(राजीव आनंद) अगाथा क्रिस्टी के जीवन के वो रहस्मय ग्यारह दिन 3 दिसंबर 1926 को प्रसिद्ध ब्रिटिश लेखिका अगाथा क्रिस्टी ...
(राजीव आनंद)
अगाथा क्रिस्टी के जीवन के वो रहस्मय ग्यारह दिन
3 दिसंबर 1926 को प्रसिद्ध ब्रिटिश लेखिका अगाथा क्रिस्टी रहस्मय उपन्यास 'द मर्डर ऑफ रोजर एक्रॉयड' लिख कर रहस्यपूर्ण ढ़ंग से कहीं गायब हो गयी थी, जिसकी गुथ्थी आज 88 वर्षों के बाद भी नहीं सुलझ पायी है. अगाथा क्रिस्टी के जीवन का यह रहस्य आज भी उनके चाहने वालों को उद्धेलित कर रहा है. अगाथा के 3 दिसंबर 1926 को गायब होने तक उनके द्वारा लिखी गयी छह उपन्यासों के कथानकों से भी ज्यादा रहस्मय और रोमांचकारी घटना थी, उनका ग्यारह दिनों के लिए गायब होना, नाम बदलना और फिर स्मृति लोप से ग्रसित होना. वो झील जिसे 'सायलेंट पूल' कहा जाता था, जहाँ अगाथा क्रिस्टी की गढ़ी गयी चारित्रिक लड़की और उसके भाई की मृत्यु हुई थी, के पास पाया गया था उनका कार, जो कईएक को यह सोचने के लिए मजबूर किया था कि कहीं अगाथा ने खुद को उस झील में तो नहीं डूबो लिया, कुछेएक का मानना था कि यह उनका अपने उपन्यास के प्रचार के लिए एक पब्लिीसिटी स्टंट था तथा कुछ लोगों ने तो यहाँ तक सोच लिया था कि उनका विश्वासघाती प्रथम विश्वयुद्ध का पूर्व पॉयलट पति आर्ची क्रिस्टी ने उनकी हत्या कर दी.
3 दिसंबर से 12 दिसंबर तक ब्रिटेन जैसे थम सा गया था, अखबारों में अगाथा के रहस्मय ढ़ंग से गायब हो जाने पर तरह-तरह के कयास का बाजार गर्म था. अगाथा की खोज-खबर न सिर्फ पुलिस और मीडिया लेने में जुटी थी बल्कि प्रसिद्ध चारित्रिक जासूस सरलॉक होम्स के जन्मदाता सर आर्थर कानन डायल व डोरथी एल सेयर्स, लार्ड विन्सी सीरिज के लेखक ने भी उन्हें अपने-अपने ढ़ंग से ढूढ़ंने का प्रयास कर रहे थे. सर आर्थर कानन डायल ने जहाँ अगाथा के एक दास्ताने से उसे ढूढ़ंने का सुराख का पता लगाना चाह रहे थे वहीं सेयर्स घटनास्थल तक जा पहँचे थे, जिसे बाद में उन्होंने अपने उपन्यास 'अननेचूरल डेथ' के कथानक में इस्तेमाल किया.
आखिर वह कौन सी परिस्थितियाँ थीं जिसने दिसंबर के सर्द रातों में अगाथा क्रिस्टी को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया था ?
किसी औरत को अगर अपने विवाह के बारह वर्षों बाद उसका पति कहे कि उसे किसी और महिला से प्रेम हो गया है और इसलिए वह अपनी पत्नी से तलाक लेना चाहता है तो उसपर क्या गुजरेगी ? कुछ ऐसा ही हुआ था अगाथा क्रिस्टी के साथ. उनका पति आर्ची क्रिस्टी ने अगाथा को कहा था कि उसे एक औरत नेन्सी नीली से प्यार हो गया है इसलिए वह अगाथा से तालाक चाहता है. अगाथा ने अपने पति आर्ची से अपनी विवाह को बचाने का एक आखरी मौका देने की गुजारिश भी की थी, जिसके लिए आर्ची अनमने ढ़ंग से तैयार भी हो गया था. आर्ची अपने कुछ साथियों जिसमें कई रहस्मय महिलाएं शामिल थीं के साथ विकेन्ड मनाने चला गया. यही वह समय था जब अगाथा को एक करारा मानसिक झटका लगा था और अगाथा लगभग अवसाद की स्थिति में पहँच गयी थी. उसने अपने सक्रेटरी को यह कहते हुए कि वह न्यूलैंड डाउन जा रही है, 3 दिसंबर की सर्द रात में अपने कार से निकल पड़ी कार न्यूलैंड डाउन में लावारिस स्थिति में पड़ी मिली, अगाथा का काई अता-पता नहीं था. मालूम हुआ कि अगाथा उसी स्थिति में ट्रेन से लंदन चली गयी है जहाँ उसने जाड़े के लिए कोर्ट खरीदा और अपने पति के भाई कैम्पबेल को एक खत भेजी जिसमें यह जानकारी दी गयी थी कि वह यार्कशायर में स्पा जा रही है. फिर उसने हैरोगेट के लिए ट्रेन की यात्रा की और हाइड्रो स्पा में उसने अपना नाम थेरेसा नीली लिखवाया.
इस बीच पुलिस बुरी तरह से अगाथा की तलाश कर रही थी, अखबारों में अगाथा के रहस्मय ढ़ंग से गायब होने की कहानी व रपटें सुर्खियां बन रही थीं और जब कैम्पबेल ने पुलिस को बताया कि अगाथा यार्कशायर के स्पा में है तो पुलिस ने सहसा विश्वास ही नहीं किया. अगाथा का अचानक गायब होना राष्ट्रीय खबर बन गया था तथा पुलिस, मीडिया सहित पंद्रह हजार लोगों ने अगाथा को ढूंढ़ने का प्रयास कर रही थी.
जबकि अगाथा स्पा में ही थी और 'लंदन टाइम्स' में एक विज्ञापन दिया था कि श्रीमती थेरेसा नीली अपने संबंधियों से मिलने की इच्छुक है तथा उसके सबंधी उससे हैरोगेट के स्पा में मिल सकते हैं. इस रहस्य से तब पर्दा उठा जब स्पा के कुछ संरक्षकों ने थेरेसा नीली और अगाथा के लंदन टाइम्स के छपी तस्वीरो में आश्चर्यजनक समानता पाया. आर्ची हैरोगेट के हाइड्रो स्पा पहुंचा और बयान दिया कि अगाथा 'स्मृति लोप' से ग्रसित थी.
यू ंतो रहस्य का यहां समापन हो जाना चाहिए था परंतु अगाथा ने ताजिंदगी इस रहस्य से खुद पर्दा उठाने से इंकार करती रही.
हालांकि एंड्रीयू नारमन, जो पेशे से डाक्टर हैं, ने दावा किया है कि उन्होंने अगाथा के ग्यारह दिनों तक अदृश्य रहने के रहस्य को सुलझा दिया है. उनका कहना है कि 3 दिसंबर, 1926 की रात अगाथा एक ऐसे मानसिक अवस्था में थी जिसे 'फग स्टेट' कहा जाता है, जब रोगी अवसाद के कारण 'स्मृति लोप' से ग्रसित हो जाता है-रोगी को कुछ चीजों का एहसास होता है और कुछ चीजों का एहसास नहीं रहता है. नारमन अपनी पुस्तक 'फीनिस्ड पोट्रेट' में लिखा है कि कोई अपना नया व्यक्तित्व जो अगाथा ने थेरेसा नीली के रूप में गढ़ा था वह अवसाद से ग्रसित होने के बाद ही हो सकता है. अगाथा उस वक्त 'आत्महंता' बन चुकी थी. नारमन ने अगाथा के आत्मकथात्मक उपन्यास 'अनफीनिस्ड पोट्रेट' को कोट करते हुए कहते है कि सीलिया नामक चरित्र के माघ्यम से अगाथा ने कुछ ऐसी ही मिलती-जुलती बातें कही है.
प्रश्न उठता है कि अगाथा अवसाद में गयी क्यों ? अगाथा ने 3 दिंसबर, 1926 तक छह रहस्मय उपन्यासों को लिख चुकी थी जो उन्हें प्रसिद्धी के साथ-साथ अच्छी-खासी रॉयलिटी भी दिला रही थी. जाहिर है कि अगाथा का वैवाहिक जीवन ही वह कारण था कि वह अवसाद और फिर स्मृतिलोप नामक मनोवैज्ञानिक बीमारियों की शिकार हुई और अपने विवाह को बचाने के लिए नाम बदल कर अपने पति से मिलने का विज्ञापन भी दिया लेकिन अफसोस वह अपने वैवाहिक जीवन को बचा नहीं पायी और आर्ची से उनका तलाक 1928 में हो गया. यही वजह थी कि अगाथा ने बाद में भी अपने जीवन के 'वो रहस्मय ग्यारह दिन' के रहस्य का रहस्योदघाटन नहीं किया क्योंकि अगर वे ऐसा करती तो अपने विश्वासघाती पति आर्ची के संबंध में उन्हें कहना पड़ता और शायद वो ऐसा करना नहीं चाहती थी क्योंकि विश्वासघाती ही सही पर अगाथा ने अपने पहले पति आर्ची से सच्चा प्यार किया था.
सच्चा प्यार करने वालों का दिल जब टूटता है तो प्यार करने वाले अवसाद में ही चले जाते है. अगाथा क्रिस्टी के वो रहस्मय ग्यारह दिन का राज उनका अपने विश्वासघाती पति से बेपनाह मोहब्बत करना था और अपने पति को किसी भी हालत में अगाथा रूसवा नहीं करना चाहती थी इसलिए अगाथा क्रिस्टी ने ताजिंदगी इस रहस्य के बाबत अपना मुंह नहीं खोला.
राजीव आनंद
प्रोफेसर कॉलोनी, न्यू बरगंडा
गिरिडीह-815301
झारखंड
संपर्क-9471765417
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