आशीष श्रीवास्तव विज्ञान विश्व से साभार. पूरा, चित्रमय विस्तृत आलेख पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ - http://vigyanvishwa.in/2015/05/27/25...
आशीष श्रीवास्तव
विज्ञान विश्व से साभार. पूरा, चित्रमय विस्तृत आलेख पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ - http://vigyanvishwa.in/2015/05/27/25spacefacts/
1. अंतरिक्ष पूर्णत: निःशब्द है।
ध्वनि को यात्रा के लिये माध्यम चाहिये होता है और अंतरिक्ष में कोई वातावरण नहीं होता है। इसलिये अंतरिक्ष में पूर्णत सन्नाटा छाया रहता है। अंतरिक्ष यात्री एक दूसरे से संवाद करने के लिये रेडियो तरंगों का प्रयोग करते हैम।
2. एक ऐसा भी तारा है जिसकी सतह का तापमान केवल 27 डिग्री सेल्सीयस है।
हमारे सूर्य की सतह का तापमान अत्यधिक है, 5778 डिग्री सेल्सियस! लेकिन एक तारा WISE 1828+2650 की सतह का तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस है। यह एक भूरा वामन तारा (Brown Dwarf) है। तकनीकी तौर पर भूरे वामन तारे और ग्रह के मध्य होते हैम। इनका द्रव्यमान ग्रहों से काफ़ी ज्यादा लेकिन तारे से कम होता है। इनका द्र्व्यमान इतना नहीं होता कि द्रव्यमान से संकुचित होकर वह तारों के जैसे हायड्रोजन संलयन प्रारंभ कर चमकना प्रारंभ कर सके।
3.अंतरिक्ष की गंध गर्म धातु तथा भूनते हुये मांस के जैसी है।
बहुत सारे अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष की गंध गर्म धातु तथा भूनते हुये मांस के जैसी बतायी है।
4.मानव शनि के चंद्रमा टाइटन पर अपनी बांहों पर कृत्रिम पंख बांधकर फड़फड़ाते हुये उड़ सकता है।
ऐसा इसलिये कि टाइटन का वातावरण अत्यधिक घना है तथा गुरुत्वाकर्षण अत्यधिक कम है। लेकिन मानव का टाइटन पर जीवित रहना एक चुनौती है दूसरा यह अभी तक सिद्धांत ही है।
5. ब्रह्माण्ड तारों की कुल संख्या ज्ञात करना असंभव है।
हम ब्रह्माण्ड के तारों को कभी गिन नहीं सकते हैं। हम एक मोटे तौर पर केवल अनुमान ही लगा सकते हैं क्योंकि ब्रह्माण्ड में हर क्षण लाखों तारे जन्म भी लेते रहते हैं। दूसरी बात यह है कि हमारे अनुमान के अनुसार इनकी संख्या अत्यधिक है, लगभग 70 सेक्सीट्रीलियन अर्थात 70 करोड़ करोड़ करोड़ तारे!
6. हमारा सूर्य सौर मंडल के कुल द्र्व्यमान का 99% भाग रखता है।
7. चंद्रमा पर हमारे अंतरिक्षयात्रियों के पदचिह्न अगले 10 करोड़ वर्ष तक रहेंगे।
चंद्रमा पर हवा नहीं है, बारिश होती नहीं है, पानी बहता नहीं है, तो पदचिह्न मिटेंगे कैसे?
8.सूर्य अंतरिक्ष से सफ़ेद दिखायी देता है।
पृथ्वी पर वातावरण है। सूर्य प्रकाश वातावरण की परतों से गुजरता हुआ प्रकीर्णन के प्रभाव से लाल, केसरिया और पीला दिखायी देता है। अंतरिक्ष में वातावरण नहीं है इसलिये सूर्य सफेद दिखायी देता है।
9. वैज्ञानिको ने अंतरिक्ष में तैरते हुये पानी के एक विशालकाय भंडार को खोज निकाला है।
इस भंडार में हमारे सारे महासागरों के जल से 140 ट्रिलियन गुणा पानी है।
10. यदि सूर्य का आकार किसी फुटबाल के तुल्य हो तो पृथ्वी का आकार एक मटर के दाने के बराबर होगा।
और बृहस्पति का आकार एक गोल्फ की गेंद के बराबर
11. एक रूसी शोध के अनुसार अंतरिक्ष में पैदा हुये 33 काक्रोच पृथ्वी पर पैदा हुये काक्रोचों से मजबूत, ताकतवर और तेज हैं।
12. चंद्रमा पृथ्वी से हर वर्ष 1.5 इंच दूर होते जा रहा है।
13. गुरुत्विय लेंसीग प्रभाव
यह एक ऐसा प्रभाव है जिसमे किसी महाकाय पिंड के गुरुत्वाकर्षण से प्रकाश किरणें मुड़ जाती है जिससे वह पिंड अपनी वास्तविक स्थिति से हटकर दिखायी देता है।
14.सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह का नाम सेरस है और वह विशालकाय है।
इसका व्यास 600 मील है। अब इसे क्षुद्रग्रह ना कहकर प्लूटो के जैसे ही वामन ग्रह कहा जाता है।
15. बृहस्पति अपनी धुरी पर 10 घंटे पर एक चक्कर लगाता है।
इसका अर्थ है कि उसकी सतह लगभग 50,000 किमी/घंटा की गति से घूम रही है।
16.अंतरिक्ष यात्री अपनी यात्रा में दो इंच लंबे हो जाते हैं।
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होने से उनकी रीढ़ के जोड़ लगभग तीन प्रतिशत ढीले हो जाते हैं।
17. शुक्र का एक दिन शुक्र के एक वर्ष से ज्यादा होता है।
शुक्र अपनी धुरी पर एक चक्कर पृथ्वी के 243 दिन में लगाता है, जबकि सूर्य की परिक्रमा 225 दिन में करता है। अर्थात एक दिन एक वर्ष से ज्यादा।
18. अंतरिक्ष में धातु के टुकड़े एक दूसरे को स्पर्श करे तो वे हमेशा के लिये जुड़ जाते है।
ये धातुओं का मूल गुण है लेकिन हमारे वातावरण में आक्सीजन हर धातु की सतह पर आक्साइड की एक छोटी परत बना देती है जो किसी धातु को अन्य धातु से जुड़ने नहीं देती है। लेकिन अंतरिक्ष में आक्सीजन नहीं होने वे एक दूसरे से जुड़ जाती है। इस प्रक्रिया को शीत वेल्डिंग(cold welding)कहते हैं।
19.अंतरिक्ष मे शराब के महासागर है!
हमारी आकाशगंगा के केंद्र से 390 प्रकाशवर्ष दूर सेगेटेरीयस B2 नामक बादल एथायील अल्कोहल का बना है। अर्थात खरबों लिटर बियर….
20. अंतरिक्ष में आप अपने ईश्वर की आकृति खोज सकते है.. अपनी कंपनी के लिये लोगो भी।
एक आकाशगंगा है जिसका नाम 3C303 है और पृथ्वी से 2 अरब प्रकाशवर्ष दूर है वह मधुमक्खी जैसे दिखती है । इ्सी तरह की अजीबोगरीब आकृति वाली अनेक आकाशगंगा और नीहारिकायें हैं जैसे कि -
मधुमख्खी के जैसी निहारिका
मिकी माउस के जैसा क्रेटर
युनीकार्न( एक सिंग वाला घोड़ा) के जैसे निहारिका
21.किसी ग्रह के आकार का विशालकाय हीरा!
55 कैंसरी E पृथ्वी से 8 गुणा बड़ा ग्रह है और कर्क तारामंडल में स्थित है। इस ग्रह का केंद्र हीरे से बना है और वह पृथ्वी से तीन गुणा बड़ा है।
22. दृश्य ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी ज्ञात संरचना 6-10 अरब प्रकाश वर्ष चौड़ी है।
NQ2-NQ4 GRB की चौड़ाई 6-10 अरब प्रकाश वर्ष है। वैज्ञानिक आश्चर्य में हैं कि इतनी बड़ी संरचना कैसे बनी होगी ?
23.हर पंद्रह वर्ष पश्चात शनि के वलय पृथ्वी से दिखायी नहीं देते हैं।
ऐसा दुर्लभ समय उस समय आता है जब पृथ्वी शनि और शनि के वलय एक प्रतल में आ जाते है और वे पृथ्वी से दिखायी नहीं देते हैं।
24. चंद्रमा एक समय पृथ्वी का भाग था।
चंद्रमा की उत्पत्ति के सिद्धांत के अनुसार चंद्रमा पृथ्वी का एक भाग था और किसी कारण से वह पृथ्वी से अलग हो गया।
25. हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी की गति 552 किमी/सेकंड है।
और इस गति से वह हमारी पड़ोसी आकाशगंगा देव्यानी (एंड्रोमीडा) से 5 अरब वर्ष पश्चात टकरायेगी।
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