कहानी - उपकथा

SHARE:

उपकथा अजय गोयल 'डियर, सारा क्रेडिट किसी फकीर के मजार पर लटका आना हमारी विरासत का हिस्सा है।'' कहकर सीनियर स्पेशलिस्ट डॉ. विम...

image

उपकथा

अजय गोयल

'डियर, सारा क्रेडिट किसी फकीर के मजार पर लटका आना हमारी विरासत का हिस्सा है।'' कहकर सीनियर स्पेशलिस्ट डॉ. विमल ने फोन रख दिया।

डॉ कैलाश को समझने में कुछ क्षण लगे। रात भर जागरण के बाद सर भारी था। सुबह चार बजे वह चाहता था कि थोड़ी देर के लिए अपनी कमर सीधी कर ले, परन्तु कहीं संभव था यहां.  डॉक्टर्स ड्‌यूटी रूम को डॉ. विमल ने प्राइवेट रूम में बदल दिया था। उसमें काले का बेटा पप्पू था। काले...। सांसद वर्मा जी का बायाँ हाथ। उसका बेटा जनरल वार्ड में कैसे रहता? मुस्तैदी से कैलाश हर दो घण्टे बाद पप्पू की ब्लड ग्लूकोज लेवल की सूचना डॉ. विमल को देता रहा था। नाइट ड्‌यूटी का चार्ज लेकर कैलाश ने डॉ. विमल से फोन पर कल शाम बात की थी, ''काले को जानते हो ?'' गम्भीरता से उन्होंने पूछा था।

' 'जी' ' संक्षिप्त-सा उत्तर कैलाश ने दिया।

अस्पताल ज्वाइन किए उसे लगभग महीना हुआ था। वह भरे जाड़े की एक दोपहर थी। वार्ड का शेष काम कैलाश निपटा रहा था। काले से उसका परिचय हुआ, वह एक प्रौढ़ आदमी के साथ आया था।

''हम कोशिश कर रहे हैं।' ' कैलाश ने पहली भेंट में काले को उत्तर दे दिया था।

''खून की काफी कमी है, बच्चे को खून चाहिए।' ' ' 'कैलाश ने इलाज के लिए जरूरत बताई।''

अवाक् रह गया था काले।

''खून, पेशाब, रीढ़ की हड्‌डी का पानी इन सबकी जाँच हो चुकी है।' '

' 'पर डॉक्टर साहब, आपकी दवा का असर तो बाबा की भभूत देने के बाद ही हुआ है।' ' काले के साथ आये आदमी ने कहा।

असहमति में प्रसन्नता जोड़ लेना, खिन्नता में भी चेहरे पर मुस्कराहट... और गुस्से में संयम का घालमेल। ये सब गुण डॉ. कैलाश में भी घुलमिल चुके थे।

कैलाश की चुप्पी से शायद चिढ़ गया था काले, ' 'मेरे बारे में पूछ लेना डॉ. विमल से। पहली बार देख रहा हूँ तुम्हें। मैं वर्मा भाईजी का आदमी हूँ। उनके एम.पी. के इलेक्शन में खून-पसीना एक कर दिया था। उन्होंने मुझे इस एरिया के लए पार्टी प्रधान बनाया है। मैंने तुम्हारे एमएस. ने कह दिया है। तुमने पप्पू के लिए खून माँगा था। आ रहा है। क्या खून-खून लगा रखा है ?' ' अपनी छाती पर लगे तमगों की एक साथ पहचान करा गया था काले।

कुछ देर बाद ही ब्लड लेकर वार्ड ब्वाय उपस्थित था। पप्पू के लिए स्पेशल कोटे से ब्लड रिलीज कर दिया था।

काले के व्यक्तित्व में खलनायक जैसा कुछ नहीं था। चुनाव यज्ञ में अपना कर्मकाण्ड उसने विरोधियों के पोस्टर फाड़ने से शुरू किया था। और विजय प्राप्त करने के लिए उसने बूथ कैप्चरिंग जैसी अन्तिम आहुति वर्मा जी के लिए दी थी।

काले को कैलाश एक सफल प्लेटफार्म मानता था, जहाँ वर्माजी गाँधी जयन्ती जैसे आउटडेटेड समारोह में अहिंसा को इंकलाबी सूलीपर बुलन्द कर मीट-मदिरा में सुस्ता सकते थे। आम आदमी चैन से शहीद हो सके, इसके लिए वहाँ स्मैक के गटर का प्रबन्ध था। कंगाली बाँटने के लिए जुआघर मौजूद था।

कैलाश को वर्माजी और काले के लिए निक्कू वार्ड बाय की समीक्षा पसन्द आती। वह कहता, ''वर्मा भाईजी राजा आदमी हैं। जब इलेक्शन जीते, तो उसमें जुटी कारों के लिए फैसला दिया कि जो जिसके पास है, उसे अपने घर ले जाए। खरा सोना है काले भी। आपको किसी का मर्डर कराना हो, तो कह दो उससे। रकम जमा करो और चैन की बंशी बजाओ। फिर किसी दिन अखबार में न्यूज पढ़ लो। आखिर एरिया की प्रतिष्ठित हस्तियों की पुलिस सूची में नाम है काले का।' '

रात दस बजे तक पप्पू की हालत में सुधार आने लगा था।

''कुछ समझ में नहीं आ रहा हो, तो बता देना। बस, फोन की देर है। अपना यार है डॉ. विमल। तभी मैंने पप्पू को इस अस्तपाल में भर्ती कराया है।' ' काले ने कैलाश से कहा था।

पप्पू की ब्लड ग्लूकोज जल्दी नॉर्मल हो जाएगी।' ' कैलाश ने उसे समझाने की कोशिश की।

''फिर भी दिल की तसल्ली के लिए बुला लेता हूँ।' ' कहते हुए काले ने पास खड़े आदमी से कान में कुछ कहा।

काले पट्‌टाधारी था। ऊपर तक पहुँच वाला। इसलिए दिन भर खासी चौड़ी चिन्ता की रेखाओं वाले चेहरों का ताँता लगा रहा। हर कोई अपनी उपस्थिति खासतौर पर दर्ज करवाना चाहता।

' 'बड़ों की शुगर की बीमारी इस मासूम पप्पू को कैसे हो गई ?' ' लोग मुँह खोलकर और आसमान को टटोलते हुए समझने की नाकाम बेवकूफी करते।

डॉ. विमल ने आकर पप्पू को देखा।

लौटते समय काले और वे साथ-साथ चल रहे थे। कैलाश उन दोनों के पीछे था।

''डॉक्टर साहब, पप्पू के पैन्क्रियाज ने क्यों काम करना बन्द कर दिया? यह ससुरी इन्सुलिन क्या बला हे?'' उलझन में काले मिमिया रहा था।

कार के पास आकर डॉ. विमल रुक गए, ''तुम आराम करो काले भाई। थक गए हो। तुम्हारे हर सवाल का जवाब है मेरे पास। बस, मुझ पर भरोसा रखो।'' डॉ. विमल ने काले के कन्धे पकड़कर उसे हौसला दिया। दाढ़ी खुजलाकर काले कुछ क्षणों बाद वापस मुड़ गया।

डॉ. विमल कार में बैठ गए, सन्तुष्ट मुद्रा में।

कैलाश मानता था कि परिपक्व उम्र में आदमी भँवर बन जाता है। ऊपर से शान्त और निर्मल। भीतर से अन्धड्।

''जब कोई हाथी गटर में फँसता है, बस, उस क्षण मुझे अदृश्य शक्ति का अनुभव होता है। पप्पू को उठाए अस्पतालों के चक्करों में टाँगें घिस जाएँगी काले की। दरगाह से लायी राख मलता रहेगा। यह शुरुआत भर है।'' डॉ. विमल कैलाश के कान में फुसफुसाए थे। उनकी आँखों में विचारों का अनुवाद था, फिर तेजी से कार मोड़कर डॉ. विमल ओझल हो गए थे।

आश्वस्त हो गया था काले।

उस रात कैलाश को ना चाहते हुए भी काले के होटल से आया चिकन खाना पड़ा था।

' 'प्राइवेट प्रैक्टिस करते हो ?' ' अकस्मात् ही काले ने कैलाश से पूछ लिया।

''नहीं।''

' 'क्यों डरते हो। मैं जो हूँ। दवाइयाँ अस्पताल से निकलती रहेंगी। अरे, भ्रष्टाचार भी सनातन है। हर दौर में मन्त्री से सन्तरी तक तृप्त होते रहे हैं।' '

कैलाश ने चुप रहना बेहतर समझा।

''तुम्हारे विमल साहब की शिकायत हुई थी, पर हमारे होते हुए ना कुछ उनका होना था, ना हुआ।' ' कुछ क्षण चुप्पी रही।

' 'नये हो तुम! वर्मा भाई जी ने अपनी कैरियर की शुरुआत चाकू भोंककर की थी। आज संसद में झंडा गाड़ने का इतिहास लिख चुके हैं। बाबा की कृपा से वे जीते। हमने बाबा का मजार संगमरमर का बनवा दिया। हमने क्या जी ?'' ...रुककर काले मुस्कराया, ' 'बस निवेदन किया था अपनी दो पार्टियों से। उनमें एक डॉ. विमल भी हैं। आज की तारीख में रुपया।... नो प्रॉब्लम।'' हाथों को आकाश की ओर उठाते हुए काले बोला था।

''सुन डॉक्टर, पते की बात। क्या सोचा है कभी? जिन्दगी भर सूद खाने वाला चोर एक धर्मशाला बनवाकर धर्मात्मा क्यों बन बैठता है? इसलिए धर्म को मत भूलना। दिमागी भरम है। पब्लिक को बेवकूफ इसी से बनाया जा सकता है।'' काले जोश में आ गया।

' 'बस, वर्मा भाई जी मंत्री बनने की कसर है, फिर देखना, इस अस्पताल को चार पहिए लगाकर शहर से दूर धकिया देंगे। यहाँ पर एक मार्केट और सद्‌भावना सेन्टर बनवाने का प्लान है। अरे, आजकल लोगों का दिमाग हरदम तवे जैसा गर्म रहता है। तभी तो नेता लोग पॉलिटिकल रोटियाँ सेंक लेते हैं...,'' काले सहसा रुक गया था। सूचना मिली थी कि वर्मा भाईजी ने याद किया है। उसने हाथ-पैर समेटे। खड़ा हुआ, ''देखा डॉक्टर, बाबा के मेले की आन-बान-शान !'' कहते हुए काले चला गया।

पिछले महीने सम्पन्न हुए मेले में काफी भीड़ जुटी थी।

वही कौमी एकता का नारा संजीवनी बूटी की तरह उछला रहा था। उसे गाया गया, बजाया गया, ऊँचा टाँगा गया। मजार जिन्दा हो गयी थी। झुक-झुक वर्मा भाई जी कहते, ' 'सब बाबा की कृपा है।' '

अब मजार पर भीड़ ही भीड़ रहती है। चढ़ावा तगड़ा होने लगा है। दिन फिर चुके हैं। एक वह जमाना भी था, जब न यहाँ अस्पताल था। न कोई आबादी। बस, बाबा का टीला था। इसी नाम से मशहूर थी यह जगह। खादिम साहब के परदादा उस समय खिदमत करते थे। पास में राहगीरों के लिए एक रास्ता भर था। एक दिन गुजर रहे मुसीबत के मारे कोई बाप-बेटे को पीछे लगे डकैतों ने यहाँ घेर लिया। पहले दोनों को खूब सूता बदमाशों ने। पिटाई वे पी गए, पर जब तलवार से बेटे का पैर काट डाला, तो बाप ने अशर्फियों की पोटली झाड़ियों से निकालकर दे दी।.. और क्या करता बेचारा बाप? उनके जाने के बाद खादिम साहब के परदादा ने देखा कि बच्चे के कटे पैर में गर्मी थी। बस, उन्होंने कटे पैर समेत बच्चे को कमर तक टीले में गड्‌ढा खोदकर गाड़ दिया। उस दिन घना कोहरा लगा था। इतना कि हाथ को हाथ सुझाई न दे। बस, अगली सुबह लड़का जुड़े पैर समेत निकला। टूटी की बूटी हैं बाबा।

बाबा इसी नाम से चारों तरफ मशहूर थे। अस्पताल आते-जाते कैलाश का ध्यान मजार पर अवश्य अटकता। पक्के गले की ऊँची तान, लयबद्ध ढोलक और हारमोनियम के सधे सुरों के बीच उसे झोलियाँ भर लो, लुटता है खजाना...' जैसी पंक्तियाँ सुनने को मिलतीं। बुझे-बुझे से खादिम हमेशा हाजिर रहते। उन्हें दो बार खूनी उल्टियाँ हो चुकी थीं। कैलाश समझ नहीं पाता था, बाबा के खिदमत में खादिम साहब की पीढ़ियाँ गुजर चुकी थीं। फिर भी उम्र भर बाबा की छतरी के नीचे रहने वाला खादिम उनकी कृपा से वंचित...?

सुबह तक पप्पू की चेतना लौट चुकी थी। थकान की सलवटों का रंग कैलाश व स्टाफ नर्स के चेहरों पर गहरा हो गया था।

काले अब सन्तुष्ट था। वह कह रहा था, ''एक बार तो डॉ. विमल भी हिल गया था। बेहोशी का कारण समझ ही नहीं आया उसे। मैंने बाबा के सामने अपना पल्ला फैला दिया। अपना तो बस पप्पू है। जान अटकी रहती है इसमें मेरी। अब में बाबा के मजार की चाहरदीवारी बनवाऊँगा। ''

सुना कैलाश ने। ठगा-सा रह गया वह। सोचा उसने, ' 'क्या जान पाएंगे लोग कि बाबा ने हाथ पकड़ा, तभी डॉ. विमल की समझ में आया केस। घबराहट में रात के दस बजे चला आया था। पर काले निश्चिंत था। उसका सहारा हो, तो फिर क्या कुछ नहीं हो सकता? काले अब चहारदीवारी बनवाएगा। ''

मजार गाथा में एक पन्ना और जुड़ चुका था।

---

-अजय गोयल

निदान नर्सिंग होम

फ्री गंज रोड

हापुड़ - 2451०1

a.ajaygoyal@rediffmail.com

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: कहानी - उपकथा
कहानी - उपकथा
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjSKOZpDQxLkljfKSwQGebZ9H0nJIiHa3IgMlNUy7H-Jpt3WG3ooOWtjv1p9z-VtEnyIHzAmSNrvdY46AqxdJ2SwdD-SadU9jXpmAcsK9mUFbSFtP_pkIZ8xhwNqFxLW1JIqBk4/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjSKOZpDQxLkljfKSwQGebZ9H0nJIiHa3IgMlNUy7H-Jpt3WG3ooOWtjv1p9z-VtEnyIHzAmSNrvdY46AqxdJ2SwdD-SadU9jXpmAcsK9mUFbSFtP_pkIZ8xhwNqFxLW1JIqBk4/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/05/kahaanee-upakathaa.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/05/kahaanee-upakathaa.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content