दीपक आचार्य का आलेख - हर समस्या की जड़ है हराम का पैसा

SHARE:

हर समस्या की जड़ है हराम का पैसा - डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com इंसान जीवन में आनंद की प्राप्ति के लिए सारे ज...

हर समस्या की जड़ है

हराम का पैसा

- डॉ. दीपक आचार्य

9413306077

dr.deepakaacharya@gmail.com

इंसान जीवन में आनंद की प्राप्ति के लिए सारे जतन करता है। खूब सारा पैसा जमा कर लेता है, काफी संख्या और मात्रा में जमीन-जायदाद का स्वामी बन जाता है, भोग-विलासिता के तमाम संसाधनों का उपभोग करता रहता है, भरे-पूरे परिवार के साथ रहता है, लोकप्रियता और प्रतिष्ठा भी खूब प्राप्त कर लेता है।

इन सभी के बावजूद इंसान खुश नहीं है बल्कि दिन-रात उसे कोई न कोई चिन्ता घेरे रहती है।

इस उद्विग्नता और अशांति का कारण क्या है? यह कोई समझने का प्रयास नहीं करता।

बड़े-बड़े उच्च पदासीन और प्रतिष्ठित लोग भीतर से कभी खुश नहीं रह पाते।

सब कुछ वैभव होने के बावजूद हमेशा संतोषहीन, हैरान-परेशान और उद्विग्न ही दिखाई देते हैं। न नींद आती है न कोई चैन। हर क्षण किसी न किसी चिन्ता में डूबे रहते हैं।

और यह सारी अशांति उनके चेहरों, हाव-भाव और कार्य व्यवहार में साफ-साफ परिलक्षित भी होती है लेकिन औरों को दिखाने के फेर में हमेशा कृत्रिम मुस्कान और ओढ़ी हुई मस्ती का भार लेकर घूमते रहते हैं ताकि जमाने की नज़रों में अच्छे ही अच्छे दिखते रहें। कोई शक न करे।

लोग अपनी समस्याओं के लिए भगवान, ग्रह-नक्षत्रों, पितरों और दूसरों को दोष देते हैं और हर संकट, पीड़ा, बीमारी या समस्या के लिए औरों को कोसते रहते हैं। कभी भाग्य को कोसते हैं, कभी ग्रहों को, और कभी अपने कुटुम्बियों, माता-पिता, पति-पत्नी, बच्चों या आस-पास के लोगों को।

कोई अपनी गलतियों, पापों और अपराधों की बात नहीं करता। यह भी नहीं स्वीकारता कि जो कुछ हो रहा है उसमें भाग्य या ग्रह-नक्षत्रों, पितरों अथवा दूसरों का कोई हाथ नहीं है बल्कि जो कुछ भुगत रहा है उसके लिए खुद वही जिम्मेदार है और इस जिम्मेदारी से वह मरते दम तक बरी नहीं हो सकता।

यह इंसान की सबसे बड़ी फितरत है कि वह शाश्वत सत्य या अपनी गलतियों को कभी नहीं स्वीकारता बल्कि उसे हमेशा दूसरों में ही दोष दिखते हैं।

और इसी वजह से इंसान आत्मतत्व और सत्य से जितना दूर रहता है उतना प्रकृति भी उसे अपने से दूर रख देती है और यही वह अवस्था है जब इंसान अपने केन्द्र से भटक कर इतना दूर छिटक जाता है जहाँ उसे यथार्थ से रूबरू कराने वाला कोई नहीं होता। उसकी स्थिति त्रिशंकु जैसी हो जाती है, न घर का, न घाट का वाली।

इंसान जिन तत्वों से बना है उन तत्वों की आपूर्ति करने वाले कारक शुद्ध, सात्ति्वक और मौलिकता लिए हुए हों तभी इंसान शुद्ध-बुद्ध और स्वस्थ-मस्त रह सकता है।

इनमें किसी भी स्तर पर जरा सी भी मिलावट आ जाने पर इंसान का मन-मस्तिष्क और शरीर प्रदूषित होगा ही। और यही प्रदूषण आगे चलकर ज्यादा हो जाने पर मानसिक और शारीरिक व्याधियों का जनक हो जाता है जिसके बाद इंसान को स्वस्थ कहा जाना संभव नहीं हो पाता है।

इस दृष्टि से देखा जाए तो इंसान को उन्हीं वस्तुओं व विचारों को ग्रहण करना चाहिए जो इंसानी प्रकृति के अनुकूल हों।

विजातीय द्रव्यों का संग्रहण और उपयोग शरीर के तत्वों को प्रभावित करता है और पंच तत्वों में मिलावट का दौर शुरू हो जाता है जिसकी वजह से आदमी सब कुछ होते हुए भी अपने आपको कंगाल और ठगा सा महसूस करने लगता है। 

हमारे जीवन की तकरीबन सभी प्रकार की समस्याओं का मूल कारण यही है। इस स्थिति पर गंभीरता से सोचने तथा चिंतन-मनन करने की आवश्यकता है।

सारा वैभव अपने आस-पास बिखरा होने के बावजूद जिन लोगों को नींद नहीं आ रही हो, शरीर भारी-भारी रहता हो, शत्रु पीछे पड़े हुए हों, बीमारियाँ घर कर गई हों, मानसिक उन्माद और अशांति महसूस हो रही हो, कहीं किसी न किसी प्रकार की अदृश्य कमी या अभाव का अहसास हो रहा हो, प्रसन्नता गायब हो गई हो, उदासीनता और मलीनता छाने लगी हो, आए दिन कलह का माहौल हो, मौज-मस्ती और आनंद छीन गया हो तथा जीवन समस्याओं से घिर गया हो, तब दिल से स्वीकार कर ही लेना चाहिए कि जो कुछ हम कर रहे हैं वह गलत रास्ते से आ रहा है, जो जमा हो रहा है वह हराम का है, बिना मेहनत या ब्लेकमेलिंग का है,  जो संसाधन जमा हैं वे अपने पैसों के नहीं हैं।

यहाँ तक कि रोजाना का जो कुछ अन्न-जल ग्रहण कर रहे हैं वह भी हमारी कमाई का न होकर हराम के पैसों का है, जहाँ हम जो-जो भोग पा रहे हैं वह सब कुछ अवैध व छीना हुआ है और यही कारण है कि सात्ति्वकता का प्रभाव समाप्त होकर आसुरी भावनाओं का संचरण तीव्र होता जा रहा है।

इस स्थिति में हमें अपने आपको संभालने की आवश्यकता है। सब कुछ छोड़-छुड़ा कर पुरुषार्थ को अपनाएं, हराम का खान-पान और व्यवहार भोग आदि छोड़ें, अपनी मेेहनत की कमायी का दाना-पानी लें। तभी पंच तत्वों का शुद्धिकरण होकर मन-मस्तिष्क और शरीर फिर ढर्रे पर आ सकते हैं।

इसके साथ ही अपनी संचित जमा पूंजी में से जरूरतमन्दों को दान-पुण्य करना आरंभ कर दें। ज्यों-ज्यों बिना मेहनत की हराम की अथवा भ्रष्टाचार-रिश्वत की कमाई बाहर निकलने लगेगी, हमारा और घर-परिवार का शुद्धिकरण अभियान आरंभ हो जाएगा।

ज्यों-ज्यों हराम की कमाई बाहर निकलेगी, त्यों-त्यों अपना शरीर ठीक होता चला जाएगा, मन के विकार दूर होंगे, दिमाग में से खुराफाती कमाई का भूत बाहर निकलने लगेगा और सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान धीरे-धीरे होने लगेगा।

जितनी अलक्ष्मी बाहर निकलेगी, उतनी सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होगा, बीमारियों का शमन होगा, शांति और संतोष प्राप्त होगा तथा जीवन का आनंद दुबारा से अपने करीब आने लगेगा।

इसलिए जो लोग समस्याओं, विषमताओं, अशांति, उद्विग्नताओं, पीड़ाओं, दुःखों और बीमारियों आदि दैहिक दैविक एवं भौतिक संतापों से मुक्ति पाना चाहते हैं वे अपने शुद्धिकरण के लिए प्रयास करें।

इसके लिए दो समानान्तर मार्ग हैं। एक तो यह कि शुचिता लाने और पवित्र कर्म करने का दृढ़ संकल्प लें और दूसरा यह कि अपने जीवन में कमायी गई हराम की कमाई को धीरे-धीरे जरूरतमन्दों, समुदाय और क्षेत्र के लिए दान करना आरंभ करें और पूरी उदारता के साथ धन-सम्पत्ति को अपने जीवन से बाहर करें। 

हराम का पैसा जब तक इंसान के पास रहता है वह अशांति ही देता है और उसके जीवन के आनंद छीन जाता है चाहे वह कितना ही बड़े से बड़ा आदमी क्यों न हो।

---000---

COMMENTS

BLOGGER: 1
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: दीपक आचार्य का आलेख - हर समस्या की जड़ है हराम का पैसा
दीपक आचार्य का आलेख - हर समस्या की जड़ है हराम का पैसा
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh2n4nhF9T2FJ5CfHwdAP7KTtRj2R95CEAnT2o0869DQ73lK8GwWQR_L7DB-cQo6433quX4B5c6Zbx7EAZtbCBGuh3pMlXkrbCXXaZe5zFDPd1R5zxJxARKt63Vkiixcz8lTHq0/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh2n4nhF9T2FJ5CfHwdAP7KTtRj2R95CEAnT2o0869DQ73lK8GwWQR_L7DB-cQo6433quX4B5c6Zbx7EAZtbCBGuh3pMlXkrbCXXaZe5zFDPd1R5zxJxARKt63Vkiixcz8lTHq0/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/04/blog-post_5.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/04/blog-post_5.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content