सूर्यकांत मिश्रा का आलेख - उपहारों में शामिल हो बाल साहित्य

SHARE:

भावनाओं को समझे , ऐसा साहित्य बच्चों को दें उपहारों में शामिल हो बाल साहित्य .......... क्या कभी आपने सोचा है कि बच्चों की दुनिया बड़ों ...

भावनाओं को समझे, ऐसा साहित्य बच्चों को दें

उपहारों में शामिल हो बाल साहित्य ..........

क्या कभी आपने सोचा है कि बच्चों की दुनिया बड़ों की दुनिया से बड़ी होती है। इसी कारण तो बच्चे आज इक्कीसवीं सदी में भी बडों,के सरोकारों का अहम्- हिस्सा हैं। घर की चहार दीवारी से लेकर खेल का मैदान, स्कूल परिसर तक उनकी दुनिया आबाद दिखाई पड़ती है। घरों में बच्चों के लिए कम्प्यूटर गेम्स और इलेक्ट्रानिक खिलौनों की भरमार है तो घर के बाहर कदम रखते ही अमेरिकी और अन्य यूरोपीय देशों के मॉडल स्वरूप मंहगे और तामझाम से भरपूर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल। प्रत्येक अभिभावक इलेक्ट्रानिक सुविधाओं और अंग्रेजी स्कूल का तमगा लगाने के बाद खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इन सारे तामझाम और दिखावटी दुनिया से बच्चों का कोई भला हो या न हो, बड़ों का सामाजिक रूतबा सिर चढ़कर बोलने लगता है। सवाल यह उठता है कि ऐसे सामाजिक रूतबे से संबंध रखने वाले बड़ों का प्रतिशत हमारे भारतीय संदर्भ में कितना है? इसे बताने की शायद अधिक आवश्यकता नहीं है। यह सर्वविदित है कि देश के अधिसंख्य माता -पिता उन बड़ों की कतार में दूर-दूर तक दिखायी नहीं पड़ रहे हैं। यही मुख्य कारण है कि उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए न तो माकूल वातावरण उपलब्ध हो पा रहा है, और न ही उन्हें उपयुक्त पाठ्य सामग्री ही मिल पा रही है। ऐसे अनगिनत बच्चे भारतीय गांव कस्बों, महानगरीय झुग्गी झोपड़ी वाली बस्तियों में जीवन काट रहे हैं। वे उसी दुनिया मे रहते हुए अंतरिक्षगामी इक्कीसवीं सदी को अपनी पीठ पर ढोने की तैयारी में लगे सपने संजो रहे हैं।

वर्तमान शिक्षा की पाँच सितारा संस्कृति में ऐसे गरीब बच्चों का कोई स्थान नहीं है। कहा जाये तो सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा .... कहलाने वाले विराट चमन में वे बच्चे गुलाब की नहीं, कुकुरमुत्ते की हैसियत रखते हैं। शिक्षा के अधिकाधिक स्वायत्त होते जा रहे बाजार में उनका कोई मूल्य नहीं है। आज जो बच्चे हमारी लेखकीय चिंताओं के केन्द्र में हैं, हम जिन्हें लक्षित कर लिखना चाहते है, उनकी दुनिया पूरी तरह बदल गयी है। अब ज्ञान से ज्यादा विज्ञान का दखल दिखायी पड़ रहा है। दादी-नानी की जुबानी पंचतंत्र की कथाओं और हातिमताई के हिस्से -कहानियों का उस दुनिया में अब मोल नहीं रह गया है। एक ओर बच्चों का पसंदीदा शक्तिमान है तो दूसरी ओर स्पाईडरमैन और डोरीमोन। सहज संवेदना और कल्पनाशीलता के लिए बच्चों की दुनिया में कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसी परिस्थितियों के उदय होने पर सबसे पहला सवाल अभिभावकों से करने का मन करता है। आपके बैठक कक्ष में क्या कोई कोना किताबों के लिए आरक्षित है? और अगर है भी तो उसमें बालमन को आकर्षित और प्रभावित करने वाली कितनी और कैसी सामग्री है?

दूसरा सवाल समाज के सबसे अधिक जवाबदार शिक्षक वर्ग से । आप शिक्षक हैं, लेकिन आपके शिक्षक कौन हैं? बच्चों और प्रकृति को तो आप अपना शिक्षक स्वीकार करने से रहे। महान कथाकार प्रेमचंद गोर्की और टालस्टाय जैसे लेखकों को भी नहीं, जिन्होंने जीवन और समाज को ही अपना विश्वविद्यालय मान लिया था और फिर पूरा जीवन समर्पित कर दिया। न आप में नया पढ़ने की ललक है और न ही पढ़ाने की। किताबों से आपका रिश्ता महज कोर्स पूरा कराने तक ही है, और उसी सीमित सामग्री में बच्चों को बॉधे रखने में आप अपनी महानता समझते हैं। बच्चों के लिए आपकी छवि मात्र थानेदार की है, एक अच्छे दोस्त या मित्र की प्रतिमूर्ति नहीं। दूसरी ओर बच्चों के अभिभावकों के लिए एक अधिकारी का किरदार ही निभा पा रहे हैं। आपने यह समझने की जरूरत ही महसूस नहीं की, कि बच्चों को एक बेहतर इंसान बनाने के लिए उन्हें बेहतर किताबों और पत्रिकाओं से जोड़ना होगा। उन्हें संस्कारित करने के मार्ग में उनके मन में यह बात डालनी होगी कि अच्छी किताबें ही उनकी सबसे अच्छी दोस्त हैं। वही सबसे अच्छी शिक्षक भी हैं।

शिक्षक से सवाल के बाद अब लेखक की भूमिका और उसके योगदान से संबंधित प्रश्न भी जरूरी लगता है। यदि आप लेखक हैं तो वह तय है कि बच्चों के लिए नहीं लिखते होंगे। कारण यह कि बच्चों पर लिखना बच्चों का खेल नहीं इसलिए बेहतर यही है कि इस इलाके से चुपचाप बचकर निकल लिया जाये। बच्चों के लिए लिखे जाने वाले साहित्य में वही पुरानी आरूणी - श्रवण कुमार और एकलव्य की नैतिक कथाएँ ही शामिल न हों, जिन्हें पढ़ते-सुनते हमारी पूरी पीढ़ियाँ गुजर गयीं। अब ऐसा कुछ लिखना होगा जिसमें बच्चों की अपनी दुनिया ही उन्हें दिखायी दे। उनका अपना यथार्थ, उसके साथ उनका बनने वाला रिश्ता बड़ी ही सावधानी और गंभीरता के साथ साहित्य में समेटना होगा। एक गंदा और फटे चिथड़े कपड़ों में गली-गली रद्दी बीनता घूम रहा बच्चा और उसके स्वयं की रद्दी कर दी गयी किताबें भी लेखक के साहित्य का विषय होना चाहिए अथवा नहीं? इस पर भी विचार करना होगा। आयु-वर्ग का निर्णय करते हुए उसी के अनुरूप भाषा और शिल्प का चयन भी जरूरी तत्व होगा। बच्चों की रचनात्मकता को टटोलने और जगाने की एक सुरूचिपूर्ण कोशिश साहित्य द्वारा ही की जा सकती है। बच्चों के विषय में बड़ी बारीकी से यह समझना होगा कि वे अपने आसपास को किस नजरिये से देखते हैं। उससे उनके रिश्तों और लगावों की शक्ल क्या है। घर परिवार और पास पडोस से लेकर स्कूल तक जो उनकी दुनिया फैली हुई है, उसे वे किस तरह लेते हैं।

हिन्दी बाल साहित्य की जिस विधा के बारे में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि वह हिन्दी बाल साहित्य के प्रारंभिक चरण से लेकर आज तक हमेशा लोकप्रिय रही है, वह है बाल जीवनियों की विधा। यह एक ऐसा झरोखा है जहाँ से बच्चे ऊंचे शिखरों की ओर देखते हैं और अपने जीवन में नई उम्मीदों के रंग भरना सीखते हैं। उन्हें निरंतर संघर्ष में तपकर आत्मिक आभा से दमकते चेहरों का सौंदर्य

आकर्षित करने लगता है। लिहाजा उनमें खुद भी उसी राह में आगे बढ़ते की ललक पैदा होती है। शायद यही कारण है कि बहुत से लेखकों से लेकर कलाकारों, स्वाधीनता सेनानियों और वैज्ञानिकों ने अपनी सफलता की कहानी लिखते हुए बड़े भावपूर्ण शब्दों में व्यक्त किया है कि बचपन में पढ़ी हुई महापुरूषों क्रांतिकारियों और महान समाज सुधारकों की जीवनियों का उन पर गहरा असर पड़ा और उनका समूचा जीवन ही बादल गया। जब बड़ों के लिए जीवनियाँ इतनी प्रेरक हो सकती हैं तो बच्चों के कोमल कल्पनाशील मन पर उनका कितना गहरा असर होता होगा इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

हम बच्चों का जन्म दिन मनाते हैं। केक, पेस्ट्री, चॉकलेट, मिठाइयाँ मंहगे खिलौने उनके उपहारों में शामिल होते हैं। अलग-अलग प्रकार की तमाम चीजें हम तोहफों की सूची में समाहित करते हैं, किन्तु किताबें हमारे तोहफों में कहीं भी दिखायी नहीं पड़ रही हैं। हम यदि अच्छे साहित्य के पाठक हैं, तो हमारे बच्चे भी उस ओर आकर्षित जरूर होगें। किताबों से भी उनका एक आत्मिक रिश्ता अवश्य बनेगा। दरअसल अपनी भाषा और साहित्य के प्रति हमारी निष्ठा और दिलचस्पी ही हमारे बच्चों को एक बेहतर पाठकीय संस्कार दे सकती है, और वही संस्कार कुछ भी बन जाने के बावजूद उन्हे एक संवेदनशील मनुष्य और जागरूक नागरिक बने रहने की प्रेरणा देता रहेगा।

(डा. सूर्यकांत मिश्रा)

जूनी हटरी, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. पर आज कॉमिक और स्तरहीन किताबों से आगे सोच ही नहीं पाते literate मां बाप

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: सूर्यकांत मिश्रा का आलेख - उपहारों में शामिल हो बाल साहित्य
सूर्यकांत मिश्रा का आलेख - उपहारों में शामिल हो बाल साहित्य
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiMg2Og0u8gZ6CmiWyMj-Awl6mG_d7gJtF8PvIJwdMIyObEozDSMogu3p4ckEyiXISqCmJ6LGqvZJS3lA6ME9ajUHdicaEP0xHmRPu9LQZ9PVlo6XAbZF_5UfRQEp-ANHL0YTj0/?imgmax=200
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiMg2Og0u8gZ6CmiWyMj-Awl6mG_d7gJtF8PvIJwdMIyObEozDSMogu3p4ckEyiXISqCmJ6LGqvZJS3lA6ME9ajUHdicaEP0xHmRPu9LQZ9PVlo6XAbZF_5UfRQEp-ANHL0YTj0/s72-c/?imgmax=200
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2014/12/blog-post_84.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2014/12/blog-post_84.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content