सुशील यादव के 2 व्यंग्य

SHARE:

व्यंग्य   जागो ग्राहक जागो .... अपने तरफ के हिनुस्तानी ग्राहक, और लन्का के मिस्टर कुम्भकरण के सोने का रिकार्ड लगभग बराबर है। दोनों बेइंत...

व्यंग्य

 

जागो ग्राहक जागो ....

अपने तरफ के हिनुस्तानी ग्राहक, और लन्का के मिस्टर कुम्भकरण के सोने का रिकार्ड लगभग बराबर है। दोनों बेइंतिहा सोते हैं।

मिस्टर ‘कुम्भकर्ण’ की वजह से लंका को, ‘सोने की लंका’ भी कहा जाने लगा|

वहां अगर असली सोना होता, भारत लूटने निकला ‘महमूद गजनवी’ उधर का रुख न कर लेता ?

गजनवी के सिपहसलारों ने कान में फुसफुसा दिया, जनाबेआला ,देखने वाली बात को गौर करे, दोनों जगह सोने का भाव बराबर है।पाच सौ रुपया टन इंडिया में ,और यही भाव लंका में है।ऊपर से समुद्र से लूट का माल लाने का खर्चा, जोखिम.... अलग।पड़ता नई पड़ने का......।इंडिया ही लूट लो|उन्होंने इंडिया लूटने का मन बना लिया।

 

वे, सोते हुए इडिया के राजे महराजे, रजवाड़े,मन्दिरों को लूट ले गए। भोथरी तलवार लिए सिपाही ,गमछा,धोती पहने पंडित ,कहीं अपने विरोध को मुखर नहीं कर पाए।

समय ~समय पर हमले होते रहे।अंग्रेज आये ,पोर्तगीज आये, सबने अपना कमाल,रुमाल और तलवार दिखाया ,माल बनाया और चलते बने।

समय के जिस काल खंड में हम अभी जी रहे हैं उसे कलयुग कहते हैं।

 

पुराणों में इस युग की कलंक गाथा ये है कि, एक दूसरे के साथ, आदमी आदमी के बीच धोखाधड़ी ,फरेबी मक्कारी होने की संभावनाएं अनंत हैं।

हमारे फेमली पंडित से इस बारे में चर्चा कर लें, तो वे डिटेल में बताते हैं ,यजमान जी ,लगता है ,नरक में जीने के या जाने के दिन बहुत नजदीक हैं।

बेटा ,बाप को धकियायेगा ,बहु मरते मर जाओ ,पानी नहीं देगी ,रिश्तेदार उधार ले के मुकर जायेंगे ,किरायेदार मकान हड़प लेगा ,बनिया मिलावटी सामान दे दे के, आपको आई सी यु का मरीज बना देगा ,डाक्टर आपकी तरफ देखने भर की फीस झाड लेगा|मक्कार चांडाल लोग रेप खून करके पैसे के दम बाहर निकल जायेंगे

फेमिली पंडित ने एक और खतरे को भांपा है।वे कहते हैं कलियुग में विज्ञापन के ढोल~धतूरे का, ज्यादा बोलबाला रहेगा।ग्राहक यहीं ज्यादा पिटेंगे ....

वे सत्संग में ,अपनी बात का और खुलासा करते हैं।

 

ये विज्ञापन वाले लोग ,बी पी, के पेशेंट को सुबह सुबह नमक वाला टूथपेस्ट रिकमंड कर रहे हैं| चैन से सोना है तो जाग जाओ स्टाइल में वे पूछते हैं ,आपके पेस्ट में नमक है ...?

ये एक ऐसा प्रश्न है जिसका जवाब, सिवाय,मजबूरी में नमक वाला पेस्ट खरीददारी के और कुछ नहीं।दम से ये आपको अपना नमक खिला रहे हैं ,ले हमारा भी नमक चख ....|

एक विज्ञापन ‘मैल में छिपे कीटाणुओ को धो डालता है’ के नाम पर सब के दिमाग में छिपे हुए कीटाणुओं का खौफ पैदा कर रखा है| ये कीटाणु जब डिटर्जेंट इजाद नहीं हुए थे, तब शायद पैदा नहीं हुए होंगे ?

बंटी ! ‘तेरा साबुन स्लो है क्या’,? ऐसा लगता है साबुन को किसी रेस में जाना था ?

‘चौक गए छतरी मेन’....?

घर आके कभी कोशिश करें।वैसी ही बरसात ,वैसे ही कीचड़ सने कपडे....| अगर विज्ञापन वाली धुलाई के उन्नीस बीस कपडे धुल जाएँ और छतरी मेन अगर चौक जाये, तो श्रेष्ठ धुलाई का पुरूस्कार थमा दें। ज़रा वैसी टी वी वाली धुलाई करके दिखा जाओ भाई।

 

टायलेट प्रोडक्ट वालों के प्रोडक्ट से , बी पी एल वालों का टायलेट झकास क्यों नहीं धुलता ...?

किचन बरतन बार के खिलाफ, मेरी काम वाली बाई का अपना अनुकरणीय मुहीम है|

देखो साब जी, मै बर्तन राख से धोउगी,ये जो आप टी वी में देख देख के तंग करते हैं बर्तन साफ नहीं धुलते तो मै कहे देती हूँ ,ये सब बडे लोगों का चोचला है।जो सफाई राख से घिस कर मिलेगी, वो कहीं न मिल पायेगी।घिसने से लगता है अल्लादीन घर के आसपास मंडराते रहता है।हर बर्तन में जो हुक्म आका वाली परछाई दिखा करती है।हाँ राख आजकल मिलता नहीं साब जी ,सब लोग गैस इस्तेमाल करते हैं ,|होटलों से या तो आप ला दिया करो या हमको पैसे दो हमी ला देंगे।बाबूजी इक और राज की बात ,अपना एक्सपर्ट ओपीनियाँ रखते हुए बोली ,बरतनों के बार या लिक्विड से,बर्तन में डिटरजेंट चिपके रह जाते हैं आगे जाके ,यही सब केन्सर ,टी बी होने का खतरा पैदा कर देते हैं।अब आगे खतरा उठाना हो तो आपकी मर्जी।

 

उसके ज्ञान स्रोत पर अदभुत आश्चर्य हुआ।मैंने सहमति में सर हिला के बर्तनों में राख,और मेरी अल्प मति में भभूत मलने की अनुमति दे दी।मुझे लगा आगे भी मै बर्तनों में ‘अल्लादीन ब्रांड की राख’ रगडवाता रहूंगा।

मुझे उन सतसंगी ढकोसलेबाजों से महरी की साफगोई ज्यादा अच्छी लगी जो दो दिन के योग के बाद हाथ उठा के कहलवाते हैं ,किसका वजन दो किलो , कम हुआ...? किसका चार किलो ...हाथ उठायें .? हजारों हाथ उठ जाते हैं।बेशर्म लोग जाने किस चाईनाब्रांड मशीन से तुल के आये होते हैं,रामजाने ?

यही सत्संगी,भूतप्रेत बाधा झाड़ने वाले ,मूली,मेथी, टमाटर, हरी सब्जी ,हर्रा बहेरा के गुणों की बखान करंगे और अपने कष्ट का इलाज रातो`रात विदेश जा के करवा आयेंगे।

ग्राहको का एक बड़ा तबका वो भी है जो किसी की सुनते नहीं खुद अपना कहा भी मानते नहीं।जिसने भी झांसा दिया, चार दिन में पैसे दुगने, चौगुने ...... वे दोनों कान, दोनों आँख और एकमात्र दिमाग कहे जाने वाली इन्द्रिय को सुप्तप्राय कर लेते हैं।

 

मगर हाँ ,गच्चा खाने के बाद वही दिमाग सोलहो आने सही काम करने लग जाता है।वो एफ आई आर करवा लेता है ,मिनिस्टरो का एप्रोच भिडाता है ,धरने हड़ताल के लिए फरियादी इकत्र कर लेता है।चेतना जगती है मगर तब तक आपको ठगने वाला फरार हो जाता है या सशक्त राजनीतिक शरण में जाकर अभयदान पा चुका होता है।

आजकल की राजनीति भी ‘प्रोडक्ट बेचो’ की तर्ज पर अपने आप को एक ब्रांड बना लिए हैं।

हम हैं एकमात्र बिल्डर ,पच्चास मंजिला राम मन्दिर हम मुफ्त में बना देंगे बशर्ते आप हमें कुर्सी काबिज करवा दें।हमसे बेहतर गंगा सफाई करने का दम है किसी में ....?मन माफिक काम करके देंगे। ये लोग बड़े बड़े अभियान को, कानों के मैल साफ करने की तर्ज पर लिए चलते हैं।बहरे लोग ,सोचते हैं शायद साफ कान से धीमा सही कुछ तो सुनाई देने लग जाएगा।

आप अँधेरे में कब तक बैठे रहेंगे ...?हमारे ब्रांड की बिजली घर में जलाइये इसमें रोशनी ज्यादा दमदार और टिकाऊ है ऊपर से ये करेंट नहीं मारता ,एकदम आधी कीमत पर वापरने के लिए हमें व्होट दें।

हम आपके प्रदेश में मेट्रो सुविधा देंगे।आप मर्जी हो तो नाती ~पोतो के साथ डब्लू टी (बिदाउट टिकट ) साफर कर लें।

 

लेपटाप ,टी वी ,टेबलेट ,बैल ,गाय,सायकल और सुविधा बांटने वाले मायाजाल कुछ यूँ फैलाते हैं की आपको फंसना लाजिमी है ही ....?

वोट देने वाली जनता, और सपने देखने वाले ग्राहक माने बैठे हैं, चलो इसी बहाने उनको खाली समय में बहस करने का मुद्दा मिल जाता है,वरना सपाट मैदान अमेरिका जैसे देशों में झख मारते हुए ,एक सपाट उबाऊ जिन्दगी जियो।

---

 

खिसयानी बिल्ली से खंभा बचाओ ..... व्यंग्य

एक बिल्ली चूहे के ताक में अक्सर रहा करती थी |चूहा देखते ही झपट के दबोच लेना उसकी शिकार कला के प्रशिक्षण का अहम पाठ था | उनके माँ-बाप ने उसी भाँती ट्रेंड भी किया था |शिकार करते वक्त कहीं चूक होने का सवाल नहीं था |मगर एक बार ऐसा हो गया |चूहे के पीछे बिल्ली भागते हुए आई |आगे-आगे चूहा पीछे-पीछे बिल्ली ,चूहा छुपने का सहारा ढूढ़ रहा था अचानक सामने एक खंभा आया जिसके पीछे पाइप रखे थे भयभीत चूहा पाइप में घुस कर जान बची और लाखो पाए वाली, गहरी-गहरी साँसे लेने लगा|बिल्ली ,नजरों से ओझल हुए चूहे को घात लगाये खम्भे के चारों ओर चक्कर लगा के देखती रही |उसे यूँ लगा कि हो न हो चूहा इसी खंभे में घुस गया है |वो खंभे को हांफते दम तक नोचने-खुरचने में लगी रही |

आजकल यही खेल अपने इन्द्रप्रस्थ में हो रहा है |प्रजातंत्र का बीचो-बीच खंभा गडा है|इर्द-गिर्द चूहे-बिल्ली के रोल माडल विधायक दौड़ रहे हैं |

दिल्ली वाली जनता ने ‘भगत’ को हिसाब से पसाद बाटे थे|जैसी सेवा वैसी मेवा के अनुरूप जिसने जैसे भी वादे किये उन पर आँख मुद कर विश्वास जताते हुए अपना वोट दे बैठी |नतीजा में एक को 34 , दूसरे को 28 तीसरे को 8 विधायक मिल सके |यानी बहुमत 34 से सब दूर |आठ वाले ने कहा हमसे ले के छत्तीस कर लो |अगला लेने को तैय्यार नहीं |सोचा इतने सारे वादे किये बैठे हैं कहाँ तक निपटा पायेंगे |वे जनता के पास गए |जनता बोली ,’जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा’रोके ज़माना चाहे रोके खुदाई तुमको सत्ता मे आना पड़ेगा |

वे महत्वाकान्छी जीव थे ,कसमे तोड़ के जीत वाली हार पहन लिए |इस तरह कहते हैं, बिल्ली के भाग्य से उन दिनों छिका टूटा था |

सहज में छिका टूटते देख लगा चलो ऊपर लटकी दही हांडी फोडे|वे दलबल के साथ छीका जैसी तुच्छ चीज को छोड़ दही-हांडी की तरफ लपक पड़े |

ये दही-हांडी वाले बड़े उस्ताद होते हैं |इनाम का लालच जबरदस्त रखते हैं |उपर उठो |सारा तुम्हारा है |नौसिखिया अक्सर इस मायाजाल में फंस जाते हैं |उंचाई से गिर कर हाथ पैर लहुलुहान करवा लेते हैं |अपने वाले का भी कुछ इसी के आस-पास हुआ |वे लुटे-पिटे इंद्रप्रस्थ लौट आये |

जिसने गंगा नहा लिया, वे दिल्ली प्रजातंत्र के सबसे बड़े खंभे को सम्हालने लगे |उधर २८० इधर मात्र २८ |२८० की नीयत छोटे खंभे पर आ गई |

आलाकमान की बिल्लियाँ ,दो –चार चूहों को पकड़ना चाहती हैं ?

भाई साहब ,आप इस बारे में क्या सोचते हैं,क्या कमजोर चूहे पकड़ में आ जाएंगे ?या खिसयानी बिल्ली प्रजातंत्र के खम्भे को खुरच-खुरच के खोखला कर देगी ?

 

सुशील यादव

२०२ श्रीम सृष्ठी,अटलादरा

वडोदरा (गुजरात)

susyadav7@gmail.com

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. सुशील जी आपके दोनों ही व्यंग एक से बढ़कर एक
    रोचक लगे बधाई

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: सुशील यादव के 2 व्यंग्य
सुशील यादव के 2 व्यंग्य
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXz9fehNyyIyBRAoO_JdLd__ANnijnj09sN_7fzr0evED6NhtJSjyw3I9K9S53R-UN7Vkp0_XeE1-3_S6VHX7bySZWPsibXfCmu2j6do2bgAgkxjgV-bitX9CP1c-lMtTre5hhtw/s220/sushil_photo.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXz9fehNyyIyBRAoO_JdLd__ANnijnj09sN_7fzr0evED6NhtJSjyw3I9K9S53R-UN7Vkp0_XeE1-3_S6VHX7bySZWPsibXfCmu2j6do2bgAgkxjgV-bitX9CP1c-lMtTre5hhtw/s72-c/sushil_photo.jpg
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2014/09/blog-post_87.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2014/09/blog-post_87.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content