गैब्रियल गार्सिया मार्खेज़ के उपन्यास Chronicle of a death foretold का अनुवाद अनुवादक – सूरज प्रकाश mail@surajprakash.com किश...
गैब्रियल गार्सिया मार्खेज़
के उपन्यास
Chronicle of a death foretold
का अनुवाद
अनुवादक – सूरज प्रकाश
सचमुच, मुझे उस अभागे रविवार के जिस दृश्य की याद हमेशा सबसे ज्यादा कोंचती रही है, वह है, दालान के बीचों बीच स्टूल पर पोंसियो विकारियो के अकेले बैठे होने की। उन लोगों ने शायद यह सोच कर उसे वहां बिठा दिया था कि यही सबसे अधिक सम्मानजनक जगह थी। मेहमान थे कि उसके ऊपर ठोकरें खा रहे थे, गलतफहमी में उसे कोई और समझ रहे थे,उसे इधर से उधर खिसका रहे थे ताकि वह बीच रास्ते में न आये। वह अपने बर्फ जैसे बालों वाला सिर चारों दिशाओं में, अभी अभी अंधे हुए आदमी की तरह, अस्थिर चित्त के हाव भावों के साथ हिला रहा था। वह ऐसे सवालों के जवाब दे रहा था जो उससे पूछे नहीं गये थे और उन लोगों की तरफ हाथ हिला रहा था, दुआ सलाम के जवाब दे रहा था जो उससे की ही नहीं गयी थी। वह अपने गाफिलपने के घेरे में खुश था। उसकी कमीज कलफ लगी होने के कारण गत्ते जैसी खड़ी हो रही थी और वह अपने हाथ में हीरकंदारू की लकड़ी की छड़ी थामे हुआ था जो उसके लिए पार्टी के मौके पर लायी गयी थी।
औपचारिक समारोह शाम छ: बजे उस वक्त खत्म हुए जब खास मेहमान, गेस्ट ऑफ आनर चले गये। नाव जब चली तो उसकी सारी बत्तियां जल रही थीं और नाव की पियानो बजाने वाली मशीन वाल्ट्ज की धुनें बजा रही थी। तब एक पल के लिए हम अनिश्चितता के गर्त में डूब गये थे। तभी हमने फिर से एक दूसरे को पहचाना और मेंग्रोव में जा कूदे। नव दम्पत्ति थोड़ी देर के बाद एक खुली कार में आये और बड़ी मुश्किल से भीड़ भाड़ में रास्ता बना सके। बयार्दो सां रोमां ने पटाखे छुड़ाये, भीड़ में से जिसने भी उसकी तरफ बोतलें बढ़ायीं, उनमें से उसने गन्ने की शराब पी। उसने कुम्बियाम्ना नृत्य के घेरे में हिस्सा लेने के लिए एंजेला विकारियो को कार से नीचे उतारा। आखिरकार, उसने हम सब को हिदायत दी कि उसके खर्च पर तब तक नाचते गाते रहें जब तक हमारा जी चाहे और वह अपनी भयातुर बीवी को ले कर अपनी उस ख्वाबगाह में चला गया जहां विधुर जीयस कभी सुखपूर्वक रहा करता था।
भीड़ आधी रात के आसपास तितर बितर हो कर जिस वक्त बिखरी, तब चौराहे पर एक ओर सिर्फ क्लोतिल्दे आर्मेंता की दुकान ही खुली थी। सैंतिएगो नासार, मैं, मेरा छोटा भाई लुई एनरिक और क्रिस्तो बेदोया मारिया एलेक्जंद्रीना सर्वांतीस के घर की ओर बढ़ चले। उसका घर “दयालुताओं का घर” कहलाता था। और भी कई लोगों की तरह विकारियो बंधु वहीं जमे हुए थे और हमारे साथ दारू पी रहे थे। वे सैंतिएगो नासार को कत्ल करने से पाँच घंटे पहले तक उसके साथ और हमारे साथ गाते रहे थे।
मूल पार्टी में से कुछ बिखरे अंगारे अभी भी रह गये होंगे क्योंकि बिशप की नाव के पहुंचने से कुछ अरसा पहले तक चारों तरफ से संगीत की लहरियों और दूर कहीं लड़ने झगड़ने की आवाज़ें, उदास, और उदास करने वाली आवाज़ें हम तक पहुंचती रही थीं।
पुरा विकारियो ने मेरी मां को बताया था कि वह शादी के बाद फैले पड़े घर को अपनी बड़ी लड़कियों की मदद से कुछ हद तक सहेजने समेटने के बाद ग्यारह बजे सोने गयी थी। तकरीबन, दस बजे जब चौक पर कुछ पियक्कड़ अभी भी नाच गा रहे थे, एंजेला विकारियो ने अपने बेडरूम की दराज में रखा निजी सामान वाला छोटा सूटकेस मंगवा भेजा था। उसने रोज़ाना पहने जाने वाले कपड़ों का सूटकेस भी मंगवाया था लेकिन संदेसा लाने वाली औरत हड़बड़ी में थी। जब दरवाजा खटखटाने की आवाज़ हुई तो वह गहरी नींद में सो चुकी थी।
“तीन बार धीमे धीमे दरवाजा खटकाया गया था।” उसने मेरी मां को बतलाया था। “लेकिन दरवाजा खटखटाने के अंदाज से ही लग रहा था उसके साथ कोई बुरी खबर जुड़ी हुई है।” उसने मेरी मां को बतलाया था कि उसने बिना बत्ती जलाये दरवाजा खोला था ताकि कोई जाग न जाये। उसने गली की बत्ती की रौशनी में बयार्दो सां रोमां को खड़े देखा था। उसकी रेशमी कमीज़ के बटन खुले हुए थे और शानदार पैंट की इलास्टिक की गैलिस उतरी हुई थी।
“उस वक्त उसकी रंगत सपनों जैसी हरी हो रही थी।” पुरा विकारियो ने मेरी मां को बतलाया था। एंजेला विकारियो अंधेरे में खड़ी थी। वह एंजेला विकारियो को तभी देख पायी थी जब बयार्दो सां रोमां ने उसे बाजू से थाम कर सामने रौशनी में कर दिया था। एंजेला विकारियो की साटन की पोशाक तार तार हो रही थी और उसने खुद को छाती तक तौलिये से ढक रखा था। पुरा विकारियो ने सोचा कि कहीं उनकी कार सड़क से उतर गयी होगी और वे घाटी की तलहटी में अधमरे पड़े रहे होंगे।
“ओ मां,” पुरा विकारियो ने भयातुर हो कर ईश्वर को याद किया था, “मुझे बताओ, तुम दोनों जिंदा तो हो? तुम ठीक से तो हो?”
बयार्दो सां रोमां घर के भीतर नहीं आया था। उसने हौले से सिर्फ अपनी पत्नी को घर के भीतर धकेल दिया था। बिना एक भी शब्द बोले। तब उसने पुरा विकारियो का गाल चूमा और बहुत ही गहरी, उदास आवाज़ में कहा था, “मां, सारी चीज़ों के लिए आभार।” उसने आगे कहा था, “आप संत सरीखी हैं।”
केवल पुरा विकारियो ही जानती थी कि उसने अगले दो घंटों के दौरान क्या किया था। वह इस रहस्य को सीने में ही छुपाये दफन हो गयी।
“मैं सिर्फ एक ही बात याद कर सकती हूं कि उसने एक हाथ से मेरे बाल पकड़े हुए थे और दूसरे हाथ से वह मुझे इतने गुस्से में पीट रही थी कि मुझे लगा, वह मुझे मार ही डालेगी।” एंजेला विकारियो ने मुझे बताया था। इसके बावजूद, उसने ये सब इतने गुपचुप तरीके से किया था कि बगल के कमरों में सो रही उसकी बड़ी बेटियों को और पति को सुबह होने तक इस घटना की हवा भी नहीं लगने पायी थी। और उस वक्त तक तो हंगामा हो चुका था।
जुड़वां भाई रात तीन बजे से कुछ ही पहले घर लौटे थे। उन्हें मां ने तुरंत बुलवा भेजा था। उन्होंने देखा कि एंजेला विकारियो ड्राइंग रूम में दीवान के पास सिर नीचे किये बैठी है। उसका चेहरा चोटों के निशानों से भरा हुआ था। लेकिन उसने कराहना बंद कर दिया था।
“अब मुझे कत्तई डर नहीं लग रहा था।” एंजेला विकारियो ने मुझे बताया था, “इसके विपरीत मुझे महसूस हुआ कि आखिर मौत का उनींदापन मेरे ऊपर से हटा लिया गया हो। मैं उस वक्त एक ही चीज़ के लिए दुआ कर रही थी कि सब कुछ जल्दी से निपट जाये और मैं धड़ाम से बिस्तर पर गिर कर गहरी नींद ले सकूं।
पैड्रो विकारियो, जो कि दोनों भाइयों में ज्यादा तगड़ा था, ने बहन को कमर से पकड़ कर ऊपर हवा में उठाया और फिर डाइनिंग टेबल पर बिठा दिया।
“ठीक है छोकरी,” गुस्से से कांपते हुए उसने अपनी बहन से पूछा था, “बता हमें वो कौन था?”
एंजेला विकारियो ने सिर्फ इतना ही समय लिया जितना एक नाम पुकारने भर के लिए चाहिये था। नाम के लिए उसने परछाइयों में देखा और उस दुनिया से और दूसरी दुनिया से ढेरों नामों में आसानी से गड्डमड्ड हो वाली भीड़ में जो नाम सबसे पहले सूझा, उस नाम को दीवार पर अपनी अचूक निशानेबाजी से बिना वसीयत वाली किसी तितली की मानिंद, जिसकी सज़ा पहले ही लिखी जा चुकी हो, जड़ दिया,“सैंतिएगो नासार” उसने बताया था।
3.
वकील सम्मान की विधिसम्मत रक्षा में की गयी मानव हत्या की धारणा पर डटा रहा था। उसने अदालत में भी इसी धारणा का समर्थन किया था। जुड़वां भाइयों ने ट्रायल के आखिर में यह घोषणा की थी उन्होंने इसी वजह के लिए हज़ार बार भी यही किया होता। अपराध कर लेने के कुछ ही मिनटों के भीतर गिरजा घर में आत्म समर्पण करते ही उन्होंने बचाव की दिशा की तरफ इशारा कर दिया था। वे हांफते हुए चर्च के पैरिश में आ धमके थे और उनके पीछे उत्तेजित अरब लोगों का हुजूम था। दोनों ने फादर एमाडोर की मेज़ पर साफ़ सुथरे फल वाले अपने चाकू रखे। हत्या के जघन्य काम से वे बुरी तरह थक गये थे। उनके कपड़े और उनके बाजू रक्त से सने हुए थे। चेहरे पसीने से और ताजे खून से तर ब तर थे। लेकिन पादरी ने उनके आत्म समर्पण के कार्य को चरम गौरव के रूप में याद किया था।
“हमने सरे आम उसका कत्ल किया।” पैड्रो ने कहा था, “लेकिन हम निर्दोष हैं।”
“शायद ईश्वर के सामने,” फादर एमाडोर ने कहा था।
“ईश्वर के सामने और व्यक्तियों के सामने,” पाब्लो ने जवाब दिया था, “सवाल इज्ज़त का था।”
इसके अलावा, तथ्यों को फिर से जोड़ने में उन्होंने, जो कुछ सच में हुआ था, उसकी तुलना में भयंकर खून खराबे का इस हद तक स्वांग भरा कि प्लेसिडा लिनेरो के घर के सदर दरवाजे पर चाकू के गोदने के इतने निशान बन गये थे कि उसकी मरम्मत करने के लिए सार्वजनिक निधियों के इस्तेमाल की ज़रूरत पड़ गयी थी।
ज़मानत देने की हैसियत न होने की वजह से मुकदमे के इंतज़ार में उन्होंने रिओहाचा के गोल कैदखाने में तीन बरस गुज़ारे थे। पुराने कैदी उन्हें उनके अच्छे चरित्र और मेलजोल के लिए याद करते थे लेकिन उन कैदियों ने इन दोनों में कभी भी पश्चाताप के चिह्न नहीं देखे थे। इसके बावजूद, सच्चाई यही थी कि विकारियो बंधुओं ने बिना कोई अभियोग चलाये और सफाई का मौका दिये बिना ही सैंतिएगो नासार को मार कर कुछ ठीक नहीं किया था, लेकिन उन्होंने जो कुछ भी किया, उसका किसी को अंदाज ही नहीं हो पाया था कि वे उन्हें हत्या करने से रोकते, और अगर रोकते भी तो क्या वे दोनों मानने वाले थे!
जो कुछ उन्होंने मुझे बरसों बाद बतलाया था, उसके अनुसार, उन्होंने शुरुआत सैंतिएगो नासार को मारिया एलेक्जंद्रीना सर्वांतीस के डेरे पर ढूंढने से की थी, जहां वे दो बजे तक तो उसके साथ ही रहे थे। इस तथ्य को, अन्य कई बातों की तरह, रिकार्ड में दर्ज नहीं किया गया था। दरअसल, उस वक्त जब विकारियो बंधु उसे खोजते हुए वहां गये, जैसा कि उन्होंने बताया, सैंतिएगो नासार वहां था ही नहीं, क्योंकि हम लोग प्रेम गीतों का एक और दौर पूरा करने की नीयत से वहां से जा चुके थे। लेकिन जो भी हो, यह तय नहीं था कि वे वहां ही थे।
“वे यहां से गये ही नहीं होते,” मारिया एलेक्जेंद्रीना सर्वांतीस ने मुझे बताया था। उसे बहुत अच्छी तरह से जानने की वजह से मैंने कभी उस पर शक नहीं किया। दूसरी तरफ, वे सैंतिएगो नासार का इंतज़ार करने के लिए क्लोतिल्दे आर्मेंता के डेरे पर गये, जहां के बारे में उन्हें पता था कि वहां सैंतिएगो नासार के अलावा हर कोई रुकता था।
“सिर्फ वही जगह खुली हुई थी।” उन्होंने जांचकर्ता के सामने कबूल किया था। “देर सबेर उसे बाहर आना ही था।” निरपराधी ठहराये जाने के बाद उन्होंने मुझे बताया था। इसके बावजूद, सब जानते थे प्लेसिडा लिनेरो के घर के सदर दरवाजे पर भीतर की तरफ हमेशा, यहां तक कि दिन के वक्त भी कुंडी चढ़ी रहती थी, और कि सैंतिएगो नासार अपने पास हमेशा पिछले दरवाजे की चाबियां रखता था। यहीं से वह, घर पहुंचने पर, भीतर गया था। दरअसल विकारियो बंधु परली तरफ, घंटे भर से उसकी राह देख रहे थे, और अगर वह बाद में बिशप की अगवानी करने के लिए चौक की तरफ वाले दरवाजे से निकला तो इस अनहोनी का कारण वह जांचकर्ता अधिकारी भी नहीं लगा पाया था जिसने इस मामले का सार तैयार किया था।
आज तक यहां कोई भी ऐसी मौत नहीं हुई थी, जिसके बारे में पहले से इतना कुछ बता दिया गया हो। जब विकारियो बंधुओं की बहन उन्हें “उसका” नाम बता चुकी तो वे दोनों अपने सूअर बाड़े की संदूकची के पास गये जिसमें काटने पीटने के औजार वगैरह रखते थे। उन्होंने दो सबसे उम्दा चाकू चुने। एक चाकू दस इंच लम्बे और ढाई इंच चौड़े फल वाला - उसे चार टुकड़ों में चीरने के लिए, उसकी बोटियां काटने के लिए। दूसरा चाकू था सात इंच लम्बे और डेढ़ इंच चौड़े फल वाला। उन्होंने ये दोनों चाकू एक पुराने कपड़े में लपेटे और उन पर धार लगवाने के लिए मीट बाज़ार की तरफ चल दिये। वहां अभी कुछेक खोखे ही खुलने शुरू हुए थे। इतनी सुबह वहां बहुत अधिक ग्राहक नहीं थे, लेकिन बाइस आदमियों ने हलफिया बयान दिया था कि उन्होंने उस वक्त कहा गया एक एक शब्द सुना था। उन सबका एक ही ख्याल था कि ये बातें सबको सुनाने के लिए कही गयी थीं। फॉस्तिनो सांतोस, उनके एक कसाई दोस्त ने उन्हें सुबह तीन बीस पर आते हुए देखा था। उस वक्त उसने अपना ठीया लगाया ही था। वह समझ नहीं पाया कि वे सोमवार के दिन अल सुबह, इतनी जल्दी शादी में पहने गहरे रंग के सूटों में ही चले आ रहे थे। वह उन्हें शुक्रवारों के दिन, लेकिन थोड़ा और दिन निकल आने के वक्त देखने का आदी था। तब वे कसाईगिरी वाले अपने चमड़े के लबादे पहने हुए होते थे, “मुझे लगा कि वे इतना ज्यादा पिये हुए थे” फॉस्तिनो सांतोस ने मुझे बताया था,“कि वे न केवल यह भूले हुए थे कि उस समय वक्त क्या हुआ था बल्कि वे दिन भी भूले हुए थे।” फॉस्तिनो सांतोस ने उन्हें याद दिलाया था कि यह सोमवार है।
“सबको पता है बे गंजेड़ी,” पाब्लो विकारियो ने चुहलबाजी करते हुए उसे जवाब दिया था, “हम तो अपने चाकुओं पर धार लगाने आये हैं।”
उन्होंने हमेशा की तरह सान पर अपने चाकुओं पर धार लगायी, पैड्रो ने चाकू थामे हुए थे और उन्हें सान पर आगे पीछे कर रहा था। पाब्लो सान का चक्का चला रहा था। साथ ही साथ वे दूसरे कसाइयों को शादी की शानो शौकत के किस्से सुना रहे थे। कुछेक कसाइयों ने शिकवा भी किया कि उन्हें विकारियो बंधुओं का काम काजी संगी साथी होने के बावजूद केक में से हिस्सा नहीं मिला है। विकारियो बंधुओं ने वादा किया कि उनके लिए वे केक भिजवा देंगे। आखिरकार, उन्होंने अपने चाकू एकदम धारदार बना लिये। पाब्लो ने अपना चाकू लैम्प की बगल में रख लिया। चाकू का स्टील जगमग कर रहा था।
“हम सैंतिएगो नासार को मारने जा रहे हैं।” पाब्लो ने कहा।
अच्छे आदमियों के रूप में उनकी शोहरत इतनी गहरी और अच्छी थी कि किसी ने भी उनकी तरफ तवज्जो नहीं दी।
“हम यही सोचते रहे कि यह शराबियों की बकवास है।” कई कसाइयों ने यह बात कही थी। यही बात विक्टोरिया गुज़मां ने और बाद में उन दोनों को देखने वाले कई लोगों ने कही थी। कुछ अरसे बाद मैं कसाइयों से ये बात पूछने वाला था कि क्या जानवरों को हलाल करते कसाई लोग इतने पत्थर दिल नहीं हो जाते हैं कि इन्सान को मारते समय उनके हाथ तक नहीं कांपें।
उन्होंने इनकार किया: जब आप बछड़े या जवान बैल को मारते हैं तो उसकी आंखों में देखने की आपकी हिम्मत नहीं होती है। उनमें से एक आदमी ने मुझे बताया था कि जिस जानवर को उसने काटा था, वह उसका मांस तक नहीं खा पाया था। एक अन्य आदमी ने मुझे बताया था कि जिस गाय को आपने पाल पोस कर बड़ा किया हो, उसे ही मारने में आपकी आत्मा तड़प उठती है, फिर जिस गाय का आपने दूध पीया हो, उसकी तरफ तो इस नीयत से आँख ही नहीं उठती। मैंने उन्हें याद दिलाया था कि विकारियो बंधु उन्हीं खस्सी सुअरों को काटते थे जिन्हें वे खुद पालते पोसते थे बल्कि वे उनसे इतने अधिक वाकिफ होते थे कि उन्हें नामों से पुकारते थे।
“यह सच है,” उनमें से एक ने कहा था,“लेकिन याद रहे कि उन्होंने सूअरों को फूलों के नाम दे रखे थे न कि आदमियों के।”
फॉस्तिनो सांतोस ही उनमें से ऐसा अकेला आदमी था जिसे पाब्लो की धमकी में सच की झलक नज़र आयी थी और उसने पाब्लो से चुहलबाजी में ही पूछ लिया था कि वे सैंतिएगो नासार को ही क्यों मारना चाहते हैं जबकि वहां कई ऐसे अमीर आदमियों की भरमार है जिन्हें पहले मरना चाहिये था।
“सैंतिएगो नासार जानता है कि उसे क्यों मार रहे हैं।” पाब्लो ने जवाब दिया था।
फॉस्तिनो सांतोस ने मुझे बताया था कि उसे अभी भी शुब्हा हो रहा था और उसने इस लफड़े के बारे में उस पुलिस वाले को बताया था जो थोड़ी ही देर बाद मेयर के नाश्ते के लिए पाव भर कलेजी लेने आया था। मुकदमे के सार संक्षेप में उस पुलिस वाले का नाम लिएंडरो पोर्नोय बताया गया था और वह अगले ही बरस राष्ट्रीय छुट्टियों में एक दुर्घटना में चल बसा था। एक सांड ने उसके गले की नली में सींग घुसेड़ दिया था। इस वजह से मैं कभी उससे बात नहीं कर पाया था लेकिन क्लोतिल्दे आर्मेंता ने मेरे लिए इस बात की पुष्टि की थी कि उस वक्त जब स्टोर में विकारियो बंधु पहले से बैठे हुए थे और इंतज़ार कर रहे थे, वहां आने वाला पहला शख्स वही पुलिस वाला था।
क्लोतिल्दे आर्मेंता उसी वक्त काउंटर के पीछे अपने पति की जगह बैठने आयी थी। यह उनका रोज़ का नियम था। दुकान में अल सुबह दूध बेचा जाता था। दिन के वक्त वह सौदा सुलुफ की दुकान हो जाती और शाम छ: बजे के बाद वही दुकान बार में तब्दील हो जाती। क्लोतिल्दे आर्मेंता सुबह साढे़ तीन बजे दुकान खोलती। उसका पति, भला आदमी, डॉन रोगेलियो दे ला फ्लोर बार संभालता और बंद होने तक वहीं जमा रहता। लेकिन उस रात, शादी की वजह से कई भूले भटके ग्राहक वहां चले आये थे और इस कारण वह रात तीन बजे दुकान बंद किये बगैर ही सोने चला गया था। क्लोतिल्दे आर्मेंता भी वक्त से पहले तैयार हो कर आ पहुंची थी। वह बिशप के आने से पहले सब कुछ निपटा देना चाहती थी।
विकारियो बंधु चार बज कर दस मिनट पर आये थे। उस वक्त तक खाने की सारी चीज़ें बिक चुकी थीं। फिर भी, क्लोतिल्दे आर्मेंता ने उन्हें गन्ने की शराब बेची। सिर्फ इसलिए नहीं कि वह उनकी बहुत ज्यादा इज्ज़त करती थी बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने मेहरबानी करके उसके लिए शादी के केक में से एक हिस्सा उसके लिए भिजवाया था और इस बात के लिए वह उनकी शुक्रगुज़ार थी। उन्होंने दो लम्बे घूँट में ही पूरी बोतल हलक से नीचे उतार ली थी। इसके बावजूद, वे भाव शून्य बने रहे। “वे हक्के बक्के लग रहे थे।” क्लोतिल्दे आर्मेंता ने मुझे बताया था। उनका रक्तचाप लैम्प जलाने के तेल से भी ऊपर नहीं उठाया जा सकता था। तब उन्होंने कपड़े की अपनी जैकेटें उतारीं और उन्हें सहेज कर कुर्सी की टेक पर लटका दिया। उन्होंने फिर क्लोतिल्दे आर्मेंता से एक बोतल और लाने के लिए कहा। सूख गये पसीने से उनकी कमीज़ें गंदी नज़र आ रही थीं। एक दिन की बढ़ी हुई दाढ़ी से उनके चेहरे जंगलीपन का अहसास करा रहे थे। उन्होंने दूसरी बोतल धीरे-धीरे खत्म की और बीच बीच में वे गली के पार प्लेसिडा लिनेरो के घर की तरफ देख लेते। वहां खिड़कियों में अभी भी अँधेरा था। बाल्कनी में सबसे बड़ी खिड़की सैंतिएगो नासार के कमरे की थी। पैड्रो विकारियो ने क्लोतिल्दे आर्मेंता से पूछा था कि क्या उसने खिड़की में कोई रौशनी देखी थी। क्लोतिल्दे आर्मेंता ने इनकार में सिर हिला दिया था। लेकिन यह उसे अजीब तरह की दिलचस्पी लेने जैसा लगा था।
“क्या उसे कुछ हो हवा गया है?” क्लोतिल्दे आर्मेंता ने पूछा था।
“नहीं,” पैड्रो विकारियो ने जवाब दिया था, “हम तो सिर्फ उसे मारने के लिए उसकी तलाश कर रहे हैं।”
यह जवाब इतनी सहजता से दिया गया था कि क्लोतिल्दे आर्मेंता यकीन ही नहीं कर पायी कि उसने ठीक ठाक सुना है। लेकिन क्लोतिल्दे आर्मेंता ने देखा कि विकारियो बंधुओं के पास कसाइयों वाले दो चाकू थे जिन्हें उन लोगों ने रसोई के चीथड़ों में लपेट रखा था।
“और क्या कोई शख्स जान सकता है कि आप लोग इतनी अल सुबह उसे क्यों मारना चाहते हैं?” क्लोतिल्दे आर्मेंता ने पूछा था।
“वही इस बात को जानता है कि हम उसे क्यों मार रहे है।” पैड्रो विकारियो ने जवाब दिया था।
क्लोतिल्दे आर्मेंता ने गंभीर हो कर उन पर अपनी आंखें गड़ायीं, वह उन्हें इतनी अच्छी तरह से जानती थी कि वह उन्हें अलग-अलग पहचान सकती थी। खास कर पैड्रो विकारियो के आर्मी से लौट आने के बाद से।
“वे छोटे बच्चों की तरह लगते थे।” उसने मुझे बताया था, और इस ख्याल ने ही उसे सिहरा दिया था क्योंकि वह हमेशा यही महसूस करती थी कि केवल बच्चे ही सब कुछ करने में समर्थ होते हैं। इसलिए उसने दूध का जग तैयार करने का काम निपटाया और अपने पति को यह बताने के लिए जगाने भीतर गयी कि दुकान में क्या कुछ हो रहा है। डॉन रोगेलियो दे ला फ्लोर ने अधजगे में अपनी बीवी की बात सुनी।
“मूर्खा मत बनो,” पति ने उससे कहा, “ये दोनों किसी को मारने वारने वाले नहीं हैं। किसी अमीर आदमी को तो बिल्कुल नहीं।”
जब क्लोतिल्दे आर्मेंता वापिस लौटी तो जुड़वां भाई ऑफिसर लिएंडरो पोर्नोय से गप्पें लड़ा रहे थे। लिएंडरो पोर्नोय मेयर के लिए दूध लेने आया था। क्लोतिल्दे आर्मेंता सुन नहीं पायी कि वे आपस में क्या बात कर रहे थे। फिर भी, जिस तरीके से वह जाते-जाते चाकुओं की तरफ देख रहा था, उससे क्लोतिल्दे आर्मेंता को लगा, वे दोनों उसे अपनी योजना के बारे में बता रहे होंगे।
कर्नल लाजारो अपोंते, उसी वक्त, चार बजने से कुछ ही पहले जागा था। जब ऑफिसर लिएंडरो पोर्नोय ने उसे विकारियो बंधुओं की मंशा के बारे में बताया तो उसने उसी वक्त अपनी दाढ़ी बनायी थी। उसने एक ही रात पहले दोस्तों के बीच कई झगड़े टंटे निपटाये थे इसलिए वह फिलहाल एक और झगड़ा निपटाने के लिए किसी हड़बड़ी में नहीं था। उसने आराम से कपड़े पहने, कई बार टाई बांधता खोलता रहा, जब तक वह बिल्कुल ठीक नहीं बंध गयी। फिर उसने बिशप की अगवानी के लिए गले में धार्मिक रीति वाला मफलर डाल लिया। जब वह लच्छेदार प्याज का छौंक लगा कर बनायी गयी फ्राइड कलेजी का नाश्ता कर रहा था तो उसकी बीवी ने बहुत उत्तेजना के साथ उसे बताया कि बयार्दो सां रोमां ने एंजेला विकारियो को वापिस उसके घर पहुंचा दिया है। उसने इस खबर को भी ड्रामाई ढंग से ही लिया।
“हे भगवान,” उसने मज़ाक उड़ाया,“बिशप भी क्या सोचेगा।”
जो भी हो, नाश्ता खत्म करते न करते उसे अभी अभी कही गयी अरदली की बात याद आयी। उसने दोनों खबरों को एक साथ जोड़ कर देखा। वह तत्काल इस नतीजे पर पहुंचा कि दोनों खबरें एक दूसरे में पूरी तरह फिट बैठती हैं। तब वह नये घाट की तरफ जाने वाली गली में से होता हुआ चौक पर जा पहुंचा। बिशप की अगवानी के लिए घरों में लोग जागने लगे थे।
“मैं पक्के तौर पर कह सकता हूं कि उस वक्त लगभग पाँच बज चुके थे और बरसात शुरू होने को थी।”। कर्नल लाजारो अपोंते ने मुझे बताया था। रास्ते में उसे तीन लोगों ने गुपचुप तरीके से बताया कि विकारियो बंधु सैंतिएगो नासार को मारने के लिए उसकी बाट जोह रहे हैं। लेकिन उनमें से एक ही आदमी उसे वह जगह बता पाया था जहां वे इंतज़ार कर रहे थे।
वे उसे क्लोतिल्दे आर्मेंता के स्टोर में मिल गये।
“जब मैंने उन्हें देखा तो वे मुझे सिर्फ दो शातिर गप्पी लगे।” कर्नल लाजारो अपोंते ने मुझे निजी तर्क से बताया था।
“वजह यह थी कि मुझे जितनी उम्मीद थी, वे उतनी ही पिये हुए थे।” उसने उन दोनों की मंशा के बारे में पूछताछ तक नहीं की। उसने सिर्फ उनके चाकू ले लिये और उन्हें सोने के लिए घर भेज दिया। ऐसा करते समय उसने उतने ही धैर्य से काम लिया जितने धैर्य से उसने अपनी बीवी की चेतावनी की तरफ ध्यान दिया था।
“ज़रा सोचो तो,” कर्नल ने उन्हें बताया था, “बिशप तुम लोगों को इस हाल में देखेगा तो क्या सोचेगा?”
वे चले गये थे। क्लोतिल्दे आर्मेंता को मेयर के चलताऊ अंदाज से एक और झटका लगा। वह यही मान कर चल रही थी कि जब तक सच्चाई सामने नहीं आ जाती, कर्नल अपोंते को चाहिये था कि दोनों को गिरफ्तार कर लेता। कर्नल अपोंते ने क्लोतिल्दे आर्मेंता को आखिरी तर्क के रूप में चाकू दिखलाये।
“अब उनके पास कुछ नहीं है जिससे किसी का कत्ल कर सकें।” कर्नल अपोंते ने कहा था।
“यह बात नहीं है,” क्लोतिल्दे आर्मेंता ने कहा था, “होना ये चाहिये था कि उन बेचारे छोकरों को एक खतरनाक जिम्मेवारी से बचाया जाता जो उन पर आन पड़ी थी।”
वजह यह थी कि उसे आभास हो चला था। उसे पक्का यकीन था कि विकारियो बंधु उस सज़ा को पूरा करने, फर्ज निभाने के लिए इतने बेचैन नहीं थे जितने किसी भी ऐसे शख्स की तलाश में बेचैन थे कि कोई आये, और उन्हें इससे रोक कर उन पर अहसान करे। लेकिन कर्नल अपोंते अपनी तरफ से पूरी तरह से निश्चिंत था।
“किसी को सिर्फ शुबहा के आधार पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता,” कर्नल अपोंते ने कहा था,“अब बात सिर्फ सैंतिएगो नासार को सावधान करने की है।”
क्लोतिल्दे आर्मेंता को हमेशा याद रहता कि कर्नल अपोंते की थुलथुल आकृति हमेशा उसके मन में दया माया की भावना भरती थी, लेकिन दूसरी तरफ मैंने उसे हमेशा एक खुशमिजाज आदमी के रूप में पाया था। हां, वह थोड़ा बहुत सनकी लगता था। इसकी वजह डाक के जरिये सीखा गया उसका नि:संग रहस्यवाद था।
उस सोमवार उसका व्यवहार उसके मूरखपने का आखिरी सबूत था। सच तो यह था कि उसने उस वक्त तक दोबारा सैंतिएगो नासार के बारे में सोचा तक नहीं था जब तक वह सैंतिएगो नासार से घाट पर नहीं मिला। वहां उसने सही फैसला करने के लिए उसे बधाई तक दे डाली थी।
विकारियो बंधुओं ने दूध लेने के लिए गये बीसियों लोगों को अपनी योजना के बारे में बता दिया था और छ: बजते न बजते यह बात सब लोगों ने चारों तरफ फैला दी थी।
क्लोतिल्दे आर्मेंता को यह बात नामुमकिन सी लग रही थी कि सड़क पार घर में ही इस बात की खबर नहीं थी। उसे नहीं लगता था कि सैंतिएगो नासार वहां पर मौजूद था क्योंकि उसने बेडरूम की बत्ती जलते हुए नहीं देखी थी। वह जिस किसी से भी कह सकती थी, उसने कहा ही था कि अगर वे कहीं सैंतिएगो नासार को देखें तो उसे आगाह कर दें। यहां तक कि उसने ड्यूटी पर आये उस छोकरे के ज़रिये भी फादर एमाडोर के पास संदेशा भिजवाया था जो ननों के लिए दूध खरीदने के लिए आया था। चार बजने के बाद जब उसने प्लेसिडा लिनेरो के घर की रसोई की बत्ती जलती देखी तो उसने भिखारिन के ज़रिये विक्टोरिया गुज़मां के पास आखिरी और ज़रूरी संदेश भिजवाया था। यह भिखारिन बुढ़िया रोज़ सुबह ईश्वर के नाम पर हमेशा पाव भर दूध मांगने आ धमकती थी। जिस समय बिशप की नाव घाट पर लगी, कमोबेश सभी उसकी अगवानी करने के लिए वहां पर मौजूद थे। उनमें से शायद ही कोई ऐसा बंदा रहा होगा जिसे यह न पता हो कि विकारियो बंधु सैंतिएगो नासार का कत्ल करने के इरादे से उसकी राह देख रहे हैं। बात सिर्फ इतनी ही नहीं थी। हर आदमी को कत्ल किये जाने की वजह की बारीक से बारीक बातें भी मालूम थीं।
क्लोतिल्दे आर्मेंता ने अभी तक दूध बेचने का धंधा समेटा ही नहीं था कि विकारियो बंधु अखबारों में लिपटे दो चाकू ले कर फिर आ धमके थे। इनमें से एक चाकू बारह इंच लम्बे और तीन इंच चौड़े जंग लगे फल वाला था जो चीरने के काम आता। इसे पैड्रो विकारियो ने मीनाकारी वाली आरी की धातु से तब जोड़ तोड़ कर बनाया था जब युद्ध की वजह से जर्मन चाकू मिलने बंद हो गये थे। दूसरा चाकू छोटा,लेकिन चौड़े फल वाला था और आगे की तरफ से मुड़ा हुआ था। जांचकर्ता ने इन दोनों चाकुओं के रेखाचित्र शायद यह सोच कर बनवाये थे कि वह उनका हुलिया बयान करने में मुश्किल महसूस कर रहा था। वह इतना ही बता पाया था कि एक चाकू नन्ही, टेढ़े पाल वाली तलवार की तरह लगता था। इन्हीं चाकुओं की मदद से अपराध किया गया था। दोनों ही चाकू रद्दी और जंग खाये हुए थे। इन्हें बहुत ज्यादा इस्तेमाल में लाया जा चुका था।
फॉस्तिनो सांतोस इस बात को समझ नहीं पाया था कि आखिर हुआ क्या था कि “वे दूसरी बार अपने चाकुओं पर धार लगवाने आये थे।” उसने मुझे बताया था,“और एक बार फिर उन्होंने चिल्ला चिल्ला कर सबको सुनाते हुए कहा था कि वे सैंतिएगो नासार की अंतड़ियां बाहर निकालने जा रहे हैं। इसलिए मैं यही समझा कि वे यूं ही लोगों को बुद्धू बना रहे हैं। खासकर इसलिए भी कि मैंने उनके चाकुओं पर ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी कि मैं उन्हें वही पुराने चाकू मान कर चल रहा था।”
अलबत्ता, इस बार जब क्लोतिल्दे आर्मेंता ने उन्हें दोबारा आते देखा तो उसे महसूस हुआ, इस बार उनमें पहले जैसा पक्का इरादा नज़र नहीं आ रहा था।
दरअसल, उनमें आपस में पहली बार असहमति हो गयी थी। यह तो था ही कि बाहर से उन दोनों में जितना फर्क नज़र आता था, भीतर से वह फर्क कहीं ज्यादा था। एक बात और भी थी कि मुश्किल मौकों पर उनका चरित्र एक दूसरे के विपरीत हो जाता था। हम जो कि उनके यार दोस्त थे, ग्रामर स्कूल के दिनों से यही देखते आ रहे थे। पाब्लो विकारिेयो अपने भाई से छ: मिनट बड़ा था, वह किशोरावस्था के आने तक भाई की तुलना में अधिक कल्पनाशील और निश्चयी रहा। पैड्रो मुझे हमेशा संवेदनशील लगता रहा और इसी नज़रिये से अधिक रौबदाब वाला भी। दोनों ही बीस बरस की उम्र में मिलीटरी सेवा के लिए हाजिर हुए थे। पाब्लो को इस आधार पर क्षमादान मिल गया था कि वह घर पर रह कर परिवार की देखभाल करे। पैड्रो ग्यारह महीने तक पुलिस पैट्रोल में रहा। आर्मी की दिनचर्या ने जो कि मौत के डर से और अधिक कठोर हो गयी थी, उसे कमांड देने और अपने भाई के लिए फैसले करने की आदत को पुख्ता ही किया था। वह अपने साथ सार्जेंट का सुजाक रोग भी लाया था जो डॉक्टर दिओनिसियो इगुआरां के संखिया भरे इंजेक्शनों और लाल दवाई की पुल्टिसों जैसी सैन्य दवाइयों के जानलेवा प्रयोगों से भी दूर नहीं हुआ था। केवल जेल में ही उसका इलाज हो सका।
(क्रमशः अगली किश्तों में जारी…)
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