बच्चन पाठक 'सलिल' की ऐतिहासिक कहानी - नियति चक्र

SHARE:

नियति चक्र -डॉ बच्चन पाठक 'सलिल    मगध साम्राज्य के राज वैद्य आचार्य जीवक को उस रात  नींद नहीं आरही थी अपने प्रसाद में ,अपने पर्यंक प...

नियति चक्र

-डॉ बच्चन पाठक 'सलिल 

 

मगध साम्राज्य के राज वैद्य आचार्य जीवक को उस रात  नींद नहीं आरही थी अपने प्रसाद में ,अपने पर्यंक पर लेटे लेटे वे विचारों में मग्न थे .उन्हें आश्चर्य हो रहा था कि नियमित दिनचर्या वाले होने पर भी उन्हें रात के तृतीय प्रहार में अनिद्रा का भार क्यों वहन करना पड़  रहा है . 

आचार्य जीवक ख्याति प्राप्त वैद्य थे ,सम्राट बिम्बसार ने उन्हें राज वैद्य नियुक्त किया था .सुंदर ,भवन दास दासियाँ ,गएँ और आने जाने के लिए सुंदर रथ -सब कुछ उन्हें उपलब्ध था .वे सप्ताह में एक दिन जाकर राजघराने के सदस्यों के स्वास्थ्य की जाँच कर आते थे ,इसके बाद उन्हें कोई राजकीय दायित्व नहीं था .पर वे प्रतिदिन प्रातः चार पांच घंटे अपने आम्रकुंज स्थित भवन में बैठ कर जन  साधारण की चिकित्सा करते थे कभी कभी कनिष्ठ वैद्य आकर उनका निदान देखते और आवश्यक परामर्श लेते ...

आचार्य जीवक की ख्याति सम्पूर्ण आर्यावर्त में व्याप्त थी ,उन्होंने बिम्बसार की अनुमति से भगवान बुद्ध और अवन्ती नरेश चन्द्र्प्र्द्योत की चिकित्सा की थी .इससे बिम्बसार अत्यंत प्रसन्न रहते थे .आचार्य जीवक कभी किसी से कोई शुल्क नहीं लेते थे ... राजगृह ,वाराणसी ,एवं वैशाली के कई कोटि पति उनकी चिकित्सा से स्वस्थ हो चुके थे ..वे जीवक को सहस्रों स्वर्ण मुद्राएँ दान स्वरूप देना चाहते थे किन्तु जीवक विनम्रता पूर्वक उन्हें अस्वीकार कर देते थे ,वे कहते --''मै अकेला हूँ ,सम्राट ने आवश्यकता की सभी सामग्रियां दे राखी हैं .प्रतिवर्ष एक चीनांशुक उत्तरीय और एक सहस्र स्वर्ण मुद्राएँ भी देते हैं,मै और लेकर क्या करूँगा ?..आप इस राशी से किसी अनाथ या विपत्ति ग्रस्त की सेवा कर दें और इसका प्रचार भी नहीं करें ,मुझे संतोष होगा ,कि मेरी सेवा का पुरस्कार मिल गया है ''

उस दिन आचार्य जीवक करवटें बदलते हुए सोच रहे थे --''मै आयुर्वेद का विद्यार्थी हूँ ,दर्शन का मैंने विधिवत अध्ययन नहीं किया ,इस लिए जीवन क्या है इसकी कोई परिभाषा नहीं दे सकता --पर मेरा अपना जीवन ही इस तर्क का साक्षी है कि मानव जीवन सरल रेखा में गमन नहीं करता ..अपनी प्रतिभा और पुरुषार्थ का जहाँ महत्व है वहां नियति के परिहास से भी अस्वीकृति नहीं प्रकट की जा सकती ''

उस शाम भोजन के बाद सेवक रजत पात्र में गो-दुग्ध दे गया था ,जीवक ने परिहास के लिए पूछा --''चन्दन तुम्हारी घरवाली का कुछ पता चला ?''

चन्दन ने दार्शनिक मुद्रा में कहा --''स्त्री का चरित्र ब्रह्मा भगवन भी नहीं जानते ,मेरी घरवाली पश्चिम से आये श्रेष्ठिन के साथ भाग गई ,मुझे इसका पता तब चला जब वे मगध की सीमा पार कर गए थे ...उसके जाने का मुझे दुःख नहीं है ...वह पांच साल की एक पुत्री छोड़ गई है -अब उसका पालन पोषण कैसे होगा ?मुझे यही चिंता है ''..

जीवक ने कुछ सोच कर कहा --''एक दासी रख लो -वह लालन पालन करेगी ,सारा व्यय मेरी ओर से वहन होगा ;''

चंदन संतुष्ट मुद्रा में चला गया था .आचार्य जीवक सोच रहे थे की चंदन ने श्लोक का एक भाग ही सुना है --त्रिया चरित्रम पुरुषस्य भाग्यम -देवो न जानती कुतो मनुष्यः ''और वे अपने जीवन पर दृष्टिपात करने लगे .उनके अज्ञात माता पिता ने उनके जन्म के बाद तत्काल उन्हें घूरे पर फेंक दिया था .श्वेतकेतु नामक एक सहृदय ब्राह्मण ने उनका पालन किया था ...पलक पिता श्वेतकेतु एवं माँ पंचमी देवी के असीम स्नेह से ही वे बड़े हुए ...पिता ने उन्हें सुशिक्षित करने का पूर्ण प्रयत्न किया -यज्ञोपवीत कराया -घर पर ही शिक्षा दी -,वे उन्हें कर्मकांड या ज्योतिष पढ़ना चाहते थे पर उनकी रूचि आयुर्वेद की ओर थी ,पिता सहृदय थे ,उन्होंने अन्यथा नहीं लिया ,और मगध के एक प्रसिद्द वैद्य के पास जीवक को रखा .वैद्य जी लालची थे ,वे रोगियों को अधिक दिनों तक लटकाए रखते ,और    धन संग्रह करते ..एक बार वैद्य जी  काशी गए ,जीवक को प्रभार दे गए ,जीवक ने अल्पकाल में  काफी ज्ञान  कर लिया  उन्होंने ऐसी ओषधियाँ दीं -निदान के बाद ठीक पथ्य बतलाया कि साल साल भर  से आने    रोगी एक महीने  में ठीक हो गए .

वैद्य जी  लौटे और जीवक पर  नाराज हुए बोले ,--  तुमने मेरा व्यापर चौपट कर ,दिया हजारों स्वर्णमुद्राओं की हानि कर दी ,मेरे घर से निकल जाओ ''...भग्न ह्रदय जीवक  वापस लौटे .

पिता श्वेतकेतु भी नहीं रहे ,जीवक पुनः एकाकी रह गये .एक दिन वह राजगृह के वन मी अकेले बैठे थे ,आत्महत्या करने की इच्छा हो रही थी ,अचानक एक ओर से कोलाहल सुनाई  पड़ा ,सेनापति का एकलौता पुत्र मित्रों के साथ मृगया के लिए आया था ,यहाँ उसे सांप ने काट किया ...उसकी हालत अत्यंत चिंतनीय थी .घोड़े पर लेजाकर राजगृह जाना सम्भव नहीं था .जीवक ने उन लोगों से धैर्य  धारण करने के लिए कहा ,कटार से घाव चीर कर विषाक्त रक्त बहा दिया और एक जड़ी का लेप लगा दिया -----उस युवक की चेतना वापस आने लगी ,उसने पानी माँगा ---जीवक ने मना कर दिया और कुछ पत्तियों का रस उसकी जीभ पर टपका दिया ---एक घटिका में युवक स्वस्थ हो गया और अश्वारोहण कर वापस आ गया .

दुसरे दिन जीवक के दरवाजे पर स्वयम सेनापति उपस्थित थे ,बोले --''ब्राह्मण  !..तुमने पुत्र की जान बचा कर मुझे जीवन दान दिया है।।।बोलो क्या चाहिए ?''

जीवक ने विनम्र स्वर में कहा --''मुझे कुछ नहीं चाहिए ,एक अनाथ को इतना सम्मान दिया ,मेरे लिए यही बहुत है ''

सेनापति ने इस घटना की चर्चा महाराज बिम्बसार से की -जीवक को दरबार में बुलाया गया ,महाराज ने --पूछा ''तुम  ओषधालय में काम करोगे ?तुम्हे प्रतिदिन एक स्वर्ण मुद्रा दी जाएगी ''

जीवक ने हाथ जोड़ कर कहा --''महाराज की जय हो ,मै आयुर्वेद का विधिवत अध्ययन करना चाहता हूँ ,मेरी इच्छा है कि तक्षशिला जाऊं और आयुर्वेद का अध्ययन करूँ ,पुनः वापस  आकर मगध की सेवा करूँ ''....महाराज प्रसन्न हो गए --इस युवक के तक्षशिला जाने का प्रबंध किया जाये ,...तक्षशिला में सबका प्रवेश नहीं होता ,उस विश्वविद्यालय में द्वारपडित  परीक्षा लेते हैं ..मगध के कई वैद्य निराश हो चुके हैं ''

जीवक ने कहा --''महाराज निश्चिन्त रहें ..मै मगध हूँ ,मगध और राज्य की प्रतिष्ठा बढाकर वापस  आऊंगा ''

तक्षशिला में जीवक का प्रवेश हुआ ,उन्होंने परिश्रम और योग्यता से पढाई की ,विश्वविद्यालय की एक घास अनुपयोगी समझ कर ,काट कर फेंक दी जाती थी ,अनुसन्धान द्वारा जीवक ने बताया कि वह चरम रोग दूर करने की ओषधि है --परीक्षणों के बाद उनका शोध सही पाया गया ,उन्जे आयुर्वेद महारथी ''की उपाधि मिली .

आचार्य जीवक वापस आये -राजवैद्य नियुक्त किये गए ,उनकी ख्याति देश -विदेश में फ़ैल रही थी .कई ब्राह्मण अपनी कन्याओं के प्रस्ताव लेकर आये पर जीवक न तो अपने अनुकूल पत्नी पा सके और न कभी विवाह की उत्सुकता ही उनमे जगी -संघर्षों ने ऊनकी रागात्मक वृत्ति को मानो सुख दिया था .

मगध की शाल्व्सी की उन्होंने चिकित्सा की थी ,शाल्व्सी उनके सौम्य व्यक्तित्व से आकर्षित हुई ,उसने निवेदन किया --''मै  आपसे विवाह करना चाहती हूँ ,मेरे पास कोटि स्वर्ण मुद्राएँ हैं ,मै सब आपको समर्पित कर दूंगी .मै कला प्रदर्शन भी छोड़ दूंगी ,;;

संकोची जीवक ने कहा था --'',देवी कला ईश्वरीय दें है ,इससे आप लोक रंजन करें ,मै वैद्य हूँ ..मुझे सेवा करने दें ,स्वर्ण और सूरा में मेरी कोई आसक्ति नहीं है ''

बाद में मालूम हुआ कि मगध के एक सेनापति की दृष्टि शालवसी पर थी ,उससे घनिष्ठता के कारण सेनापति ने एक सामंत की हत्या करवा दी थी .महाराज बिम्बसार की अनुमति से जीवक अवन्ती गये एवं महाराज चंद्रप्रद्योत को स्वस्थ किया .राजकुमारी वासवदत्ता भी उनके सम्पर्क में आई ..राजकुमारी ने प्रकारांतर से अपना प्रणय निवेदन किया -राजकुमारी के रूप और गुण पर जीवक प्रभावित थे पर उन्हें तक्षशिला के आचार्य का कथन याद आया ---'वैद्य को संयमी होना चाहिए ,उसे राजनीति और राजपुरुषों से मोह नहीं रखना चाहिए यही उसके और प्रजा के हित में होता है ''बादमे वासवदत्ता का विवाह कोशाम्बी के रजा सम्राट उदयन से हुआ .

जीवक सोच रहे थे --मेरा जीवन क्या है ?..घटनाओं की श्रृंखला है ,बचपन में ही कूड़े के ढेर पर मर गया होता या राजगृह के वन में आत्महत्या कर ली होती ..सुन्दरियों के प्रणय जाल में राजकोप का भागी हो सकता था ...पर अभी तक परमात्मा ने मुझे जीवित रखा है --शायद वह मुझे लोकसेवा के लिए ही जीवित रखना चाहता है .

उनका सिर भरी हो रहा था ,जीवक उठे ,शीतल -जल पान किया ...और आंवला उठाकर कूटने लगे ....!

COMMENTS

BLOGGER: 4
  1. अति सुंदर रचना। आदरणीय सलिल जी को बधाई। बहुत अच्छे कैनवस पर बडी कुशलता से बुनी हुई रचना के माध्यम से चिकित्सकीय पेशे से जुडे व्यक्तियों के लिए एक आदर्श रचनाहै। अति आनंदित हुआ।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. इतिहास की ये कहानी बहुत ही रोचक लगी ऐसा मन जाता है कि जीवक बिम्बिसार के ही पुत्र थे जो दासी से पैदा हुए थे

    जवाब देंहटाएं
  3. कहानी भले ही काफ़ी पुरानी है, पर वह अपना प्रभाव मन-मस्तिस्क पर छोडने में समर्थ है. सवाल यह नहीं है कि वह काफ़ी पुरानी है,बल्कि आज के परिवेश को देखते हुए ऎसी कहानियां आनी चाहिए ताकि वह इस भटक चुकी पीढी का मार्गदर्शन कर सके.

    जवाब देंहटाएं
  4. बेनामी10:23 am

    Etni sunder etehasik ktha ki prastuti ke lie saliljee ko dhnyabad.

    ek Aaditya poor ka purana nivashi mai bhi hun.

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: बच्चन पाठक 'सलिल' की ऐतिहासिक कहानी - नियति चक्र
बच्चन पाठक 'सलिल' की ऐतिहासिक कहानी - नियति चक्र
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhtb4frXgZFoMpqkTzjcoOGtX3gUgT7XY1P-jxB8EdV4PlenoWNGcA0BwehAA0LUm8EXsf3oKeBr3mXUk7jusnrtY_U53DGXy4PjyP3t6i_8yQcBQtk1S9wwQIH1_y_R_g4q3k7/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhtb4frXgZFoMpqkTzjcoOGtX3gUgT7XY1P-jxB8EdV4PlenoWNGcA0BwehAA0LUm8EXsf3oKeBr3mXUk7jusnrtY_U53DGXy4PjyP3t6i_8yQcBQtk1S9wwQIH1_y_R_g4q3k7/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_9005.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_9005.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content