सप्ताह की कविताएँ

SHARE:

नितेश जैन की कविता कैसे भुलाऊँ मैं वो पल... जब एक आस लिये मैं उसके शहर जा रहा था अपना काम काज छोड़ बस उसके ही नगमे गा रहा था जब कोई स्‍टेश...

नितेश जैन की कविता

clip_image002

कैसे भुलाऊँ मैं वो पल...
जब एक आस लिये मैं उसके शहर जा रहा था
अपना काम काज छोड़ बस उसके ही नगमे गा रहा था
जब कोई स्‍टेशन आता तो मैं खिड़की से बाहर देखता
शायद वो कहीं दिख जाए, बस यहीं ख्‍याब मेरे मन में रहता
रात भर जागने के बाद सुबह, जब मेरी मंजिल नज़दीक आई
अपना कीमती समय निकाल वो परी मुझसे मिलने आई

कैसे भुलाऊँ मैं वो पल...
जब सुबह होते ही अपनी मीठी बोली से उसने मुझे जगाया
अपनी लहराती जुल्‍फों को बिखेर, सूरज की किरणों से मुझे बचाया
जब मुझे भूख सताती तो वो अपने हाथों से खाना परोसती
कभी खुद खिलाती तो कभी मरे हाथों से खाया करती
जब कभी मैं उदास होता तो उसने मुझे हंसना सिखाया
अपनी गोदी में सुलाकर मेरे बालों को सहलाया

कैसे भुलाऊँ मैं वो पल...   
जब कभी शाम होती तो वो मुझे अपना शहर दिखाती
कभी किसी मोड़ पे तो कभी किसी अनजान जगह ले जाती
कभी चाट खाने को कहती तो कभी आइसक्रीम खिलाती
उसकी इन बदमाशियों से बस उसी के लिये जीनों को मन करता
जब सूरज ढलने को होता तो वो मुझे वापस घर ले जाने को कहती
अपना सिर मेरे कंधों पर रखना चाहती लेकिन ना जाने वो क्‍यों डरती

कैसे भुलाऊँ मैं वो पल...
जब रात होती तो वो मुझे छुप-छुप के इशारे किया करती
कभी पास आती तो कभी दूर से ही इशारे किया करती
कभी इडली तो कभी मूली के पराठे बनाया करती
खुद भूखी रहती लेकिन पहले मुझे खिलाती
जब मुझे नींद आती तो वो एक प्‍यारी सी मुस्‍कान दिया करती
अपनी मुस्‍कुराहट से वो मुझे सोने का इशारा किया करती
 
कैसे भुलाऊँ मैं वो पल...
जब चारों ओर अन्‍धेरा होता, तो पलके हमारी भी नम हो जाती
कभी मैं उसे महसूस करता तो कभी वो मुझे याद करती
सच जानो तो दोनों एक दूसरे के बारे में ही सोचा करते
कभी मेरी धड़कने उसकी धड़कनों को महसूस करती
तो कभी मेरी साँसे उसकी आहट बना करती
ऐसे ही एक दूसरे में खोते हुये हमारी रात गुजरा करती

कैसे भुलाऊँ मैं वो पल...
जब वो मुझे वापस स्‍टेशन छोड़ने आई
मुझे मेरी जीने की वजह दूर जाती नजर आई
मेरे हाथों में था उसका कोमल हाथ
लेकिन एक खलिश सी थी मेरे साथ
एक तरफ मुस्‍कुराहट तो दूसरी तरफ आंखों में पानी भी था
कुछ ऐसा मेरी जिन्‍दगी का वो हसीन सफर था
कैसे भुलाऊँ मैं वो पल...

लेखक - नितेश जैन
 
  ---

रचना सिन्हा की कविता - बचपन

 

बचपन है प्‍यारा न्‍यारा

खेल कूद कर दिन गुजारा

फिर आई यौवन कि घड़ियाँ

मस्‍ती में बीता सब बढ़िया

रात दिन एक सा ख्‍वाब देखती

आधी जागी आधी सोयी

कभी आइने के सामने बैठती

कभी शरमा कर अपना मुंह ढंक लेती

एक दिन आया उसके सपनों का राजकुमार

उसके सपनों को पूरा करने

पर जब हकीकत सामने आई

बहुत देर हो चुकी थी

जिसे वो समझ रही थी अपना खुदा

उसे पा कर मिली उसे सबसे बड़ी सजा

बन के रह गई वो कठपुतली

किस्‍मत की मारी बेचारी

पर एक दिन आई हिम्‍मत उसके हाथ

बता दी फिर उसने अपनी औकात

जब भी समझा लोगों ने नारी को लाचार

किया उस पर हर बार वार

नहीं डरी वो खूब लड़ी वो

जीत हुई उसकी हर बार

उसके साहस का लोहा माना सब संसार

आज उसका मुस्‍कान देख कर सब जग मुस्‍काता है

लेकिन आज भी उसे अपना वो बचपन याद आता है

--

रचना सिन्‍हा

गिरिडीह, झारखण्‍ड

संपर्क %& rachanasinha6@gmail.com

 

---.

अमित सिंह की कविता - तितली और संगीत

clip_image002[7]

तितली और संगीत

शिमला की एक सुबह

अजीब दास्तां है यह

कहाँ शुरु, कहाँ खत्म,

माउथाआर्गन की स्वर लहरी में

मैं तल्लीन था,

तभी,एक सुन्दर

लाल, भूरे और पीले रंग की

चौडी पंखों वाली अकल्पनीय

रंगीन तितली,

मेरे संगीत नोटस पर

आकर चुपचाप बैठ गई

मानो वह भी मेरे संगीत का

लुत्फ उठा रही हो,

यकायक,

मैं बचपन की

यादों की गलियों में

खो गया,

तितलियों के लिये

मेरा दूर तक भागना,

परेशान होना,

उसका पीछा करना,

और अंततः

खाली हाथ लौटना;

आज अचानक,

क्या हो गया?

इतनी सुन्दर तितली

और बिना प्रयास,

संगीत,सौन्दर्यॅ

आनन्द और शांति का

यह एक अकल्पनीय समागम था,.

यह पल;

मै़ तितली को पकडना चाह्ता था

जैसे ही यह विचार मेरे मन में आया

संगीत को मैंने विराम दिया

उसी क्षण तितली उड़ गई

मैं अवाक रह गया......

तितली का उड़ जाना,

वैसा ही अप्रत्याशित था

जैसे तितली का आना,

मैं दुखी था

परंतु सुख भी,

तो ऐसा ही होता है,

सहज आता है

जब हम शून्य में जीते हैं

या पूर्ण में,

जैसे ही हम

इसे पकड़ने की कोशिश करते हैं.,

यह उड़ जाती है

तितली की तरह.

और हम

अफसोस करते रह जाते हैं

--

AMIT KUMAR SINGH
ASSISTANT PROFESSOR
R.S.M. (P.G.)  COLLEGE
DHAMPUR (BIJNOR)-246761
U.P.

----

 

उमेश मौर्य की कविता - फारमेलिटी

फारमेलिटी

कुछ लोग फारमेलिटी कुछ ज्‍यादा ही निभाते हैं

मिलो तो तपाक से हाथ मिलाते है

हाल चाल पूछते हैं, खिल के मुस्‍कराते हैं

लेकिन जब वक्‍त आता है, तो बड़ी सफाई से निकल जाते हैं,

कुछ लोग फारमेलिटी कुछ...........................

माँ बाप के बारे मे खूब चिन्‍ता दिखाते हैं,

पास बैठते हैं, हमेशा पैर छू कर जाते हैं,

पर जब होते है वो बीमार,

तो ये अपने कामों मे बिजी हो जाते है

कुछ लोग फारमेलिटी कुछ...........................

धर्म की बातें भी ये खूब सुनाते हैं,

दया भाव की बातें भी मार्मिकता से सुनाते हैं,

पर जब होता है, किसी बेसहारे को उठाना,

तो कहते है, बस थोड़ा रुको, हम अभी आते हैं,

कुछ लोग फारमेलिटी कुछ...........................

वे लोग जो व्‍यस्‍त रहते हैं लोगों की सेवा में,

दबे होते हैं कामों के बोझ तले हाथ,

न खुलकर वो कभी हाथ उठा पाते हैं,

न ही मुस्‍करा पाते है,

वो महलों की नीव मे दबे ही रह जाते है॥

कुछ लोग फारमेलिटी कुछ...........................

-उमेश मौर्य

---------------

 

मिलन चौरसिया की ग़ज़ल -

मैं भी किताब लिखूंगा . 

अपनी जिंदगी में एक मैं भी किताब लिखूंगा .
जो बचपन से पाल रखे हैं , वो सारे ख्वाब लिखूंगा .

बहुत बेचैन है दिल आज कुछ लिखने को,
सोच रखा है आज़ादी की मुक़म्मल किताब लिखूंगा .

बहुत लंबी होगी किताब में लिस्ट शहीदों की ,
फ़क़त एक दो नहीं ,सैकडो भगत,शेखर,सुबास लिखूंगा .

ना छूटेगा मेरी कलम से एक भी गांधी,
मैं सभी गांधियों क़ा वो पूरा सैलाब लिखूंगा .

जो हंसते हंसते झूल गये फांसी के फ़ंदों पर,
उन शहीदों का भी मैं सारा हिसाब लिखूंगा . 

कुछ ऐसे सवाल तब के जो लाज़वाब थे, 
आज़ मैं उन सबका भी ज़वाब लिखूंगा .

जितने भी दरिंदे थे मेरी आज़ादी के खिलाफ़,
उन सबकी दरिंदगी का सारा अज़ाब लिखूंगा .

अब जब कि लिखूंगा मैं , दास्तान-ए-आज़ादी,
बहुत कम हरफ़ों में मग़र बेहिसाब लिखूंगा .

जब हो जायेगी मुक़म्मल यह किताब अपनी,
अपने लहू से आख़िर में 'मिलन' इंकलाब लिखूंगा .

- मिलन चौरसिया 'मिलन'  माँदी सिपाह,मऊ.

--

 

मनोज 'आजिज़' की ग़ज़ल

रातों की नींद कोई उड़ाता गया 

सितारों से बात मैं करता गया 

 

खुद को आईने के पास खड़ा किया 

दरिया-ए-दिल फिर बहता गया 

 

आँखें तो कई दफ़ा पिघलीं मगर 

हर बार खुद ही सम्हलता गया 

 

सफ़र-ए-हयात में आए कई नदीम 

कोई भाया कोई जी चुराता गया 

 

आग अपने दिए ग़ैरों ने हवा 

चराग़े जश्न यूँ जलता-बुझता गया 

 

आदित्यपुर २ 

जमशेदपुर-१४ 

झारखण्ड 

09973680146

----------------

 

गिरिराज भंडारी की ग़ज़ल

हंगामों से ही बहलने लगा है

****************

समा फिर से देखो बदलने लगा है

समन्दर का पानी उछ्लने लगा है

हर इक दिल डरा है,हर इक मन में शंका

हर इक रूह से कुछ पिघलने लगा है

ज़बां पे है गाली, दिमागों में ग़ुस्सा

हर कोई अब, हथेली मसलने लगा है

इंसान भारत का पहले कहां था

गिर के कहां तक फिसलने लगा है

निज़ामों से इस बार भी कुछ न होगा

यही सोच के दिल दहलने लगा है

मगर क्या करें, आज लोगों का मन फिर

हंगामों से ही बहलने लगा है

गिरिराज भंडारी

COMMENTS

BLOGGER: 7
  1. गिरिराज भंडारी, मनोज 'आजिज़',मिलन चौरसिया, अमित सिंह, रचना सिन्हा, नितेश जैन सभी की रचनाए बहुत सुंदर लगी|
    *गिरिराज जी की रचना में जो धाराप्रवाह,और भाव प्रवाह बंधा उससे आनंद आ गया|
    * तितली के भी अच्छे रंग नजर आये|
    * नितेश जी का ट्रेन का सफ़र बढ़िया लगा |
    * रचना जी की बचपन की कविता में सार्थकता लगी |
    * मनोज जी की गजल सुन्दर है |
    सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बेनामी7:35 pm

      बहुत बहुत धन्यवाद उमेश जी

      हटाएं
    2. बहुत बहुत धन्यवाद उमेश जी और बाक़ी रचनाये भी अच्छी लगीं ! सब रचनाकारों को बधाई !

      हटाएं
  2. उमेश भाई, सुशमा जी , आपका धन्यवाद,
    उमेश भाई,आपकी कविता, फारमेलिटी " सच मे आज का सच है , जैसे कि आइना दिखा दिया हो , मनोज भाई आपकी गज़ल बहुत अच्छी लगी , नीतेश जी के साथ सफर अच्छा रहा, तितली सही मे बचपने मे ले गई ! और बाक़ी रचनाये भी अच्छी लगीं ! सब रचनाकारों को बधाई !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बेनामी7:37 pm

      बहुत बहुत धन्यवाद भंडारी जी .और बाक़ी रचनाये भी अच्छी लगीं ! सब रचनाकारों को बधाई !

      हटाएं
  3. उमेश जी और भंडारी जी धन्यवाद मेरी कविता को सराहने के लिए... और आप सभी को बहुत बहुत बधाई .....

    जवाब देंहटाएं
रचनाओं पर आपकी बेबाक समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

स्पैम टिप्पणियों (वायरस डाउनलोडर युक्त कड़ियों वाले) की रोकथाम हेतु टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहाँ प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

 आलेख ,1, कविता ,1, कहानी ,1, व्यंग्य ,1,14 सितम्बर,7,14 september,6,15 अगस्त,4,2 अक्टूबर अक्तूबर,1,अंजनी श्रीवास्तव,1,अंजली काजल,1,अंजली देशपांडे,1,अंबिकादत्त व्यास,1,अखिलेश कुमार भारती,1,अखिलेश सोनी,1,अग्रसेन,1,अजय अरूण,1,अजय वर्मा,1,अजित वडनेरकर,1,अजीत प्रियदर्शी,1,अजीत भारती,1,अनंत वडघणे,1,अनन्त आलोक,1,अनमोल विचार,1,अनामिका,3,अनामी शरण बबल,1,अनिमेष कुमार गुप्ता,1,अनिल कुमार पारा,1,अनिल जनविजय,1,अनुज कुमार आचार्य,5,अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ,1,अनुज खरे,1,अनुपम मिश्र,1,अनूप शुक्ल,14,अपर्णा शर्मा,6,अभिमन्यु,1,अभिषेक ओझा,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक मिश्र,1,अमरपाल सिंह आयुष्कर,2,अमरलाल हिंगोराणी,1,अमित शर्मा,3,अमित शुक्ल,1,अमिय बिन्दु,1,अमृता प्रीतम,1,अरविन्द कुमार खेड़े,5,अरूण देव,1,अरूण माहेश्वरी,1,अर्चना चतुर्वेदी,1,अर्चना वर्मा,2,अर्जुन सिंह नेगी,1,अविनाश त्रिपाठी,1,अशोक गौतम,3,अशोक जैन पोरवाल,14,अशोक शुक्ल,1,अश्विनी कुमार आलोक,1,आई बी अरोड़ा,1,आकांक्षा यादव,1,आचार्य बलवन्त,1,आचार्य शिवपूजन सहाय,1,आजादी,3,आत्मकथा,1,आदित्य प्रचंडिया,1,आनंद टहलरामाणी,1,आनन्द किरण,3,आर. के. नारायण,1,आरकॉम,1,आरती,1,आरिफा एविस,5,आलेख,4288,आलोक कुमार,3,आलोक कुमार सातपुते,1,आवश्यक सूचना!,1,आशीष कुमार त्रिवेदी,5,आशीष श्रीवास्तव,1,आशुतोष,1,आशुतोष शुक्ल,1,इंदु संचेतना,1,इन्दिरा वासवाणी,1,इन्द्रमणि उपाध्याय,1,इन्द्रेश कुमार,1,इलाहाबाद,2,ई-बुक,374,ईबुक,231,ईश्वरचन्द्र,1,उपन्यास,269,उपासना,1,उपासना बेहार,5,उमाशंकर सिंह परमार,1,उमेश चन्द्र सिरसवारी,2,उमेशचन्द्र सिरसवारी,1,उषा छाबड़ा,1,उषा रानी,1,ऋतुराज सिंह कौल,1,ऋषभचरण जैन,1,एम. एम. चन्द्रा,17,एस. एम. चन्द्रा,2,कथासरित्सागर,1,कर्ण,1,कला जगत,113,कलावंती सिंह,1,कल्पना कुलश्रेष्ठ,11,कवि,2,कविता,3239,कहानी,2360,कहानी संग्रह,247,काजल कुमार,7,कान्हा,1,कामिनी कामायनी,5,कार्टून,7,काशीनाथ सिंह,2,किताबी कोना,7,किरन सिंह,1,किशोरी लाल गोस्वामी,1,कुंवर प्रेमिल,1,कुबेर,7,कुमार करन मस्ताना,1,कुसुमलता सिंह,1,कृश्न चन्दर,6,कृष्ण,3,कृष्ण कुमार यादव,1,कृष्ण खटवाणी,1,कृष्ण जन्माष्टमी,5,के. पी. सक्सेना,1,केदारनाथ सिंह,1,कैलाश मंडलोई,3,कैलाश वानखेड़े,1,कैशलेस,1,कैस जौनपुरी,3,क़ैस जौनपुरी,1,कौशल किशोर श्रीवास्तव,1,खिमन मूलाणी,1,गंगा प्रसाद श्रीवास्तव,1,गंगाप्रसाद शर्मा गुणशेखर,1,ग़ज़लें,550,गजानंद प्रसाद देवांगन,2,गजेन्द्र नामदेव,1,गणि राजेन्द्र विजय,1,गणेश चतुर्थी,1,गणेश सिंह,4,गांधी जयंती,1,गिरधारी राम,4,गीत,3,गीता दुबे,1,गीता सिंह,1,गुंजन शर्मा,1,गुडविन मसीह,2,गुनो सामताणी,1,गुरदयाल सिंह,1,गोरख प्रभाकर काकडे,1,गोवर्धन यादव,1,गोविन्द वल्लभ पंत,1,गोविन्द सेन,5,चंद्रकला त्रिपाठी,1,चंद्रलेखा,1,चतुष्पदी,1,चन्द्रकिशोर जायसवाल,1,चन्द्रकुमार जैन,6,चाँद पत्रिका,1,चिकित्सा शिविर,1,चुटकुला,71,ज़कीया ज़ुबैरी,1,जगदीप सिंह दाँगी,1,जयचन्द प्रजापति कक्कूजी,2,जयश्री जाजू,4,जयश्री राय,1,जया जादवानी,1,जवाहरलाल कौल,1,जसबीर चावला,1,जावेद अनीस,8,जीवंत प्रसारण,141,जीवनी,1,जीशान हैदर जैदी,1,जुगलबंदी,5,जुनैद अंसारी,1,जैक लंडन,1,ज्ञान चतुर्वेदी,2,ज्योति अग्रवाल,1,टेकचंद,1,ठाकुर प्रसाद सिंह,1,तकनीक,32,तक्षक,1,तनूजा चौधरी,1,तरुण भटनागर,1,तरूण कु सोनी तन्वीर,1,ताराशंकर बंद्योपाध्याय,1,तीर्थ चांदवाणी,1,तुलसीराम,1,तेजेन्द्र शर्मा,2,तेवर,1,तेवरी,8,त्रिलोचन,8,दामोदर दत्त दीक्षित,1,दिनेश बैस,6,दिलबाग सिंह विर्क,1,दिलीप भाटिया,1,दिविक रमेश,1,दीपक आचार्य,48,दुर्गाष्टमी,1,देवी नागरानी,20,देवेन्द्र कुमार मिश्रा,2,देवेन्द्र पाठक महरूम,1,दोहे,1,धर्मेन्द्र निर्मल,2,धर्मेन्द्र राजमंगल,1,नइमत गुलची,1,नजीर नज़ीर अकबराबादी,1,नन्दलाल भारती,2,नरेंद्र शुक्ल,2,नरेन्द्र कुमार आर्य,1,नरेन्द्र कोहली,2,नरेन्‍द्रकुमार मेहता,9,नलिनी मिश्र,1,नवदुर्गा,1,नवरात्रि,1,नागार्जुन,1,नाटक,152,नामवर सिंह,1,निबंध,3,नियम,1,निर्मल गुप्ता,2,नीतू सुदीप्ति ‘नित्या’,1,नीरज खरे,1,नीलम महेंद्र,1,नीला प्रसाद,1,पंकज प्रखर,4,पंकज मित्र,2,पंकज शुक्ला,1,पंकज सुबीर,3,परसाई,1,परसाईं,1,परिहास,4,पल्लव,1,पल्लवी त्रिवेदी,2,पवन तिवारी,2,पाक कला,23,पाठकीय,62,पालगुम्मि पद्मराजू,1,पुनर्वसु जोशी,9,पूजा उपाध्याय,2,पोपटी हीरानंदाणी,1,पौराणिक,1,प्रज्ञा,1,प्रताप सहगल,1,प्रतिभा,1,प्रतिभा सक्सेना,1,प्रदीप कुमार,1,प्रदीप कुमार दाश दीपक,1,प्रदीप कुमार साह,11,प्रदोष मिश्र,1,प्रभात दुबे,1,प्रभु चौधरी,2,प्रमिला भारती,1,प्रमोद कुमार तिवारी,1,प्रमोद भार्गव,2,प्रमोद यादव,14,प्रवीण कुमार झा,1,प्रांजल धर,1,प्राची,367,प्रियंवद,2,प्रियदर्शन,1,प्रेम कहानी,1,प्रेम दिवस,2,प्रेम मंगल,1,फिक्र तौंसवी,1,फ्लेनरी ऑक्नर,1,बंग महिला,1,बंसी खूबचंदाणी,1,बकर पुराण,1,बजरंग बिहारी तिवारी,1,बरसाने लाल चतुर्वेदी,1,बलबीर दत्त,1,बलराज सिंह सिद्धू,1,बलूची,1,बसंत त्रिपाठी,2,बातचीत,2,बाल उपन्यास,6,बाल कथा,356,बाल कलम,26,बाल दिवस,4,बालकथा,80,बालकृष्ण भट्ट,1,बालगीत,20,बृज मोहन,2,बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष,1,बेढब बनारसी,1,बैचलर्स किचन,1,बॉब डिलेन,1,भरत त्रिवेदी,1,भागवत रावत,1,भारत कालरा,1,भारत भूषण अग्रवाल,1,भारत यायावर,2,भावना राय,1,भावना शुक्ल,5,भीष्म साहनी,1,भूतनाथ,1,भूपेन्द्र कुमार दवे,1,मंजरी शुक्ला,2,मंजीत ठाकुर,1,मंजूर एहतेशाम,1,मंतव्य,1,मथुरा प्रसाद नवीन,1,मदन सोनी,1,मधु त्रिवेदी,2,मधु संधु,1,मधुर नज्मी,1,मधुरा प्रसाद नवीन,1,मधुरिमा प्रसाद,1,मधुरेश,1,मनीष कुमार सिंह,4,मनोज कुमार,6,मनोज कुमार झा,5,मनोज कुमार पांडेय,1,मनोज कुमार श्रीवास्तव,2,मनोज दास,1,ममता सिंह,2,मयंक चतुर्वेदी,1,महापर्व छठ,1,महाभारत,2,महावीर प्रसाद द्विवेदी,1,महाशिवरात्रि,1,महेंद्र भटनागर,3,महेन्द्र देवांगन माटी,1,महेश कटारे,1,महेश कुमार गोंड हीवेट,2,महेश सिंह,2,महेश हीवेट,1,मानसून,1,मार्कण्डेय,1,मिलन चौरसिया मिलन,1,मिलान कुन्देरा,1,मिशेल फूको,8,मिश्रीमल जैन तरंगित,1,मीनू पामर,2,मुकेश वर्मा,1,मुक्तिबोध,1,मुर्दहिया,1,मृदुला गर्ग,1,मेराज फैज़ाबादी,1,मैक्सिम गोर्की,1,मैथिली शरण गुप्त,1,मोतीलाल जोतवाणी,1,मोहन कल्पना,1,मोहन वर्मा,1,यशवंत कोठारी,8,यशोधरा विरोदय,2,यात्रा संस्मरण,31,योग,3,योग दिवस,3,योगासन,2,योगेन्द्र प्रताप मौर्य,1,योगेश अग्रवाल,2,रक्षा बंधन,1,रच,1,रचना समय,72,रजनीश कांत,2,रत्ना राय,1,रमेश उपाध्याय,1,रमेश राज,26,रमेशराज,8,रवि रतलामी,2,रवींद्र नाथ ठाकुर,1,रवीन्द्र अग्निहोत्री,4,रवीन्द्र नाथ त्यागी,1,रवीन्द्र संगीत,1,रवीन्द्र सहाय वर्मा,1,रसोई,1,रांगेय राघव,1,राकेश अचल,3,राकेश दुबे,1,राकेश बिहारी,1,राकेश भ्रमर,5,राकेश मिश्र,2,राजकुमार कुम्भज,1,राजन कुमार,2,राजशेखर चौबे,6,राजीव रंजन उपाध्याय,11,राजेन्द्र कुमार,1,राजेन्द्र विजय,1,राजेश कुमार,1,राजेश गोसाईं,2,राजेश जोशी,1,राधा कृष्ण,1,राधाकृष्ण,1,राधेश्याम द्विवेदी,5,राम कृष्ण खुराना,6,राम शिव मूर्ति यादव,1,रामचंद्र शुक्ल,1,रामचन्द्र शुक्ल,1,रामचरन गुप्त,5,रामवृक्ष सिंह,10,रावण,1,राहुल कुमार,1,राहुल सिंह,1,रिंकी मिश्रा,1,रिचर्ड फाइनमेन,1,रिलायंस इन्फोकाम,1,रीटा शहाणी,1,रेंसमवेयर,1,रेणु कुमारी,1,रेवती रमण शर्मा,1,रोहित रुसिया,1,लक्ष्मी यादव,6,लक्ष्मीकांत मुकुल,2,लक्ष्मीकांत वैष्णव,1,लखमी खिलाणी,1,लघु कथा,288,लघुकथा,1340,लघुकथा लेखन पुरस्कार आयोजन,241,लतीफ घोंघी,1,ललित ग,1,ललित गर्ग,13,ललित निबंध,20,ललित साहू जख्मी,1,ललिता भाटिया,2,लाल पुष्प,1,लावण्या दीपक शाह,1,लीलाधर मंडलोई,1,लू सुन,1,लूट,1,लोक,1,लोककथा,378,लोकतंत्र का दर्द,1,लोकमित्र,1,लोकेन्द्र सिंह,3,विकास कुमार,1,विजय केसरी,1,विजय शिंदे,1,विज्ञान कथा,79,विद्यानंद कुमार,1,विनय भारत,1,विनीत कुमार,2,विनीता शुक्ला,3,विनोद कुमार दवे,4,विनोद तिवारी,1,विनोद मल्ल,1,विभा खरे,1,विमल चन्द्राकर,1,विमल सिंह,1,विरल पटेल,1,विविध,1,विविधा,1,विवेक प्रियदर्शी,1,विवेक रंजन श्रीवास्तव,5,विवेक सक्सेना,1,विवेकानंद,1,विवेकानन्द,1,विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक,2,विश्वनाथ प्रसाद तिवारी,1,विष्णु नागर,1,विष्णु प्रभाकर,1,वीणा भाटिया,15,वीरेन्द्र सरल,10,वेणीशंकर पटेल ब्रज,1,वेलेंटाइन,3,वेलेंटाइन डे,2,वैभव सिंह,1,व्यंग्य,2075,व्यंग्य के बहाने,2,व्यंग्य जुगलबंदी,17,व्यथित हृदय,2,शंकर पाटील,1,शगुन अग्रवाल,1,शबनम शर्मा,7,शब्द संधान,17,शम्भूनाथ,1,शरद कोकास,2,शशांक मिश्र भारती,8,शशिकांत सिंह,12,शहीद भगतसिंह,1,शामिख़ फ़राज़,1,शारदा नरेन्द्र मेहता,1,शालिनी तिवारी,8,शालिनी मुखरैया,6,शिक्षक दिवस,6,शिवकुमार कश्यप,1,शिवप्रसाद कमल,1,शिवरात्रि,1,शिवेन्‍द्र प्रताप त्रिपाठी,1,शीला नरेन्द्र त्रिवेदी,1,शुभम श्री,1,शुभ्रता मिश्रा,1,शेखर मलिक,1,शेषनाथ प्रसाद,1,शैलेन्द्र सरस्वती,3,शैलेश त्रिपाठी,2,शौचालय,1,श्याम गुप्त,3,श्याम सखा श्याम,1,श्याम सुशील,2,श्रीनाथ सिंह,6,श्रीमती तारा सिंह,2,श्रीमद्भगवद्गीता,1,श्रृंगी,1,श्वेता अरोड़ा,1,संजय दुबे,4,संजय सक्सेना,1,संजीव,1,संजीव ठाकुर,2,संद मदर टेरेसा,1,संदीप तोमर,1,संपादकीय,3,संस्मरण,730,संस्मरण लेखन पुरस्कार 2018,128,सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन,1,सतीश कुमार त्रिपाठी,2,सपना महेश,1,सपना मांगलिक,1,समीक्षा,847,सरिता पन्थी,1,सविता मिश्रा,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,साक्षात्कार,21,सागर यादव जख्मी,1,सार्थक देवांगन,2,सालिम मियाँ,1,साहित्य समाचार,98,साहित्यम्,6,साहित्यिक गतिविधियाँ,216,साहित्यिक बगिया,1,सिंहासन बत्तीसी,1,सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी,1,सी.बी.श्रीवास्तव विदग्ध,1,सीताराम गुप्ता,1,सीताराम साहू,1,सीमा असीम सक्सेना,1,सीमा शाहजी,1,सुगन आहूजा,1,सुचिंता कुमारी,1,सुधा गुप्ता अमृता,1,सुधा गोयल नवीन,1,सुधेंदु पटेल,1,सुनीता काम्बोज,1,सुनील जाधव,1,सुभाष चंदर,1,सुभाष चन्द्र कुशवाहा,1,सुभाष नीरव,1,सुभाष लखोटिया,1,सुमन,1,सुमन गौड़,1,सुरभि बेहेरा,1,सुरेन्द्र चौधरी,1,सुरेन्द्र वर्मा,62,सुरेश चन्द्र,1,सुरेश चन्द्र दास,1,सुविचार,1,सुशांत सुप्रिय,4,सुशील कुमार शर्मा,24,सुशील यादव,6,सुशील शर्मा,16,सुषमा गुप्ता,20,सुषमा श्रीवास्तव,2,सूरज प्रकाश,1,सूर्य बाला,1,सूर्यकांत मिश्रा,14,सूर्यकुमार पांडेय,2,सेल्फी,1,सौमित्र,1,सौरभ मालवीय,4,स्नेहमयी चौधरी,1,स्वच्छ भारत,1,स्वतंत्रता दिवस,3,स्वराज सेनानी,1,हबीब तनवीर,1,हरि भटनागर,6,हरि हिमथाणी,1,हरिकांत जेठवाणी,1,हरिवंश राय बच्चन,1,हरिशंकर गजानंद प्रसाद देवांगन,4,हरिशंकर परसाई,23,हरीश कुमार,1,हरीश गोयल,1,हरीश नवल,1,हरीश भादानी,1,हरीश सम्यक,2,हरे प्रकाश उपाध्याय,1,हाइकु,5,हाइगा,1,हास-परिहास,38,हास्य,59,हास्य-व्यंग्य,78,हिंदी दिवस विशेष,9,हुस्न तबस्सुम 'निहाँ',1,biography,1,dohe,3,hindi divas,6,hindi sahitya,1,indian art,1,kavita,3,review,1,satire,1,shatak,3,tevari,3,undefined,1,
ltr
item
रचनाकार: सप्ताह की कविताएँ
सप्ताह की कविताएँ
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEixiOFGr36CMKlsjbRzQsDjrnCF03NTpxVav3oxB7gloxZnHwCTqzYW-0hQg4Oy0uPcDFyYw6Bk50jPnSl1biMPmCj_w2XasCg1ma0JQuqRQig8y736oRFipq6PXLglA91HjvWr/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEixiOFGr36CMKlsjbRzQsDjrnCF03NTpxVav3oxB7gloxZnHwCTqzYW-0hQg4Oy0uPcDFyYw6Bk50jPnSl1biMPmCj_w2XasCg1ma0JQuqRQig8y736oRFipq6PXLglA91HjvWr/s72-c/?imgmax=800
रचनाकार
https://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_6717.html
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/
https://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_6717.html
true
15182217
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content