राजश्री का आलेख - एक प्रवासी भारतीय का सपना

SHARE:

    एक प्रवासी भारतीय का सपना आजीविका, साहस, घूमन्तूपन नयी जमीन या पृथ्वी का दूसरा छोर ढूंढना,  मानव के अलग अलग जमीनों पर बसने  ओर सपने बु...

image 

 

एक प्रवासी भारतीय का सपना
आजीविका, साहस, घूमन्तूपन नयी जमीन या पृथ्वी का दूसरा छोर ढूंढना,  मानव के अलग अलग जमीनों पर बसने  ओर सपने बुनने की कहानी नयी नहीं है। बहुत पहले एक प्रवासी भारतीय ने दक्षिण अफ्रीका में भारत की आजादी का सपना देखा और वह वकालत छोड कर पुनः देश लोट आया।  भारत को आजाद हुऐ सढसठ वर्ष हो चुके है। भारतीय आजीविका, बेहतर जीवन या बेहतर कार्यप्रणाली की तलाश में आज भी देश छोड़ कर जाते हैं वैसे ही जैसे गांधी गये थे किंतु परिस्थितियॉ अब बहुत अलग है। वे देश लोटे बिना ही देश के लिये काम करते हैं। 2013 में प्रवासी भारतीयों द्वारा किया गया निवेश 71 अरब डालर का था। भारत की आर्थिक व्यवस्था में अनिवासी भारतीय भी एक आधार स्तम्भ है चाहे वह दुबई के माल बनाने वाला मजदूर हो या सिलिकान वेली का पूंजीपति इंजीनियर।  वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मैं विदेश में रहकर भी "विदेशी" नहीं हूं।
सपने भी वक्त के साथ बदल जाते हैं। विदेशी भूमि पर आते ही अधिकतर भारतीयों को सबसे पहला विचार आता है हमारा देश भी ऐसा ही साफ सुथरा हो जाये। दिनभर मेहनत के बाद सबको रिजनेबल अच्छा खाना मिले। दिनप्रतिदिन की जिंदगी में आवश्यक सुविाधाऐं, बिजली, पानी, टेलिफोन, गैस के लिये दिनों चलने वाली किचकिच  न रहे। मेकडोन्ल, पित्जा, लेविइस का होना आर्थिक विकास का एक आयाम है। भारत में यह एक फैशन है जबकि पश्चिम में वह एक आम आदमी की जरूरत है। यहां पर आम की आदमी की जरूरत लाइब्रेरी भी है।


मेरे दादाजी सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, मध्यभारत में स्वास्थय मंत्री रहे डा प्रेमसिंह राठौड़ समाजसुधारक व चिंतक थे। उनके साथ रहते हुऐ मैंने कई दार्शनिकों व चिंतकों को पढ़ा। बचपन में उनकी कई किताबों में से दो किताबें The age of analysis  और History of philosophy में एमर्सन,  हेनरी डेविड थरो, बर्टडें रसेल, आदि को टुकडों टुकडों में पढकर, आधा पोना समझकर मेरे मन में हमेशा एक सपना पलता था उन लोगों के बारे में अधिक जानने का। अमेरिका में आते ही मेरा सपना साकार हुआ। छोटे से टेरीटाउन की लाइब्रेरी मुझे बहुत बडी लगी। वैसे ही जैसे किसी कुंऐ के मेंढ़क को तालाब बडा लगता है। यहां हर छोटे से टाउन में भी लाइब्रेरी होती है। पूरी काउंटी की लाईब्रेरी एक नेटवर्क से जुडी है और काउंटी में रहने वाला किसी अन्य टाउन में उपलब्ध उस किताब का आग्रह कर सकता जो उसकी लाइब्रेरी में न हो। वह किताब उसे टाउन की लाइब्रेरी में उपलब्ध करवायी जाती है क्योंकि पश्चिम में ज्ञान व शिक्षा ही विकास का आधारस्तम्भ माने जाते हैं। हमारे यहां भी बडे बडे माल बनने से पहले लाईब्रेरी बने। पुरानी लाइब्रेरी के जीर्ण शीर्ण भवन सुधारे जायें। 


भारत में प्रचलित शिक्षा पद्धति में मुझे कभी यह अवसर नहीं मिला की साहित्य व दर्शन का  विश्लेषणात्मक अध्ययन कर सकूं। यहां की लाइब्रेरी व कालेज पद्धति ने मेरे लिये यह द्वार खोल दिया। पश्चिम की सबसे बडी विशेषता है कि जानने व सीखने में उम्र का कोई बंधन नहीं है। भारत में वयस्कों को इस तरह के कोई अवसर उपलब्ध नहीं है।   जब मैंने शेक्सपियर से संबधी कोर्स लिया मेरे साथ दो बुजुर्ग थे वे रिटायर होने के बाद शेक्सपियर पढ़कर उसका समालोचनात्मक व प्रतीकात्मक पहलू जानना समझना चाहते थे। मुझे लगता है भारत के कालेजों को भी साहित्य, दर्शन, गणित के कोर्स हर किसी के लिये खोल देना चाहिये।  मैंने यहां पर कम्यूनिटी कालेज में विविध प्रकार के कोर्स किये। मेरा एक सपना अभी बाकी है Critical thinking in philosophy करने का।


भारतवासी पश्चिम का अंधानुकरण न करके पश्चिम में जो सर्वोत्तम हो उसे अभिसात करें जैसे पश्चिम की राजनैतिक चेतना, महिलाओं के अधिकार, स्वयंसेवक कार्य, कानून का पालन आदि। आज मेरी पाश्चात्य नारी मित्र स्वयं को खुशनसीब समझती है कि उन्होने पश्चिम में जन्म लिया एशिया या अफ्रीका में नहीं। ये एक विचारणीय तथ्य है। वे आक्रमक लगती है क्योंकि वे अपनी स्वतंत्रता के लिये मुखर है। वे कहती है बहुत संघर्ष के बाद उन्होने समानाधिकार पाया है। भारतीय नारी स्वतंत्रता का वर्तमान रूप पश्चिम में नहीं है। भारत में कई बार ऐसा लगता है जैसे "फेमिनिज्म" को स्त्री और पुरूष  दोनों ही एक टेबू की तरह मानते हैं -पुरूष से नफरत या सेक्स की स्वछंदता।  यहां नारी स्वतंत्रता नहीं अब समानाधिकार की बात होती है। मैं कई बार सुनती हूं "वी आर हयुमन फर्स्ट।"


अमेरिका में हर चौथा व्यक्ति स्वयंसेवक है और औसतन पचास घंटे स्वयंसेवा का कार्य करता है चाहे वह लाइब्रेरी हो पार्क हो या स्कूल । मैं जब अमेरिका आयी थी तब मैंने न्यूयार्क टाइम्स में एक लेख पढ़ा कि किस तरह से अप्रवासी आते हैं इस देश की सुविधाओं का लाभ उठाते हैं किंतु वालेंटियर वर्क नहीं करते। मैंने उसी दिन से ठान लिया था कि मैं वो अप्रवासी नहीं बनूगीं। मैं बहुत ही सक्रियता से स्कूलों में वालेंटियर बनी। मुझे खुशी है लाफयेत जैसे श्वेतबहुल टाउन ने मुझे पूर्णता से अंगीकार किया। मैंने सीखा कि जब समुद्र पार कर ही लिया तो एक द्वीप में न खो जाउं।  यहां अधिकांश भारतीय आज भी अपने छोटे छोटे द्वीप बनाकर रहते हैं। उनके लिये समाजसेवा मंदिर या भूखों को खाना खिलाने तक ही सीमित है। मुझे लगता है भारत में भी स्वयंसेवा स्कूल से ही अनिवार्य कर दी जाये।


न जाने क्यो देश में ‘एन आर आई ’ सुनते ही लोग सोचते हैं सोने चांदी के कटोरे हीरे मोती जड़ी चम्मचें!  मैंने एफिल टावर पर बंगलादेशी और भारतीय बच्चों को एफिल टावर व अन्य चीजें बेचते देखा है। इटली में स्कार्फ बेचते हुऐ जिससे महिलायें चर्च जाने से पूर्व अपने कंधे ढंक ले। ऐसे बच्चें विश्व के हर विकसित देश में है। इन बच्चों के सपनों को कोई जमीन नहीं मिलती है। ये  बच्चें सपने देखते हैं भरपेट खाने और भौतिक सुविधाओं को हासिल करने के।
सपने बीज की तरह है जिन्हे पल्लवित होने के लिये जमीन, हवा, पानी, धूप,  सभी चाहिये। सपनों की जमीन शिक्षा और सही दिशा हवा, पानी, धूप है। रात के नौ बजे फरवरी की ठंडी रात में पेरिस में एफिल टावर के नीचे एफिल टावर बेचने वालें इन बच्चों के साथ मैंने थोडा सा ही समय  बिताया।  उन बच्चों  और मुम्बई रेलवे स्टेशन पर बूट पालिश के डिब्बे से उल्लू बनाने वाले बच्चों की चतुराई या धूर्तता में कोई फर्क नहीं था। ये बच्चें मुझे किसी प्याज की तरह लगते हैं। जिन पर काफी अंदर तक चतुराई, झूठ,  धूर्तता आदि की परतें होती है जैसे जैसे पर्त खुलती है वही तीखी गैस निकलती है जिससे आंखों में पानी आता है। विडंबना यह है कि उनकी लाचारी और गरीबी जो कि एक सच है उसे ये हथियार की तरह करूणा भुनाने के लिये प्रयोग में लाते हैं। वे नहीं जानते कि यह एक अंतहीन सडक है इस पर पूरी जिंदगी भीख के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा। रोज पेट भरने और सुविधाओं के सपने हवामहल बनकर खत्म हो जायेंगे।  


मेरा सपना यहीं है कि मेरे देश के बच्चे भिखारी बन कर  दर दर भटक कर करूणा को उपजाने में आत्मसम्मान और मानवता न खोये। वे गरिमा से जीवन जीने का सपना देखे। उन्हे शिक्षा की जमीन और दिशा का पूर्ण पोषण मिले। वे प्रवासी भिखारी भारतीय न बने।  दूसरे देश में रह कर शोषित होना बचपन पर दुहरी मार है। अधिकतर प्रवासी भारतीय बच्चों की मदद करना चाहते हैं किंतु वे भ्रष्टाचार के कारण भारतीय संस्थाओं पर विश्वास नहीं करते हैं। एनजीओ से संबंधी वे संस्थाऐं जो बच्चों के लिये का काम करती है उनके लिये कानून सख्त हो। वो संस्थाऐं ईमानदारी से काम करें जिससे प्रवासी भारतीयों का विश्वास उनमें बढ़े। अभी हम लोग अपने घर के और आस पास के बच्चों की मदद करने की कोशिश करते हैं। मैं सोचती हूं  जितना हो सके वो ही सही।
भारत उस दहलीज पर है जहां वह पूर्व पश्चिम दोनों का सर्वोत्तम ग्रहण करके संस्कृति और सभ्यता दोनों में ही सर्वश्रेष्ठ  देश बन सकता है और मैं पूरब और पश्चिम के बीच का एक पुल ही तो हूं  चाहे कितना भी संकरा और छोटा क्यो न हो !

----

 

परिचय-

परिचय
शिक्षा बी एस सी गणित व  एम ए इकानामिक्स तथा विश्व साहित्य‚ दर्शन व भाषा का तुलनात्मक अध्ययन। ग्राफिक्स डिजाइनर व फोटोग्राफर ।
राजकमल से प्रकाशित उपन्यास ‘पशुपति’ जो कि मानव के गुफा से निकल कर संस्कृति की स्थापना व विध्वंस पर लिखा गया है चर्चा में है। अभी "एक बुलबुले की कहानी’ फैंटेसी उपन्यास पर काम कर रही हूं। यह उपन्यास बच्चे से लेकर बूढे तक के लिये है।
कई पत्र पत्रिकाओं व विश्व के कहानी संकलनों में कहानियॉ व  कविताऐं प्रकाशित ।अदिती,  मैं बोनसाई नहीं‚  मुक्ति और नियती‚ नीचों की गली कहानियां विशेष रूप से चर्चा में।
गत कई वर्षो से लाफेयेत केलिफोर्निया में निवास।

 

संपर्क:

3291,Gloria Terrace. Lafayette CA 94549

Email: raghyee@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. उत्तम विचार राजश्री जी भारतीय होने उसके प्रति
    आत्मीयता रखने उसका भला सोंचने और विदेशों
    में भारतीय एन जी ओ के बारे में बताने के लिए आप
    सचमुच बधाई की पात्र हैं राजश्री जी बेशक छोटा सही
    पर आपका प्रयास सराहनीय है भारतीय लोग विदेशी
    धरती पर बेईमानी करने से पाहिले इस देश की इज्जत
    और सम्मान के बारे में जरूर सोंचें

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: राजश्री का आलेख - एक प्रवासी भारतीय का सपना
राजश्री का आलेख - एक प्रवासी भारतीय का सपना
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjSP0O-1qHGAI48Yc6x02HoUD9ojLi6D3tZHKaJRqOVJAl2hVnhzSYiPG2iwf9frpN8udyBSKjNpJD09KXUm2dx_3jDDVXq_g1h1i1j0hi9iG5NyXr5pZkEDObD9Mlzxy_FdG83/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjSP0O-1qHGAI48Yc6x02HoUD9ojLi6D3tZHKaJRqOVJAl2hVnhzSYiPG2iwf9frpN8udyBSKjNpJD09KXUm2dx_3jDDVXq_g1h1i1j0hi9iG5NyXr5pZkEDObD9Mlzxy_FdG83/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2014/10/blog-post_70.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2014/10/blog-post_70.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content