प्रमोद भार्गव का आलेख - बाघों की वृद्धि अच्छी खबर

SHARE:

बाघों की वृद्धि अच्छी खबर प्रमोद भार्गव     देश में लुप्त हो रहे बाघों की संख्या बढ़ रही है,यह अच्छी खबर है,वरना 2006 के आसपास तो हालात ऐसे ...

बाघों की वृद्धि अच्छी खबर


प्रमोद भार्गव
    देश में लुप्त हो रहे बाघों की संख्या बढ़ रही है,यह अच्छी खबर है,वरना 2006 के आसपास तो हालात ऐसे बन गए थे कि बाघों के किताबों और फिल्मों में ही सिमटकर रह जाने की उम्मीद जताई जाने लगी थी। क्योंकि सारिस्का और पन्ना बाघ आरक्षित क्षेत्रों में एक भी बाघ शेष नहीं रह गया था। प्रत्येक 4 साल में बाघों की गिनती होती है। पिछले दो मर्तबा से यह गणना खुश-खबरी दे रही है। गोया,2006 और 2010 के बीच जो गिनती हुई,उसके अनुसार बाघ 1411 से बढ़कर 1706 हुए और फिर 2010 से 2014 के गिनती के परिणामों ने बाघों की संख्या 2226 तक पहुंचा दी। मसलन बीते 4 सालों में बाघों की वृद्धि में 30 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि यह गिनती भी अभी संपूर्ण और विश्वसनीय नहीं है,क्योंकि एक तो इसमें पूर्वोत्तर के राज्यों और मध्यप्रदेश के सतपुड़ा बाघ आरक्षित वनों की गिनती दर्ज नहीं है। दरअसल यह गिनती अभी की ही नहीं की गई है। दूसरे,नक्सल प्रभावित राज्य ओडीसा और झारखंड की गिनती भरोसे लायक नहीं है,क्योंकि इन क्षेत्रों के बाघ रहवास वाले सभी वन-खंडों में न तो कैमरे लगाए जा सके हैं और न ही वन-कर्मचारी दुर्गम इलाकों में नक्सलियों के भय के चलते पहुंच पा रहे है। जाहिर है,यदि जारी की गई गिनती सटीक है तो बाघों की संख्या इस गिनती से कहीं और ज्यादा है ?


    इस बार बाघों की गणना के आंकड़े वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जारी किए। इस अवसर पर खुशी जाहिर करते हुए उनका कहना था, ''दुनियाभर में बाघों की संख्या घट रही है,जबकि भारत में बढ़ रही है। यह हमारी बाघ सरंक्षण की दिशा में सफलता की कहानी है। इस पर हम गर्व कर सकते हैं।' इस बार कर्नाटक,उत्तराखंड,मध्यप्रदेश,तमिलनाडू और केरल में बाघों की संख्या बढ़ी है। सबसे ज्यादा 406 बाघ कर्नाटक में,फिर उत्तराखंड में 346,मध्यप्रदेश में 308 और तमिलनाडू में 229 बाघ हो गए हैं। इन राज्यों में क्रमशः 35.33,52.42,44.43 और 40.49 फीसदी की दर बढ़त दर्ज की गई है। बावजूद ओडीसा और झारखंड में बाघ घटे है। बाघों की गिनती बेहद जटिल और जोखिम भरी है। क्योंकि बाघों का आवासीय क्षेत्रफल 3 लाख 78 हजार वर्ग किमी में फैला हुआ है। हालांकि इस बार की गिनती के नतीजे बाघ आरक्षित राज्यों के वन-प्रांतरों में लगाए गए 9,735 कैमरों के द्वारा खींचे गए छायाचित्रों के आधार पर आए हैं। राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकरण ने दावा किया है कि भारत के पास 80 प्रतिशत बाघों की विलक्षण तस्वीरें हैं। दुनिया में कहीं भी इतने स्वचालित कैमरे लगाकर बाघों की न तो गिनती कर पाना संभव हुआ है और न ही फोटो खींचना। वाकई यदि ऐसा है तो यह काम अद्वितीय है,इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होना चाहिए।


    यदि गणना से छूट गए इलाकों में रह रहे बाघ भी गिनती में शामिल हो जाएं तो भारत में उम्मीद से कहीं ज्यादा बाघों की संख्या हो जाएगी। फिलहाल नक्सल प्रभावित ओडीसा एवं झारखंड में संपूर्ण बाघों की गिनती नहीं हो पाई है। 2010 की गिनती के मुताबिक ओडीसा में 32 और झारखंड में 10 बाघ थे। जबकि 2014 के मुताबिक इनकी संख्या घटकर ओडीसा में 28 और झारखंड में 3 रह गई है। 2010 की गिनती इन क्षेत्रों में पंरपरागत पद्धतियों से की गई थी। तब 2006 की तुलना में नक्सली क्षेत्रों में बाघों संख्या बढ़त में दर्ज की गई थी। लेकिन तब इस गिनती पर यह सवाल भी उठा था कि जब इन दुर्गम जंगलों में नक्सलियों के भय से वनकर्मी प्रवेश ही नहीं कर पा रहे हैं तो गिनती कैसे संभव हो गई ? इसलिए वन्य जीव प्रेमियों व पर्यावरणविदों ने अंदाज लगाया था कि यह गिनती अनुमान आधारित है। हालांकि नक्सली भय का दूसरा पहलू यह भी है कि इन इलाकों में शिकारियों का भी प्रवेश वार्जित है,इसलिए निसंदेह इन जंगलों में वास्तविक गणना हो जाए तो बाघों की आशातीत वंशवृद्धि देखने में आएगी


    पूर्वोत्तर के राज्यों में भी गिनती नहीं हो पाई है। जबकि यहां अकेले सुदंरवन में 80 बाघों के होने का अनुमान हैं। सुदंरवन का बड़ा इलाका दलदली क्षेत्र होने के कारण पहुंच से बाहर है। इस अभयारण्य में पतवार से चलने वाली छोटी नावों से ही चलना संभव हो पाता है। दलदली और उथला क्षेत्र होने के कारण मोटर वोंटे यहां चल नहीं पाती। नरभक्षी बाध भी इसी सुदंरवन में सबसे ज्यादा हैं। क्योंकि इस इलाके के जो मूल निवासी है,उनकी आजीविका इस दलदली पानी से मछली बटोर कर चलती है। ऐसे में बाघ इन लोगों का आसानी से भक्षण कर लेते हैं। इसलिए यह इलाका नरभक्षी बाघों के लिए वरदान बना हुआ है। और इसी वजह से यहां कभी भी बाघों की गणना विश्वसनीय नहीं रही।

 

मध्यप्रदेश में नौकरशाही की मनमानी के चलते सतपुड़ा बाघ सरंक्षण क्षेत्र में बाघों की गिनती का काम ही शुरू नहीं हो पाया है। होशंगाबाद,छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों के 2200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह अभयाण्य फैला हुआ है। वनाधिकारियों को ऐसा अनुमान है कि इस क्षेत्र में 50 बाघ हो सकते हैं। बाघों के आवास,आहार और प्रजनन के लिए इस वनखंड को एनटीसीए ने देश के 10 प्रमुख बाघ संरक्षित राष्ट्रीय उद्यानों में से तीसरे स्थान का दर्जा दिया हुआ है। इस गिनती के पहले बाघों की गणना और सर्वक्षणों से जुड़े जो प्रतिवेदन आते रहे हैं,उनको यदि प्रामाणिक मानें तो 90 प्रतिशत बाघ आरक्षित बाघ अभयारणयों के बाहर रहते हैं। इन बाघों के संरक्षण में न वनकर्मियों का कोई योगदान होता है और न ही बाघों के लिए मुहैया कराई गई धनराशि बाघ सरंक्षण के उपायों में खर्च होती है। इस तथ्य की पुष्टि 2010 की बाघ गणना जारी करते हुए तात्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने भी की थी। उन्होंने कहा था,'नक्सल प्रभावित जो जंगल हैं,जिनमें वन अमले की पहुंच मुमकिन नहीं हैं,वहां और ऐसे अन्य जंगलों में बाघों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है। लेकिन इनमें से ज्यादातर क्षेत्रों में गिनती संभव नहीं हो सकी है। यह हकीकत इसलिए भी उचित लगती है क्योंकि कि श्योपूर के कूनो-पालपूर अभयारण्य,शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान और मुरैना के जंगलों में हर साल बाघ की आमद दर्ज की जाती है,पदचिंह लिए जाते हैं,किंतु गिनती में इस क्षेत्र में मस्ती मार रहे बाघों को शामिल नहीं किया जाता। दरअसल एक बार गिनती में आने के बाद जंगलों में स्वछंद मटरगस्ती कर रहे बाघ पर निरंतर नजर रखना मुश्किल काम होता है,इसीलिए वनाधिकारी अपने कार्यक्षेत्रों में बाघ की उपस्थिति को टालते हैं,जिससे जिम्मेबारी से बचा जाए।


    2010 की बाघ गणना का सबसे शर्मनाक पहलू यह था कि सारिस्का और पन्ना अभयारण्यों में एक भी बाघ की आमद दर्ज नहीं की गई थी। इसके उलट 2006 से 2010 के बीच सारिस्का में 24 बाघों के मारे जाने और पन्ना में 16 से 32 बाघों के अवैघ शिकार कि पुख्ता खबरें आई थीं। इनकी पुलिस रिपोर्टें भी हुई थी। किंतु अब देश के सर्वाधिक सुरक्षित इन दोनों ही उद्यानों में बाघ की आमद दर्ज कर ली गई है। इससे उम्मीद जगी है कि कालांतर में मध्यप्रदेश का 'टाइगर स्टेट' का दर्जा बहाल हो जाएगा। फिलहाल कर्नाटक ने यह दर्जा मध्यप्रदेश से हासिल कर लिया है।


    बाघों की भविष्य में संख्या इसलिए और बढ़ सकती है,क्योंकि बाघ के अवैध शिकार और इसके अंगों की तस्करी के अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े तस्कर संसारचंद्र और ठोकिया का अंत हो गया है। पारदी जैसी जनजातियां जो वन्य-जीवों के शिकार से ही आजीविका चलती थी,उन्होंने कानून के भय के चलते अपना धंधा जड़ी-बूटियों तक सीमित कर लिया है। साथ ही बाघ सरंक्षण की दिशा में न्यायालय,स्वंय सेवी संस्थाएं और आरटीआई कार्यकर्ता भी सजग हुए हैं। जनहित याचिकाएं लगाकर बाघ जैसे दुर्लभ प्राणियों के सरंक्षण की दिशा में अह्म पहलें की है। बावजूद 2013 में 63 और 2014 में 66 बाघ मारे गए हैं। इनमें से 10 फीसदी बाघों की ही आपसी झगड़े में अथवा स्वाभाविक मौतें हुई हैं, बांकि तो शिकारियों के हत्थे ही चढ़े है।
पर्यटन के लिए अभयारणय क्षेत्रों में होटल,मोटल,रिजॉर्ट व मनोरंजन पार्क बनाए जाने के विस्तार पर प्रतिबंध जनहित याचिकाओं के माध्यम से ही लगा है। इसी तर्ज पर इन अभयराण्ओं में चल रही खनन परियोजनाओं को नियंत्रित किया गया है।

इस लिहाज में उधानों में बाघों की जो संख्या बढ़ी है,उसके लिए वन अमले के इतर उच्च और सर्वोच्च न्यायालय,स्वंय सेवी संगठन और आरटीआई कार्यकताओं की भूमिका भी सराहनीय रही है। केंद्र व राज्य सरकारें यदि पर्यटन से होने वाली आय को थोड़ा सीमित कर लें और बाघ के अंदरूनी अवास स्थालों तक पर्यटकों की पहुंच प्रतिबंधित कर दें तो अगली बाघ गणना में यह संख्या और बढ़ सकती है।

 

प्रमोद भार्गव
लेखक/पत्रकार
शब्दार्थ 49,श्रीराम कॉलोनी
शिवपुरी म.प्र.
मो. 09425488224
फोन 07492 232007
   
लेखक प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार है।

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: प्रमोद भार्गव का आलेख - बाघों की वृद्धि अच्छी खबर
प्रमोद भार्गव का आलेख - बाघों की वृद्धि अच्छी खबर
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIe3oT5WjoP0JnOibeL4SpJ-1hVXIC6bwAi1Y6mYog0OUJjPS_KEig00QycGYUdUJmKQCJhwrrx5k5FTyzL6FOf0wuZmbRek_UykJbqTWXhqw072meQLiUUNUJvj4XaZ4Sa3sD/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIe3oT5WjoP0JnOibeL4SpJ-1hVXIC6bwAi1Y6mYog0OUJjPS_KEig00QycGYUdUJmKQCJhwrrx5k5FTyzL6FOf0wuZmbRek_UykJbqTWXhqw072meQLiUUNUJvj4XaZ4Sa3sD/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2015/01/blog-post_27.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2015/01/blog-post_27.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content