असगर वजाहत की कहानी - अपाहिज

SHARE:

  अपाहिज आप्पिज्जी चिंटू का सिर और फिर आईने में मुंह देखते रह गए। उनके हाथ में कैंची और कंघा कुछ ठहर-सा गया। ऊंची कुर्सी के हत्थों पर पटरा ल...

 

अपाहिज

आप्पिज्जी चिंटू का सिर और फिर आईने में मुंह देखते रह गए। उनके हाथ में कैंची और कंघा कुछ ठहर-सा गया। ऊंची कुर्सी के हत्थों पर पटरा लगाकर उन्होंने चिंटू को बाल काटने के लिए बिठाया था। उन्होंने एक बार फिर चिंटू की शक्ल देखी। चश्मा उतार देने की वजह से चिंटू की गोल-गोल आंखें और छोटी लग रही थीं।

आप्पिज्जी को पता है यहां इस इलाके में उनको आप्पिज्जी कहने वाले दरअसल उन्हें हाफिज जी कहते हैं। अब जल्दी में या मजबूरी में उनके मुंह से आप्पिज्जी ही निकलता है तो इससे किसी की गलती नहीं है। घर और वतन छोड़कर जब आदमी कहीं जाता है तो अपनी बहुत-सी चिन्हारियां घर छोड़ जाता है। आप्पिज्जी रायबरेली से यहां नरेशनगर आ गए हैं। किसी जानकार ने बताया था कि आप्पिज्जी नरेशनगर में दुकान कर लो तो अच्छी कमाई हो जाएगी। हाफिज जी अपना बक्सा लेकर आ गए थे और नीम के नीचे बैठने लगे थे। कोई दो-चार आने ज्यादा दे देता तो घर भी चले जाते थे। धीरे-धीरे दुकान हो गई। दुकान पर हिन्द हेयर कटिंग सैलून का बोर्ड लगा गया। दुकान के पीछे हाफिज जी की मेहनत तो है ही, रहमत के कराची से भेजे हुए पैसे भी हैं। रहमत न होता तो यह सब न होता। रहमत कहता है नसीर भाई न होता तो कुछ न होता यानी रहमत को पाकिस्तान जाने के लिए रुपया नसीर भाई ने ही दिया था। नसीर भाई को वक्त ने आप्पिज्जी बना दिया है।

पाकिस्तान जाने को लेकर दोनों भाइयों में कई साल लड़ाई चली थी। पहले बहस-मुबाहिसा हुआ था। फिर चीख-चिल्लाहट हुई थी। रहमत चिल्लाता-‘अरे तुम्हें पता है वहां हजामत बनवाई कितनी है दस रुपये नसीर यानी आज के आप्पिज्जी कहते थे, ‘तो पाकिस्तान के लिए वतन छोड़ेगा।’ यह चीख चिल्लाहट, यानी-गलौज में बदल जाती थी। फिर बातचीत बन्द हो जाती थी। रहमत के ऊपर कराची का भूत सवार हो गया था। वह सपने में कराची देखने लगा था। सोते जागते ‘तेज गाम’ पर बैठ जाता था। मोहल्ले के उन लड़कों के साथ पाकिस्तान के किस्से सुना करता था जो पाकिस्तान हो आए थे और कहते थे पाकिस्तान में सग इंपोर्टेड है। ओमेगा की घड़ियां, सोने की टेप रिकॉर्डर, जीलट के ब्लेड, जापानी खिलौने...और न जाने क्या-क्या है। रहमत इन्हीं ख्यालों में खोया रहता था। उसकी दीवानगी बढ़ती जाती थी...। एक दिन उसने कह दिया कि उसे पाकिस्तान न जाने दिया तो वह धतूरा खा लेगा। आखिर नसीर भाई ने हथियार डाल दिए थे। दिल को समझाया कि चलो किस्मत में भाई से बिछुड़ना लिखा था तो क्या कर सकते हैं। वह कभी न खत्म होने वाली रात उन्हें याद है जब रहमत को रेल पर खोखरापार के लिए बिठाया था और वह कभी न खत्म होने वाला दिन भी बाद है जब आप्पिज्जी पाकिस्तान की धरती पर रहमत से गले मिले थे।

पचास सालों की कितनी खट्टी-मीठी यादें हैं। कभी यह कहते हुए डरते थे कि उनका भाई पाकिस्तान में है। कभी ऐसा वक्त होता था कि वह पाकिस्तान से खरीदे कपड़े पहने अपने आपको जनरल अय्यूब समझा करते थे। उनकी रग-रग में पाकिस्तान कराची की नाजमाबाद कॉलोनी की डी ब्लॉक का मकान नम्बर एक सौ सात है जो रहमत और जुलेखा का घर है जहां से सबीहा और अफसाना की शादी हो चुकी है, लेकिन जहां रहमत का अपाहिज बेटा अदनान आसमान देखने के लिए बरामदे में बिठा दिया जाता है। अब तो उसकी उम्र भी सत्ताइस की हो गई है। अदनान न बोल सकता है, न सुन सकता है। चलना-फिरना तो दूर की बात है, हाथ-पैर भी नहीं हिला सकता। लाखों-करोड़ों की दवा-इलाज के बाद रहमत ने सब कुछ अल्लाह पर छोड़ दिया है। वह सोचता है, पाकिस्तान मुल्के खुदादाद-यानी खुदा का दिया हुआ मुल्क है। अदनान भी खुदा का ही दिया हुआ है...सब्र के अलावा क्या कर सकते हैं। चाहे जो हो, रहमत और सुलेखा ही नहीं दोनों बहनें भीअदनान का जान छिड़कती हैं। आप्पिज्जी की शादी नहीं हुई बच्चे नहीं हुए। रहमत के बच्चों को वह अपने बच्चे समझते हैं। कमाल की बात है कि अदनान पूरी दुनिया में किसी को पहचानता है तो सिर्फ आप्पिज्जी को। उन्हें देखते ही उसके चेहरे पर पहचान का भाव उभर आता है। बोल नहीं सकता, लेकिन चेहरे के भावों को छिपा भी नहीं सकता। आप्पिज्जी उस पर जान छिड़कते हैं। पता नहीं, कहां-कहां उसके ठीक होने की मन्नतें मान चुके हैं।

चिंटू ने आप्पिज्जी को ऊपर से नीचे तक अधेड़ दिया था। तीसरी गली में पांडेजी की लड़की सुषमा का लड़का चिंटू गली में रात-दिन एक किए रहता है। चौथी क्लास में जाता है, लेकिन बातें ऐसी करता है जैसे सबका बाप हों आज उसके बाल काटते हुए पता नहीं क्यों आप्पिज्जी ने पूछ लिया था-क्यों चिंटू तुम बड़े होकर क्या बनोगे

-मैं फौज में जाऊंगा।

-अच्छा

-कैप्टन बनूंगा।

-फिर क्या करोगे

-फिर मैं देश के दुश्मनों से लड़ूंगा।

-कौन है देश का दुश्मन

-पाकिस्तान।

-पाकिस्तान।

-हां पाकिस्तान।

आप्पिज्जी के ऊपर से एक लहर गुजर गई वह अपने को संभालने की कोशिश करने लगे। चश्मे के धुंधले शीशे से उन्होंने चिंटू को देखा। उसकीगोल-गोल आंखें नाच रही थीं। उन्हें पता है कि यह सब चिंटू ने मोहल्ले के लड़को से सीखा है। वरना सात साल का चिंटू क्या जाने कि पाकिस्तान किस चिड़िया का नाम है

-कैसे लड़ोगे पाकिस्तान से,

-मैं वहां एटम बम गिरा दूंगा।

-एटम बम!

-हां एटम बम!

आप्पिज्जी धीरे-धीरे बाल काटते रहे। उनके अन्दर ही अन्दर जहरीले गैस के बादल बरसते रहे। उन्होंने चश्मा साफ किया, पर धुंधला दिखाई पड़ता रहा। फिर उन्होंने आंखें रगड़ डालीं। आंखों की पोरों से पानी सूख जाने के बाद भी उन्हें साफ दिखाई नहीं दिया। उन्होंने सोचा कि वह चिंटू को बता दें कि पाकिस्तान में अदनान रहता है, वह न अपने हाथों खा सकता है, न पी सकता है। वह चल-फिर भी नहीं सकता। वह सिर्फ देखता है। पर पता नहीं क्या देखता है। उसके हाथ-पैर भी नहीं मिलते। वह अपने आप इधर-उधर लुढ़क जाता है और जब तक कोई सीधा न करे, वह सीधा नहीं हो पाता। लेकिन वह बड़ा प्यारा नौजवान है। उसकी रंगत सफेद है। उसके हाथों कीरगें नीली हैं। उसके बाल काले हैं चेहरा लम्बोत्तरा है...वह बड़ा प्यारा है...हां कभी-कभी उस पर दौरे पड़ जाते हैं। पता नहीं उससे कहां से ताकत आ जाती है। वह अपने आपको जख्मी कर डालता है। जख्मों से खून निकल आता है। जब वह शान्त होता है तो आसमान पर उड़ते जहाजों को देखता रहता है। उसकी जबान मजेदार और बदमजा खाने में फर्क कर लेती है। बदमजा खाना वह उगल देता है।

उन्होंने सोचा, चिंटू से कहें, बेटा अपाहिज पर एटम बम गिराकर क्या करोगे उस पर तो ख्ुादा ने ही कहर ढा दिया हे। उनहें लग रहा था कि पाकिस्तान पर एटम बम गिराते तो सिर्फ अदनान पर ही गिरेगा। अदनान मुल्के खुदादाद में रहता है और जिसके जिस्म पर खुद अपने किए घाव हैं। एक घाव भरने भी नही पाता, पपड़ी सूखने भी नहीं पाती कि वह दूसरा घाव कर लेता है। यानी जब से वजूद में आया है अपने आपसे ही लड़ रहा है। अपने जिस्म के हिस्सों कोे ही काट रहा है...वह अपाहिज है, नासमझ है, अपने बालों को इस तरह नोंचता है कि जड़ो से उखड़ जाते हैं। वैसे अक्ल और समझदारी का तो उसमें नामोनिशान भी नहीं है कि लेकिन कभी-कभी गुस्से में इतना पागल हो जाता है कि अगर बस चले तो अपने जिस्म के टुकड़े-टुकड़े कर डाले...।

चिंटू के बाल कट चुके है। उसे उन्होंने कुर्सी से नीचे उतार दिया। सुषमा आ गई। उसने चिंटू के कटे बाल इधर-उधर से घूमकर देखे और आप्पिज्जी के हाथ पर ढाई रुपए रख दिए।

-सुषमा! देख तेरा बेटा पाकिस्तान पर एटम बम गिराना चाहता है।

-क्यों रे! यह क्या बकता रहता हैें..किसने सिखाया यह सब तुझे

सुषमा चिंटू का हाथ पकड़कर उसे खींचती हुई बाहर निकल गई। आप्पिज्जी पैसे थामे मोड़े पर बैठ गए। सामने दीवार पर मक्के-मदीने वाला पुराना कैलेंडर पंखे की हवा में इधर-उधर हिल रहा था।

उन्होंने दीवार पर लगी रहमत की तस्वीर को देखा जो धुधली पड़ती जा रही थी। उन्होंने दिल ही दिल में ‘या अल्लाह’ कहा और वीरान आंखों से गली में देखने लगे। इससे पहले कि वह कुछ सोचते, राजवीर आया, बोला आप्पिज्जी, क्या बात है, गुमसुम क्यों बैठे हो

-नहीं-नहीं, वैसे ही थक गए

-सुबह-सुबह थक गए

-थकान का क्या भरोसा मेरे भाई। बिना बताए चली जाती है।

यह कहकर वह बाल काटने में जुट गए। लेकिन बहुत कोशिश के बाद भी उनका ध्यान पाकिस्तान यानी अदनान से हट नहीं पा रहा था।

बेखयाली में आप्पिज्जी के उस्तरे से राजवीर के गाल पर पड़ा छोटा-सा दाना कट गया।

-यह क्या कह रहे हो आप्पिज्जी राजवीर बोला।

माफ करो बेटा...मैं फिटकिरी लगा देता हूं।

आप्पिज्जी कटे पर फिटकरी लगाने लगे फिर भी उनका ध्यान वही रहा जहां था।

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. कहानी को बहुत ही मार्ईमिक ढंग से पेश किया गया है... मुबारक.

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: असगर वजाहत की कहानी - अपाहिज
असगर वजाहत की कहानी - अपाहिज
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg4NNrgoxlGUIDHPsz4v7xf0jCJommJH5nHIKFOfv8S6OEiFaA5DNqzzjX4P8x4mbvCJsFDuOsvfMUbR-xfzxaF6ByOGTlitd05ZAnlrHTWWyKCTVpJvaCQd59Kt43tLLFXZigz/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg4NNrgoxlGUIDHPsz4v7xf0jCJommJH5nHIKFOfv8S6OEiFaA5DNqzzjX4P8x4mbvCJsFDuOsvfMUbR-xfzxaF6ByOGTlitd05ZAnlrHTWWyKCTVpJvaCQd59Kt43tLLFXZigz/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_8772.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2014/04/blog-post_8772.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content