सौमित्र की कहानी - संदेश

SHARE:

सौमित्र केल्‍विन ने चित्र बनाना अधूरा छोड़ दिया । उसने पैड का मटमैला काग़ज़ फाड़ा और सामने खड़ी लड़की को पकड़ा दिया। लड़की ने देखा। चित्र ...

सौमित्र

image

केल्‍विन ने चित्र बनाना अधूरा छोड़ दिया उसने पैड का मटमैला काग़ज़ फाड़ा और सामने खड़ी लड़की को पकड़ा दिया। लड़की ने देखा। चित्र पूरा नहीं बना था। उसकी आँखें, बाल, चेहरे की रूपरेखा बहुत महीन तरीके से स्‍पष्‍ट थी, पर होंठ, नाक, और गर्दन का बहुत हिस्‍सा बाक़ी था उसने कुछ मुँह बनाया। फिर भी काग़ज़ की तह बना के उसने अपने पर्स में रख ली। केल्‍विन ने चिरपरिचित मुस्‍कान दी। उसकी आँखों के गड्‌ढों में झील बन गई थी और उसमें उसकी उम्र गीली होकर हिल रही थी। वो भी हँसा। बालों में पचासों सूत की रस्‍सियों सी चोटियाँ और भूरे बड़े-बड़े होठ हिले। जैकेट के भीतर की देह दहली और दक्षिणी लहजे की अंग्रेजी में बोला-

मैम सॉरी।

गौटा गो।

उसने अपनी पेन्‍सिलें एक बार फिर उछालीं आकाश में उँगलियाँ मचलाने का खेल किया और सी यू बोल के अपनी व्‍हीलचेयर से पहिए घुमाने लगा। अब उसे जल्‍दी से घर पहुँचना था।

भूमिगत रेलवे प्‍लेटफार्म पर वो अकेला नहीं अपनी कला दिखाता था। उससे दो बेंच छोड़ के एक अश्‍वेत लड़की गिटार बजाके गाना गाती थी और कोई आठ-दस बेंच छोड़ के एक गोरा बूढ़ा ड्रम बजाता था। सबके पास गत्‍ते का एक-एक डिब्‍बा रहता था। जो मुसाफिर रेल का इंतज़ार करने के लिए वहाँ रहते थे वो इनके चारों तरफ़ घेरा लगा लेते थे। फिर उनका गाना-बजाना सुनकर एक-एक डॉलर डिब्‍बे में डाले देते। क्‍योंकि वो कुल मिला के अच्‍छा काम दिखाते इसलिए कभी-कभी ज्‍़यादा भी मिल जाता था। आज गोरा बूढ़ा जॉन केल्‍विन के पास आया था। उसकी दाढ़ी बहुत लम्‍बी थी। कान के पास सन जैसे सफ़ेद बाल पर सिर एकदम गुलाबी गंजा। वो भारी गर्म जैकेट, जीन्‍स और स्‍पोटॅ्‌स शू पहने हुए था। सब में काले मैल के र्चिी थे और एक अजीब सी हींक। उसके पास एक सेलफोन था जिसमें संदेश आया था केल्‍विन के लिए। केल्‍विन

उस समय चित्र बना रहा था। उसकी आँखों में सामने खड़ी लड़की की रूपरेखा एक बार देखने पर ही बस गई थी। अब उसे लोगों का मनोरंजन करने के लिए अपनी पेन्‍सिलें उछाल-उछाल कर ऐसा दिखाना था जैसे तो बहुत बड़ा चित्रकार है साथ ही सरकस का बाज़ीगर भी है। जॉन से बात करने के बाद वो वैसे ही निश्‍चिंत मुस्‍कुराया पर उसे काम बंद करना ही पड़ा। वोबिना पैसे लिए चल पड़ा। सीढि़यों के पास आकर उसने एलिवेटर का बटन दबाया। विकलांगों के लिए खास बनी एलिवेटर में वो पिछले 23-24 साल से चढ़ उतर रहा था। दरवाज़ा खुलते ही उसकी मेकेनिकल ह्नीलचेयर चैम्‍बर के अंदर आ जाती और स्‍ट्रीट लेबल का बटन दबा देता। एलिवेटर से बाहर निकलने के बाद वो धीरे-धीरे स्‍टेशन का गलियारा पार करके स्‍ट्रीट लेबल पे आ जाता।

आज बहुत ठंड थी। शिकागो डाउन टाउन में सुबह बर्फ़ पड़ने से फिसलन बहुत हो गई थी। जैसे ही केल्‍विन आगे बढ़ा। एक बर्फीली हवा का झोंका उससे टकराया। उसकी पुरानी जैकेट के भीतर एकाएक ठण्‍ड सुलगी। चेहरा कटकटाया। वो फिर मुस्‍कुराया और बस स्‍टाप पे जाके ठहर गया। उसे अपने घर पहुँचने के लिए दो बस बदलनी पड़ती कुल सत्रह मील का रास्‍ता। डेड घण्‍टे का समय। बस के इंतज़ार के वक्‍़त उसके माथे पर चिन्‍ता के कुछ र्चिी दिखाई दिए। वो उसकी खुशमिजाजी के रक्षाकवच तोड के भीतर चले आए थे। उसने भीतर जेब से एक नकली क्‍यूबन सिगार निकाला और दाँतों के बीच भींच के उसे रख लिया। फिर लाइटर निकाल के उसमें चिंगारी दे दी। जब बस आई तो ड्राइवर ने सीढि़यों के पास का प्‍लेटफार्म ज़मीन के स्‍तर तक समतल कर दिया। केल्‍विन ऊपर चढ़ा फिर ड्राइवर ने सीढि़यों के पास का प्‍लेटफार्म फिर ऊपर कर लिया। केल्‍विन अपनी व्हीलचेयर लेकर सामने की जगह में स्‍थित हो गया और एक खास बेल्‍ट से उसने व्हीलचेयर को बस के एक एंगल से बाँध दिया। सिगार फूँकते-फूँकते उसे नींद आ गई।

जोनाथन आज फिर पकड़ा गया था। उसका पकड़ा जाना कोई नई बात नहीं थी। वो एक बार एक स्‍टोर से घड़ी उठाके भागा था। एक ढाई सौ पौंड का अश्‍वेत गार्ड उस पर बिल्‍ले की तरह झपटा था। गुंथम-गुत्‍था में गार्ड की कमीज चिर गई थी और जोनाथन की ठुड्‌डी फर्श पर टकराकर लहूलुहान हो गई थी। उससे बच भागने की बहुत कोशिश की थी पर दो और गार्डों ने आकर उसको और कसके दबोच लिया था। पुलिस ने उसे 5-6 दिन रखा फिर छोड़ दिया। वो 21 साल का था साढ़े-छः फुट का अश्‍वेत नौजवान। भरी काली देह। लोहे के तवे सा सख्‍़त सपाट चेहरा और लाल आँखें।

आज वो फिर पकड़ा गया था। टेलर स्‍ट्रीट पर एक सुनसान गली में उसने एक आदमी को लूटने की कोशिश की थी। वो नशे में धुत्‍त था। उसने अपने हमउम्र साथी अजाको के साथ घेरा था उसको। वो आदमी पहले तो अकड़कर कहता रहा कि आई डोन्‍ट हैव मनी फिर भयभीत होकर भागने लगा। जोनाथन ने पिस्‍तौल निकाली और उस भागती हुई देह पे गोली दाग दी। आदमी वहीं चिल्‍लाता हुआ ढेर हो गया। नीचे ज़मीन पर उसकी देह फुटपाथ पे जमी बर्फ़ के ढेर से टकराई और धँस गई। अजाको भाग के उसका बटुआ निकाल लाया और दोनों भागने लगे। पुलिस के सायरन की आवाज़ हुई और जोनाथन लड़खड़ाके सड़क पर गिर पड़ा।

केल्‍विन जब अपनी स्‍ट्रीट पहुँचा तो अंधेरा हो चला था। उसका घर स्‍टाप से पास था। वो एक पुराने ढंग की बिल्‍डिंग थी जिसमें शायद बहुत से कमरे थे। ठण्‍ड के बावजूद से लोग बाहर थे। ये अश्‍वेत अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों का इलाका था। प्रशासन इस एरिया को ‘प्रोटैक्‍ट एरिया' कहके बुलाता था। एक प्रोजैक्‍ट के तहत इन ग़रीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले अश्‍वेतों को यहाँ बसाया गया था। केल्‍विन के घर में बारह लोग थे। वो, उसकी बीवी और दस बच्‍चे। 14 से 30 साल तक की उम्र के बच्‍चे। दो कमरों के इस घर में वो ठुँसे-से पड़े पड़े रहते। हीटिंग का इंतजाम बिल्‍डिंग में बहुत गया-बीता था तो दोनों कमरों में बिजली से चलने वाला हीटर हमेशा चलता रहता। गर्मियाँ कट जाती थीं पर सर्दियों में हमेशा कुछ समय के लिए विन्‍टर होम में जाना पड़ता। प्रशासन की गाडि़याँ भर-भर के इनको वहाँ ले जाती थीं। सर्दी में हाइपोथर्मीया से मरने से बचाने का यही तरीका था।

केल्‍विन जब घर में घुसा तब सब कुद सामान्‍य था। छः में से सिर्फ़ तीन लड़के घर में थे। और चार में से दो लड़कियाँ। सब अपनी-अपनी जैकेट पहने कारपेट पर पड़े हुए कुछ न कुछ कर रहे थे। बाथरूम से निकलकर आते ही बीवी थैरिसा केल्‍विन पे ज़ोर से चिल्‍लाई- ‘मदरफकर शोट अ गाय! ही इस इन विद कौप्‍स। दे विल बीट हिम टू डैथ।'

बच्‍चों में से कोई नहीं हिला। थेरिसा के गाउन और उसकी जैकेट में उसकी देह बिलबिलाई और वो वहीं कारपेट पे बैठ गयी। आज बहुत कुछ हुआ था। सुबह बिल कलेक्‍टर से तू-तू मैं-मैं हुई थी वो धमकी दे रहा था कि अगर बिल न दिया तो बिजली काट देंगे। लड़की टैरा को फिर एन्‍जाइना का पेन उठा था और वो काउन्‍टी अस्‍पताल में भरती थी। सबसे बड़े लड़के को जो डाउन टाउन में होम लेस वेटेरन का बोर्ड लगाकर भीख माँगता था आज पुलिस वालों ने पकड़कर नहीं था। इस सबसे ऊपर जोनाथन ने गोली चलाकर उस आदमी को लूटने की कोशिश की। थेरेसा दो एक बार और चिल्‍लाके कारपेट पे लेट गई थी। उसके हाथ पैर काँप रहे थे। पूरी उम्र उसने यही सब झगड़ा-लूटपाट ग़रीबी देखी थी। उसके दुखी होने की भी सीमा थी। उसने लेटे लेटे ही गले में पड़ा क्रॉस पकड़ लिया और शायद सो गई। केल्‍विन धीरे से व्हीलचेयर से उतरा और वहीं पास बैठ गया। उसके चेहरे पर चिरपरिचित मुस्‍कान लौट आई। मन हुआ उँगलियाँ हवा में उछाल के नचा दे और पेन्‍सिल को खींचकर कोई चित्र बना दे। पर वो रुक गया।

महीना भर होने को आया। आज फिर केल्‍विन अपनी जगह उसी भूमिगत रेलवे स्‍टेशन के प्‍लेफार्म पर किसी राहगीर का चित्र बना रहा था। उसके परिवार को विन्‍टर होम में इस साल फिर जाना पड़ा। कड़ाके की ठण्‍ड में रहना नामुमकिन हो गया था। उसके चारों तरफ़ मोटे-मोटे ओवरकोट, टोपियाँ, दस्‍ताने पहने लोग टहल रहे थे। जॉन के ड्रम की रिदम ने दूर-दूर तक फर्श को अनुनादित कर लिया था। और वो अश्‍वेत लड़की जो सुबह से गाके अब थक गई थी चुपचाप अपने पैसे गिन रही थी। केल्‍विन ने मुसाफिर को पैड का काग़ज़ निकाल के दिया और बदले में दो डॉलर लेकर चलने लगा। होम में खाना जल्‍दी बँट जाता था। रात में बीफ स्‍टेक्‌स बँटते थे जो बहुत स्‍वादिष्‍ट होते थे। स्‍टेक्‌स का स्‍वाद उसके मुँह में घुल रहा था। उसे आज भी जाने की जल्‍दी थी हालाँकि जॉन के सेलफोन पर आज घर से कोई संदेश नहीं आया था

 

810, साउथ क्‍लिंटन स्‍ट्रीट

शिकागो-60607 यू․एस․ए․

COMMENTS

BLOGGER
नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: सौमित्र की कहानी - संदेश
सौमित्र की कहानी - संदेश
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgSS9qU5xzbFkJ4rE-r-40yNiXfENAD9rCxRFKT57cV3T_ixEPh_482-bXD7PQaNwqmfQlw03WHEatvd2v3AXoZ5GREFDYZ3NhmFNMJGXN2a0tDYk-XeNuPjAPnQP5fIiWGu_ms/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgSS9qU5xzbFkJ4rE-r-40yNiXfENAD9rCxRFKT57cV3T_ixEPh_482-bXD7PQaNwqmfQlw03WHEatvd2v3AXoZ5GREFDYZ3NhmFNMJGXN2a0tDYk-XeNuPjAPnQP5fIiWGu_ms/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/12/blog-post_14.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/12/blog-post_14.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content