम्मत-ऐ मर्दा, मदद-ऐ खुदा, बादशाह की लड़की का, फकीर से निकाह’
प्यार में इतनी ताकत कहां से आ जाती है, यह प्रारंभ से ही शोध का विषय रहा है। मनोविश्लेषकों ने विभिन्न अनुसंधानों द्वारा निष्कर्ष निकाला कि यह दिमाग से नहीं दिल से होता है। जिसमें दिमाग होता है वह प्यार कर नहीं सकता, यदि वह करता है तो सिर्फ करने का नाटक करता है। प्यार के मध्य यदि कोई रुकावट डालता है तो वह सिर्फ दिमाग ही डालता है। यही सबसे बड़ा रोड़ा है।
जिससे प्यार होना होता है उसे देखकर प्रेमी के दिल में घंटी सी बजने लगती है। दिल में से किसी विशेष प्रकार के पदार्थ का स्त्राव होने लगता है। यह विशेष प्रकार का स्त्रावित पदार्थ व्यक्ति के दिमाग का दिल से नियंत्रण धीरे-धीरे समाप्त करता चला जाता है और उसे सही मायने में प्यार हो जाता है। प्यार होने के बाद प्रेमी दिमाग की सुनना पूरी तरह बंद कर देता है। धीरे-धीरे व्यक्ति का दिमाग भी दिल को संदेश देना बंद कर देता है, यही प्यार है।
जितने भी प्यार करने वाले इतिहास में अमर हुए हैं उनके पीछे यही कहानी चली आ रही है।
प्यार व्यक्ति को किसी कदर दीवाना कर देता है, विषकन्याएं इसकी गवाह रही हैं। बड़े-बड़े राजा महाराजा और सम्राटों के साम्राज्यों को उन्होंने अपने प्यार के चंगुल में फंसाकर किस तरह धराशाही कर दिया। प्यार वाकई में बड़ी ही प्यारी चीज है।
कहते है काले सांप का डंसा व्यक्ति पानी मांग सकता है लेकिन प्यार में फंसा व्यक्ति पानी नहीं मांग सकता। लोजिकली हम देखे तो स्पष्टतः सिद्ध होता है कि दिमाग के सुन्न हो जाने पर व्यक्ति की प्रत्येक अन्तश्चेतना समाप्त हो जाती है, ऐसी स्थिति में वह समोहित व्यक्ति के समान वैसा ही आचरण करता है जैसा उसका प्रेमी उससे करने के लिए कहता है।
कबीर दास जी कहते हैं कि-
‘प्रेम न बाड़ी उपजै, प्रेम न हाट बिकाय, राजा परजा जैहि रुचै, सीस देई ले जाए।’
कबीरदास जी ने सीस शब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया होगा, हम उसके अंदर नहीं झांकना चाहते लेकिन अनुसंधानों के आधार पर इसका भाव ले तो स्पष्ट होता है कि यह प्रेमी व्यक्ति से अपेक्षा करता है कि वह अपना मस्तिष्क, दिमाग (सीस) देकर ही प्रेम प्राप्त कर सकता है।
प्रेमी को प्यार किससे हो जाए, इसके बारे में अभी तक स्पष्ट धारणा नहीं बनी है और ना ही अनुसंधान में इसके बारे में कोई निष्कर्ष ही निकल पाया है। जिससे प्यार होने वाला है वह खूबसूरत हो, बुद्धिमान हो, मोटा हो, पतला हो, लंबा हो, काला हो, गोरा हो, स्वस्थ्य हो, अस्वस्थ्य हो, युवा हो, वृद्ध हो, बालक हो, देशी हो, विदेशी हो, अमीर हो, गरीब हो, चोर हो, ईमानदार हो, स्त्री हो, पुरुष हो, गधा हो, गधी हो, सजीव हो, निर्जीव हो, यह किसी भी एंगल से आवश्यक नहीं है। वह कोई भी हो सकता है, उसे देखकर आपके अंदर घंटिया बजने लगती है। बस आप उसके प्रेम में पागल।
कुछ लोगों को देश से प्यार होता है, कुछ को कुर्सी से। कुत्तों से प्यार होने के उदाहरण तो हजारों-लाखों की संख्या में भरे पड़े हैं। रुपए-पैसो से प्यार की दीवानगी की हद इतनी नहीं आंकी जाती जितनी अन्य चीजों से प्यार करने वालों की आंकी जाती है।
कुर्सी से प्यार करने के ताजा उदाहरण मिस्त्र और लीबिया जैसे राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष रहे है। हजारों, लाखों लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद भी अपनी प्यारी कुर्सी को धोखा देना मंजूर नहीं। कुर्सी बचाए रखने के लिए सब कुछ मंजूर है लेकिन अपनी प्रेमिका (कुर्सी) को दूसरे के हवाले करना मंजूर नहीं।
विश्वासघात कैसे करे जिसके साथ जीने मरने का वादा किया, उसको दूसरों के हवाले छोड़ना बेवफाई है और बेवफा कहलाना सच्चे प्रेमी को मंजूर नहीं।
हमारे देश के लिए कवियों ने कहा है ‘यह देश है वीर जवानों का मस्तानों का, मतवालों का..., इस देश का यारों क्या कहना, यह देश है दुनिया का गहना...।’
ऐसी स्थिति में देश को दुनिया का गहना बना रहने के लिए कोर्ट द्वारा की जा रही टिप्पणी ‘कि आखिर इस देश में हो क्या रहा है? पर जबाव देना चाहिए कि प्यार हो रहा है, जी प्यार हो रहा है।’
प्यार में सब कुछ जायज है, नाजायज कुछ भी नहीं। चाहे डीएनए की जांच करवा ली जाए। उसमें से नाजायज कुछ निकल ही नहीं सकता? आखिर प्यार दां मामला है, प्यार किया तो डरना क्या...।
Hanuman Mukt
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